पेट्रोलियम तथा कोयले के प्रयोग से वायु दूषित हो जाती है। इस प्रदूषण को हम कैसे कम कर सकते हैं ?

पेट्रोलियम तथा कोयले के प्रयोग से वायु दूषित हो जाती है। इस प्रदूषण को हम कैसे कम कर सकते हैं ?

 (46वीं BPSC/2005 )
उत्तर – पेट्रोलियम तथा कोयले से निकलने वाले धुएं के कारण वायु में कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), कार्बन-डाईऑक्साइड (CO2), हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S), सल्फर डाईऑक्साइड (SO2) आदि गैसों का स्तर बढ़ रहा है जो वायु प्रदूषण के प्रमुख कारक हैं। इस प्रदूषण को कम करने के लिए निम्नलिखित विधियों को अपनाया जा सकता है
> विद्युत उत्पादन के लिए कोयले की जगह अन्य प्रमुख स्त्रोत- जल विद्युत एवं नाभिकीय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा सकता है। ये पर्यावरण प्रदूषण कम करने में सहायक होंगे।
> ऊर्जा उत्पादन के गैर-परंपरागत तकनीकों के अनुसंधान एवं विकास पर जोर देकर इन्हें अपनाना चाहिए। ये स्त्रोत हैं- पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, भू-गर्भीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, बायो गैस आदि । सरकार कई योजनाओं के तहत सौर-ऊर्जा, बायो-गैस आदि गांवों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। इन गैर-परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों में अधिक से अधिक निवेश की आवश्यकता है। इनमें निजी क्षेत्र की भागीदारी तथा FDI के भी प्रयास किए जाने चाहिए।
> ऊर्जा संरक्षण के लिए समाज में जनजागरूकता आवश्यक है। लोगों को ऊर्जा के महत्व के बारे में समझाना चाहिए। इसके तहत सरकारी तथा गैर-सरकारी स्तर पर प्रयास आवश्यक है। CFL बल्ब के प्रयोग को बढ़ावा देकर एवं ऐसी अन्य तकनीकों का विकास आवश्यक है।
> सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देकर वायु प्रदूषण के साथ ही ध्वनि प्रदूषण को भी रोका जा सकता है ।
>  वन वायु प्रदूषण को कम करने में सबसे ज्यादा सहायक होते हैं। प्रथमतः वन को कटने से रोका जाना चाहिए। सरकार इसके लिए कड़े कानून लाए, साथ ही वृक्षारोपण की संस्कृति विकसित कर हम एक हरे-भरे एवं वायु प्रदूषण रहित पृथ्वी का निर्माण कर सकते हैं।
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