वल्लि अम्माल का चरित्र-चित्रण करें।
वल्लि अम्माल का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर – वल्लि अम्माल इस कहानी की प्रधान पात्र है। वह पूर्ण अशिक्षित और वातावरण से अपरिचित भी है। देहाती वातावरण में रहने के कारण मुखर भी नहीं थी। वह पुराने देहात की, पुराने रिवाज में पली नारी थी। उसे अस्पताल का दौड़ और दवाओं का गंध भी असह्य था। उसे गाँव के अधकचरे झोला छाप वैद्य, डॉक्टरों, ओझाओं और देवी-देवताओं पर विश्वास था। वह शहरी वातावरण से अनभिज्ञ अशिक्षित और डरपोक प्राचीन भारतीय नारी थी।
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