मातृभाषा क्या है?

मातृभाषा क्या है?

उत्तर— मातृभाषा –बच्चा जन्म लेते ही जिस भाषा को अपने माता-पिता या अन्य परिवारजनों द्वारा सुनता है, वह भी बोलने योग्य होने पर, उसी भाषा का प्रयोग करने लगता है। जननी को ही वृहद रूप में देखने और विचारने से, जननी जन्मभूमि का स्मरण हो जाता है अर्थात् जहाँ बालक जन्म लेता है, जिस वातावरण में रहता है, उसी प्रदेश की भाषा पर सबसे अधिक अधिकार होता है। प्रादेशिक भाषाओं को भी इसी के अन्तर्गत समझा जाना चाहिए। इसी आधार पर पंजाब में रहने वालों की भाषा पंजाबी है, गुजरात में बसने वालों की गुजराती ।
गाँधीजी ने मातृभाषा की श्रेष्ठता को समझाते हुए कहा है— मनुष्य के मानसिक विकास के लिए मातृभाषा उतनी आवश्यक है, जितनी कि बच्चे के विकास के लिए माता का दूध। बालक पहला पाठ अपनी माता से ही पढ़ता है इसलिए उसके मानसिक विकास के लिए उसके ऊपर मातृभाषा के अतिरिक्त कोई दूसरी भाषा लादना मैं मातृभूमि के विरुद्ध पाप समझता है।
माता और मातृ-भूमि के समान मातृभाषा भी वन्दनीय है। यह बच्चे की शिक्षा का आधार होती है। हमारी शिक्षा का कोई भी उद्देश्य क्यों न हो, उसकी प्राप्ति में मातृभाषा का स्थान सर्वोपरि होता है।
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