‘हास्यजनक कहानियों’ के बारे में लिखिए।

‘हास्यजनक कहानियों’ के बारे में लिखिए।

उत्तर— हास्यजनक कहानियाँ—चयनित विषयवस्तु में हास्य कथाओं का समावेश आवश्यक होता है क्योंकि जब तक छात्रों का कक्षा-कक्ष में मनोरंजन नहीं होगा तब तक उनकी रुचि कक्षा-कक्ष में नहीं होगी। इसलिये प्रत्येक शिक्षक से यह अपेक्षा की जाती है कि उसको अपने स्तर से सभी छात्रों का मनोरंजन करना चाहिये । विषयवस्तु के चयनकर्त्ताओं से यह अपेक्षा की जाती है कि वे कार्टून कथाओं एवं हास्य कथाओं का प्रधानता के साथ चयन करें। इससे छात्रों के अधिगम स्तर में तीव्र गति से वृद्धि होगी। उनमें विषय के प्रति रुचि जाग्रत होगी। जब शैक्षिक दृष्टि से हास्य चित्र कथाओं का चयन किया जाता है तो उनके ऊपर भी गम्भीरता से विचार किया जाता है। इन सभी हास्य चित्र कथाओं में एक सन्देश छिपा होता है । सन्देश तथा शिक्षाओं के कारण ही इनकी उपयोगिता को स्वीकार किया जाता है। हास्य चित्र कथाओं के चयन में अनेक सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिये । चयनित विषयवस्तु में सम्मिलित हास्य चित्र कथाओं का स्वरूप उत्तम होना चाहिये। हास्य चित्र कथाओं का एक उद्देश्य होता है। जो भी हास्य कथा विषयवस्तु में चयनित की जाय इससे पूर्व उसका उद्देश्य होना चाहिये जैसे— जानवरों तथा पक्षियों से सम्बन्धित हास्य कथाओं का वर्णन करते समय यह ध्यान रखना चाहिये कि छात्रों का पक्षियों तथा जानवरों के प्रति लगाव उत्पन्न हो । वह जानवरों तथा पक्षियों को अपने जीवन का अंग समझे। इससे एक ओर छात्रों का मनोरंजन होगा तो दूसरी ओर छात्रों की रुचि में वृद्धि होगी। हास्य चित्रकथाओं में जीवन कौशलों से सम्बन्धित घटनाओं को स्थान देना चाहिये; जैसे—चिड़ियों की रानी ने जब बाहरी बहेलियों को देखा तो उसने शोर मचाना प्रारम्भ कर दिया जिससे अन्य चिड़िया भी शोर मचाने लगीं। इससे जंगल के सभी पक्षी सतर्क हो गये तथा बहेलिये के जाल से बच गये। इस प्रकार की स्थिति में छात्र शीघ्र निर्णयन के कौशल को सीख सकेंगे। इस प्रकार की चित्र कथाओं के द्वारा छात्रों के निर्णयन कौशल का विकास होगा।
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