बिहार की अर्थव्यवस्था में पश्चिमी तकनीकी शिक्षा के योगदान की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए |
बिहार की अर्थव्यवस्था में पश्चिमी तकनीकी शिक्षा के योगदान की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए |
( 39वीं BPSC / 1993 )
अथवा
बिहार की अर्थव्यवस्था में पश्चिमी शिक्षा जैसे अंग्रेजी का ज्ञान, आधुनिक तकनीकी शिक्षा आदि के महत्व एवं इनके योगदान की चर्चा करें।
> भारत में पश्चिमी शिक्षा मुख्यतः अंग्रेजों के समय प्रारंभ हुई। परंतु बाद के समय में अन्य पश्चिमी देशों से भी हमें लाभ मिला।
> कृषि प्रधान राज्य बिहार में कृषि सुधारों से काफी लाभ मिला- उत्पादन एवं गुणवत्ता में वृद्धि हुई । पशुपालन एवं आधुनिक डेयरी व्यवस्था के कारण कृषकों का जीवन स्तर ऊंचा हुआ । –
> पश्चिमी शिक्षा के कारण औद्योगिक विकास भी हुआ है लेकिन अभी व्यापक औद्योगिक विकास की संभावना एवं आवश्यकता है।
> आज बिहार के छात्र शीर्ष तकनीकी संस्थान IIT एवं मेडिकल की प्रवेश परीक्षा बड़ी मात्रा में उत्तीर्ण कर रहे हैं। ये छात्र भविष्य में बिहार की अर्थव्यवस्था के विकास में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहायक होंगे।
उत्तर- किसी भी देश या प्रदेश के विकास में आधुनिक शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। भारत में आधुनिक शिक्षा पश्चिमी देशों (मुख्यतः ब्रिटेन) से आई | बिहार की अर्थव्यवस्था में पश्चिमी शिक्षा का काफी बड़ा योगदान है। चाहे वो चिकित्सा क्षेत्र हो या इंजीनियरिंग क्षेत्र अथवा कृषि क्षेत्र हो । पश्चिमी शिक्षा ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कृषि-क्षेत्र में पाश्चात्य शिक्षा / तकनीक ने क्रांतिकारी सुधार लाया है। हरित क्रांति का प्रभाव बिहार सहित पूरे देश पर पड़ा। पहले जहां कृषि-कार्य के लिए परंपरागत तरीकों एवं साधनों का प्रयोग किया जाता था, वहीं अब आधुनिक साधनों, यथा- ट्रैक्टर, थ्रेसर, बोरिंग आदि का प्रयोग किया जाता है। प्रति एकड़ उत्पादन वृद्धि के लिए गुणवत्तापूर्ण बीजों तथा विभिन्न उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है जिससे बिहार की कृषि उन्नत एवं राज्य आर्थिक दृष्टि से संपन्न होता जा रहा है। | दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में भी प्रदेश ने विकास किया है जिसमें आधुनिक पद्धति सहायक सिद्ध हो रही है। उच्च दुग्ध उत्पादक गायों को लाया गया है। साथ ही कृषकों के दुग्ध को सहकारी समिति के माध्यम से खरीदा जा रहा है। सुधा सहकारी दुग्ध समिति ऐसी ही एक महत्वपूर्ण समिति है जो राज्य के बेगूसराय जिले में स्थित एवं संपूर्ण राज्य में सक्रिय है।
राज्य में औद्योगिक विकास बंटवारे के बाद ज्यादा नहीं हो सका है, लेकिन जो भी औद्योगिक इकाइयां हैं, उनमें से अधिकांश पश्चिमी अथवा आधुनिक शिक्षा के कारण ही हैं। जैसे- बरौनी का तेल शोधक एवं उर्वरक कारखाना, रोहतास एवं बंजारी में सीमेंट उद्योग, पटना, मुजफ्फरपुर में चमड़ा उद्योग, समस्तीपुर, रोहतास, दरभंगा में कागज उद्योग, पटना एवं मुजफ्फरपुर में औषधि उद्योग आदि ।
इसके अलावा बिहार आज शिक्षा का केन्द्र बनता जा रहा है, खासकर राजधानी पटना। प्रत्येक वर्ष यहां के विद्यार्थी इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं में उत्तीर्ण होकर विभिन्न राज्यों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ये बिहार के मानव-संसाधन हैं जो कहीं-न-कहीं बिहार की अर्थव्यवस्था के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। आज कम्प्यूटर शिक्षा के माध्यम से भी राज्य में लाखों रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। कंप्यूटर शिक्षा प्राप्त युवक/युवतियाँ राज्य के बाहर भी अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
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