संक्षेप में ‘साहित्य’ का वर्णन कीजिए।

संक्षेप में ‘साहित्य’ का वर्णन कीजिए। 

उत्तर— साहित्य – कला को किसी भी भाषा की लिपि का जनक कहा जा सकता है, क्योंकि वर्णों का निर्माण कला पर आधारित है, जिन्हें पिक्टोग्राफ कहा जाता है। कला एवं साहित्य का उद्गम स्थान एक ही है, दोनों हमारे मनोभावों और अनुभूतियों में जन्म लेते हैं। साहित्यकार जिन विचारों, समस्याओं और मनोभावों को शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्त करता है, उन्हें कलाकार अपनी तूलिका और रंगों के माध्यम से कैनवास पर उतारता है। दोनों विषय कभी-कभी अभिव्यक्ति में एक-दूसरे के पूरक भी बन जाते हैं। जब किसी चित्र के ऊपर कुछ पंक्तियाँ लिख दी जाती हैं अथवा कविता या कहानी के साथ एक मनोरम चित्र भी बना दिया जाता है, तब प्रस्तुति अधिक प्रभावशाली हो जाती है। इसलिए यह कहना कि कला और साहित्य अभिव्यक्ति के दो माध्यम है, त्रुटिपूर्ण न होगा, यद्यपि दोनों विषयों की अपनी सीमाएँ भी हैं।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *