पाठ्यचर्या का क्या अर्थ है ?
पाठ्यचर्या का क्या अर्थ है ?
उत्तर— पाठ्यचर्या का अर्थ—’Curriculum’ शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘क्यूररे’ (Currere) शब्द से हुई, जिसका अर्थ है’—दौड़ का मैदान’ (Race Course) । यह एक दौड़ का मैदान है, जिस पर व्यक्ति ध्येय को प्राप्त करने के लिए दौड़ता है। आधुनिक वर्षों में पाठ्यक्रम की परिभाषाओं में आमूल परिवर्तन हो गये हैं। प्राचीन धारणा के अनुसार पाठ्यक्रम का अर्थ-पाठ्य-वस्तु की एक सूची के रूप में लगाया जाता था। पाठ्य-वस्तु को प्रायः अध्ययन विषय के नाम से पुकारा जाता था । वस्तुतः पाठ्य-वस्तु को विद्यालय – विषयों तक सीमित कर दिया जाता था । साधारणतः बालक द्वारा कक्षा-कक्ष से बाहर ग्रहण किये जाने वाले अनुभवों को पाठ्यक्रम का अंग नहीं माना जाता था। उस समय विद्यालय बालक की आवश्यकताओं की अपेक्षा विषय को अधिक महत्त्व देते थे। परन्तु आधुनिक काल में पाठ्यक्रम की परिभाषाएँ अधिक व्यापक हो गई हैं। ये परिभाषाएँ स्वयं में केवल विद्यालय विषयों को ही नहीं, वरन् बालक की अन्य समस्त क्रियाओं एवं अनुभवों को भी सम्मिलित करती हैं जिनके लिए विद्यालय मार्ग-प्रदर्शन करता है। अब उनके क्षेत्र में वे समस्त क्रियाएँ आती है जो कि अतिरिक्त पाठ्यक्रम क्रियाओं के नाम से प्रसिद्ध थीं। यहाँ तक कि इनके अन्तर्गत बालक की वे समस्त क्रियाएँ एवं अनुभव आते हैं जिनको वे जहाँ कहीं और जब कभी प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार आधुनिक समय में पाठ्यक्रम (पाठ्यचर्या) को बहुत ही व्यापक रूप में देखा जाने लगा है।
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