कम्प्यूटर का परिचय (Introduction to Computer)

कम्प्यूटर का परिचय (Introduction to Computer)

कम्प्यूटर का परिचय (Introduction to Computer)

कम्प्यूटर एक स्वचालित तथा निर्देशों के अनुसार कार्य करने वाला इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो डेटा ग्रहण करता है तथा सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के अनुसार, डेटा को प्रोसेस करके, परिणाम को प्रदर्शित या संग्रहित करता है। ‘कम्प्यूटर’ शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘Computerae’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ है ‘गणना करना’।
कम्प्यूटर विकास का इतिहास (History of Computer Evolution) 
आधुनिक कम्प्यूटरों को अस्तित्व में आए हुए मुश्किल से 50 वर्ष ही हुए हैं, लेकिन उनके विकास का इतिहास बहुत पुराना है।
आविष्कार आविष्कारक विशेषताएँ अनुप्रयोग
अबेकस ली काई चेन ( 16वीं शताब्दी) सबसे पहला एवं सरल यन्त्र जोड़ने व घटाने के लिए प्रयोग किया जाता था।
नेपियर्स बोन्स जॉन नेपियर (1617) 10 आयताकार पट्टियों पर 0 से 9 तक के अंक लिखे होते हैं। गुणा अत्यन्त शीघ्रतापूर्वक की जा सकती थी।
पास्कलाइन ब्लेज पास्कल (1642) यह प्रथम मैकेनिकल एडिंग मशीन है। संख्याओं को जोड़ने और घटाने के लिए प्रयोग किया जाता था।
जेकॉडर्स लूम जोसेफ-मेरी जैकार्ड (1801) यह एक ऐसी बुनाई मशीन थी, जिसमें बुनाई के डिजाइन डालने के लिए छिद्र किए हुए कार्डों का उपयोग किया जाता था। प्रथम मैकेनिकल लूम। इसका प्रयोग कपड़े बुनने के लिए किया जाता था।
एनालिटिकल इंजन चार्ल्स बैबेज (1834-1871) इस मशीन को आधुनिक कम्प्यूटरों का आदि प्रारूप माना जाता है। इसका प्रयोग सभी गणितीय क्रियाओं को करने में किया जाता था।
टैबुलेटिंग मशीन हर्मन होलेरिथ (1880) इसमें संख्या पढ़ने का कार्य, छेद किए हुए कार्डों द्वारा किया जाता था।      एक समय में, एक ही कार्ड को पढ़ा जाता था। इसका प्रयोग वर्ष 1890 की जनगणना में किया गया था।
मार्क-1 हावर्ड आइकेन (1944) डेटा मैन्युअल रूप से Enter किया जाता है। इसका प्रयोग गणनाएँ करने में किया जाता था।
एनिएक (ENIAC) जे पी एकर्ट और जॉन मौचली (1946) यह बीस Accumulators का एक संयोजन है। इसमें 18000 वैक्यूम ट्यूब्स लगी थीं। इसका प्रयोग प्राइवेट फर्मों, इंजीनियर्स रिसर्च एसोसिएशन और IBM में किया गया था।
एडसैक (EDSAC) मौरिस विल्कस (1949) यह पहला प्रोग्राम संग्रहित डिजिटल कम्प्यूटर था।
यूनिवैक (UNIVAC) जे प्रेस्पर एकर्ट और जॉन मौचली (1951) सामान्य उद्देश्य के लिए प्रयोग किए जाने वाला प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर l यह मैग्नेटिक टेप का प्रयोग इनपुट और आउटपुट के लिए करता था।
IBM-650 कम्प्यूटर IBM कम्पनी (1954) यह एल्फाबेटिकल और स्पेशल करेक्टर्स को दो-अंक के डेसीमल कोड में परिवर्तित करके इनपुट / आउटपुट देता है।
कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations of Computer) 
दूसरे विश्व युद्ध के बाद कम्प्यूटरों का विकास बहुत तेजी से हुआ और उनके आकार-प्रकार मे भी बहुत परिवर्तन हुए। आधुनिक कम्प्यूटरों के विकास के इतिहास को तकनीकी विकास के अनुसार कई भागों में बाँटा जाता है, जिन्हें कम्प्यूटरों की पीढ़ियाँ कहा जाता हैं।
पीढ़ी वर्ष स्विचिंग डिवाइस स्टोरेज डिवाइस गति ऑपरेटिंग सिस्टम भाषा
प्रथम 1940-56 वैक्यूम ट्यूब मैग्नेटिक ड्रम 333 माइक्रो सेकण्ड्स बैच ऑपरेटिंग सिस्टम मशीनी भाषा ( बाइनरी नम्बर 0’s और 1’s)
द्वितीय 1956-63 ट्रांजिस्टर मैग्नेटिक कोर टैक्नोलॉजी 10 माइक्रो सेकण्ड्स मल्टी बैग, रिमेनिंग, टाइम शेयरिंग एसेम्बली भाषा, उच्च स्तरीय
तृतीय 1964-71 इण्टिग्रेटेड सर्किट (IC) मैग्नेटिक कोर 100 नैनो सेकण्ड्स वास्तविक समय / टाइम शेयरिंग फोरट्रॉन, कोबोल आदि
चतुर्थ 1971-80 बड़े पैमाने पर इंटिग्रेटेड सर्किट/ माइक्रो-प्रोसेसर्स सेमीकंडक्टर मैमोरी, विंचेस्टर डिस्क  300 नैनो सेकण्ड्स टाइम शेयरिंग नेटवर्क्स फोरट्रान 77, पास्कल, एडीए, कोबोल-74
पंचम 1980 – आगे तक सबसे बड़े पैमाने पर इण्टिग्रेटेड सर्किट ऑप्टिकल डिस्क नॉलेज इन्फॉर्मेशन प्रोसेसिंग सिस्टम
◆ चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर का जनक कहा जाता है।
◆ 2 दिसम्बर प्रतिवर्ष विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस (Computer Literacy Day) के रूप में मनाया जाता है।
◆ आधुनिक कम्प्यूटर का जनक एलन ट्यूरिंग को कहा जाता है।
◆ पहला कम्प्यूटर आर्किटेक्चर जॉन वॉन न्यूमैन द्वारा 1948 में प्रस्तुत किया गया।
◆ एडसैक वह प्रारम्भिक ब्रिटिश कम्प्यूटर था, जो डिजिटल संग्रहित प्रोग्राम (Digital Storage Program) पर आधारित था।
कम्प्यूटर का वर्गीकरण (Classification of Computer) 
कम्प्यूटरों को उनकी रूपरेखा, कामकाज, उद्देश्यों तथा प्रयोजनों इत्यादि के आधारों पर विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जा सकता है।
आकार के आधार पर (Based on Size)
आकार के आधार पर कम्प्यूटर निम्न प्रकार के होते हैं, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है—
1. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer) वर्ष 1970 में तकनीकी क्षेत्र में इण्टेल द्वारा माइक्रोप्रोसेसर (Micro-processor) का आविष्कार हुआ, जिसके प्रयोग से कम्प्यूटर प्रणाली काफी सस्ती हो गई। ये कम्प्यूटर इतने छोटे होते हैं कि इन्हें डेस्क (Desk) पर सरलतापूर्वक रखा जा सकता है। इन्हें कम्प्यूटर ऑन ए चिप भी कहा जाता है।
माइक्रो कम्प्यूटर कई प्रकार के होते हैं—
◆ डेस्कटॉप कम्प्यूटर या पर्सनल कम्प्यूटर
◆ हैन्डहेल्ड कम्प्यूटर या पामटॉप
◆ नोटबुक
◆ टैबलेट कम्प्यूटर
◆ स्मार्ट फोन
2. मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer) ये आकार में अत्यधिक बड़े होते हैं। ये कम्प्यूटर कार्यक्षमता और कीमत में भी मिनी तथा माइक्रो कम्प्यूटर से अधिक होते हैं। अतः बड़ी कम्पनियों तथा बैंको या सरकारी विभागों में एक केन्द्रीय कम्प्यूटर के रूप में इनका प्रयोग होता है। इसके उदाहरण हैं— IBM-370, IBM-s/390, UNIVAC-1110, आदि।
3. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) मध्यम आकार के इन कम्प्यूटरों की कार्यक्षमता तथा कीमत दोनों ही माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में अधिक होती है, जिस कारण ये व्यक्तिगत प्रयोग में नहीं लाए जाते हैं। इसके उदाहरण हैं— HP 9000, IBM-17, DEC POP-11, आदि।
4. सुपर कम्प्यूटर (Super Computer) सुपर कम्प्यूटर सर्वाधिक गति, संग्रह क्षमता एवं उच्च विस्तार वाले होते हैं। इनका आकार एक सामान्य कमरे के बराबर होता है। विश्व का प्रथम सुपर कम्प्यूटर ‘क्रे रिसर्च कम्पनी’ द्वारा सन् 1976 में विकसित क्रे-1 (Cray-1) था। भारत के पास भी एक सुपर कम्प्यूटर है, जिसका नाम परम (PARAM) है, इसका विकास C-DAC ने किया है। इसका विकसित रूप ‘परम-10000’ भी तैयार कर लिया गया है। सुपर कम्प्यूटर का मुख्य उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने, एनीमेशन तथा चलचित्र का निर्माण करने, अन्तरिक्ष यात्रियों को अन्तरिक्ष में भेजने और शोध प्रयोगशालाओं में शोध व खोज करने आदि कार्यों में किया जाता है।
◆ सिद्धार्थ भारत का पहला कम्प्यूटर था।
◆ क्रे- 1 (CRAY-1) संसार का पहला सुपर कम्प्यूटर था, जिसका निर्माण सीमौर आर क्रे ने सन् 1976 में किया था।
◆ सागा – 220 (SAGA-220) एक सुपर कम्प्यूटर है, जो GPU (Graphics Process Unit) वास्तुकला 220 Teraflops के Aerospace को सम्बोधित करता है। यह भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन द्वारा बनाया गया है।
◆ टाइटन पहला सुपर कम्प्यूटर है, जो GPU (Graphics Process Unit) सिस्टम पर आधारित है।
◆ परम युवा ॥ एक आधुनिक मशीन है, जो कि PARAM की एक श्रृंखला है, इसका निर्माण C-DAC (पुणे) भारत द्वारा किया गया है। यह 524 Teraflops तक की स्पीड पर कार्य करता है।
◆ परम अन्नत यह एक कम लागत का सुपर कम्प्यूटर है। यह C-DAC द्वारा निर्मित अनोखा आर्किटेक्चर है।
◆ तिआन्हे – 2 यह विश्व का सबसे तेज कार्य करने वाला सुपर कम्प्यूटर है, जिसका शुभारंभ चाइना की NUDT यूनिवर्सिटी द्वारा सन् 2013 में किया गया। यह कायलिन लाइनक्स (Kylin Linux) आपरेटिंग सिस्टम के साथ 33.86 पेटाफ्लापस (Petaflops) पर निर्भर है।
बीएसएनएल पेन्टा टेबलेट (BSNL Penta Tablet)
BSNL ने हाल ही में पेन्टल (Pantel) द्वारा निर्मित चार टेबलेट का शुभारंभ किया। इस टेबलेट ब्रांड का नाम पेन्टा (Penta) है।
आकाश / साक्षात टेबलेट (Aakash/Sakshat Tablet)
यह ई-लर्निंग (e-learning) में 25000 कॉलेजों और 400 विश्वविद्यालयों से जोड़ने के लिए भारत के उद्देश्य के रूप में विकसित किया गया था। यह एन्ड्रॉइड आधारित टेबलेट कम्प्यूटर का उत्पादन करने वाली एक बड़ी ब्रिटिश कम्पनी है। इसका निर्माण वास्तविक आकाश टेबलेट को बदलने के लिए उच्च कम्प्यूटिंग के विकास के केन्द्र द्वारा किया गया है, इसे C-DAC के नाम से भी जाना जाता है।
आकाश 2 ( यूब्रिलेट)
यह ब्रिटिश कम्पनी डेटा विंड द्वारा बनाई गई एन्ड्रॉइड आधारित टेबलेट श्रृंखला का दूसरा टेबलेट है। यह मूल (original) आकाश टेबलेट के स्थान पर C-DAC द्वारा विकसित किया गया है।
अनुप्रयोग के आधार पर (Based on Working) 
अनुप्रयोग के आधार पर कम्प्यूटर तीन प्रकार के होते हैं, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है –
1. एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer) भौतिक मात्राओं; जैसे- दाब, तापमान, लम्बाई, पारे, इत्यादि को मापकर उनके परिणाम को अंकों में प्रस्तुत करने के लिए एनालॉग कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है, क्योंकि ये कम्प्यूटर मात्राओं को अंकों में प्रस्तुत करते हैं, इसलिए इनका उपयोग विज्ञान और इन्जीनियरिंग क्षेत्रों में अधिक किया जाता है। उदाहरण स्पीडोमीटर, भूकम्प सूचक यन्त्र, आदि ।
2. डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer) अंकों की गणना करने के लिए डिजिटल कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है। आधुनिक युग में प्रयुक्त अधिकतर कम्प्यूटर डिजिटल कम्प्यूटर की श्रेणी में ही आते हैं। ये इनपुट किए गए डेटा और प्रोग्राम्स को 0 और 1 में परिवर्तित करके इन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रस्तुत करते हैं। डिजिटल कम्प्यूटर का उपयोग व्यापार में, घर के बजट में, एनीमेशन के क्षेत्र में विस्तृत रूप से किया जाता है। उदाहरण डेस्कटॉप कम्प्यूटर, लैपटॉप, आदि ।
3. हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) हाइब्रिड कम्प्यूटर एनालॉग और डिजिटल कम्प्यूटरों का मिश्रण होता है। इसमें इनपुट तथा आउटपुट एनालॉग के रूप में होता है परन्तु प्रोसेसिंग डिजिटल रूप में होती है। चिकित्सा के क्षेत्र में इसका सर्वाधिक उपयोग होता है। उदाहरण ECG और DIALYSIS मशीन आदि ।
कम्प्यूटर के अनुप्रयोग (Applications of Computer) 
आधुनिक युग में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो, जहाँ कम्प्यूटर का प्रयोग न होता हो। कुछ मुख्य क्षेत्रों में कम्प्यूटर के अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं –
1. शिक्षा (Education) शिक्षा के क्षेत्र में कम्प्यूटर ने स्वयं को एक अनुभवी शिक्षक के रूप में सिद्ध किया है। बहुत से शैक्षिक संस्थानों में कम्प्यूटर का प्रयोग टैली- एजुकेशन, वर्चुअल क्लासरूम, ऑनलाइन क्लासरूम, आदि में किया जा रहा है।
2. विज्ञान (Science) वैज्ञानिकों द्वारा काफी लंबे समय से इसका उपयोग किया जाता रहा। वैज्ञानिकों के बीच कम्प्यूटर के लिए हमेशा ही नया रोमांच एवं सहयोग रहा है। वैज्ञानिक कम्प्यूटर द्वारा इंटरनेट पर आधारित प्रयोगशाला का प्रयोग करते हैं। जिसकी सहायता से पूरी दुनिया में शोधकर्ता एक दूसरे से दूर होने पर भी एक साथ आसानी से काम कर सकते हैं।
3. उद्योग (Industry) बहुत सारे औद्योगिक संस्थान; जैसे-स्टील, कैमिकल, तेल कम्पनी, आदि कम्प्यूटर पर निर्भर हैं। संयन्त्र प्रक्रियाओं के वास्तविक नियन्त्रण के लिए भी कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं।
4. मनोरंजन (Entertainment) मनोरंजन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग प्रायः सिनेमा, टेलीविजन कार्यक्रमों वीडियो गेम, इत्यादि के रूपों में किया जाता है। मल्टीमीडिया के प्रयोग ने तो कम्प्यूटर को बहुआयामी बना दिया है।
5. सरकारी विभाग (Government Sector) बहुत से सरकारी विभागों में भी कम्प्यूटर का प्रयोग योजना बनाने और कानून बनाने में प्रयोग किया जाता है।
6. स्वास्थ्य (Health) चिकित्सा के क्षेत्र में कम्प्यूटर का अनुप्रयोग विभिन्न शारीरिक रोगों का पता लगाने के लिए किया जाता है। रोगों का विश्लेषण तथा निदान भी कम्प्यूटर द्वारा सम्भव है। आधुनिक युग में एक्स-रे, सी टी स्कैन, अल्ट्रासाउण्ड, इत्यादि विभिन्न जाँचों में कम्प्यूटर का प्रयोग विस्तृत रूप से हो रहा है।
7. बैंक (Banks) बैंकिंग क्षेत्र में तो कम्प्यूटर के अनुप्रयोग ने क्रान्ति ही ला दी है। आज बैंकों के अधिकांश कार्य; जैसे—ऑनलाइन बैंकिंग, एटीएम द्वारा पैसे निकालना, चेक का भुगतान, रुपया गिनना, इत्यादि; कम्प्यूटर के द्वारा सहज ही सम्भव हैं।
8. व्यापार ( Business) दुकान, बैंक, बीमा, क्रेडिट कम्पनी, आदि में कम्प्यूटर का अधिकतम उपयोग करते हैं। कम्प्यूटर के बिना काम करना वितीय (Financial) दुनिया के लिए असम्भव हो गया है।
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