निम्नलिखित वक्तव्यों को पढ़ें और अपने पक्ष में उत्तर दें।
निम्नलिखित वक्तव्यों को पढ़ें और अपने पक्ष में उत्तर दें।
(i) क्षेत्रीय भावना लोकतंत्र को मजबूत करती है।
(ii) दबाव समूह स्वार्थी तत्त्वों का समूह है। इसीलिए इसे समाप्त कर देना चाहिए।
(iii) जनसंघर्ष लोकतंत्र का विरोधी है।
(iv) भारत में लोकतंत्र के लिए हुए आंदोलनों में महिलाओं का भूमिका नगण्य है।
उत्तर :-
(i) क्षेत्रीय भावनाएँ सदैव नकारात्मक नहीं होती। ऐसे क्षेत्र जहाँ का विकास नहीं हो पाया है या जिनकी क्षेत्रीय पहचान नष्ट होती जा रही है, कई बार सरकार का ध्यान उन क्षेत्रों के विकास पर नहीं जाता तो इन सब मुद्दों पर क्षेत्रीय भावनाएँ उत्पन्न होती हैं तो यह सकारात्मक है और इससे लोकतंत्र मजबूत होता है।
(ii) किसी भी सरकार के लिए यह संभव नहीं है कि वह प्रत्येक समूह की और समान रूप से ध्यान देकर उसकी आकांक्षाओं की पूर्ति करे, इस प्रकार कई मह विकास के लिए सहायता नहीं प्राप्त कर पाते।
यदि इनके अधिकार के लिए दबाव समूह कार्य करते हैं तो उसे स्वार्थी नहीं कहा जा सकता। इसे समाप्त करने का अर्थ होगा लोकतंत्र के मुख्य उद्देश्यों में अवरोध उत्पन्न करना।
(iii) जनसंघर्ष लोकतंत्र विरोधी नहीं बल्कि जनता के अधिकारों के लिए उठाई गाई आवाज है। प्रत्येक लोकतंत्र अपने नागरिकों को इसे मौलिक अधिकारों के रूप में प्रदान करता है। जब जनता को यह लगता है कि सरकार उनके विचारों की अनदेखी करती है तभी यह संघर्ष उत्पन्न होता है।जनसंघर्ष सरकार को स्वेच्छाचारी बनने से रोकता है। आखिरकार यह जनता के द्वारा, जनता के लिए, जनता की सरकार है। अतः जनसंघर्ष को लोकतंत्र विरोधी कहना सर्वथा अनुचित है।
(iv) भारतीय लोकतंत्र में हुए आंदोलनों में महिलाओं की भूमिका उल्लेखनीय है। हमारे सामने इसके अनेक उदाहरण मौजूद हैं, चिपको आंदोलन में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इसके अलावा आंध्रप्रदेश के ताड़ी विरोधी आंदोलन में भी महिलाएँ अग्रणी हैं। सूचना का अधिकार आंदोलन के पीछे भी एक महिला ही थी और नर्मदा बचाओ आंदोलन का भी नेतृत्व मेघा पाटेकर नामक एक महिला के हाथ में है। _ आज महिलाओं ने पंचायतों में आधे से अधिक सीटों पर जीत दर्ज किया है और वे संसद में भी 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए संघर्षरत हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि भारत के लोकतंत्र के लिए हुए आन्दोलनों में महिलाओं की भूमिका नगण्य नहीं है।