मानव विकास का मापन कैसे किया जाता है? मानव विकास कार्य-सूची को प्राप्त करने के लिए बिहार सरकार की सात प्रतिबद्धताएं क्या हैं? इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार की योजनाओं को समझाइए ।
मानव विकास का मापन कैसे किया जाता है? मानव विकास कार्य-सूची को प्राप्त करने के लिए बिहार सरकार की सात प्रतिबद्धताएं क्या हैं? इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार की योजनाओं को समझाइए ।
अथवा
मानव विकास क्या है एवं इसे कैसे मापा जाता है? ( मापने की विधि या आयाम)
अथवा
राज्य सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम एवं मानव विकास के मध्य सहसंबंध की व्याख्या करें।
उत्तर- मानव विकास को मापने का सूचकांक सर्वप्रथम 1990 में पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब – अल-हक किया था जब युनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) ने अपनी पहली नव विकास रिपोर्ट प्रकाशित की थी। यह किसी भी देश अथवा राज्य के स्वस्थ विकास को प्रदर्शित करता है। मानव विकास की तुलनात्मक गणना को मानव विकास सूचकांक कहा जाता है। यह मानव जीवन के लगभग सभी पहलुओं और लोगों की पसंद व विकल्पों को शामिल करता है। जैसेआर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, भौतिक, जैविक, मानसिक और भावनात्मक । मानव विकास सूचकांक शिक्षा, जीवन प्रत्याशा और प्रति व्यक्ति आय पर आधारित एक समिश्रित सांख्यिकी है। वर्ष 2010 में इसके तहत असामनता, सामंजस्य और मानव विकास सूचकांक को भी सम्मिलित किया गया।
मानव विकास सूचकांक को तैयार करने के लिए शिक्षा के तहत पढ़ाई के सालों का औसत तथा पढ़ाई के संभावित साल को आधार बनाया जाता है, जबकि स्वास्थ्य मानव विकास सूचकांक के जन्म के समय की जीवन प्रत्याशा द्वारा मापा जाता है और जीवन स्तर घटक को GNT प्रति व्यक्ति अमेरिकी डॉलर में क्रय शक्ति तुल्यता (PPP) से मापा जाता है। इसके पश्चात (UNDP) इन तीन मानकों के आधार पर अर्थव्यवस्थाओं को एक स्केल पर दर्शाता है।
मानव विकास कार्यसूची को प्राप्त करने के लिए बिहार सरकार ने ‘न्याय के साथ विकास’ पर आधारित एक साझा कार्यक्रम के तहत विकसित बिहार के लिए सात निश्चय लिये हैं जिसे सुशासन के कार्यक्रम में सम्मिलित किया गया है। इसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को समान रूप से बिना किसी भेदभाव के लाभ पहुंचाया जाना है।
1. आर्थिक हल युवाओं को बलः राज्य की युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने एवं शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार के अवसर प्राप्त करने तथा उन्हें सक्षम बनाने के लिए निम्न योजनाएं प्रारंभ की गई हैं
i) बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
ii) मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता योजना
iii) कुशल युवा कार्यक्रम
iv) बिहार-स्टार्ट अप नीति
v) सभी विश्व – विद्यालय एवं महाविद्यालय में वाई-फाई के माध्यम से इंटरनेट की निःशुल्क सुविधा की योजना
2. आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकार: प्रारंभ से ही राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के प्रति संवेदनशील है, विभिन्न नियुक्तियों में आरक्षण देकर इसे और भी सशक्त बनाया गया है। जीविका में महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन से महिलाओं में आत्मविश्वास एवं आत्मनिर्भरता बढ़ी है। यह एक मूक क्रांति है जो बिहार के सामाजिक परिदृश्य को महिला सशक्तिकरण नीति, 2015 द्वारा लागू कर रही है। इस निश्चय के तहत 35 प्रतिशत महिला आरक्षण को फरवरी 2016 से ही राज्य के सभी सरकारी नौकरियों में लागू कर दिया गया है।
3. हर घर बिजली लगातारः इस निश्चय का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के प्रत्येक घर में बिजली की उपलब्धता प्रदान करना है। इसके लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री विद्युत संबंधित निश्चय योजना के तहत अपने संसाध नों से ग्रामीण क्षेत्रों के सभी परिवारों को मीटर के साथ विद्युत उपलब्ध कराएगी। इसका कार्यान्वयन इंदिरा आवास सहायक एवं पंचायत रोजगार सेवक के द्वारा किये गये सर्वेक्षण के आधार पर किया जा रहा है।
4. हर घर नल का जल: बिहार के प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के स्वच्छ पेयजल उलब्ध कराने हेतु राज्य के सभी गांव-मोहल्ले के लोगों के समेकित सहयोग से किया जाने वाला सार्थक प्रयास है। इसके तहत राज्य सरकार ने चार योजनाएं प्रारंभ की है
1) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेजयल निश्चय योजना
ii) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना
ii) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गैर-गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना
iv) मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना
5. घर तक पक्की गली-नाली: इस निश्चय के तहत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्रियान्वयन के उपरांत शेष बचे राज्य के सभी सम्पर्क विहीन बसावटों को पक्की सड़क से जोड़ा जाना है, तथा सभी गांव एवं शहरों में गली-नाली का निर्माण कराया जाना है। इसे पूरा करने के लिए सरकार ने तीन योजनाएं प्रारंभ की है
1) ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना
ii) मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना
iii) मुख्यमंत्री शहरी गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना |
6. शौचालय निर्माण, घर का सम्मानः इस निश्चय को लागू करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण विकास विभाग एवं शहरी क्षेत्रों में नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत इस योजना को कार्यान्वित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य खुले में शौच से मुक्त स्वस्थ एवं स्वच्छ बिहार के लिए राज्य के प्रत्येक घर में बगैर किसी भेदभाव के शौचालय की व्यवस्था की जानी है। साथ ही सामूहिक व्यवहार परिवर्तन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस निश्चय को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा तीन योजनाएं प्रारंभ की गई हैं –
i) लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान
ii) शौचालय निर्माण (शहरी क्षेत्र) योजना
iii) शौचालय निर्माण (ग्रामीण क्षेत्र) योजना
इस योजना का अनुश्रवण वार्ड समिति एवं नगर निकाय द्वार किया जायेगा।
7. अवसर बढ़े, आगे पढ़ेंः इस निश्चय के तहत राज्य में तकनीकी शिक्षा के अवसरों को और बढ़ाने एवं युवाओं को राज्य में ही तकनीकी शिक्षा का बेहतर अवसर प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। इसे पूर्ण करने हेतु जिला एवं अनुमंडलों में उच्च व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा की समेकित व्यवस्था की जानी है। इसके तहत निम्नांकित संस्थानों की स्थापना करने का लक्ष्य है
i) प्रत्येक जिला में GNM स्कूल की स्थापना
ii) प्रत्येक जिला में पैरा मेडिकल संस्थान की स्थापना
iii) प्रत्येक जिला में पॉलिटेक्निक संस्थान की
स्थापना
iv) प्रत्येक जिला में महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना
v) प्रत्येक जिला में अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना
vi) सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना
vii) प्रत्येक अनुमंडल में ANM स्कूल की स्थापना
viii) राज्य में पांच और नए मेडिकल कॉलज की स्थापना
> मानव विकास की परिभाषा एवं उसके मापन में प्रयुक्त विभिन्न आयामों की चर्चा करनी चाहिए।
> सात निश्चय कार्यक्रम में कौन-कौन सी कार्यप्रणाली शामिल हैं।
> सात निश्चय योजना मानव विकास को कैसे सार्थक बनाती है।