“ मनोविज्ञान व्यवहार का विधायक विज्ञान है।” इस कथन पर टिप्पणी लिखिए।

“ मनोविज्ञान व्यवहार का विधायक विज्ञान है।” इस कथन पर टिप्पणी लिखिए।

उत्तर— मनोविज्ञान व्यवहार का विज्ञान है— मनोविज्ञान को चेतना के विज्ञान के रूप में अस्वीकार करने के बाद इस विज्ञान को व्यवहार के विज्ञान के रूप में प्रतिपादित किया गया। इस अर्थ में मनोविज्ञान को प्रतिपादित करते हुए वाटसन ने कहा था, “एक ऐसा मनोविज्ञान लिखना सम्भव है जिसकी व्यवहार के विज्ञान के रूप में परिभाषा की जा सके।”

वाटसन की प्रस्तुत परिभाषा से मिलती-जुलती परिभाषा एक अन्य विद्वान पिल्सबरी ने भी निर्धारित की थी उनके शब्दों में, “सबसे अधिक सन्तोषजनक रूप में मनोविज्ञान की परिभाषा मानव व्यवहार के विज्ञान के रूप में की जा सकती है। “
आलोचना— मनोविज्ञान की उपर्युक्त वर्णित परिभाषायें वैसे तो सही मानी जाती हैं तथा इनके माध्यम से मनोविज्ञान का अर्थ प्रतिपादित होता है। परन्तु फिर भी इन परिभाषाओं में कुछ कमियाँ हैं। सर्वप्रथम इन परिभाषाओं में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि मनोविज्ञान कैसा विज्ञान है? क्या यह विधायक विज्ञान है अथवा नियामक विज्ञान ? इन परिभाषाओं में व्यवहार का विस्तृत अर्थ भी स्पष्ट नहीं किया गया है। परन्तु इन कमियों के होते हुए भी इन परिभाषाओं को पूर्ण रूप से छोड़ा नहीं जा सकता था तथा इसी आधार पर कुछ अधिक उपयुक्त परिभाषायें प्रतिपादित की गई हैं। ऐसी ही कुछ परिभाषायें निम्न वर्णित हैं—
टालउस द्वारा परिभाषा– टाउलस ने मनोविज्ञान की संक्षिप्त परन्तु उचित परिभाषा इन शब्दों में प्रस्तुत की है, “मनोविज्ञान मानव अनुभव एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है । “
उपर्युक्त वर्णित परिभाषाओं द्वारा मनोविज्ञान का अर्थ स्पष्ट हो जाता है इस विवरण के आधार पर मनोविज्ञान को व्यवहार का एक विधायक विज्ञान स्वीकार किया जा सकता है। इस विज्ञान की मुख्य विशेषतायें इस प्रकार हैं—यह विज्ञान वैज्ञानिक पद्धति द्वारा अध्ययन करता है। यह एक तथ्यात्मक विज्ञान है, सार्वभौमिकता तथा प्रामाणिकता इसकी विशेषतायें हैं। मनोवैज्ञानिक अध्ययन कार्य-कारण सम्बन्धों पर आधारित होता है तथा निश्चित परिस्थितियों में यह विज्ञान भविष्यवाणी भी कर सकता है ।
व्यावहारिक (Behaviourists) के अनुसार, मनोविज्ञान व्यवहार का विज्ञान है। अनेक मनोवैज्ञानिकों ने मनोविज्ञान को व्यवहार के रूप में परिभाषित किया है। इनमें से प्रमुख इस प्रकार है—
(i) डब्ल्यू. बी. कॉलेसनिक – “मनोविज्ञान मानव व्यवहार का विज्ञान है । “
(ii) मैक्डूगल”– मनोविज्ञान आचरण एवं व्यवहार का यथार्थ विज्ञान है । “
(iii) पिल्सबरी“– अधिक सन्तोषजनक रूप से मनोविज्ञान को मानव व्यवहार के विज्ञान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। “
उपर्युक्त परिभाषाओं पर दृष्टिपात करने पर यह बात स्पष्ट हो जाती है कि मनोविज्ञान में हम मानव-आचरण का अध्ययन करते हैं और यह आचरण बाह्य एवं आन्तरिक नामक दो रूप रखता है ।
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