अनुशासन व अन्तर- अनुशासन विषय के मध्य अन्तर की विवेचना कीजिए ।

अनुशासन व अन्तर- अनुशासन विषय के मध्य अन्तर की विवेचना कीजिए । 

                                         अथवा
अध्ययन क्षेत्र (अनुशासन) एवं अन्तर्संकाय विषयों में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर—अनुशासन व अन्तर–अनुशासन विषय के मध्य अन्तर को निम्नलिखित प्रकार से समझा जा सकता है—
(1) अनुशासन में ही विषय का अध्ययन एक शैक्षिक अध्ययन क्षेत्र की परिसीमा में किया जाता है, जबकि अन्तर अनुशासन में ऐसी समस्याओं का समाधान किया जाता है जो किसी एक अध्ययन क्षेत्र या अनुसंधान अभ्यास के क्षेत्र के बाहर या परे होती है।
(2) अनुशासन में विशिष्ट एवं निश्चित लक्ष्य, क्षेत्र एवं विधियाँ होती हैं जबकि अन्तर- अनुशासन में निश्चित विधियाँ नहीं होती हैं, बल्कि अनुसंधान प्रक्रिया के द्वारा समस्या विशेष के समाधान हेतु विधियाँ निर्मित कर प्रयुक्त की जाती है ।
(3) अनुशासन में नवीन ज्ञान, अवधारणाएँ एवं सिद्धान्तों की खोज नहीं की जाती है बल्कि निश्चित समस्याओं का समाधान किया जाता है जबकि अन्तरअनुशासन में नवीन
ज्ञान, अधिक विश्लेषण, नये अर्थों एवं विशिष्ट संयुग्मनों को खोजने का प्रयास किया जाता है।
(4) अनुशासन के अध्ययन हेतु विशेषज्ञों का समुदाय होता है, जबकि अन्तर अनुशासन के अध्ययन हेतु विशेषज्ञों का समुदाय निर्मित किया जाता है।
(5) अनुशासन में मुख्य जोर समस्या के समाधान करने, कार्य करने, ज्ञान एवं कौशलों का संचार करने तथा ज्ञान एवं कौशलों के समन्वय पर दिया जाता है। जबकि अन्तरअनुशासन में मुख्य जोर समस्या की व्याख्या करने, समस्या के समाधान के साथ उसके उत्पादन का सृजन करने तथा नवीन प्रश्न उठाने पर रहता है।
(6) अनुशासन में नये आयामों एवं समाधानों की खोज नहीं की जाती है जबकि अन्तर- अनुशासन में नये उपागमों एवं समाधानों की खोज की जाती है।
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