कारण एवं विश्वास के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।

कारण एवं विश्वास के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर— कारण ( तर्क ) एवं विश्वास के मध्य अन्तर— विश्वास व कारण (तर्क) में अन्तर को निम्नलिखित प्रकार से अभिव्यक्त कर सकते हैं—

(1) विश्वास यदि व्यक्ति के मन में बैठ जाये तो उसका निवारण मुश्किल होता है परन्तु तर्क को उचित निर्देशों से बदला भी जा सकता है ।
(2) विश्वास सही भी हो सकता है और गलत भी हो सकता है परन्तु विश्वास को भ्रम नहीं कहा जा सकता है ।
(3) तर्क में प्रमाण की आवश्यकता होती है, विश्वास में प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है ।
(4) विश्वास में तर्क हो भी सकता है और नहीं भी।
(5) तर्क तथ्यों पर आधारित होता है परन्तु विश्वास का तथ्यों पर आधारित होना आवश्यक नहीं है ।
(6) तर्क एक तरह से वस्तुनिष्ठ होता है व इसमें प्रमाण की आवश्यकता होती है परन्तु विश्वास मान लेने पर निर्भर होता है।
(7) विश्वास के लिये उदाहरण, जैसे “कर्म करे वैसा ही फल प्राप्त होता है ” परन्तु इसे सिद्ध नहीं किया जा सकता है, परन्तु तर्क के लिये “काँच की वस्तु गिरने पर टूट जाती है” को प्रमाणित किया जा सकता है।
(8) विश्वास में व्यक्तिनिष्ठता (Subjectivity) होती है जबकि तर्क व्यक्तिनिष्ठ व वस्तुनिष्ठ दोनों हो सकता है ।
(9) विश्वास में आस्था जुड़ी हो सकती है या विश्वास में आस्था का स्थान हो सकता है परन्तु तर्क में इसका स्थान होना आवश्यक नहीं है ।
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