माध्यमिक शिक्षा आयोग द्वारा दिए गए शिक्षकप्रशिक्षण हेतु सुझावों का वर्णन कीजिए ।
माध्यमिक शिक्षा आयोग द्वारा दिए गए शिक्षकप्रशिक्षण हेतु सुझावों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर— माध्यमिक शिक्षा आयोग द्वारा दिए गए शिक्षकप्रशिक्षण हेतु सुझाव– आयोग का कार्य क्षेत्र माध्यमिक शिक्षा में सांगोपांग परिवर्तन एवं संशोधन था अतः शिक्षक प्रशिक्षण की प्रक्रिया हेतु भी सुझाव प्रस्तुत किये गये । प्रमुख अनुशंसाएँ निम्नांकित हैं—
(1) शिक्षकों का परिवीक्षा काल एक वर्ष का होना चाहिए ।
(2) शिक्षकों के चयन में समानरूपता होनी चाहिए ।
(3) निजी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन समिति हो ।
(4) प्रशिक्षणार्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण की सुविधाएँ दी जानी चाहिए।
(5) छात्राध्यापिकाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
(6) स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए प्रशिक्षण की अवधि आरम्भ में एक वर्ष एवं कुछ समय उपरान्त दो वर्ष कर दिया जाना चाहिए।
(7) शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों में अभिनव एवं लघुगहन पाठ्यक्रम की भी समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए ।
(8) शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु दो प्रकार के महाविद्यालय होने चाहिए—एक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने हेतु। दूसरा स्नातक स्तर के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने हेतु ।
(9) माध्यमिक स्तर की शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों के प्रशिक्षण की अवधि दो वर्ष की होनी चाहिए।
(10) शिक्षकों के लिए त्रिलाभ पेंशन, प्रोविडेण्ट फण्ड एवं इन्श्योरेन्स (बीमा) योजना प्रारम्भ की जानी चाहिए।
(11) शिक्षकों के आश्रितों को सरकार द्वारा निःशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था होनी चाहिए ।
(12) समान कार्य, समान योग्यता तथा समान वेतन की नीति होनी चाहिए एवं शिक्षकों के वेतन अच्छे व आकर्षक होने चाहिए।
(13) शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष होनी चाहिए।
(14) प्रशिक्षणकाल में प्रशिक्षणार्थियों को स्टाईपण्ड दिया जाना चाहिए।
(15) इन विद्यालयों में कार्यरत अप्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षण काल हेतु अवकाश पूर्णवेतन पर दिया जाना चाहिए।
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