अनुसन्धनात्मक पाठ से आप क्या समझते हैं ?
अनुसन्धनात्मक पाठ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर— अनुसंधनात्मक पाठ–अनुसंधात्मक पाठ व्यक्ति की प्रकृति के सन्दर्भ में अनुसंधान से सम्बन्धित होते हैं । इन पाठों में व्यक्ति की प्रकृति का वर्णन करने के लिए अनुसंधान किए जाते हैं। इसलिए इन्हें अनुसंधनात्मक पाठ कहा जाता है। इस प्रकार के पाठों के निर्माण के लिए प्रश्नावली, साक्षात्कार, परिचर्चा आदि विधियों द्वारा आँकड़े एकत्र करके व्यक्ति की प्रकृति के बारे में चर्चा की जाती है।
सामान्य रूप से व्यक्ति की प्रकृति के बारे में विभिन्न प्रकार की अवधारणाएँ प्रचलित हैं। इन अवधारणाओं का ज्ञान एक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले व्यक्ति या प्रशिक्षु को अनिवार्य रूप से होना चाहिए। सामान्य रूप से यह देखा जाता है कि जब शिक्षक कक्षा में बालकों को शिक्षा प्रदान करता है तो उससे पहले वह उनकी मनोदशा, योग्यता, पूर्व ज्ञान एवं रुचि आदि के बारे में ज्ञान प्राप्त करता है। शिक्षक का कार्य क्षेत्र मात्र बालक को कक्षा में शिक्षा प्रदान करना नहीं होता वरन् समाज को एक नवीन दिशा प्रदान करना होता है।
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