सृजनात्मकता के सम्प्रत्यय को परिभाषित कीजिए। इसके आकलन के विभिन्न तरीकों का वर्णन कीजिए।
सृजनात्मकता के सम्प्रत्यय को परिभाषित कीजिए। इसके आकलन के विभिन्न तरीकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर— सृजनात्मकता का आकलन (Assessment of Creativity)– सृजनात्मकता एक प्रकार की मानसिक प्रक्रिया है लेकिन अन्य प्रक्रियाओं की तुलना में इसका मापन जटिल है क्योंकि इसके अन्तर्गत अनेक प्रकार के अनोखे विचारों का समावेश होता है। मनोवैज्ञानिकों द्वारा सृजनात्मकता के आकलन की निम्न प्रविधियाँ दी गयी हैं—
(2) टॉरेन्स का सृजनात्मकता परीक्षण (Torrence Test of Creativity)– इस परीक्षण का विकास ई. पॉल टॉरेन्स द्वारा सन् 1956-58 ई. में किया गया। इस परीक्षण को मिनिसोटा सृजनात्मक चिन्तन परीक्षण के नाम से भी जाना जाता है तथा यह परीक्षण किण्डरगार्टेन छोटे बालकों से लेकर वयस्क छात्रों की सृजनात्मकता की जाँच करता है। इस परीक्षण के दो भाग हैं—
(i) शाब्दिक परीक्षण (Verbal Test)– इसमें शाब्दिक उत्तेजकों का प्रयोग होता है। इसमें व्यक्ति बोलकर परीक्षण लेता है । इसके तीन उपभाग हैं—
(अ) पूछना और अनुमान लगाना (Ask and Guess)– इस तरह के परीक्षण में कुछ तस्वीरों की आवश्यकता होती है। व्यक्ति को उस चित्र को देखकर यह बताना होता है कि देखी गयी आकृति किस तरह से या किन कारणों के आधार पर बनी होगी तथा इस तस्वीर के अनुसार आगे क्या होगा।
(ब) उत्पादन सुधार (Product Improving)– इस परीक्षण में चार प्रकार के खिलौनों का प्रयोग होता है जो क्रमश: इसके चार तत्त्व प्रवाह, लचीलापन, मौलिकता व विस्तारण का मापन करते हैं। इन खिलौनों को दिखाकर व्यक्ति को कुछ ऐसा सुझाव देने के लिए कहा जाता है जिससे उन खिलौनों में नवीनता उत्पन्न हो जाए।
(स) असाधारण उपयोग (Unsual Uses)— इसमें किसी भी शब्द, वस्तु आदि के विषय में व्यक्ति को अलग-अलग प्रयोग करके बताना होता है या नये विचार जिससे वह अनूठी लेकिन उपयुक्त हो सके। ये गिलफोर्ड की असाधारण उपयोग परीक्षण की तरह है।
(ii) आकृति परीक्षण (Figural Test)– इस परीक्षण में 45 मिनट का समय होता है। इसमें व्यक्ति को कुछ बनाने के लिए कहा जाता है जिससे किसी वस्तु का पता चल सके। इसके प्रत्येक उपभाग में एक वृत्त दिया जाता है। उसे केन्द्र मानकर जितनी भी तस्वीरें बनाना चाहे बनाकर उसे एक निर्धारित समय में पूरा कर सकता है।
(3) मेडनिक का रिमोट एसोसिएशन टेस्ट (Remote Association Test of Mednik)– इस परीक्षण का प्रतिपादन मेडनिक एंड मेडनिक द्वारा सन् 1971 में किया गया है। उस परीक्षण में उच्च विद्यालय के विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। इस परीक्षण में 40 पद होते हैं। प्रत्येक पद में छात्रों को 3-3 शब्द दिये जाते हैं तथा उन्हें चौथा शब्द जो इन तीनों से सम्बन्धित होता है ये बताना होता है वह
शब्द उन तीनों में एक विशेष साहचर्य सम्बन्ध होता है जैसे–
पद उत्तर
Home Dish Son Sweet
इसमें चौथे शब्द का अन्य तीनों से विशेष सम्बन्ध होता है, जैसे— Sweet dish, Sweet home, Sweet son आदि ।
(4) बी. के. पासी का सृजनात्मक परीक्षण (B.K. Passi Test of Creativity)– बी. के. पासी ने इस परीक्षण की रचना सन् 1972 में की थी । यह अंग्रेजी व हिन्दी दोनों ही भाषाओं में उपलब्ध है । यह दो उप-परीक्षण में वर्गीकृत है—
(i) शाब्दिक उप-परीक्षण
(ii) अशाब्दिक उप-परीक्षण
शाब्दिक परीक्षण के चार भाग हैं तथा अशाब्दिक दो भाग हैं। इस प्रकार इसके कुल 6 भाग हैं। जो निम्नलिखित हैं—
(i) समस्या जाँच परीक्षण (Seeing Problem Test)–इस परीक्षण के द्वारा चार दैनिक उपयोग की वस्तुओं (जूते, पेन, कुर्सी, पोस्टकार्ड) के दोष तथा प्रयोग में आने वाली समस्याओं को बताने के लिए कहा जाता है। इसकी समय सीमा 8 मिनट है।
(ii) असामान्य उपयोग परीक्षण (Unusual Uses Test)— इसमें दो वस्तुओं, कपड़े का टुकड़ा व बोतल का प्रयोग कर उसके अधिक से अधिक उपयुक्त उपयोग बताने को कहा जाता है। इसकी समय सीमा 8 मिनट होती है ।
(iii) परिणाम परीक्षण (Consequence Test)– इसमें चार असंभव घटनाओं जैसे—
(अ) मानव के उड़ने पर ।
(ब) घरों के उड़ने पर।
(स) सभी के पागल हो जाने पर।
(द) स्त्रियों के पुरुष हो जाने पर । उनके परिणामों पर सोचने के लिए कहा जाता है। इसकी समय सीमा 8 मिनट होती है।
(iv) प्रश्नात्मक योग्यता परीक्षण (Test of Inquisitiveness)— इसमें कुछ वस्तुएँ दिखायी जाती है
व उससे अधिक से अधिक प्रश्न पूछने के लिए कहा जाता है। इसकी समय सीमा 6 मिनट होती है।
(v) वर्ग पहेली परीक्षण (Square Puzzle Box )– इस परीक्षण में पाँच त्रिभुजाकार व पाँच चतुर्भुजाकार प्लास्टिक के टुकड़े दिये जाते हैं तथा उन्हें वर्ग के रूप में व्यवस्थित करना होता है। इसकी समय सीमा 40 मिनट होती है ।
(vi) ब्लॉक परीक्षण (Block Test)– इस परीक्षण में 19 घन (Cubes) व 12 अर्द्धघन (Semicube) देकर उनसे विभिन्न आकृति व शीर्षक देने के लिए कहा जाता है। समय सीमा 10 मिनट होती है।
(5) बकर मेहदी का सृजनात्मकता परीक्षण (Baqer Mehdi Test of Creativity)— इसकी रचना बकर मेहदी ने सन् 1973 में की इन्होंने अपने परीक्षण में शाब्दिक व अशाब्दिक दोनों ही परीक्षणों को सम्मिलित किया ।
बकर मेहदी का शाब्दिक परीक्षण–पहला परीक्षण ‘शाब्दिक परीक्षण’ है, उसके चार उपभाग हैं—
(i) परिणाम सोचो परीक्षण (Consequence Test)— इस परीक्षण में तीन असंभव बातें बतायी जाती हैं जैसे— मैं उड़ने लगूँ तो तथा उनके अधिक से अधिक परिणामों को बताने के लिए कहा जाता है। इसकी समय सीमा 12 मिनट होती है।
(ii) अप्रचलित उपयोग परीक्षण(Unusual Uses Test)– इस प्रयोग के अन्तर्गत तीन वस्तुएँ दी जाती हैं। ये हैं—
(अ) पत्थर का टुकड़ा
(ब) लकड़ी की छड़ी
(स) पानी ।
इन वस्तुओं के अधिक से अधिक तथा नये व विचित्र प्रयोग लिखने होते हैं । इसकी समय-सीमा 15 मिनट होती
(iii) नये सम्बन्ध का पता लगाना ( New Relationship Test)— इस परीक्षण में शब्द के तीन युग्म दिये जाते हैं, जो हैं—
(अ) पेड़ व मकान
(ब) कुर्सी व सीढ़ी
(स) हवा व पानी आदि ।
इसमें तीनों युग्मों के शब्दों में विभिन्न सम्बन्धों को बताना होता है। इसकी समय-सीमा 15 मिनट होती है।
(iv) वस्तुओं को मनोरंजक बनाना(Product Improving Test)– इस परीक्षण में घोड़े के साधारण खिलौने को अधिक मनोरंजक बनाने के लिए उसमें अधिक से अधिक
परिवर्तन बताने होते हैं। इसकी समय सीमा 6 मिनट होती
(i) बकर मेहदी का अशाब्दिक परीक्षण-बकर मेहदी का दूसरा परीक्षण ‘अशाब्दिक परीक्षण’ है तथा उसके द्वारा चित्र सम्बन्धी सृजनात्मकता का मापन किया जाता है। इसमें भी तीन कार्य होते हैं—
(i) चित्र बनाओ (Make Drawing)– इसमें दो आकृतियाँ दी जाती है। प्रत्येक आकृति को एक अंग मानकर ऐसा चित्र बनाना होता है जिसे कोई दूसरा व्यक्ति न सोच सकें तथा उस चित्र का शीर्षक भी लिखना होता है। इसकी समय सीमा 10 मिनट होती है ।
(ii) चित्र पूर्ति शीर्षक बताओ (Complete Drawings and Telling the Topic)– इसमें 10 अपूर्ण चित्र या आकृति दी जाती है। प्रत्येक आकृति को पूरा करके आकर्षक चित्र बनाने होते हैं तथा चित्रों के शीर्षक भी देने होते हैं। इसकी समय सीमा 15 मिनट होती है।
(iii) त्रिभुजाकार व अण्डाकार आकृति (Triangle and Oval Shape Figure)– इसमें सात-सात दोनों तरह की आकृतियाँ दी जाती है। अर्थात् कुल 14 आकृतियाँ होती हैं। इसमें प्रत्येक आकृति को अंग मानकर एक नयी व रोचक आकृति बनानी होती है तथा शीर्षक भी लिखना होता है। इसकी समय सीमा 10 मिनट होती है।
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