राजस्थान के विशेष सन्दर्भ में भारत के प्रमुख सांस्कृतिक, कला उत्सव, प्रदर्शनी एवं शिल्प मेलों का विवरण प्रस्तुत कीजिए ।
राजस्थान के विशेष सन्दर्भ में भारत के प्रमुख सांस्कृतिक, कला उत्सव, प्रदर्शनी एवं शिल्प मेलों का विवरण प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर— राजस्थान के विशेष सन्दर्भ में भारत के वृहद् स्तरीय सांस्कृतिक, कला-उत्सव, प्रदर्शनी, शिल्प मेले—किसी भी कला का महत्त्व उस स्थिति में प्रकट होता है, जब उसे लोगों के सामने प्रदर्शित किया जाए। इसको प्रदर्शित करने के लिए विशेष आयोजनों; यथा—कला मेले, प्रदर्शनी, शिल्प मेले आदि को आयोजित किया जाता है। राजस्थान कला से समृद्ध राज्य है। जहाँ विभिन्न कलाएँ पल्लवित होती रहती हैं। अतः विभिन्न कला आयोजनों में इसकी भागीदारी निश्चित रूप से रहती है। इस प्रकार के आयोजन हमारे देश में निरन्तर होते रहते हैं। जिसमें से प्रमुख आयोजनों का विवरण निम्न प्रकार है—
(1) सूरजकुण्ड क्राफ्ट मेला–यह उत्तर भारत का प्रसिद्ध क्राफ्ट मेला है। इसका आयोजन फरवरी के प्रारम्भ में फरीदाबाद (हरियाणा) के निकट सूरजकुण्ड में किया जाता है। इस मेले का आयोजन 1978 से निरन्तर किया जा रहा है। इसमें विभिन्न राज्यों की लगभग 400 स्टालें लगाई जाती हैं। इसके अतिरिक्त इसमें दक्षिण एशियाई राष्ट्रों के संगठन-सार्क (SAARC) के विभिन्न सदस्य राष्ट्रों द्वारा भी भाग लिया जाता है ।
इस क्राफ्ट मेले में विभिन्न कलाओं—विजीटर पेंटिंग्स, टेक्सटाइल, लकड़ी के निर्मित उत्पाद, टेराकोटा-कला स्टोन वर्क, एम्ब्रायडी वर्क, केन एण्ड ग्रास वर्क आदि कलाओं का आयोजन होता है।
(2) कला गोधा कला उत्सव–कला उत्सव का आयोजन वर्ष के प्रारम्भ फरवरी में दक्षिणी मुम्बई के काला गोधा क्षेत्र में किया जाता है। इसका आयोजन 1999 से निरन्तर किया जा रहा है। इसका आयोजन एक अलाभकारी संगठन (A Non-profit Organisation) गोधा ऐसोसिएशन द्वारा किया जाता है। इसमें विभिन्न दृश्यकारी कलाओं— नृत्य, संगीत, थियेटर, सिनेमा, साहित्य को प्रदर्शित किया जाता है। यह उत्सव पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र है, जो कि 9 दिनों तक संचालित किया जाता है। इसमें विभिन्न राज्यों के नृत्यों एवं कलाओं को भी प्रदर्शित किया जाता है। इसमें राजस्थान के प्रसिद्ध नृत्यों को राजस्थानी कलाकारों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
(3) तोशाली क्राफ्ट मेला–यह ओडिशा के भुवनेश्वर में 13 दिनों तक आयोजित होने वाला क्राफ्ट मेला है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के कलाकार अपनी अपनी क्राफ्ट वस्तुओं के साथ हिस्सा लेते हैं। इसमें सार्क के सदस्य राष्ट्रों द्वारा भी भाग लिया जाता है। इसमें हैण्डलूम से सम्बन्धित 6 शैक्षणिक संस्थान भी भाग लेते हैं, जिसमें NIFT, भारतीय
हैण्डलूम तकनीकी संस्थान जैसे उच्चस्तरीय संस्थान भी सम्मिलित हैं। वहाँ यह संस्थान भारतीय टैक्सटाइल का प्रचार करते हैं।
(5) शिल्पग्राम मेला–यह उदयपुर में आयोजित होने वाला राजस्थान का सबसे बड़ा क्राफ्ट मेला है। यह राजस्थान की क्राफ्ट को प्रोत्साहित करने वाला मेला है, जो कि प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। यह कपड़ों पर विभिन्न हाथ की कलाओं जैसे एम्ब्रायडरी वर्क आदि को प्रोत्साहित करने वाला महत्त्वपूर्ण स्थान है। मेले में आने वाले पर्यटकों के लिए कलात्मक कपड़ों एवं ऊँटों के चमड़े से निर्मित उत्पाद विशेष आकर्षण का केन्द्र होते हैं। इसमें भारत के विभिन्न राज्य हिस्सा लेते हैं तथा इसके माध्यम से अपनी कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं। राजस्थान का शिल्प ग्राम मेले में मुख्यत: राजस्थान के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ स्थानीय क्षेत्र के क्राफ्ट उत्पाद ग्रामीण संस्कृति को प्रकट करते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ का खुला थिएटर पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करता है जिसमें सीटों की क्षमता लगभग 8000 है। इसमें विभिन्न पारम्परिक नृत्यों एवं खेलों का प्रदर्शन किया जाता है।
(5) दस्तकार मेला–दस्तकार क्राफ्ट के लिए एक संगठन है, जिसका उद्देश्य है कि भारतीय क्राफ्ट से जुड़े हुए लोगों की आर्थिक स्थिति को उन्नत बनाने के साथ-साथ उनकी कला का भी प्रदर्शन किया जाए। इसको 1981 में क्राफ्ट एवं उसके विकास क्षेत्र से जुड़ी 6 महिलाओं द्वारा स्थापित किया गया था। दस्तकार बाजार क्राफ्ट से सम्बन्धित लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के साथ-साथ उन्हें अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवाता है। बहुत से दस्तकार बाजार दिल्ली में संगठित रूप से क्रियान्वित हैं। यह संगठन आन्ध्र प्रदेश में भी क्रियाशील है। आन्ध्र प्रदेश के साथ-साथ यह राजस्थान के रणथम्भौर में भी क्रियाशील है। जहाँ स्थानीय स्तर के कलाकार घर में प्रयुक्त होने वाले टैक्सटाइल उत्पादों का विक्रय करते हैं।
(6) दिल्ली हॉट–दिल्ली हॉट पर्यटकों के विशेष आकर्षण का केन्द्र है, जिसमें पारम्परिक कलाओं एवं क्राफ्ट को प्रदर्शित किया जाता है। दिल्ली हॉट एक साप्ताहिक बाजार (सप्ताह के एक या दो दिन लगने वाला बाजार) है। जो ग्रामीण क्षेत्र से आए लोगों को कला प्रदर्शित करने के साथ-साथ उनकी आजीविका की सुविधा भी उपलब्ध कराता है। यह दक्षिणी दिल्ली में INA मार्केट के पीछे आयोजित होता है। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकार अपने हैण्डीक्राफ्ट को बेचने के उद्देश्यों से आते हैं।
(7) राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला, जयपुर (Rajasthan Rural Nan Form Development Agency) 3 ‘Indian Council for Cultural Relations (I.C.C.R.) के साथ मिलकर 10 दिन तक फरवरी माह में जवाहर कला केन्द्र, जयपुर में राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें भारत के विभिन्न शहरों से कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है। जिसमें विभिन्न राज्यों के रजिस्टर्ड कलाकार एवं सरकारी हैण्डीक्राफ्ट विभाग हिस्सा लेते हैं। इसमें 18 राज्य इस क्राफ्ट प्रदर्शनी में अपनी क्राफ्ट कला का प्रदर्शन करते हैं। जिसमें मुख्यतः टीकमगढ़ के पीतल उत्पाद, पणिपुर के सूखे फूल, पश्चिमी बंगाल के कत्थावर्क, पंजाब का फुलकारी वर्क, हरियाणा का पँच वर्क, मध्य प्रदेश की विशेष अगरबत्ती एवं राजस्थान की ब्लू पॉटेरी विशेष रूप से विभिन्न स्टॉलों पर प्रदर्शित की जाती है। इस मेले में विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग एवं पर्यटक भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
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