11वीं पंचवर्षीय योजना में “संविष्ट वृद्धि” (Inclusive Growth) क्या है ? योजना आयोग के द्वारा इसे प्राप्त करने के लिए क्या व्यूहनीति तैयार की गई है ?
11वीं पंचवर्षीय योजना में “संविष्ट वृद्धि” (Inclusive Growth) क्या है ? योजना आयोग के द्वारा इसे प्राप्त करने के लिए क्या व्यूहनीति तैयार की गई है ?
उत्तर- 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-12) के दृष्टिकोण पत्र में तीव्रतर विकास के साथ “संविष्ट वृद्धि” (Inclusive Growth) की बात की गई है। विकास की ऐसी अवधारणा जिसमें आर्थिक विकास की उच्च दर से जनित राष्ट्रीय आय के वितरण में समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों को उचित हिस्सा मिले अर्थात राष्ट्रीय आय का रिसाव प्रभाव नीचे की ओर अधिक हो, संविष्ट वृद्धि (Inclusive Growth) कहलाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो “संविष्ट वृद्धि” का अर्थ सामाजिक क्षेत्रों पर अधिकाधिक जोर दिया जाए जिससे जनसामान्य का जीवन स्तर सुधरे एवं वे ज्यादा कार्यक्षम बन सकें। संविष्ट वृद्धि (Inclusive Growth) के लिए योजना आयोग की कार्ययोजना –
> सभी गांवों एवं निर्धनता रेखा से नीचे के सभी परिवारों में सन् 2009 तक विद्युत संयोजन सुनिश्चित करना तथा 11वीं योजना के अंत में 2012 तक इनमें 24 घंटे विद्युत आपूर्ति कराना।
> सन् 2009 तक 1000 जनसंख्या वाले सभी गांवों (पर्वतीय एवं जनजातीय क्षेत्रों में 500 जनसंख्या) तक सभी मौसमों के लिए उपयुक्त पक्की सड़कें सुनिश्चित करना तथा सन् 2015 तक सभी महत्वपूर्ण अधिवासों तक पक्की सड़कें बनवाना।
> नवंबर 2007 तक देश के सभी गांवों तक टेलीफोन तथा 2012 तक सभी गांवों में ब्रॉडबैंड सुविधा मुहैया कराना।
> सन् 2012 तक सभी को घर बनाने के लिए भूमि उपलब्ध कराना।
> 2016-17 तक GDP की वार्षिक संवृद्धि दर को बढ़ाकर 10% करना।
> कृषि GDP की वार्षिक संवृद्धि दर को 4% तक बढ़ाना।
> रोजगार के 70 मिलियन नए अवसर सृजित करना ।
> शैक्षिक बेरोजगारी को 5% से नीचे लाना।
> अकुशल श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी दर में 20% तक की वृद्धि करना ।
> 7 वर्ष से अधिक आयुवर्ग में साक्षरता दर को बढ़ाकर 85% करना।
> साक्षरता में लिंग – अन्तराल (जेण्डर गैप) को 10 प्रतिशतांक तक नीचे लाना।
> शिशु मृत्यु दर को घटाकर 28 तथा मातृत्व मृत्यु दर को घटाकर 1 प्रति एक हजार जीवित जन्म के स्तर पर लाना।
> सन् 2009 तक सभी को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराना तथा 11वीं योजना के अंत तक यह सुनिश्चित करना कि इसमें कमी न आए।
> 0-3 वर्ष आयु वर्ग के बालकों में कुपोषण को वर्तमान के स्तर से आधा करना ।
> महिलाओं एवं लड़कियों में रक्ताल्पता को 11वीं योजना के अंत तक 50% तक घटाना।
> सभी सरकारी योजनाओं के कुल प्रत्यक्ष एवं परोक्ष लाभार्थियों में महिलाओं एवं बालिकाओं का हिस्सा कम-से-कम 33% हो।
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