पाठ्य पुस्तकों के उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए ।

पाठ्य पुस्तकों के उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए ।

उत्तर— पाठ्य पुस्तकों के उद्देश्य–पाठ्य पुस्तक साधन है, साध्य नहीं। यदि पाठ्य-पुस्तकों को साध्य मान लें, तो रटना ही प्रमुख होता है लेकिन पाठ्य-पुस्तक का प्रयोजन रटना नहीं हो सकता । पाठ्य पुस्तक के उद्देश्य निम्नलिखित हैं—
(i) पाठ्य पुस्तक का सबसे बड़ा उद्देश्य यही है कि यह भाषा सम्बन्धी सांस्कृतिक उद्देश्य को पूरा करे। उसके भीतर समाज के सांस्कृतिक जीवन की झलक मिले। लोगों के रीतिरिवाज, तौर-तरीके, आकांक्षाएँ, प्रेरणाएँ, राष्ट्रीय चरित्र इन सबका दिग्दर्शन पाठ्य पुस्तक के द्वारा हो ।
(ii) पाठ्य पुस्तक की विषयवस्तु का चयन, छात्रों के मानसिक स्तर के अनुरूप होना चाहिए, ताकि उसकी मानसिक शक्तियों का विकास हो सके।
(iii) पाठ्य पुस्तक में ऐसी सामर्थ्य होनी चाहिए कि बालक की विचार प्रक्रिया उत्प्रेरित हो सके।
(vi) बालक में ऐसा विवेक जाग्रत करना कि सद् और असद् में, शुभ और अशुभ में तथा अच्छे और बुरे में भेद कर सकें।
(v) उसके द्वारा बालक की कल्पना शक्ति का विकास होता है।
(vi) इसकी कविताएँ बालक की सौन्दर्यानुभूति की भावना जाग्रत कर सकें।
(vii) इसके विविध पाठों द्वारा छात्रों का मनोरंजन भी होना चाहिए।
(viii) पाठ्य-पुस्तक में ऐसी क्षमता होनी चाहिए कि बालक प्राप्त ज्ञान को व्यावहारिक रूप दे सकें।
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