किशोर बालक एवं बालिकाओं की संवेगात्मक समस्याओं की विवेचना कीजिए ।

किशोर बालक एवं बालिकाओं की संवेगात्मक समस्याओं की विवेचना कीजिए ।

प्रश्न 5 किशोर बालक एवं बालिकाओं की संवेगात्मक समस्याओं की विवेचना कीजिए ।

उत्तर– किशोर बालक एवं बालिकाओं की संवेगात्मक समस्याएँ – किशोरों के मन में काम- प्रवृत्ति के प्रति जिज्ञासा की भावना होती है। जब उनकी इस कौतूहल की भावना को घर में शान्त नहीं किया जाता तो परिणाम यह निकलता है कि काम सम्बन्धी बातों की जानकारी अन्य साधनों द्वारा प्राप्त करते हैं। ये साधन निम्नलिखित हैं –
(i) मित्रों तथा साथियों से इस सम्बन्ध में पूछना । 
(ii) कामुकतापूर्ण साहित्य का अध्ययन | 
(iii) चलचित्रों तथा बाजारों में बिकने वाले नग्न चित्रों को देखना ।
(iv) पशुओं को मैथुनिक प्रक्रिया को देखना ।
किशोरों को इस प्रकार से जो भी ज्ञान प्राप्त होता है, वह अधूरा होता है, इसलिए उनका काम सम्बन्धी विकास उचित दिशा में नहीं होता। पाठशालाओं में जो काम– सम्बन्धी समस्याएँ पाई जाती हैं, उनका स्वरूप इस प्रकार है –
(i) काम (सेक्स) सम्बन्धी वार्तालाप | 
(ii) कामुकतापूर्ण बातें । 
(iii) शौचालय की दीवारों पर गन्दी बातें लिखना ।
(iv) गन्दे चित्र बनाना ।
(v) भिन्न- लिंगीय व्यक्ति से बातचीत करने की समस्या | 
(vi) प्रेम, रोमांस की समस्या ।

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