शिक्षा के अधिकार अधिनियम की विशेषताएँ बताइये ।

शिक्षा के अधिकार अधिनियम की विशेषताएँ बताइये ।

उत्तर— राज्य में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 जो 1 अप्रैल, 2010 से लागू है। राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद्/ सर्वशिक्षा अभियान को राज्य में आर.टी.ई. लागू करने हेतु नोडल एजेन्सी बनाया गया है। इसके अन्तर्गत राज्य ने नियम निर्मित कर 29 मार्च, 2010 से लागू कर दिए हैं।
शिक्षा का अधिकार कानून के विभिन्न पहलू—
(1) देश के हर 6 से 14 साल की उम्र के बच्चे को मुफ्त शिक्षा हासिल होगी यानी हर बच्चा अपनी आयु के अनुसार पहली से आठवीं कक्षा तक मुफ्त और अनिवार्य रूप से पढ़ेगा ।
(2) ऐसा बच्चा, जिसकी आयु छह वर्ष से अधिक है, जो किसी स्कूल में दाखिल नहीं है, अथवा अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर पाया है, तब उसे उसकी उम्र के लायक उचित कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा, बशर्ते कि सीधे तौर से दाखिला लेने वाले बच्चे के समकक्ष आने के लिए उसे प्रस्तावित समय सीमा के भीतर विशेष ट्रेनिंग दी जानी होगी, जो प्रस्तावित हो । प्राथमिक शिक्षा हेतु दाखिला लेने वाले बच्चे को 14 साल की उम्र के बाद भी प्राथमिक शिक्षा के पूरा होने तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी।
(3) प्रवेश के लिए उम्र का साक्ष्य, प्राथमिक शिक्षा हेतु प्रवेश के लिए बच्चे की उम्र निर्धारण उसके जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु तथा विवाह पंजीकरण कानून, 1856 या ऐसी किसी अन्य कागजात के आधार पर किया जाएगा, जो उसे जारी किया गया हो। लेकिन उम्र प्रमाण पत्र न होने की सूरत में उसे दाखिला लेने से वंचित नहीं किया जा सकता।
(4) प्राथमिक शिक्षा खत्म होने से पहले किसी भी बच्चे को रोका नहीं जाएगा। निकाला नहीं जाएगा या बोर्ड परीक्षा पास करने की जरूरत नहीं होगी।
(5) प्राथमिक शिक्षा पूरी करने वाले विद्यार्थी को एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
(6) सभी बच्चों को घर के आस-पास स्कूल में दाखिला हासिल करने का हक होगा।
(7) सभी तरह के स्कूल चाहे वे सरकारी हों, अर्धसरकारी हो, सरकारी सहायता प्राप्त हों, गैर-सरकारी हों, केन्द्रीय विद्यालय हों, नवोदय विद्यालय हो, सैनिक स्कूल हों, सभी तरह के स्कूल इस कानून के दायरे में आएँगे।
(8) गैर-सरकारी स्कूलों का भी 25 प्रतिशत सीटें गरीब वर्ग के बच्चों को मुफ्त मुहैया करानी होगी। जो ऐसा नहीं करेगा उसकी मान्यता रद्द कर दी जायेगी ।
(9) सभी स्कूल शिक्षित-प्रशिक्षित अध्यापकों की ही भर्ती करेंगे और अध्यापक – छात्र अनुपात 1 : 30 रहेगा । अर्थात् 30 छात्रों पर एक अध्यापक ।
(10) सभी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएँ होनी अनिवार्य हैं। इसमें क्लास रूम, टॉयलेट, खेल का मैदान, पीने का पानी, दोपहर का भोजन, पुस्तकालय आदि शामिल हैं।
(11) स्कूल न तो प्रवेश के लिए केपिटेशन फीस ले सकते हैं और न ही किसी तरह का डोनेशन । अगर इस तरह का कोई मामला प्रकाश में आया तो स्कूल प्रशासन से 25,000 से 50,000 रु. तक जुर्माना वसूला जाएगा।
(12) ‘निजी ट्यूशन’ पर पूरी तरह से रोक होगी और किसी बच्चे को शारीरिक सजा नहीं दी जा सकेगी।
(13) यह कानून जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर पूरे भारत में लागू होगा।
(14) स्कूल शिक्षक को पाँच वर्षों के भीतर समुचित व्यावसायिक डिग्री प्राप्त होनी चाहिए अन्यथा उसकी नौकरी चली जाएगी।
(15) स्कूल का बुनियादी ढाँचा तीन सालों के भीतर सुधारना होगा, वर्ना उसकी मान्यता समाप्त कर दी जाएगी ।
(16) वित्तीय बोझ स्तर सरकार व केन्द्र सरकार के बीच साझा किया जाएगा।
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