शिक्षा के आधुनिकीकरण को स्पष्ट कीजिए ।

शिक्षा के आधुनिकीकरण को स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर— आधुनिकता–मनुष्य एक प्रगतिशील प्राणी है परन्तु संसार के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के मनुष्यों की प्रगति की गति भिन्न-भिन्न है, कुछ तीव्र गति से प्रगति कर रहे हैं और कुछ मन्द गति से। 19वीं शताब्दी में फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, अमेरिका, रूस और जापान में विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में इतना अधिक विकास हुआ कि उसके प्रयोग से वहाँ उद्योग के क्षेत्र में भारी क्रांति हुई। इस औद्योगिक क्रांति से इन देशों का आर्थिक विकास अति तीव्र गति से हुआ और इस आर्थिक विकास से इन देशों का जीवन-स्तर ऊँचा उठा और ये विकसित राष्ट्रों के रूप में प्रतिष्ठित हुए। तब अन्य राष्ट्रों ने इन देशों के विज्ञान एवं तकनीकी को सीखने और इस सबके प्रयोग से अपने देश में औद्योगिक विकास करने और अपने जीवन-स्तर को ऊँचा उठाने के प्रयत्न शुरू किये । विद्वानों ने इस प्रक्रिया को आधुनिकीकरण की संज्ञा दी । 20वीं शताब्दी के मध्य तक आधुनिकीकरण का यही अर्थ लिया जाता रहा । शिक्षा आयोग (कोठारी कमीशन 1964-66) के प्रतिवेदन में भी आधुनिकीकरण को इसी रूप में परिभाषित किया गया है, यथा—
किसी राष्ट्र के आधुनिकीकरण से तात्पर्य विज्ञान एवं तकनीकी के प्रयोग से उस राष्ट्र के आर्थिक विकास करने और जनसाधारण के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने से है।
परन्तु अब आधुनिकीकरण को बहुत व्यापक रूप से लिया जा रहा है; जैसे—कृषि का आधुनिकीकरण, उद्योगों का आधुनिकीकरण, आवागमन के साधनों का आधुनिकीकरण, जनसंचार के साधनों का आधुनिकीकरण, प्रशासन का आधुनिकीकरण, पुलिस विभाग का आधुनिकीकरण और रक्षा विभाग का आधुनिकीकरण आदि। और इस आधुनिकीकरण में अब केवल विज्ञान एवं तकनीकी का ही प्रयोग नहीं किया जाता अपितु प्रबन्ध तकनीकी का प्रयोग भी किया जाता है। तब आज के सन्दर्भ में आधुनिकीकरण को निम्नलिखित रूप में परिभाषित किया जाना चाहिये—
किसी राष्ट्र के आधुनिकीकरण से तात्पर्य देश-विदेश की अद्यतन वैज्ञानिक खोजों, वैज्ञानिक तकनीकी और प्रबन्ध तकनीकी के प्रयोग से औद्योगिक विकास करने, आर्थिक विकास करने, विभिन्न कार्यक्षेत्रों की क्षमता बढ़ाने और इस सबसे जनसाधारण के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने से होता है ।
आधुनिकीकरण की विशेषताएँ–आधुनिकीकरण की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं—
(1) इसका सर्वप्रथम तत्त्व है वैज्ञानिक सोच-समझ ।
(2) इसका दूसरा तत्त्व है विज्ञान, वैज्ञानिक तकनीकी एवं प्रबन्ध तकनीकी का अद्यतन ज्ञान एवं उसका प्रयोग ।
(3) इसका तीसरा तत्त्व है विज्ञान, वैज्ञानिक तकनीकी एवं प्रबन्ध तकनीकी के क्षेत्र में निरन्तर शोध।
(4) इसका चौथा तत्त्व है जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान, वैज्ञानिक और प्रबन्ध तकनीकी का प्रयोग कर उसकी कार्य क्षमता बढ़ाना।
(5) इसका पाँचवाँ तत्त्व है देश में प्राकृतिक संसाधनों की खोज।
(6) इसका छठा तत्त्व है प्राकृतिक संसाधनों का जीवन के लिये उपयोग।
(7) इसका सातवाँ तत्त्व है उत्पादन में निरन्तर वृद्धि ।
(8) आधुनिकीकरण एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।
(9) इसका अन्तिम लक्ष्य है राष्ट्र का विकास एवं नागरिकों का जीवन स्तर ऊँचा उठाना ।
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