उदय ( उज्ज्वल डिस्कॉम अश्योरेंस योजना ) क्या है? कौन से राज्य इस योजना के भागीदार हैं? बिहार किस तरह से ‘उदय’ से लाभान्वित होगा?
उदय ( उज्ज्वल डिस्कॉम अश्योरेंस योजना ) क्या है? कौन से राज्य इस योजना के भागीदार हैं? बिहार किस तरह से ‘उदय’ से लाभान्वित होगा?
अथवा
उदय योजना का संक्षिप्त विवरण दें, भागीदार शब्दों की सूची बनाएं तथा बिहार हेतु इस योजना के संभावित लाभों की चर्चा करें।
उत्तर – देश की विद्युत वितरण कम्पनियों के वित्तीय सुधार तथा पुनरुद्धार के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एक योजना के रूप में उदय (उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना) को चलाया गया है। यह एक केन्द्रीय योजना है जिसे नवंबर, 2015 में आरंभ किया गया था। दरअसल उदय अतीत तथा भविष्य की संभावित समस्याओं के स्थायी समाधान के जरिए एक गतिशील एवं कारगर डिस्कॉम के उद्भव का भरोसा दिलाती है।
यह डिस्कॉम कम्पनियों को अगले दो से तीन वर्षों में नुकसान से उभरने का अवसर पाने के लिए अधिकार सम्पन्न करती है। इस योजना में चार पहलें शामिल की गई हैं
1. डिस्कॉम की संचालनीय दक्षता सुधार
2. विद्युत लागत में कमी
3. डिस्कॉम की ब्याज लागत में कमी
4. राज्य वित्त के साथ जुड़ाव के द्वारा डिस्कॉम पर वित्तीय अनुशासन लागू करना ।
योजना के तहत 30 सितंबर, 2015 तक के 75% कर्ज को राज्य सरकारों ने अगले दो वर्षों में अपने ऊपर ले लिया, जिसमें 50% कर्ज 2015-16 में तथा 25% कर्ज 2016-17 में कर्ज का निपटारा किया। राज्य सरकार बॉण्ड बेचकर या बैंकों से कर्ज लेकर कर्जदारों का कर्ज चुकाएगी तथा शेष 25% का कर्ज डिस्कॉम अपना बॉण्ड जारी कर चुकाएगी। इस योजना में शामिल होने के लिए हस्ताक्षर करने वाला प्रथम राज्य आन्ध्र प्रदेश तथा औपचारिक रूप से शामिल होने वाला पहला राज्य झारखण्ड है।
यह योजना सभी लोगों के लिए 24 घंटे किफायती एवं सुविधाजनक बिजली सुनिश्चित करने के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक पथ-प्रदर्शक है। इस योजना में वे सभी राज्य शामिल हो सकते हैं जिनकी विद्युत वितरण कम्पनियों में बकाया है। यह एक स्वैच्छिक योजना है। वर्तमान में उड़ीसा तथा पश्चिम बंगाल को छोड़कर अन्य सभी राज्य इस योजना में शामिल हैं। अनिवार्य स्मार्ट मीटरिंग, संचालनगत कुशलता, ट्रांसफार्मरों व मीटरों आदि का उन्नयन, कारगर एलईडी बल्ब, कृषि पंपों, पंखों एवं एयर कंडिशनरों से वाणिज्यिक हानि लगभग 22 फीसदी से घटकर 15 फीसदी पर आ जायेगा। और 2019 तक औसत राजस्व प्राप्ति और आपूर्ति का औसत लागत के बीच का अन्तर समाप्त हो जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत राज्यों की राजकोषीय उत्तरदायित्व की सीमा का निर्धारण करते हुए इसमें अतिरिक्त देनदारी को शामिल नहीं किया गया है तथा ब्याज दरों में भी 3 से 4 प्रतिशत की कटौती की जायेगी। इन दोनों छूटों ने इस योजना को राज्य सरकारों के लिए आकर्षक बना दिया है।
वर्तमान में बिहार राज्य में डिस्कॉम कम्पनियां ऋण के बोझ तले दबी हुई हैं। उदय योजना के क्रियान्वयन से बिहार राज्य निम्न तरीके से लाभान्वित होगा
> बिहार में 24 घंटे किफायती एवं सुविधाजनक बिजली सुनिश्चित करने का स्वप्न साकार हो जाएगा।
> डिस्कॉम कम्पनियों के घाटे की भरपाई होने से डिस्कॉम कम्पनियां अब बेहतर कार्य कर सकेंगी।
> औसत तकनीकी और वाणिज्यिक हानि में कमी आएगी।
> भविष्य में होने वाले घाटों को राज्य सरकार क्रमिक रूप से ग्रहण करेगी जिससे डिस्कॉम कम्पनियां ऋण के बोझ तले पुन: नहीं दबेंगी।
> बिहार में 24 घंटे बिजली सप्लाई से वहां कारोबारी माहौल के लिए प्रोत्साहन मिलेगा तथा रोजगार बढ़ेगा।
> बिजली का बेहतर वितरण होने से बिहार के दुर्गम स्थानों पर भी बिजली की पहुंच सम्भव।
> बिहार एक कृषि सम्पन्न राज्य है, बिजली की उपलब्धता कृषि क्षेत्र में भी क्रांति लायेगी।
उदय के अंतर्गत वर्ष 2018-19 तक सभी वितरण कंपनियों को लाभ की स्थिति में लाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए कुछ शर्ते भी आरोपित की गई हैं, जैसे- घाटे की कमी हेतु सर्किल के स्तर पर लक्ष्य का निर्धारण, फीडर तथा वितरण ट्रांसफार्मर की निगरानी, ट्रांसफार्मर का उन्नयन अथवा प्रतिस्थापन | जिन क्षेत्रों में घाटे की लगातार कमी दर्ज की जाएगी, उनको विद्युत आपूर्ति के घंटों में वृद्धि करके प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कोयले के दामों में कमी तथा परिक्षण के नियमों में ढील जैसे पुराने उपायों द्वारा भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस प्रकार उदय एक बार समाधान करने वाली योजना नहीं, बल्कि लम्बे समय तक चलने वाला एक प्रयास है।
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