लेखक द्वारा नाखूनों को अस्त्र के रूप में देखना कहाँ तक संगत है ?
लेखक द्वारा नाखूनों को अस्त्र के रूप में देखना कहाँ तक संगत है ?
उत्तर- कुछ लाख वर्षों पहले मनुष्य जब जंगली थो, उसे नाखून की जरूरत थी। वनमानुष के समान मनुष्य के लिए नाखून अस्त्र था क्योंकि आत्मरक्षा एवं भोजन हेतु नख की महत्ता अधिक थी। उन दिनों प्रतिद्वंदियों को पछाड़ने के लिए नाखून आवश्यक था । असल में वही उसके अस्त्र थे। उस समय उसके पास लोहे या कारतूस वाले अस्त्र नहीं थे, इसलिए नाखून को अस्त्र कहा जाना उपयुक्त है, तर्कसंगत है।
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