कवि किसको कैसा सुख देता था ?

कवि किसको कैसा सुख देता था ?

उत्तर :- कवि भगवान की कृपादृष्टि की शय्या है । कविः के नरम कपोलों पर जब भगवान की कृपादृष्टि विश्राम लेती है, तब भगवान को सुख मिलता है, आनंद मिलता है । अर्थात् भक्त भगवान का कृपापात्र होता है और भक्तरूपी पात्र से भगवान भी सुखी होते हैं।

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