ई-लर्निंग की भूमिका पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

ई-लर्निंग की भूमिका पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 

उत्तर— ई-लर्निंग की भूमिका– निम्नलिखित प्रकार है—

(1) ई-शिक्षा के माध्यम से प्रदर्शन कार्यों को अधिक विकसित किया जा सकता है क्योंकि आमतौर पर प्रत्यक्ष पाठ्यक्रमों का अनुसरण करके उच्चतर शिक्षा के लिये अध्ययन करने वाले छात्रों की तुलना में ऑनलाइन अध्ययन करने वाले छात्रों का प्रदर्शन काफी बेहतर पाया गया।
(2) वर्धित उपयोग सबसे अधिक बुद्धि वाले प्रशिक्षक ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से अपने ज्ञान को साझा कर सकते हैं तथा मान्यता प्राप्त विशेषज्ञों के पास किसी भी इच्छुक व्यक्ति को न्यूनतम लागत पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सूचना उपलब्ध कराने का अवसर होता है। उदाहरण के तौर पर एम. आई. टी. ओपन कोर्स वेयर कार्यक्रम ने विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम और व्याख्यान के पर्याप्त अंशों को मुफ्त ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया है।
(3) शिक्षार्थियों की सुविधा कई परिस्थितियों में ई – शिक्षा स्वयं की सुविधानुसार भी प्राप्त की जा सकती है और इसका शिक्षा सत्र 24 x 7 की अवधि में उपलब्ध रहता है। सभी ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिये उच्च प्रौद्योगिकी की आवश्यकता नहीं होती है। इसके लिये आमतौर पर बुनियादी इण्टरनेट उपयोग ऑडियो और वीडियो की जानकारी होना आवश्यक है। इस्तेमाल किये जाने वाले प्रौद्योगिकी के आधार पर छात्र काम के वक्त भी अपना पाठ्यक्रम शुरू कर सकते हैं।
(4) 21वीं सदी में शिक्षार्थियों में आवश्यक कौशल व क्षमता विकसित करना ? बेट्स कहते हैं। इस पाठ्यक्रम के भीतर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकीयों के उपयोग को अन्त:स्थापित कर ज्ञान के आधार पर काम करने वाले लोगों के लिये आवश्यक कौशल को विकसित करने में शिक्षार्थी को समर्थ बनाता है। ई-शिक्षा के उपयोग में शिक्षार्थियों के पाठ्यक्रम डिजाइन और मूल्यांकन का प्रमुख आशय निहित होता हैं।
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