समूह परिचर्चा क्या है ? स्पष्ट कीजिए।
समूह परिचर्चा क्या है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर— समूह परिचर्चा—समूह परिचर्चा में दो या दो से अधिक अध्यापक किसी कक्षा को साथ-साथ पढ़ाते हैं। अपने-अपने विषय क्षेत्र | विषय के विशेषज्ञ इन अध्यापकों के ज्ञान और अनुभवों का लाभ बालकों को प्राप्त होता है। समूह चर्चा किसी शैक्षिक समस्या और पाठ्क्रम सम्बन्धी विषय पर की जाती है। यह एक प्रजातांत्रिक विधि है। इसमें छात्र अधिक सक्रिय रहते हैं तथा उन्हें समूह में वार्तालाप के अवसर प्रदान किये जाते हैं। विद्यार्थियों की विविध जिज्ञासाओं की सन्तुष्टि समूह चर्चा द्वारा की जाती है।
पुरोहितजी के अनुसार—विचार विमर्श या परिचर्चा साधारण बातचीत से भिन्न होता है । साधारण बातचीत का कोई निश्चित उद्देश्य नहीं होता जबकि विचार-विमर्श एक सोद्देश्य क्रिया है।
मोस तथा मैक्स विन्गो के अनुसार—“विचार-विमर्श के समूह के प्रत्येक सदस्य को शैक्षिक समस्या पर सक्रियता से विचार-विमर्श करने का अवसर मिलता है तथा इससे प्राप्त निष्कर्ष समूह के लिए अधिक प्रभावशाली सिद्ध होते हैं। “
उद्देश्य—समूह चर्चा के निम्न उद्देश्य हैं—
(i) छात्रों में तार्किक विकास की योग्यता विकसित करना ।
(ii) ज्ञान में वृद्धि करना ।
(iii) छात्रों में परस्पर सहयोग की भावना के भावों का विकास करना ।
(iv) शिक्षण को मनोवैज्ञानिक आधार प्रदान करना ।
(v) सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों का विकास करना ।
(vi) समस्या का विश्लेषण कर उसका हल निकालना ।
समूह परिचर्चा की विशेषताएँ—निम्न हैं—
(i) समूह शिक्षण में बालकों में विषयवस्तु के प्रति अनुकूल अभिवृत्ति पैदा करने का प्रयास किया जाता है ।
(ii) यह प्रविधि सामाजिक अधिगम के लिए उत्साहवर्धन का कार्य करती है ।
(iii) इसके द्वारा उच्च ज्ञानात्मक एवं भावात्मक उद्देश्यों की प्राप्ति होती है।
(iv) इससे समस्या समाधान की क्षमताओं एवं प्रवृत्ति का विकास होता है।
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