मॉडल सॉल्व्ड पेपर-3

मॉडल सॉल्व्ड पेपर-3

1. खाद्यान्नों की कृषि सर्वप्रथम प्रारम्भ हुई थी
(a) नव-पाषाण काल में
(b) मध्य-पाषाण काल में
(c) पुरा-पाषाण काल में
(d) प्रोटो-ऐतिहासिक काल में
2. एक जुते हुए खेत की खोज की गई थी –
(a) मोहनजोदड़ों में
(b) कालीबंगा में
(c) हड़प्पा में
(d) लोथल में
3. गोत्र शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम हुआ था
(a) अथर्ववेद में
(b) ऋग्वेद में
(c) सामवेद में
(d) यजुर्वेद में
4. भारत में आस्तिक तथा नास्तिक संप्रदायों में कौन-सा विभेदक लक्षण है ? 
(a) ईश्वरी सत्ता में आस्था
(b) पुनर्जन्म के सिद्धान्त में आस्था
(c) वेदों की प्रामाणिकता में आस्था
(d) स्वर्ग तथा नरक की सत्ता में विश्वास
5. न्याय दर्शन के प्रवर्तक थे
(a) गौतम
(b) कपिल
(c) कणाद
(d) जैमिनी
6. वृहद पाषाण स्मारकों की पहचान की गई है
(a) संन्यासी गुफाओं के रूप में
(b) मृतक को दफनाने के स्थानों के रूप में
(c) मंदिर के रूप में
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
7. कदम्ब राजाओं की राजधानी थी
(a) तंजौर
(b) वनवासी
(c) कांची
(d) बादामी
8. निम्नलिखित में कौन सुमेलित है?
(a) अद्वैतवाद – रामानुजम
(b) विशिष्टाद्वैतवाद – शंकराचार्य
(c) द्वैतवाद – मध्वाचार्य
(d) द्वैताद्वैतवाद – वल्लभाचार्य
9. विक्रमशिला महाविहार की स्थापना किस वंश के शासक द्वारा करवाई गयी थी ? 
(a) पुष्पभूति वंश
(b) वर्मन वंश
(c) सेन वंश
(d) पाल वंश
10. किस वंश ने एलोरा के कैलाश मंदिर का निर्माण किया था?
(a) राष्ट्रकूट
(b) सातवाहन
(c) मौर्य
(d) पुलकस्य
11. लक्ष्मण संवत का प्रारम्भ निम्नलिखित किस वंश द्वारा किया गया था ?
(a) प्रतिहारों द्वारा
(b) पालों द्वारा
(c) चौहानों द्वारा
(d) सेनों द्वारा
12. आगरा नगर का संस्थापक कौन था ? 
(a) फिरोज तुगलक
(b) मुहम्मद बिन तुगलक
(c) अलाउद्दीन खिलजी
(d) सिकन्दर लोदी
13. ‘तूती – ए – हिन्द’ अमीर थाखुसरो का जन्म हुआ
(a) पट्टी में
(b) पाटली में
(c) पटियाली में
(d) पटियाला में
14. मुगल सम्राट जिसने तम्बाकू के प्रयोग पर निषेध लगाया था –
(a) अकबर
(b) बाबर
(c) जहाँगीर
(d) औरंगजेब
15. शिवाजी ने मुगलों को किस युद्ध में हराया था?
(a) पुरंदर
(b) रायगढ़
(c) सलहार
(d) शिवनेर
16. सिराजुद्दौला लॉर्ड क्लाइव द्वारा परास्त हुआ था – के युद्ध में
(a) प्लासी
(b) बक्सर
(c) मुंगेर
(d) बान्डीवाश
17. भारत में पुनर्जागरण आन्दोलन का अग्रणी दूत था –
(a) देवेन्द्रनाथ टैगोर
(b) केशव चन्द्र सेन
(c) ईश्वर चन्द्र विद्यासागर
(d) राममोहन राय
18. निम्नलिखित में से किसने भारतीय विश्वविद्यालयों में धार्मिक शिक्षा के लिए प्रबल रूप से वकालत की थी ?
(a) बाल गंगाधर तिलक
(b) स्वामी विवेकानन्द
(c) महात्मा गाँधी
(d) मदन मोहन मालवीय
19. बंगाल तथा बिहार में स्थायी बन्दोबस्त लागू करने का श्रेय दिया जाता है-
(a) लॉर्ड कर्जन को
(b) लॉर्ड कार्नवालिस को
(c) लॉर्ड रिपन को
(d) लॉर्ड वेलेजली को
20. प्राचीन स्मारक संरक्षण एक्ट किस गवर्नर जनरल के कार्यकाल में पारित हुआ था ? 
(a) लॉर्ड मिंटो
(b) लॉर्ड लिनलिथगो
(c) लॉर्ड कर्जन
(d) लॉर्ड कैनिंग
21. निम्नलिखित पुस्तकों में से किस पुस्तक का संबंध भारत में राष्ट्रीय आन्दोलन के विकास से जोड़ा जाता है?
(a) गीतांजलि
(b) आनन्दमठ
(c) सत्यार्थ प्रकाश
(d) गीता रहस्य
22. भारत में मलिन बस्तियों की जनसंख्या का सर्वाधिक संकेन्द्रण पाया जाता है –
(a) आंध्र प्रदेश में
(b) महाराष्ट्र में
(c) उत्तर प्रदेश में
(d) पश्चिमी बंगाल में
23. भारत के प्रादेशिक जल क्षेत्र का विस्तार है – 
(a) तट से 3 समुद्री मील तक
(b) तट से 6 समुद्री मील तक
(c) तट से 12 समुद्री मील तक
(d) तट से 24 समुद्री मील तक
24. भारतीय उप-महाद्वीप का उत्तर-पश्चिम प्रदेश भूकंप ग्रहणशील है, जिसका कारण है
(a) ज्वालामुखी क्रिया
(b) प्लेट टेक्टॉनिक क्रिया
(c) मूँगे बनने की क्रिया
(d) उपर्युक्त सभी
25. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा सुमेलित नहीं है ?
(a) शिवसमुद्रम प्रपात – कावेरी
(b) चूलिया प्रपात – चम्बल
(c) जोगा प्रपात – कृष्णा
(d) धुआँधार प्रपात – नर्मदा
26. नीलगिरी की “मेघ बकरियाँ” पाई जाती है –
(a) इरावीकुलम राष्ट्रीय पार्क में
(b) मन वन में
(c) पेरियार आरक्षित क्षेत्र में
(d) शांत घाटी में
27. निम्नलिखित भारतीय पक्षियों में कौन-सा अत्यधिक संकटापन्न किस्म है?
(a) गोल्डन ओरिओल
(b) ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
(c) इंडियन फैनटेल पिजियन
(d) इंडियन सनवर्ड
28. चिनार वन्य जीवन विहार अवस्थित है
(a) जम्मू व कश्मीर में
(b) केरल में
(c) सिक्किम में
(d) तमिलनाडु में
29. भारत आपूर्ति में आत्मनिर्भर है
(a) यूरेनियम की
(b) रेडियम की
(c) इरिडियन की
(d) थोरियम की
30. राउरकेला इस्पात संयंत्र को लौह अयस्क की आपूर्ति होती है – 
(a) क्योंझर से
(b) डल्ली – राजहारा से
(c) कमानगुण्डी से
(d) मयूरभंज से
31. सूची-I तथा सूची-II को सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए
सूची I – सूची II
A. ऑस्ट्रेलिया 1. हरीकेन
B. चीन 2. विली – विली
C. भारत 3. टाइफून
D. संयुक्त राज्य अमेरिका 4. चक्रवात
कूट :
A  B  C  D
(a)     1   2   3   4
(b)     2   3   4   1
(c)     3   2   1   4
(d)     4   3   2   1
32. उत्तर कोरिया तथा दक्षिण कोरिया की अंतर्राष्ट्रीय सीमा है
(a) 25° उ. अक्षांश
(b) 33° उ. अक्षांश
(c) 38° उ. अक्षांश
(d) 48° अक्षांश
33. हारमुज जल सन्धि पाई जाती है
(a) काला सागर तथा मारमारा सागर के बीच
(b) फारस की खाड़ी तथा ओमान की खाड़ी के बीच
(c) अरब सागर एवं लाल सागर के बीच
(d) लाल सागर एवं भूमध्य सागर के बीच
34. निम्नलिखित में से कौन-सी धारा ठंडी नहीं है?
(a) ब्राजील धारा
(b) बेंग्यूला धारा
(c) पेरु धारा
(d) लेब्राडोर धारा
35. वायुमण्डल की चार पर्तें हैं
(a) आयन मण्डल
(b) मध्य मण्डल
(c) समताप
(d) क्षोभ मण्डल
ऊँचाई के अनुसार उनका सही अवरोही क्रम है –
कूट :
A  B  C  D
(a)     1   2   3   4
(b)     2   1   4   3
(c)     4   3   2   1
(d)     3   4   1   2
36. ओजोन परत अवस्थित है – 
(a) ट्रोपोस्फीयर में
(b) ट्रोपोपॉज में
(c) स्ट्रैटोस्फीयर में
(d) फोटोस्फीयर में
37. विश्व का लगभग एक-तिहाई प्राकृतिक रबड़ का उत्पादन होता है
(a) भारत में
(b) इंडोनेशिया में
(c) मलेशिया में
(d) थाईलैण्ड में
38. विश्व में सूती वस्त्रों का अग्रणी उत्पादक है
(a) चीन
(b) भारत
(c) संयुक्त राज्य अमेरिका
(d) रूस
39. कथन (A) : यूरोप के भूमध्य सागरीय क्षेत्र में व्यापारिक अंगूर की खेती विशिष्ट है। कारण (R) : उसका 85% अंगूर शराब बनाने के काम में आता है।
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं परन्तु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
40. सूची-I तथा सूची-II को सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
सूची I (जनजाति) – सूची II (देश)
A. बुशमैन 1. कांगो
B. बहू 2. नामीबिया
C. पिग्मी 3. सऊदी अरब
D. मसाई 4. केन्या
कूट :
A  B  C  D
(a)     1   2   3   4
(b)     4   3   2   1
(c)     2   3   1   4
(d)     3   4   1   2
41. निम्नलिखित में से कौन-सा सुमेलित नहीं है ?
(a) चीन – शंघाई
(b) कनाडा – ओटावा
(c) ऑस्ट्रेलिया – कैनबरा
(d) रूस – मॉस्को
42. निम्नलिखित महाद्वीपों में से किसमें कोई स्थल-रुद्ध राज्य नहीं है ?
(a) अफ्रीका
(b) एशिया
(c) यूरोप
(d) उत्तरी अमेरिका
43. टर्की का कौन-सा नगर ‘पश्चिम का द्वार’ कहलाता है?
(a) अदाना
(b) अंकारा
(c) इस्ताम्बुल
(d) इजमीर
44. कथन (A) : मिस्र नील नदी का उपहार है।
कारण (R) : वह सहारा मरुस्थल में एक नखलिस्तान है।
नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर चुनिएकूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, परन्तु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
45. मानव विकास की दृष्टि से भारत का सर्वाधिक विकसित राज्य है
(a) केरल
(b) पंजाब
(c) तमिलनाडु
(d) उत्तर प्रदेश
46. संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है
(a) चीन की
(b) जर्मनी की
(c) जापान की
(d) यूनाइटेड किंगडम की
47. पी.पी.पी. रेटिंग के आधार पर विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था का स्थान है
(a) दूसरा
(b) चौथा
(c) छठा
(d) दसवाँ
48. एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई थी –
(a) 1964 में
(b) 1976 में
(c) 1980 में
(d) 1982 में
49. भारत में इरडा (IRDA) नियमित करता है –
(a) बैंकिंग व्यवसाय
(b) बीमा व्यवसाय
(c) पूँजी बाजार
(d) अंशों का निर्गमन
50. कथन (A) : भारत में क्षय रोग से अन्य किसी बीमारी की अपेक्षा अधिक वयस्क मरते हैं।
कारण (R) : अधिकांश क्षय रोगी 15-59 आयु वर्ग के होते हैं।
नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर चुनिएकूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं परन्तु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है ।
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
51. ‘ड्रैगन फ्लाई’ एक मशीन का नाम है, जो खींचकर निकालती है
(a) पेयजल के लिए वायु से आर्द्रता को
(b) मोटर वाहनों के रेंचन से प्रयोग योग्य जल-कार्बन को
(c) खली से खाद्य तेल को
(d) वस्त्र उद्योग में प्रयोग हेतु लकड़ी से रेशे को
52. पूर्वी हिमालय की तुलना में ट्री-लाइन का ऊँचाई मान पश्चिमी हिमालय में होता है
(a) अधिक
(b) कम
(c) वैसा ही
(d) असंबंधित परिवर्ती
53. सूर्य से पृथ्वी तक प्रकाश को आने में लगभग समय लगता है
(a) 2 मिनट
(b) 4 मिनट
(c) 8 मिनट
(d) 16 मिनट
54. अन्तरिक्ष यात्री को आकाश का रंग दिखाई देता है :
(a) नीला
(b) सफेद
(c) काला
(d) लाल
55. निम्न वायुमंडलीय पर्तों ( स्तरों) में से कौन सी पर्त (स्तर) रेडियो तरंगों के विशेषण के लिए उत्तरदायी होती है ?
(a) क्षोभ मण्डल
(b) समताप मण्डल
(c) मध्य मण्डल
(d) आयन मण्डल
56. भारतीय संविधान के विषय में निम्नलिखित कथन निम्न में से किसका है?
“भारतीय संविधान अधिक कठोर तथा अधिक लचीले के मध्य एक अच्छा संतुलन स्थापित करता है । “
(a) बी. आर. अम्बेडकर
(b) एम.वी. पायली
(c) एलेक्जैण्ड्रोविक्स
(d) के.सी. व्हीयर
57. भारतीय संविधान को बनाने हेतु भारतीय संविधान सभा के कुल कितने अधिवेशन हुए थे?
(a) 7
(b) 9
(c) 12
(d) 15
58. निम्नलिखित में से कौन भारत को धर्म निरपेक्ष राज्य वर्णित करता है ? 
(a) मौलिक अधिकार
(b) संविधान की प्रस्तावना
(c) 9वीं अनुसूची
(d) राज्य के नीति निर्देशक तत्व
59. भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्वों को निम्न में से किस देश के संविधान से लिया गया है ? 
(a) यूनाइटेड किंगडम (यू.के.) – ब्रिटेन
(b) यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (यू.एस.ए )
(c) आयरलैण्ड
(d) जापान
60. भारत के संदर्भ में निम्न में से कौन ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द का सभी भाव व्यक्त करता है ?
(a) भारत में अनेक धर्म हैं।
(b) भारतीयों को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है।
(c) धर्मानुपालन व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर है।
(d) भारत में राज्य का कोई धर्म नहीं है।
61. यदि भारत के राष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाये और कोई उप-राष्ट्रपति भी न हो तब निम्न में से कौन कार्यवाहक राष्ट्रपति होगा ?
(a) राज्य सभा का उप सभापति
(b) भारत का महान्यायवादी
(c) लोक सभा का अध्यक्ष
(d) सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
62. राज्यपालों के सन्दर्भ में निम्न में से कौन-सा एक कथन सत्य नहीं है ?
(a) वह राज्य की विधायिका का अंग होता है।
(b) वह मृत्युदंड को क्षमा कर सकता है।
(c) वह राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं करता है।
(d) उसके पास आपातकालीन शक्तियां नहीं
63. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिये
सूची I
A. अनुच्छेद 164
B. अनुच्छेद-155
C. अनुच्छेद-75
D. अनुच्छेद-54
सूची II
1. राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद् की नियुक्ति
2. राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति
3. संघीय प्रधानमंत्री और मंत्री परिषद् की नियुक्ति
4. भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन
5. विधानसभाओं की संरचना
कूट :
A  B  C  D
(a)     1   2   3   4
(b)     1   2   4   5
(c)     2   1   3   5
(d)     2   1   4   5
64. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए
सूची I
A. लोक लेखा समिति
B. याचिका समिति
C. स्टॉक बाजार स्कैम संयुक्त
D. विभागीय समितियां
सूची II
1. तदर्थ समिति
2. स्टैन्डिंग समिति
3. वित्तीय समिति
4. कार्यकारी समिति
कूट :
A  B  C  D
(a)     1   4   3   2
(b)     2   3   4   1
(c)     3   4   1   2
(d)     4   2   1   3
65. भारतीय संसद राज्य सूची के विषयों पर विधायन नहीं कर सकती, जब तकं – 
(1) भारत का राष्ट्रपति उसे ऐसा करने का निर्देश न दे।
(2) राज्य सभा प्रस्ताव पारित करे कि ऐसा करना राष्ट्रीय हित में आवश्यक
(3) विधान सभा का अध्यक्ष यह प्रमाणित करे कि ऐसा विधायन आवश्यक है।
(4) राष्ट्रीय आपातकाल हो ।
उपरोक्त कथनों पर विचार करते हुए अधोलिखित कूटों में से सही उत्तर चुनिए –
(a) (1), (2) तथा (3)
(b) (2), (3) तथा (4)
(c) (1) तथा (2)
(d) (2) तथा (4)
66. भारत में बेरोजगारी मापन की निम्न में सें कौन-सी विधि एन.एस.एस.ओ. द्वारा प्रयोग में नहीं लाई जाती है? 
(a) सामान्य प्रमुख स्तर
(b) चालू मासिक स्तर
(c) चालू साप्ताहिक स्तर
(d) चालू दैनिक स्तर
67. निम्न विकिरण प्रकारों में से किसमें सर्वाधिक ऊर्जा होती है ? 
(a) दृश्य
(b) एक्स-रे
(c) अल्ट्रावॉयलेट
(d) इन्फ्रारेड
68. दृश्य प्रकाश का दैर्ध्यमान प्रसार होता है
(a) 200-900nm के बीच
(b) 250-850nm के बीच
(c) 300-800nm के बीच
(d) 390-780nm के बीच
69. खतरे के संकेतों में लाल प्रकाश का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि –
(a) लाल प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम ” होता है।
(b) यह आंखों के लिए आरामदायक है।
(c) इसका हवा में अवशोषण सबसे कम होता है।
(d) यह सबसे कम रासायनिक क्रिया उत्पन्न करता है।
70. किसी वस्तु के छोटे होलोग्राम से भी उस वस्तु के विषय में पूर्ण जानकारी मिल सकती है।
इस कथन पर विचार कर निम्न में से सही उत्तर चुनिए
(a) यह सत्य है
(b) यह असत्य
(c) यह टुकड़े के आकार पर निर्भर करेगा
(d) यह निरीक्षण में प्रयुक्त प्रकाश पर निर्भर करेगा
71. चमगादड़ अंधेरी रातों में उड़ सकते हैं और अपना शिकार भी कर सकते हैं। इसका कारण है – 
(a) उनकी आंखों के तारे बड़े होते हैं।
(b) उनकी रात्रि दृष्टि बहुत अच्छी होती है।
(c) प्रत्येक चिड़िया ऐसा कर सकती है ।
(d) वे पराध्वनि तरंगें निकालते हैं और उन्हीं के द्वारा निर्देशित होते हैं।
72. एक व्यक्ति जिसका पृथ्वी पर भार 62 कि.ग्रा. है, उसका भार चन्द्रमा पर लगभग 10 कि.ग्रा. होगा। अन्तरिक्ष में उसका भार क्या होगा ?
(a) 00 (शून्य)
(b) 35 कि.ग्रा.
(c) 54 कि.ग्रा.
(d) 70 कि.ग्रा.
73. निम्न में से कौन-से अर्द्धचालक हैं ? 
1. सिलिकन
2. क्वार्ट्ज
3. सिरेमिक्स
4. जरमेनियम
निम्न विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए
(a) 1 तथा 2
(b) 1 तथा 3
(c) 1 तथा 4
(d) 3 तथा 4
74. निम्न युग्मों में से कौन-सा एक कण-प्रतिकण युग्म है? 
(a) इलेक्ट्रान – पॉजीट्रॉन
(b) प्रोटॉन – न्यूट्रॉन
(c) फोटान – इलेक्ट्रॉन
(d) न्यूट्रॉन – न्यूट्रिनो
75. उपयोग के पश्चात् निकला प्लास्टिक थैलियों का कूड़ा सड़क निर्माण हेतु बिटूमिन के साथ मिलाकर अपने किस निहित गुण के कारण प्रयुक्त होता है ?
(a) प्लास्टिक आसानी से जल जाता है।
(b) प्लास्टिक जैव-निम्नीकरणीय होते हैं।
(c) प्लास्टिक गर्म करने पर कड़ा हो जाता है और ठंडा करने पर नर्म हो जाता है।
(d) प्लास्टिक गर्म करने पर नर्म हो जाता है और ठंडा करने पर कड़ा हो जाता है।
76. निम्न अधोभूमि उत्पादित सब्जियों में से कौन-सी एक रूपान्तरित जड़ है ? 
(a) आलू
(b) शकरकन्द
(c) बन्डा
(d) जिमीकन्द
77. निम्न में से कौन-सा एक रोग वैक्सिनेशन द्वारा नियन्त्रित नहीं किया जा सकता है ? 
(a) मधुमेह
(b) पोलियो
(c) काली खांसी
(d) चेचक
78. एक सूक्ष्मजीव जो शराब उद्योग के अल्कोहॉलिक किण्वन के लिए प्रयुक्त होता है, एक
(a) यीस्ट है
(b) जीवाणु है
(c) सायनो जीवाणु है
(d) एक्टिनोमाइसीट है
79. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए
सूची I (रोग) – सूची II (कारक )
A. खैरा 1. विटामिन सी की म्लानता
B. एनीमिया 2. आयोडीन की म्लानता
C. ग्वाइटर (गलघोंघा) 3. लौह की म्लानता
D. स्कर्वी 4. जस्ते की म्लानता
कूट :
A  B  C  D
(a)     1   2   3   4
(b)     2   1   4   3
(c)     3   4   1   2
(d)     4   3   2   1
80. ए.आई.डी.एस. (एड्स) निम्न में से किस रोग का संक्षिप्त रूप है ?
(a) एक्वायर्ड इम्यून डिफॉर्मिटी सिन्ड्रोम
(b) एंन्टीसिपेटेड इम्यून डेफिशियेन्सी सिन्ड्रोम
(c) एक्वायर्ड इम्यून डेफिशियेन्सी सिन्ड्रोम
(d) एबनॉर्मल इम्यून डेफिशियेन्सी सिन्ड्रोम
81. वर्मीकल्चर में प्रयुक्त वर्म होता है
(a) टेप वर्म
(b) सिल्क वर्म
(c) थ्रेड वर्म
(d) अर्थ वर्म
82. कलपक्कम फास्ट ब्रीडर रिएक्टर के विषय में क्या सत्य है?
1. इसमें केवल प्राकृतिक यूरेनियम ईंधन के रूप में प्रयोगित होता है।
2. इसमें प्लूटोनियम कार्बाइड व प्राकृतिक यूरेनियम कार्बाइड का मिश्रण ईंधन के रूप में प्रयोगित होता है।
3. इसमें 200 मेगावाट से अधिक परमाणु विद्युत उत्पन्न की जायेगी।
> निम्न विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(a) 1 तथा 2
(b) 1 तथा
(c) 2 तथा 3
(d) 1, 2 तथा 3
83. भूस्थैतिक स्थिति क्या है ? 
(a) जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमना बन्द कर देगी।
(b) जब कोई पदार्थ चन्द्रमा और पृथ्वी के बीच में स्थित होता है।
(c) जब कोई पदार्थ पृथ्वी के चारों ओर पृथ्वी की गति के समानुपातिक उस गति से चलता है कि वह पृथ्वी पर स्थित किसी स्थान से निश्चित दूरी बनाए रखता है।
(d) जब पदार्थ पृथ्वी से एक निश्चित दूरी पर होता है।
84. कापार्ट (CAPART) एक स्वायत्त संस्था है, जो निम्नांकित के अधीन कार्य करती है
(a) कृषि मंत्रालय
(b) ग्रामीण विकास मंत्रालय
(c) उद्योग मंत्रालय
(d) योजना आयोग
85. आबिद हुसैन समिति का संबंध था –
(a) निर्यात संवर्द्धन से
(b) लघु एवं मध्यम उद्योग से
(c) कृषि विकास से
(d) ऊर्जा क्षेत्र सुधार से
86. निम्नलिखित में से कौन-सा एक असमानता घटाने का उपाय नहीं है ?
(a) न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम
(b) अर्थव्यवस्था का उदारीकरण
(c) करारोपण
(d) भूमि सुधार
87. भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक निम्नलिखित का एक मित्र एवं मार्गदर्शक होता है
(a) प्रवर समिति
(b) प्राक्कलन समिति
(c) प्रधानमंत्री
(d) लोक लेखा समिति
88. निम्नलिखित में से किस राज्य में द्विसदनात्मक विधायिका नहीं है ?
(a) उत्तर प्रदेश
(b) मध्य प्रदेश
(c) बिहार
(d) कर्नाटक
89. यदि एक संसद सदस्य सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाता है, तो उसे हटाने का निर्णय निम्नलिखित द्वारा किया जाता है –
(a) मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा
(b) मंत्री परिषद् की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा
(c) सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा जांच के बाद राष्ट्रपति द्वारा
(d) चुनाव आयोग की राय के अनुरूप राष्ट्रपति द्वारा
90. सरकारिया आयोग ने निम्नलिखित के संबंध में संस्तुतियाँ की थीं –
(a) प्रशासनिक सुधार
(b) केन्द्र राज्य संबंध
(c) पंचायतें
(d) नगरीय शासन
91. निम्नलिखित में से कौन-सा एक भारत के संविधान में राज्य-सूची में सम्मिलित नहीं है
(a) आपराधिक (दण्ड) प्रक्रिया संहिता
(b) पुलिस
(c) कानून-व्यवस्था
(d) जेल
92. ‘विवाह’, ‘विवाह-विच्छेद’ और ‘गोद लेना’ संविधान की सातवीं सूची में निम्नलिखित के अन्तर्गत सम्मिलित किए गए हैं
(a) लिस्ट I – केन्द्र सूची में
(b) लिस्ट II – राज्य सूची में
(c) लिस्ट III – समवर्ती सूची में
(d) तीनों में से किसी भी सूची में नहीं
93. निम्नलिखित में से कौन-सा एक विषय सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय दोनों के अधिकार क्षेत्र में आता है ? 
(a) राज्यों के पारस्परिक विवाद
(b) केन्द्र और राज्य के मध्य विवाद
(c) मूल अधिकारों का संरक्षण
(d) संविधान के उल्लंघन से संरक्षण
94. न्यायिक पुनरावलोकन की व्यवस्था है
(a) केवल भारत में
(b) केवल यू.के. में
(c) केवल यू.एस.ए. में
(d) भारत और यू.एस.ए. में
95. कैसेल ओवर ग्रेब्ज के लेखक निम्न में कौन हैं ?
(a) डॉ. देव कुमार धान
(b) विक्टर दास
(c) डॉ. रामदयाल मुंडा
(d) शिबू सोरेन
96. कनिष्क (कुषाण वंश ) काल के सिक्के निम्न में से किस जिले से प्राप्त हुए हैं ?
(a) धनबाद
(b) राँची
(c) गिरिडीह
(d) हजारीबाग
97. जनगणना 2011 के अन्तिम आँकड़ों के अनुसार झारखण्ड के प्रथम तीन बड़े नगरों का क्रम निम्न में से कौन-सा सही है ? 
(a) धनबाद, बोकारो, राँची
(b) जमशेदपुर, धनबाद, राँची
(c) राँची, धनबाद, जमशेदपुर
(d) धनबाद, जमशेदपुर, राँची
98. झारखण्ड हाईकोर्ट नियमावली – 2001 (Jharkhand High Court Rule-2001) के अनुसार उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस के लिए अधिवक्ताओं को न्यायालय से कितनी दूरी पर कार्यालय स्थापित करने का प्रावधान किया गया है ?
(a) 15 किमी.
(b) 20 किमी.
(c) 25 किमी.
(d) 30 किमी.
99. झारखण्ड की किस जनजाति का अयोध्या में पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र से बनवास से पूर्व राज्याभिषेक में शामिल होने का वर्णन मिलता है ?
(a) मुंडा
(b) संथाल
(c) हो
(d) बिरहारे
100. किस जनजातीय आंदोलन को ‘सफाहार आंदोलन’ के नाम से भी जाना जाता है।
(a) ताना भगत आन्दोलन
(b) खरवार आन्दोलन
(c) सरदारी आन्दोलन
(d) इनमें से कोई नहीं

व्याख्या सहित उत्तर

1. (a) विश्वस्तरीय संदर्भ में नवपाषाण युग 9000 ई.पू. में आरम्भ होता है, परन्तु बलूचिस्तान के मेहरगढ़ में एक ऐसी प्राचीन बस्ती (सम्प्रति पाकिस्तान) | मिली है, जिसका समय 7000 ई.पू. बताया जाता | है। नवपाषाण अर्थव्यवस्था का आधारभूत तत्व खाद्य उत्पादन और पशुओं को पालतू बनाने की जानकारी है, जिसका तकनीकी आधार पाषाण उपकरण है। नवपाषाण काल की प्रथम और प्रमुख उपलब्धि | खाद्य उत्पादन (कृषि कार्य ) का आविष्कार पशुओं के उपयोग की जानकारी तथा स्थिर ग्राम जीवन का विकास है। कृषि के आविष्कार के साथ बर्तनों की आवश्यकता महसूस हुई, जिसके कारण कुम्भकारी सर्वप्रथम इसी युग में परिलक्षित होती है।
2. (b) कालीबंगा से हड़प्पा के साथ-साथ हड़प्पा पूर्व सभ्यता के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं। कालीबंगा राजस्थान के गंगानगर जिले में घग्घर नदी के किनारे स्थित है। यहां शहर के दोनों भाग दुर्गीकृत हैं। यहां के घर कच्ची ईटों के बने हैं। कालीबंगा का अर्थ काले रंग की मिट्टी की चूड़ियां होता है। यहां से लकड़ी के हल तथा जुते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं। जिनके कूड़ों के बीच का फासला पूर्व से पश्चिम की ओर 30 सेमी. और उत्तर से दक्षिण 1.10 मीटर पर है। यहां कुछ अग्निकुंड मिले हैं, जिन्हें वज्र प्रणाली से जोड़ा जाता है। दो फसलों को उगाने का प्रमाण यहां से मिला है। यहां के फर्श पर अलंकृत ईंटों के प्रयोग का साक्ष्य मिला है। इस स्थल में लकड़ी के पाइप के प्रयोग का प्रमाण मिला है। यहां से एक शव की प्राप्ति हुई है, जो पेट के बल लेटा हुआ है तथा जिसका सिर दक्षिण में तथा पैर उत्तर दिशा में है। यहां एक धुरी वाले ठोस पहिये का भी अवशेष मिला है, जिससे किसी वाहन के अस्तित्व का पता चलता है। शल्य चिकित्सा का साक्ष्य यहां से भी मिला है। भूकंप आने का प्राचीनतम साक्ष्य कालीबंगा से ही मिला है। कालीबंगा से भी एक युग्मित समाधि का अवशेष मिलता है। इस स्थल से एक उस्तरे पर कपास का वस्त्र लिपटा हुआ मिला है ।
3. (b) ‘गोत्र’ शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है जबकि गोत्र प्रथा का उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है।
4. (c) भारत में आस्तिक तथा नास्तिक सम्प्रदायों में वेदों की प्रामाणिकता में आस्था के आधार पर विभेद किया जाता है। भारतीय दर्शन की प्रमुख धाराएँ हैं-आस्तिकवादी (ईश्वरवादी) तथा नास्तिकवादी (अनीश्वरवादी)। इन्हें वैदिक तथा अवैदिक शाखाएँ भी कहा जाता है। वेदों में नास्तिक शब्द का प्रयोग वेदों के विरोधियों के लिए किया गया है। समग्र रूप में, आस्तिक व नास्तिक दर्शनों का वर्गीकरण करते हुए कहा जा सकता है कि वेदों को प्रामाणिक न मानने वाले चार्वाक, जैन तथा बौद्ध दर्शन नास्तिक तथा न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदान्त आस्तिक दर्शन हैं।
5. (a) प्रमुख भारतीय दर्शन और उसके प्रवर्तक – (A) सांख्य दर्शन- कंपिल, (B) न्याय दर्शन-गौतम, (C) वैशेषिक दर्शन-कणाद्, (D) योग दर्शन-पतंजलि, (E) पूर्वी मीमांसा दर्शन- जैमिनी, (F) उत्तर मीमांसा दर्शन- बादरायण, (G) लोकाव्रत दर्शनचार्वाक |
6. (b) दक्षिण भारत से प्राप्त नवपाषाण युगीन वृहत्पाषाण स्मारकों (मेगाबिथ) की पहचान मृतक को दफनाने के स्थान के रूप में की गई है।
7. (b) कदम्ब राज्य वंश की स्थापना मयूरशर्मन ने की। कहा जाता है कि वह पढ़ने के लिए कांची आया था तथा बाद में पल्लवों के साथ उसका संघर्ष हुआ। इसकी राजधानी बनवासी थी। मयूरशर्मन ने 18 अश्वमेघ यज्ञं किए और ब्राह्मणों को असंख्य गांव दान में दिए। कदम्ब राज्य को पुलकेशिन द्वितीय (चालुक्य) ने बाद में अपने राज्य में मिला लिया।
8. (c) मत एवं उनके प्रवर्तक • रामानुजाचार्य – विशिष्टाद्वैतवाद, मध्वाचार्य द्वैतवाद, विष्णुस्वामी शुद्ध – अद्वैतवाद, निम्बार्काचार्य द्वैताद्वैतवाद – (सनक संप्रदाय), वल्लभाचार्य शुद्धाद्वैतवाद, पुष्टिमार्ग, श्रीकंठ – शैव विशिष्टाद्वैतवाद, भास्कराचार्य भेदाभेदभाव, शंकराचार्य अद्वैतवाद, तुकाराम वरकरी संप्रदाय, रामदास धरकरी संप्रदाय ।
9. (d) पाल वंश के शासक धर्मपाल ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। . ज्ञातव्य है कि पाल वंश की स्थापना 750 ई. में गोपाल द्वारा की गयी। गोपाल का उत्तराधिकारी धर्मपाल हुआ (770-810 ई.)। वह इस वंश का सबसे महान राजा था। उसने अपना राज्य कन्नौज तक विस्तृत किया और प्रतिहारों तथा राष्ट्रकूटों के साथ त्रिकोणात्मक संघर्ष में अपने राज्य को सुरक्षित रखा। पालवंशी राजा बौद्ध थे और इनके राज्यकाल में बौद्ध शिक्षा केन्द्रों । पर की बड़ी उन्नति हुई।
10. (a) राष्ट्रकूट साम्राज्य का संस्थापक दंतिदुर्ग | था, जिसने चालुक्य राजा कीर्तिमान को पराजित कर दक्कन का अधिकांश भाग उससे छीन लिया। तत्पश्चात् उसका चाचा कृष्ण-I उत्तराधिकारी बना जिसने बादामी के चालुक्यों की शक्ति पर अंतिम प्रहार किया। कृष्ण-I के पुत्र गोविन्द II को उसके भाई ध्रुव ने गद्दी से हटाकर स्वयं शासन किया । ध्रुव प्रथम राष्ट्रकूट शासक था जिसने उत्तरी भारत में आधिपत्य के लिए चलाये जा रहे त्रिसत्तात्मक संघर्ष में हस्तक्षेप किया तथा प्रतिहार राजा वत्सराज तथा पाल राजा धर्मपाल को पराजित किया। एलोरा की पहाड़ियों कैलाश मन्दिर का निर्माण कृष्ण-I ने तथा दशावतार मंदिर का निर्माण दंतिदुर्ग ने करवाया था। राष्ट्रकूटों की राजभाषा कन्नड़ थी।
11. (d) लक्ष्मण संवत का प्रारम्भ सेन वंश द्वारा किया गया था। ज्ञातव्य है कि सामंत सेन ने राढ़ में सेनवंश की स्थापना की । बल्लाल सेन का उत्तराधिकारी लक्ष्मण सेन ने गहड़वाल शासक जयचंद के खिलाफ सैन्य अभियान में सफलता प्राप्त की। 1202 ई. में बख्तियार खलजी ने लक्ष्मणसेन की राजधानी लखनौती पर आक्रमण किया था। लक्ष्मणसेन के राजदरबार में गीत गोविन्द के लेखक जयदेव तथा हलायुध एवं पवनदूतम के लेखक धोई रहते थे।
12. (d) आगरा नगर की स्थापना 1504 ई. में लोदी वंश के शासक सिकन्दर लोदी ने करवाई थी तथा उसके बाद 1506 में अपनी राजधानी को आगरा स्थानांतरित कर दिया था। ज्ञातव्य है कि सिकन्दर लोदी गुलरुखी नाम से कविताएं लिखता था।
13. (c) ‘तूती – ए – हिन्द’ अमीर खुसरो का जन्म 1253 ई. में पटियाली में (पश्चिमी उत्तर प्रदेश एटा में) हुआ था। उनकी महत्वपूर्ण रचनाएं हैं- खजायनुल फुतूह, नूहसिपेहर, आशिका, किरान-उस-सादेन तुगलकनामा आदि। ज्ञातव्य है कि अमीर खुसरो निजामुद्दीन औलिया का शिष्य था।
14. (c) मुगल सम्राट जहांगीर (1605-1627) ने तम्बाकू के प्रयोग पर निषेध लगाया था। ज्ञातव्य है कि उसने अपने शासन काल में न्याय की जंजीर के नाम से सोने की जंजीर आगरा दुर्ग के शाहबुर्ज तथा यमुना के तट पर एक पत्थर खम्भे के बीच लगवायी थी। उसके शासन काल में हिजड़ा व्यापार पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।
15. (c) शिवाजी ने मुगलों को सलहार के युद्ध में 1659 में पराजित किया था। ज्ञातव्य है कि शिवाजी का जन्म 20 अप्रैल, 1627 को शिवनेर के दुर्ग में हुआ। वे शाहजी भोंसले की प्रथम पत्नी जीजाबाई के पुत्र थे। शिवाजी ने रायगढ़ में 1656 ई. में अपनी राजधानी बनायी तथा 1674 में यहीं राज्याभिषेक किया और छत्रपति की उपाधि धारण की। इस अवसर पर उन्होंने नया संवत चलाया। पण्डित विश्वेश्वर उर्फ गंगाभट्ट ने शिवाजी का राज्याभिषेक कराया था। 1680 ई. में 53 वर्ष की अवस्था में शिवाजी की मृत्यु हो गयी।
16. (a) बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना के बीच 23 जून, 1757 ई. को मुर्शिदाबाद से दक्षिण में भागीरथी नदी के किनारे प्लासी के मैदान में युद्ध हुआ। यह युद्ध दोनों सेनाओं के बीच प्रतीकात्मक ही साबित हुआ, क्योंकि साजिश के चलते नवाब की ओर से मीरजाफर व रायदुर्लभ अपनी सेनाओं के साथ निष्क्रिय रहे । सिराजुद्दौला की ओर से केवल मोहनलाल व मीरमर्दान के अधीनता वाली एक छोटी सेना ने, जिसे एक फ्रांसीसी अफसर से सहायता मिल रही थी, युद्ध में भाग लिया। इस प्रकार अंग्रेजी सेना बिना कोई विशेष लड़ाई लड़े जीत गयी। इस विजय को भारत में ब्रिटिश राजनीतिक सत्ता का आरंभ माना जाता है। सिराजुद्दौला अपनी पत्नी लुत्फुन्निसा के साथ भागकर मुर्शिदाबाद पहुंचा, जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने उसकी हत्या करा दी।
17. (d) राजाराममोहन राय ऐसे प्रथम शिक्षित व्यक्ति थे, जिन्होंने सामाजिक कुरीतियों के विरोध में आवाज उठायी। इन्हें आधुनिक भारत का जन्मदाता तथा पुनर्जागरण आन्दोलन का अग्रणी दूत कहा जाता है। इन्होंने जाति प्रथा, सती प्रथा, मूर्ति पूजा आदि का विरोध किया। 1816 ई. में कलकत्ता में पाश्चात्य शिक्षा के लिए उन्होंने हिन्दू कॉलेज की स्थापना की। उन्होंने उपनिषदों का अंग्रेजी में रूपान्तरण किया। वे भारत में पत्रकारिता के जन्मदाता कहे जाते हैं । 1828 ई. में इन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की। इसका उद्देश्य शाश्वत सर्वाधार अपरिवर्त्य ईश्वर की पूजा थी जो सारे विश्व का कर्ता और रक्षक है। 1833 ई. में . ब्रिस्टल (इंग्लैण्ड) में इनकी मृत्यु हो गयी।
18. (d) भारत के विश्वविद्यालयों में धार्मिक शिक्षा हेतु मदन मोहन मालवीय प्रबल रूप से वकालत की । मालवीय जी ने 1916 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
19. (b) बंगाल के गवर्नर लॉर्ड कार्नवालिस (1786-93 एवं 1805) के समय, 1789 ई. में सर जॉन शोर ने भूराजस्व का अध्ययन करके नई भू-पद्धति की रूपरेखा सामने रखी, जो 22 मार्च, 1793 को स्थायी बन्दोबस्त के रूप में स्थापित हुई। 1 मई, 1793 वह कार्नवालिस कोड का पहला नियम बना। इसके अन्तर्गत निम्नलिखित प्रावधान थे – ( 1 ) जमींदारों को अपने क्षेत्र की जमीनों का स्वामित्व दे दिया गया, (2) जमींदारों से लिया जाने वाला भूमि कर स्थायी रूप से निर्धारित कर दिया गया, (3) भूमि कर का 10/11 या 9/10 भाग कम्पनी को दिया जाता था, (4) यदि किसी कारण किसी वर्ष जमींदार उक्त कर नहीं दे पाता था, तो उसकी जमींदारी समाप्त कर दी जाती थी। स्थायी बन्दोबस्त में जमींदार प्रायः 10 वर्ष के पट्टे पर दे दी गयी । स्थायी बन्दोबस्त की व्यवस्था सर्वप्रथम बंगाल, बिहार और उड़ीसा में लागू की गयी। कालान्तर में यह पद्धति उत्तरी मद्रास प्रेसीडेन्सी में भी लागू की गई । लॉर्ड कर्जन (1899-1905 तक) के समय से ही बंगाल विभाजन लागू हुआ था, लॉर्ड रिपन (1880-84 तक) के समय में प्रथम कारखाना नियम (1881) बना तथा प्रथम नियमित जनगणना (1881 ) सम्पन्न हुई तथा लॉर्ड वेलेजली (1798-1805 तक) स्वयं को बंगाल का शेर कहता था, उसने सहायक संधि की पद्धति शुरू की।
20. (c) लॉर्ड कर्जन 1899 से 1905 ई. तक वायसराय रहा उसकी गिनती सर्वाधिक अलोकप्रिय वायसराय में होती है। उसके महत्वपूर्ण कार्य निम्न हैं- 1902 में एक ‘विश्वविद्यालय आयोग’ की स्थापना तथा 1904 में ‘भारतीय विश्वविद्यालय कानून’ तथा एक दुर्भिक्ष आयोग का गठन, 1901 में सर कोलिन स्कॉट मॉनक्रीफ के नेतृत्व में एक ‘सिंचाई विभाग’ का गठन, , झेलम नहर का कार्य संपन्न, कृषि विभाग का गठन, भारत को स्वर्ण मानक के अंदर शामिल कर लिया गया, 1899 के कलकत्ता नगर निगम कानून द्वारा निगम में निर्वाचित सदस्यों की संख्या में कटौती, प्राचीन स्मारक कानून पारित (1904), बंगाल का विभाजन (1905) तथा एक नये उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रदेश का गठन आदि ।
21. (b) आनन्दमठ पुस्तक की रचना बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान की थी। इस पुस्तक में ही राष्ट्रगीत वन्देमातरम् का उल्लेख है। ज्ञातव्य है कि दुर्गेशनन्दिनी तथा बंग दर्शन की रचना बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने ही की थी।
22. (b) भारत में मलिन बस्तियों की जनसंख्या का सर्वाधिकार संकेन्द्रण महाराष्ट्र में है। ज्ञातव्य है कि अनियंत्रित शहरीकरण के फलस्वरूप भारत के अधिकांश नगरों में अधिवासीय मकानों की कमी हो गयी है, जो अंततः मलिन गंदली बस्तियों के विस्तार में सहायक है। सन् 2001 ई. की जनगणना के अनुसार भारत के कुल शहरी जनसंख्या का लगभग 1/4 भाग मलिन बस्तियों में रहता है। महाराष्ट्र में कुल 1064 मिलियन जनसंख्या ऐसे बस्तियों में अधिवासित है। मुंबई का धारावी क्षेत्र मलिन बस्तियों के रूप में पूरे एशिया में प्रथम स्थान पर है। वर्तमान में शहरी जनसंख्या में वार्षिक वृद्धि दर करीब 8% है। यदि मलिन बस्तियों में जनसंख्या वृद्धि की यही दर कायम रही तो सन् 2031 ई. तक 75 से 80% जनसंख्या मलिन बस्ती में होगी, जो भारत जैसे विकासशील देश के लिए एक गंभीर चुनौती होगी।
23. (c) भारत का प्रादेशिक जल क्षेत्र विस्तार भारत के समुद्री तट से 12 नॉटिकल मील की दूरी तक स्थित है।
24. (b) प्लेट टेक्टॉनिक क्रिया के कारण भारतीय उप-महाद्वीप का उत्तर-पश्चिम प्रदेश भूकंप ग्रहणशील है।
25. (c) चूलिया जलप्रपात चम्बल नदी, जोग या गरसोप्पा या महात्मा गाँधी जल प्रपात – शरावती नदी पर; शिव समुद्रम जल प्रपात कावेरी नदी; दुग्धधारा जलप्रपात; कपिलधारा जल प्रपात; धुआंधार जलप्रपात नर्मदा नदी पर अवस्थित है।
26. (a) मेघ बकरियों का सर्वाधिक सान्द्रण इरावीकुलम राष्ट्रीय पार्क में है। थोड़ी बहुत संख्या में यह पेरियार राष्ट्रीय पार्क में भी पाया जाता है।
27. (b) राजस्थान राज्य के मरुस्थल में पाये जाने वाले ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को भारत सरकार ने अत्यधिक संकटापन्न पक्षी घोषित किया है।
28. (b) चिनार वन्य जीव विहार केरल में स्थित है तथा अन्य उद्यान हैं- परम्बिकुलम वन्य जीवन अभयारण्य पालघाट (केरल), पेरियार वन्य जीवन इडुकी (केरल), मदुमल्लाई वन्य जीवन अभयारण्य – नीलगिरी (तमिलनाडु), मामदाफ वन्य जीवन अभयारण्य तिरप (अरुणाचल प्रदेश), अभयारण्य दाचीगाम वन्य जीव अभयारण्य – श्रीनगर (जम्मू एवं कश्मीर), रास द्वीप राष्ट्रीय उद्यान रास द्वीप ( अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह ) ।
29. (d) भारत थोरियम में आत्मनिर्भर है। थोरियम मोनाजाइट से प्राप्त किया जाता है। भारत में मोनाजाइट का विश्व में सबसे बड़ा संचित भण्डार है। मोनाजाइट मुख्य रूप से केरल के बालू में पाया जाता है। इसमें थोरियम का अंश 8 से 10% तक है। इसके अलावा थोरियम झारखण्ड ( हजारीबाग), राजस्थान (उदयपुर), • तमिलनाडु (नीलगिरी) में भी पाया जाता है।
30. (a) राउरकेला इस्पात संयंत्र को लौह अयस्क क्योंझर, बोनाई से प्राप्त होता है, कोयला झरिया बोकारो, तालचेर से प्राप्त होता है, मैंगनीज क्योंझर से प्राप्त होता है व जल तथा विद्युत ब्राह्मणी तथा शंख नदी से प्राप्त होता है। ज्ञातव्य है कि द्वितीय पंचवर्षीय योजना में 3 कारखानों भिलाई (सोवियत रूस के सहयोग से), दुर्गापुर (ब्रिटेन के सहयोग से) एवं राउरकेला (प. जर्मनी के सहयोग से) की स्थापना की गई थी।
31. (b) (A) ऑस्ट्रेलिया – विली-विली, (B) चीन – टाइफून, (C) भारत – चक्रवात, (D) संयुक्त राज्य अमेरिका हरीकेन ।
32. (c) 38° उत्तरी अक्षांश, उत्तर कोरिया तथा दक्षिण कोरिया की अंतर्राष्ट्रीय सीमा है तथा अन्य प्रमुख सीमा रेखायें निम्न हैं- मैकमोहन रेखायह चीन तथा भारत के बीच सर हेनरी मैकमोहन द्वारा अंकित की गयी थी; मैंगीनॉट रेखा- फ्रांस तथा जर्मनी के बीच, डूरंड लाइन- भारत तथा अफगानिस्तान के बीच सर मॉर्टीमर डूरंड द्वारा 1896 में स्थापित; हिडेनवर्ग रेखा – जर्मनी तथा पोलैंड के बीच, ओडर नीस रेखा- जर्मनी तथा पालैंड के बीच; रेडक्लिफ रेखा- भारत तथा पाकिस्तान के बीच सर कायरिल रेडक्लिफ द्वारा तय की गयी; 17वीं समानांतर रेखा- उत्तरी वियतनाम तथा दक्षिण वियतनाम के बीच; 20वीं समानांतर रेखापाकिस्तान तथा भारत के बीच (भारत द्वारा मान्य नहीं); 49वीं समानांतर रेखा- अमेरिका तथा कनाडा के बीच।
33. (b) फारस की खाड़ी एवं ओमान की खाड़ी के बीच (ओमान ईरान) हारमुज जल सन्धि; मारमारा सागर और काला सागर के बीच (तुर्की) – बाँस फेरस जलसन्धि; मारामारा सागर एवं एशियन सागर के बीच (तुर्की) – डार्डेनलीज जलसन्धि; अरब सागर एवं लाल बाब – अल-मंडेब सागर के बीच ( यमन जिबुंटी) जलसन्धि; भूमध्य सागर एवं अटलांटिक महासागर के बीच (स्पेन, मोरक्को) जिब्राल्टर जलसन्धि ।
34. (a) (1) ब्राजील जलधारा (2) दक्षिण विषुवतीय जलधारा, ये दोनों धाराएं दक्षिण अटलांटिक महासागर की जलधाराएं हैं तथा गर्म जलधाराएं हैं। (1) फाकलैंड जलधारा, (2) बेंगुएला जलधारा ये दोनों धाराएं ठण्डी जलधारा हैं (दक्षिण अटलांटिक महासागर में)। (1) लेब्रोडोर जलधारा, (2) ग्रीनलैण्ड जलधारा, (3) केनारी जलधारा – ये तीनों धाराएं उत्तरी अटलांटिक महासागर की जलधाराएं हैं तथा ठण्डी जलधाराएं हैं। (1) उत्तर विषुवतीय जलधारा, (2) फ्लोरिडा जलधारा, (3) गल्फ जलधारा आदि जलधाराएं उत्तरी अटलांटिक महासागर की गर्म जलधाराएं हैं।
35. (c) वायुमण्डल में वायु की अनेक संकेन्द्रीय परत हैं, जो घनत्व एवं तापमान की दृष्टि से एक-दूसरे से बिल्कुल भिन्न हैं। तापमान में उर्ध्वाधर वितरण के आधार पर वायुमण्डल को निम्नलिखित परतों में विभाजित किया जाता है – क्षोभमण्डल- यह वायुमंडल की सबसे निचली एवं सघनतम परत है, जिसमें वायु के सम्पूर्ण भार का 75% पाया जाता है। समताप मण्डल- क्षोभ मण्डल के ऊपर समताप मण्डल स्थित है। इसकी ऊँचाई धरातल से 50 किमी. तक है। मध्यमण्डल- मध्यमण्डल समताप मण्डल के ऊपर स्थित है एवं 50 से 80 किमी. की ऊँचाई के बीच फैला हुआ है। आयन मण्डल- इसे ताप मण्डल भी कहा जाता है। इस मण्डल का फैलाव 80 किमी. से लेकर 400 किमी. की ऊँचाई तक है। बाह्य मण्डल – यह वायुमण्डल की सबसे ऊ परत है। इस परत की वायु काफी विरल होती है एवं धीरे-धीरे बाह्य अंतरिक्ष में विलीन हो जाती है। नोट- क्षोभ मण्डल तथा समताप मण्डल के बीच स्थित संक्रमण स्तर को क्षोभ सीमा कहा जाता है।
36. (c) समताप मण्डल क्षोभ मण्डल के ऊपर स्थित है। इसकी ऊँचाई धरातल से 50 किमी. तक है। इस मण्डल के नीचे भाग में अर्थात् 20 किमी. की ऊँचाई तक तापमान लगभग स्थिर रहता है परन्तु ऊपरी भाग 50 किमी. की ऊँचाई तक तापमान क्रमश: बढ़ता है। इसका कारण यह है कि यहां सूर्य की पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करने वाली ओजोन गैस मौजूद होती है। 20 किमी. से 35 किमी. की ऊँचाई तक ओजोन परत की सघनता अधिक है, अतः इसे ओजोन मण्डल भी कहा जाता है। क्लोरो-फ्लोरो कार्बन (CFC), हैलोजन जैसी हैलोजनेटेड गैसों के कारण इस मण्डल को काफी नुकसान हुआ है। इस मण्डल में वायु की गति क्षैतिज होती है।
37. (d) रबड़ उष्ण एवं आर्द्र कटिबंध का पौधा है। विश्व में प्राकृतिक रबड़ का सबसे बड़ा उत्पादक थाइलैण्ड है। तत्पश्चात् इण्डोनेशिया, मलेशिया एवं भारत का स्थान आता है। नोट- (1) थाइलैण्ड का दक्षिण प्रायद्वीपीय प्रदेश, रबड़ का प्रमुख उत्पादक है (यह देश कुल रबड़ उत्पादन का 34% पैदा करता है)। (2) इण्डोनेशिया के जावा एवं बोर्निया द्वीप में भी रबड़ की कृषि की जाती है, परन्तु देश का अधिकांश रबड़ सुमात्रा प्राप्त होता है। (यहां कुल रबड़ उत्पादन का 22.2% पैदा होता है।) (3) मलेशिया के निम्न तटीय मैदान एवं आन्तरिक पठार पर रबड़ की कृषि की जाती है। (कुल रबड़ उत्पादन का 12% यहां पैदा होता है। )
38. (a) विभिन्न प्रकार के कुल वस्त्रों के उत्पादन में सूती वस्त्र का योगदान 70% है, इसके स्थानीयकरण में बाजार की सुविधा महत्वपूर्ण है। वर्तमान समय में चीन सूती वस्त्र के उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान रखता है। प्रमुख केन्द्र – शंघाई, हैंकाऊ, नानकिंग, कैंटन, हार्बिन, तिएनशीन, होनानफू, सिंगातियाओ, शिनान तथा कैप्टन आदि। शंघाई को चीन का मैनचेस्टर कहा जाता है। भारत सूती वस्त्र उत्पादन में दूसरे स्थान पर है।
39. (a) यूरोप के भूमध्य सागरीय क्षेत्र में व्यापारिक अंगूर की खेती विशिष्ट है। यहां का 85% अंगूर शराब बनाने के काम आता है। ध्यातव्य है कि भूमध्यसागरीय कृषि प्रदेश को ‘विश्व की उद्यानभूमि’ कहा गया है।
40. (c) बुशमैन जनजाति दक्षिणी अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल में रहती है। बुशमैन लोगों का भोजन आखेट के जन्तुओं और पक्षियों से, मछलियों से तथा जंगली वनस्पति के कंदमूल, गांठों, फलों तथा शहद से प्राप्त होता है। मसाई जनजाति पशुपालन के रूप में पूर्वी अफ्रीका के कीनिया, उत्तरी तंजानिया तथा पूर्वी यूगांडा के पठारी प्रदेशों में रहते हैं। इनका निवास स्थान विक्टोरिया झील से पूर्व की ओर है। इनके भोजन में मांस का प्रमुख स्थान होता है। यह मांस भेड़ों और बकरियों से प्राप्त होता है। इस मांस के अलावा गायों का दूध पीते हैं। पिग्मी जनजाति का निवास विषुवत रेखा के दोनों ओर 3° उत्तरी अक्षांश से 3° दक्षिणी अक्षांश के मध्य विभिन्न क्षेत्रों के मध्य बिखरे हुए हैं। अफ्रीका में कांगो नदी, अरुवीमा नदी, इतुरी नदी, ओग नदी, कसाई नदी के बेसिनों में कुछ उच्च भूमियों पर पिग्मी का निवास क्षेत्र है। बद्दू जनजाति अरब में निवास करती है। यह घुमक्कड़ जनजाति है। नोट-पिग्मी जनजाति-जायरे (कांगो) बेसिन, बुशमैन-कालाहारी मरुस्थल, माओरी-न्यूजीलैण्ड, बुहू – अरब, आइन्- जापान में पाये जाते हैं।
41. (a) यह प्रश्न राजधानी से संबंधित है। चीन की राजधानी बीजिंग है, कनाडा की राजधानी ओटावा है, ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा है, रूस की राजधानी मास्को है, संयुक्त राज्य अमेरिका की राजधानी वांशिंगटन सी है, ग्रेट ब्रिटेन की राजधानी – लंदन है तथा फ्रांस की राजधानी – पेरिस है ।
42. (d) उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप में कोई स्थल-रुद्ध राज्य नहीं है। यह महाद्वीप संपूर्ण स्थल खंड के लगभग 16% भू-भाग पर फैला हुआ है एवं विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है। उत्तरी अमेरिका की सीमा पर 3 महासागर हैं- उत्तर में आर्कटिक महासागर, पश्चिम में प्रशांत महासागर और पूर्व में अटलांटिक महासागर । दक्षिण में मैक्सिको की खाड़ी और कैरीबियन सागर अटलांटिक महासागर के ही अंग हैं। पनामा स्थल संधि द्वारा यह दक्षिणी अमेरिकी महाद्वीप से मिला हुआ है। एशिया से यह बेरिंग जलसंधि द्वारा अलग होता है। पनामा स्थल संधि उत्तर अमेरिका को दक्षिण अमेरिका से जोड़ती है, जबकि बेरिंग जल संधि इसे एशिया महाद्वीप से अलग करती है।
43. (c) तुर्की का 98% भाग एशिया महाद्वीप में एवं 2% भाग यूरोप महाद्वीप में पड़ता है। एशिया एवं यूरोप महाद्वीप के मध्य तुर्की एशिया का प्रवेश द्वार कहलाता है। तुर्की का इस्तांबुल नगर एशिया एवं यूरोप दोनों ही महाद्वीपों में स्थित है। तुर्की शिखर एक शांत ज्वालामुखी क्षेत्र है। यह शिखर सदैव बर्फ से ढंका रहता है एवं यहीं से दजला एवं फरात नदियां निकलती हैं। अरारात
44. (b) मिस्र को नील नदी का उपहार कहा जाता है क्योंकि नील नदी पर बाँध बनाकर (आस्वान बाँध) मिस्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। ज्ञातव्य है कि नील नदी का उद्गम स्थल बरुण्डी है तथा यह भूमध्य सागर में मिलती है। इसकी लम्बाई 6650 किमी. है।
45. (a) 23 अप्रैल, 2002 ई. को योजना आयोग ने स्वास्थ्य, शिक्षा और आय के आधार पर पहली मानव विकास रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के 10 वर्षों (1991-2001) तक में देश के समग्र मानव विकास सूचकांक में बेहतर सुधार हुआ है। मानव विकास रिपोर्ट में प्रथम स्थान केरल राज्य का है, द्वितीय स्थान पंजाब राज्य का, तृतीय स्थान तमिलनाडु राज्य का, चतुर्थ स्थान महाराष्ट्र का एवं पांचवां स्थान हरियाणा राज्य का है।
46. (c) विश्व बैंक की रिपोर्ट 2005 के जी.डी. पी. के निरपेक्ष मूल्य के आधार पर विश्व की 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं- (1) संयुक्त राज्य अमेरिका, (2) जापान, (3) जर्मनी, (4) यूनाइटेड किंगडम, (5) फ्रांस, (6) इटली, (7) चीन, (8) स्पेन, (9) कनाडा, (10) भारत। नोट-विगत कुछ वर्षों से क्रय शक्ति क्षमता के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनी हुई है, अब निरपेक्ष रूप से भी यह विश्व की 10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।
47. (b) प्रश्नकाल में पी.पी.पी. रेटिंग के आधार पर विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था का स्थान चौथा था।
विश्व बैंक के ताजा आकलन के अनुसार वर्तमान में पी.पी.पी. रेटिंग के आधार पर भारत का स्थान अमेरिका तथा चीन के बाद तीसरा है।
48. (d) एक्जिम बैंक अर्थात् भारतीय निर्यात-आयात बैंक की स्थापना 1 जनवरी, 1982 ई. को की गयी थी। एक्जिम बैंक का उद्देश्य निर्यातकों एवं आयातकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय कृषि तथा ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना 12 जुलाई, 1982 ई. को की गयी थी।
49. (b) भारत में इरडा बीमा व्यवसाय को नियमित करता है। ज्ञातव्य है कि बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) मल्होत्रा समिति की सिफारिश पर 19 अप्रैल, 2000 को गठित किया गया था। देश में बीमा क्षेत्र के नियमन के लिए गठित यह प्राधिकरण संसद के प्रति पूर्ण उत्तरदायी होती है।
50. (a) क्षय रोग एक संक्रामक रोग है जो माइकोबैक्टिरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु से होता है। इस रोग को यक्ष्मा या काक रोग भी कहते हैं। 1882 में जर्मन वैज्ञानिक राबर्टकोच ने टी.बी. जीवाणु की खोज की। ये जीवाणु मुंह से थूकते समय या चूमने से प्रसारित होते हैं। इसमें रोगी को हल्का ज्वर तथा खांसी आती है। बलगम काफी बढ़ जाता है। थकान एवं कमजोरी का अनुभव होता है। बलगम के साथ खून आने लगता है। भूख लगनी बन्द हो जाती है। यदि अब भी चिकित्सा न की जाय, तो धीरे-धीरे कमजोर होकर रोगी की मृत्यु हो जाती है। यही जीवाणु जब लिम्फैटिक ग्रंथियों में घुसते हैं तो ग्रंथियों की क्षय तथा कण्ठमाला उत्पन्न कर देते हैं। आंतों में आन्त्र क्षय, मस्तिष्क में क्षय तथा अस्थियों में अस्थि क्षय उत्पन्न कर देते हैं।
51. (a) ‘ड्रैगन फ्लाई’ एक मशीन का नाम है, जो पेयजल लिए वायु से आर्द्रता को खींचकर निकालती है।
52. (a) पश्चिमी हिमालय में वर्षा की न्यूनता का स्पष्ट प्रभाव देखने को मिलता है। ऊँचाई के अनुसार वनस्पति के प्रकार में भी अंतर पड़ता जाता है।
53. (c) सूर्य एक तारा है, जो पृथ्वी से लगभग 15 करोड़ किमी. दूर स्थित है। इसके प्रकाश को पृथ्वी तक आने में लगभग 8 मिनट का समय लगता है। इसकी सतह का तापमान 6000°C है। सूर्य का बाहरी भाग क्रोमोस्फीयर कहलाता है। केन्द्रीय भाग को फोटोस्फीयर कहा जाता है एवं इसका तापमान 15,000°C है। सूर्य को अपने केन्द्र की परिक्रमा करने में 250 मिलियन वर्ष लगते हैं। इस अवधि को एक कॉस्मिक वर्ष कहा जाता है। सूर्य पृथ्वी से 109 गुना बड़ा है एवं इसका वजन 2 x 1027 टन है। सूर्य का निर्माण मुख्यत: हाइड्रोजन से हुआ है। इसके कोरोना का तापमान लगभग 2,700,000°C है, जबकि इसके कोर का तापमान लगभग 15 मिलियन कैल्विन है। सूर्य के कोरोना में स्थित काली रेखाओं को ‘फ्रानहॉफर’ रेखाएं कहा जाता है। सूर्य से उत्सर्जित होने वाले हाइड्रोजन को ‘प्रोमिनेन्सेस’ कहा जाता है। कोरोना से बाहर की ओर प्रवाहित होने वाली प्रोटान की धाराओं को सौर पवन कहा जाता है, जिसका निर्माण प्लाज्मा से हुआ है। पृथ्वी का चुंबकीय मंडल (वॉन एलेन पट्टी) इन सौर पवनों को विचलित कर देता है एवं इस प्रकार यह एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है। सूर्य पर स्थित काले धब्बों को सौर धब्बा कहा जाता है अपेक्षाकृत ठंडा होने के कारण इन धब्बों का रंग काला है।
54. (c) अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में आकाश का रंग काला दिखाई पड़ता है, क्योंकि वायुमंडल अनुपस्थित होता है जिससे प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है। ज्ञातव्य है कि पृथ्वी से आकाश का रंग सूर्य के प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण ही नीला | दिखाई देता है।
55. (d) आयन मंडल (lonosphere) को तापमंडल भी कहा जाता है। इस मंडल का फैलाव 80 किमी. से लेकर 400 किमी. की ऊँचाई तक है। इस मंडल में तापमान तेजी से बढ़ता है। पृथ्वी से प्रेषित रेडियो तरंगें इसी मंडल से परावर्तित होकर पुनः पृथ्वी पर वापस लौट आती है। इस मंडल की हवा विद्युत आवेशित होती हैं, अतः इस मंडल में वायु के कण विद्युत विसर्जन के कारण चमकने लगते हैं। यह प्रकाश मुख्य रूप से पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवों पर ही पाया जाता है तथा पृथ्वी के चुम्बकत्व से इसका घनिष्ठ संबंध है।
56. (d) के.सी. ह्वीयर के अनुसार, “भारतीय संविधान अति कठोरता तथा अति लचीलापन के बीच अच्छा संतुलन स्थापित करता है। ” सर आइवर जेनिंग्स के अनुसार, “ भारतीय संविधान की कठोरता का कारण यह है कि इसमें परिवर्तन की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होने के साथ-साथ यह विस्तृत है और इसके अंतर्गत कानून का क्षेत्र इतना विशाल है कि संवैधानिक वैधता का प्रश्न उठता है।” डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने कहा था कि “मैं अनुभव करता हूं कि यह संविधान व्यावहारिक है, लचीला है और इसमें शान्तिकाल व युद्धकाल में देश की एकता बनाये रखने की सामर्थ्य है।” एलेक्जेण्डरोविच के अनुसार, “भारतीय संविधान में संशोधन की सुन्दर प्रक्रिया है क्योंकि इसमें लचीलेपन व जटिलता की अति से बचा गया है। ” पं. जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि यद्यपि हम् संविधान को स्थाई एवं ठोस बनाना चाहते हैं फिर भी संविधान में कोई स्थायित्व नहीं है। इसे कुछ सीमा तक परिवर्तनशील होना ही चाहिए।
57. (c) भारतीय संविधान को बनाने हेतु भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर, 1946 को हुई थी तथा उसकी अन्तिम बैठक 24 जनवरी, 1950 को हुई थी। उसके कुल 12 अधिवेशन हुए, जिनमें 167 दिन लगे। इनमें से 114 दिन प्रारूप संविधान के विचार में लगे । संविधान सभा के अधिवेशन-पहला अधिवेशन – उद्देश्य प्रस्ताव, दूसरा अधिवेशन – समितियों का निर्वाचन, तीसरा अधिवेशन – समितियों के प्रतिवेदन, चौथा अधिवेशन- राष्ट्रीय ध्वज की स्वीकृति, पांचवां अधिवेशन- प्रभुत्व शक्ति का दायित्व ग्रहण, छठा अधिवेशन – प्रारूप समिति का प्रारूप संविधान, सातवां अधिवेशन- प्रथम वाचन, नआठवां अधिवेशन- राष्ट्रमण्डल की सदस्यता, नवां अधिवेशन- प्रिवी कौंसिल का क्षेत्राधिकार समाप्त, संविधान का हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद, दसवां अधिवेशन – दूसरा वाचन, ग्यारहवां अधिवेशन – तीसरा वाचन, बारहवां अधिवेशन – राष्ट्रगीत की घोषणा और राष्ट्रपति का चुनाव।
58. (b) भारतीय (मूल) संविधान में धर्मनिरपेक्ष राज्य का वर्णन नहीं था, किन्तु 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष (पंथनिरपेक्ष) शब्द जोड़ा गया। मौलिक अधिकार भारतीय संविधान भाग-3 में अनुच्छेद 12 से 35 तक वर्णित है, राज्य के नीति-निदेशक तत्व भारतीय संविधान के भाग-4 में अनुच्छेद 36 से 51 तक में वर्णित हैं तथा संविधान की 9वीं अनुसूची प्रथम संशोधन अधिनियम 1951 द्वारा जोड़ा गया है।
59. (c) भारत सरकार अधिनियम, 1935भारतीय संविधान का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। संविधान का आकार, उसकी विषय सूची तथा भाषा पर, 1935 के अधिनियम का गहरा प्रभाव है।
ब्रिटिश संविधान – संसदीय शासन प्रणाली, विधि निर्माण प्रक्रिया और इकहरी नागरिकता, विधि का शासन।
संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान – मौलिक अधिकार, संविधान की सर्वोच्चता, स्वतंत्र न्यायपालिका, न्यायिक पुनरावलोकन, राष्ट्रपति पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति ।
फ्रांस – गणतंत्र की स्थापना।
आयरलैण्ड का संविधानराज्य के नीति निदेशक तत्व, राष्ट्रपति के निर्वाचन में निर्वाचक मंडल की व्यवस्था, राज्यसभा में कला, साहित्य, विज्ञान आदि से संबंधित विशिष्ट व्यक्तियों के मनोनयन की प्रणाली।
ऑस्ट्रेलिया का संविधान संविधान की उद्देश्यिका ( प्रस्तावना) की भाषा, समवर्ती सूची, अनुच्छेद 301 व्यापार, वाणिज्य समागम।
कनाडा का संविधान-संघात्मक व्यवस्था, अवशिष्ट शक्तियां, सबल केन्द्रीय प्रणाली ।
जर्मनी का वाइमर संविधान- आपातकाल में राष्ट्रपति की मौलिक अधिकार सम्बन्धित शक्ति।
दक्षिण अफ्रीका का संविधान संविधान संशोधन की पद्धति।
जापान का संविधान – विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया।
पूर्व सोवियत संघ का संविधान – मूल कर्तव्य ।
60. (d) भारतीय संविधान की एक प्रमुख विशेषता भारत में धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना है। भारतीय संदर्भ में धर्मनिरपेक्ष शब्द का सही भाव भारत में राज्य का कोई धर्म नहीं है, व्यक्त करता है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने कहा था कि धर्मनिरपेक्ष राज्य का अभिप्राय यह नहीं है कि लोगों की धार्मिक भावनाओं का ख्याल ही नहीं किया जायेगा। इसका अर्थ सिर्फ यह होगा कि संसद को जनता पर किसी विशेष धर्म को लादने की शक्ति नहीं होगी ।
61. (d) संविधान के अनुच्छेद 70 में कहा गया है कि यदि कभी ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाए जब भारत का राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति अपने कर्तव्यों को सम्पन्न करने में असमर्थ हो तो भारतीय संसद को उनके कार्यों के सम्पादन की व्यवस्था करनी होग़ी। अनुच्छेद 70 के अन्तर्गत संसद ने ‘President’s Discharge of Functions Bill-1969’ पारित किया, जिसके अनुसार राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, दोनों ही पद रिक्त होने पर सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या उसकी अनुपस्थिति में उच्चतम न्यायालय का उपलब्ध वरिष्ठतम न्यायाधीश राष्ट्रपति के कर्तव्यों को सम्पन्न करेगा। सन् 1950 से लेकर वर्ष 2007 तक की अवधि में पहली ( और अब तक अन्तिम बार) 20 जुलाई, 1969 से 24 अगस्त, 1969 तक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों के पद रिक्त होने के कारण तत्कालीन सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद हिदायतुल्ला ने राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन किया था। उस समय राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन की मृत्यु हो गई थी और उपराष्ट्रपति वी. वी. गिरि ने त्यागपत्र (राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने हेतु) दे दिया था।
62. (b) राज्य की कार्यपालिका शक्ति का प्रधान राज्यपाल होता है तथा राज्य की समस्त कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल में निहित होती है और राज्य की समस्त कार्यवाही राज्यपाल के नाम से की जाती है। संविधान के अनुच्छेद 153 के अनुसार सामान्यतः प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होगा परन्तु 1956 (7 वां संशोधन अधिनियम, 1956 की धारा 6 द्वारा जोड़ा गया) में किए गए संशोधन के अनुसार एक ही व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है। राज्यपाल राज्य की विधायिका का अंग होता है। (अनुच्छेद 168); राज्यपाल मृत्युदण्ड को क्षमा नहीं कर सकता (अनुच्छेद 161); राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है (अनुच्छेद 216) तथा आपातकालीन शक्तियां राष्ट्रपति में निहित (राज्यपाल में नहीं) होती हैं (अनुच्छेद 352-360 तक)।
63. (a) संविधान के अनुच्छेद 54 में राष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित उपबन्ध है। अनुच्छेद 75 में प्रधानमंत्री और मंत्री परिषद् की नियुक्ति के बारे में उपबन्ध है; अनुच्छेद 155 में राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति से संबंधित उपबन्ध है तथा अनुच्छेद 164 में राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद के नियुक्ति के बारे में उपबन्ध है। ज्ञातव्य है कि संविधान के अनुच्छेद 168 (1) में उपबन्ध है कि प्रत्येक राज्य के लिए एक विधान मण्डल होगा, जो राज्यपाल और (क) बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश (तथा इसमें जम्मू कश्मीर को भी जोड़ा जा सकता है जिसमें अपने राज्य के संविधान द्वारा द्विसदनीय विधानमण्डल स्वीकार किया है) राज्यों में दो सदनों से; (ख) अन्य राज्यों में एक सदन से मिलकर बनेगा; खण्ड ( 2 ) जहां किसी राज्य के विधान मण्डल के दो सदन हैं, वहां एक का नाम विधान परिषद् और दूसरे का नाम विधान सभा होगा और जहां केवल एक सदन है, वहां उसका नाम विधान सभा होगा।
64. (c) लोक लेखा समिति – वित्तीय समिति; याचिका समिति कार्यकारी समिति; स्टॉक बाजार-स्कैम संयुक्त समिति – तदर्थ समिति; विभागीय समितियां- स्टैन्डिंग समिति। ज्ञातव्य है कि भारतीय संसदीय व्यवस्था में दो प्रकार की संसदीय समितियां हैं- स्थायी समितियां और तदर्थ समितियां स्थायी समितियां वे समितियां हैं, जो प्रत्येक वर्ष या समय-समय पर, जैसी भी स्थिति हो, सदन द्वारा निर्वाचित की जाती हैं या अध्यक्ष / सभापति द्वारा मनोनीत की जाती हैं और जो स्थायी स्वरूप की होती हैं। तदर्थ समितियां वे समितियां हैं, जो सदन द्वारा या अध्यक्ष/सभापति द्वारा किन्हीं विशिष्ट मामलों पर विचार करने और प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए | गठित की जाती हैं और इन मामलों पर अपना कार्य पूरा करते ही समाप्त हो जाती हैं। प्राक्कलन समिति, सरकारी उपक्रमों सम्बन्धी समिति और लोक लेखा समिति वित्तीय समितियां हैं। याचिका समिति और विशेषाधिकार समिति जांच समितियां हैं। सरकारी आश्वासनों सम्बन्धी समिति, अधीनस्थ विधान सम्बन्धी समिति, सभा पटल पर रखे गए पत्रों सम्बन्धी समिति और अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के कल्याण सम्बन्धी समिति छानबीन समितियां हैं। सामान्य प्रयोजन समिति, आवास समिति, ग्रन्थालय समिति और संसद सदस्यों के वेतन तथा भत्तों सम्बन्धी संयुक्त समिति आदि (संसद सदस्यों के लिए सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु) सेवा समितियां हैं। सभा की बैठकों से सदस्यों की अनुपस्थिति सम्बन्धी समिति, कार्य मन्त्रणा समिति, गैर-सरकारी सदस्यों के विधेयकों तथा संकल्पों सम्बन्धी समिति और नियम समिति आदि (सदन के दिन-प्रतिदिन के कार्य से सम्बन्धित) सदन सम्बन्धी समितियां हैं। लोक लेखा समिति को कभी-कभी प्राक्कलन समिति की ‘जुड़वा बहन’ कहा जाता है क्योंकि इन दोनों समितियों के कार्य एक-दूसरे के पूरक हैं। याचिका समिति ‘आम्बुड्समैन’ या ‘सार्वजनिक शिकायत समिति’ का रूप लेने की क्षमता रखती है। विशेषाधिकार समिति आमतौर पर दोनों सदनों में उनके पीठासीन अधिकारियों द्वारा प्रत्येक वर्ष गठित की जाती है। लोकसभा से इसके 15 सदस्य होते हैं और राज्य सभा से 10 सदस्य होते हैं। इस समिति के कृत्य् अर्द्ध-न्यायिक स्वरूप के हैं और इसमें व्यापक शक्तियां निहित हैं।
65. (d) सामान्यतः भारतीय संसद राज्य सूची के विषयों पर विधायन नहीं कर सकती, परन्तु कुछ परिस्थितियों में संसद राज्य सूची के विषयों पर कानून बना सकती है, जैसे कि राज्य सभा प्रस्ताव पारित करे कि ऐसा करना राष्ट्रीय हित में आवश्यक है (अनुच्छेद 249) व राष्ट्रीय आपातकाल हो (अनुच्छेद 252)। ध्यातव्य है कि भारतीय संविधान द्वारा संघ एवं राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन (संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची) किया गया है। संघ सूची पर संघ सरकार को कानून बनाने का अधिकार है, राज्य सूची पर राज्य सरकार को कानून बनाने का अधिकार है तथा समवर्ती सूची पर संघ एवं राज्य सरकार दोनों को कानून बनाने का अधिकार है, परन्तु राज्य सूची पर संघ सरकार उपरोक्त लिखित परिस्थिति में कानून बना सकती है।
66. (b ) भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ वर्षों बाद तक के बेरोजगारी के आंकड़े अधिक स्पष्ट नहीं हैं। इनकी प्राप्ति श्रम-शक्ति सर्वेक्षणों के आंकड़ों से होती है। राजकृष्ण ने अपने एक अध्ययन ‘दि ग्रोथ ऑफ एग्रीमेंट अनएम्प्लॉयमेंट इन इंडिया’ में राष्ट्रीय | नमूना सर्वेक्षण के 1958-59 से 1977-89 तक के पहले 10 दौरों के आंकड़ों और 1961 व 1971 की जनगणना के आंकड़ों की सहायता से भारत में बेरोजगारी की तीन अवधारणाएं ली हैं –
(i) सामान्य स्थिति बेरोजगारी-इसमें दीर्घकाल के लिए लोगों की रोजगार संबंधी स्थिति दर्शायी जाती है।
(ii) साप्ताहिक स्थिति बेरोजगारी-इसमें पिछले सात दिनों में कोई व्यक्ति किसी भी दिन एक घंटा भी काम प्राप्त करने में सफल हो, तो उसे रोजगार में लगा हुआ मान लिया जाता है। इस प्रकार साप्ताहिक स्थिति बेरोजगारी व्यक्ति की पिछले सात दिनों की गतिविधि का विवरण प्रस्तुत करता है।
(iii) दैनिक स्थिति बेरोजगारी- यह किसी व्यक्ति की पिछले सात दिनों में प्रत्येक दिन की गतिविधि का अववरण प्रस्तुत करती है। दैनिक स्थिति बेरोजगारी दर प्रति सप्ताह बेरोजगारों के श्रम दिनों का प्रति सप्ताह कुल श्रम दिनों से अनुपात है। वास्तव में यह बेरोजगारी के मापन की सर्वोत्तम माप है।
इन अवधारणाओं के आधार पर राजकृष्ण द्वारा भारत की बेरोजगारी के विषय में जो विवरण प्रस्तुत किए गए हैं, उसके अनुसार 1973 में सामान्य स्थिति बेरोजगारी की दर 1.6%, साप्ताहिक स्थिति बेरोजगारी की दर 4.3% तथा दैनिक स्थिति बेरोजगारी की दर 8.3% थी। इसी प्रकार 1978 में इन तीनों की दरें क्रमश: 2.6%, 4.6% तथा 8.2% थीं ( बेरोजगारी की दर का तात्पर्य है कुल श्रमशक्ति में बेरोजगार लोगों का प्रतिशत) । योजना आयोग ने भी विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में बेरोजगारों की संख्या और दर का विवरण प्रस्तुत किया है। छठी तथा सातवीं पंचवर्षीय योजनाओं के आंकड़ों के आधार पर बेरोजगारी संबंधी निम्न विवरण प्राप्त होते हैं
67. (b) सम्पूर्ण विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम का तरंग – दैर्ध्य परिसर उत्पादन की विधि तथा संक्षिप्त विवरण निम्न है-
गामा किरणें (y -Rays) तरंग दैर्ध्य परिसर-10-13 से 10-10 मीटर तक। उत्पादनपरमाणुओं के नाभिकों का विघटन होने पर उत्सर्जित होती हैं। गुण- फोटोग्राफिक प्लेटों पर रसायनिक क्रिया, प्रतिदीप्ति, स्फुरदीप्ति, आयनीकरण, विवर्तन, उच्च वेधन क्षमता तथा आवेशरहित;
एक्स-किरणें (X-Rays ) तरंग दैर्ध्य परिसर – 10-10 से 108 मीटर तक, उत्पादन- तीव्रगामी इलेक्ट्रोनों के सभी भारी लक्ष्य पर टकराने से उत्पन्न होती है। गुण – y – किरणों वाले सभी गुण, परन्तु | वेधन क्षमता कम होती है।
पराबैंगनी विकिरण (Ultra-violet Radiation) तरंग दैर्ध्य परिसर – 108 से 4 × 107 मीटर तक, उत्पादन – सूर्य, आर्क, स्पार्क, गर्म निर्वात् स्पार्क तथा आयनित गैसों द्वारा उत्पन्न होता है। गुण – Y – किरणों वाले सभी गुण, परन्तु कम वेधन करने वाली हैं, प्रकाश – वैद्युत प्रभाव देती हैं ।
दृश्य विकिरण (Visible Radiation) तरंग दैर्ध्य परिसर – 4×107 से 7.8 x 107 मीटर तक, उत्पादन – आयनिक गैसों तथा तापदीप्तं वस्तुओं से विकिरित । गुण- परावर्तन, अपवर्तन, व्यतिकरण, विवर्तन, ध्रुवण, प्रकाश-वैद्युत प्रभाव, फोटोग्राफिक क्रिया तथा दृष्टि संवेदन।
अवरक्त विकिरण (Infra-red Radiation) तरंग – दैर्ध्य परिसर – 7.8 x 10-7 से 10-3 मीटर तक, उत्पादन–गर्म वस्तुओं से, गुण- तापपुंजों तथा वोलोमीटर इत्यादि पर ऊष्मीय-प्रभाव, परावर्तन, अपवर्तन, विवर्तन, फोटोग्राफी क्रिया ।
हर्टजियन अथवा लघु रेडियो तरंगें (Hertzian or Short Radio Waves) तरंग दैर्ध्य परिसर-103 से 1 मीटर तक, उत्पादन- ये स्फुलिंग विसर्जन द्वारा उत्पन्न होती हैं। गुण- परावर्तित अपवर्तित, विवर्तित होती हैं। अभिग्राही परपिथों के गैपों में स्पार्क उत्पन्न करती हैं। 10-3 मीटर से 3 x 10± मीटर तरंग-दैर्ध्य की तरंगों को सूक्ष्म तरंगें भी कहते हैं।
दीर्घ रेडियो तरंगें अथवा वायरलैस (Long Radio Waves or Wireless) तरंग दैर्ध्य परिसर1 से 10 मीटर तक, उत्पादन- स्पार्क गैप विसर्जन तथा दोलित विद्युत परिपथों से, गुण- परावर्तित, अपवर्तित, विवर्तित होती हैं।
68. (d) दृश्य विकिरण (Visible Radiation)
तरंग दैर्ध्य परिसर : 4x-10-7 से 7.8 x 10-7 मीटर तक
(4000mn 7800nm )
उत्पादन : आयनिक गैसों तथा तापदीप्त वस्तुओं से विकिरत ।
गुण : परावर्तन, अपवर्तन, व्यतिकरण, विवर्तन, ध्रुवण, प्रकाश वैद्युत प्रभाव, फोटोग्राफिक क्रिया तथा दृष्टि संवेदन।
69. (a) जब प्रकाश अणुओं परमाणुओं व छोटे-छोटे कणों पर आपतित होता है, तो उसका विभिन्न दिशाओं में प्रकीर्णन हो जाता है। वायुमण् डल में विभिन्न गैसों के अणु, परमाणु व धूल-धुयें के छोटे-छोटे कण विद्यमान हैं। अतः जब सूर्य का प्रकाश जो कि सात रंगों (बैंगनी, जम्बुकी, नीला, हरा, पीला, नारंगी व लाल) का बना होता है, वायुमण्डल से गुजरता है, तो वह वायुमण्डल में उपस्थित कणों द्वारा विभिन्न दिशाओं में प्रसारित हो जाता है। इस प्रक्रिया को ही प्रकाश की प्रकीर्णन कहते हैं। लॉर्ड रैले के अनुसार किसी रंग का प्रकीर्णन उसकी तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है तथा जिस रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य सबसे कम होती है उस रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है। लाल रंग की तरंगदैर्ध्य सूर्य के सात रंगों में सबसे अधिक होती है। प्रकाश के प्रकीर्णन के कई उदाहरण दैनिक जीवन में देखने को मिलते हैं। आकाश का रंग सूर्य के प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण रही नीला दिखायी देता है। जब सूर्य का प्रकाश जो कि विभिन्न रंगों का मिश्रण है वायुमण्डल से होकर गुजरता है तो वायु में उपस्थित विभिन्न अणुओं, धूल एवं धुएं के कणों द्वारा उसका प्रकीर्णन हो जाता है। दिन के समय जब सूर्य सीधा आकाश में मनुष्य के सिर के ऊपर होता है, तो मनुष्य केवल प्रकीर्णित प्रकाश ही देख पाता हैं चूंकि बैंगनी रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक व लाल रंग का सबसे कम होता है, अतः प्रकीर्णित प्रकाश का मिश्रित रंग हल्का नीला होता है। इसी कारण आकाश नीला दिखाई देता है। जब सूर्य उगता है या डूबता है तो उसके प्रकाश को हम तक पहुंचने में वायुमण्डल के धूल आदि कणों से होकर अधिक दूरी तय करनी पड़ती है जिससे उसका इन कणों से प्रकीर्णन हो जाता है। चूंकि अन्य रंगों की तुलना में लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम होता है। अतः प्रेक्षक तक पहुंचने वाले प्रकाश में लाल रंग का आधिक्य हो जाता है, जिसके कारण सूर्य डूबते व उगते समय लाल दिखायी देता हैं, जब सूर्य दिन के समय सिर के ऊपर होता है, तो प्रकाश को वायुमण्डल में कम दूरी तय करनी पड़ती है। जिससे प्रकीर्णन कम होता है व सूर्य श्वेत दिखायी देता है। समुद्र का पानी भी प्रकीर्णन के कारण ही नीला दिखायी देता है। जब अंतरिक्ष यात्री चन्द्रमा के तल पर खड़े होते हैं तो वहां से आकाश उन्हें काला दिखायी देता है। वास्तव में पृथ्वी के वायुमण्डल से ऊपर जाने पर वायुमण्डल के अनुपस्थित होने के कारण अंतरिक्ष में सभी स्थानों पर आकाश काला दिखायी देता है।
70. (d) होलोग्राम की जांच के लिए लेजर लैम्प ( 3-D) का प्रयोग किया जाता है। इससे त्रिविमीय चित्र बनता है।
71. (d) चमगादड़ उड़ते समय स्वयं पराध्वनि तरंगों को उत्पन्न करते हैं। यह तरंगें जब किसी वस्तु से टकराती हैं तो इन वस्तुओं से परावर्तित होकर पुनः चमगादड़ द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं जिससे उसे सामने अवरोध का पता चल जाता है तथा वह इनसे अपनी रक्षा करता हुआ रात्रि में उड़ता है (चमगादड़ तो लगभग 100000 आवृत्ति तक की पराश्रव्य तरंगों को सुन सकता है)। ज्ञातव्य है कि यांत्रिक तरंगों को उनके आवृत्ति परिसर के आधार पर मुख्यत: तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-
(i) श्रव्य तरंगें वे यांत्रिक तरंगें हैं, जिनकी आवृत्ति का परिसर 20 हर्ट्ज से लेकर 20,000 हर्ट्ज़ तक होता है। इन तरंगों को हमारा कान सुन सकता है।
(ii) अवश्रव्य तरंगें वे यांत्रिक तरंगें हैं, जिनकी आवृत्ति 20 हर्ट्ज से कम होती है। ये तरंगें हमें सुनाई नहीं देती हैं। ये तरंगें भूकम्प के समय पृथ्वी के अन्दर उत्पन्न होती हैं। हमारे हृदय की धड़कन की आवृत्ति अवश्रव्य तरंगों के समान होती है।
(iii) पराश्रव्य तरंगें वे अनुदैर्ध्य यांत्रिक तरंगें हैं. जिनकी आवृत्ति 20,000 हर्ट्ज (20 किलो हर्ट्ज) से अधिक होती है।
72. (a) चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल का मान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का 1/6वां भाग है। कम गुरुत्वाकर्षण बल के कारण चन्द्रमा पर वायुमण्डल का अभाव है तथा अन्तरिक्ष में व्यक्ति भार हीनता की स्थिति में होता है। इसलिए व्यक्ति का भार शून्य होता है।
73. (c) अर्द्धचालक- अर्द्धचालक पदार्थों में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या चालकों से कम होती है तथा प्रतिरोधकता 10-2 से 1.0 ओम × मीटर होती है। ताप बढ़ने पर अर्द्धचालकों का प्रतिरोध घटता है एवं चालकता बढ़ जाती है। उदाहरण जर्मेनियम, सिलिकॉन, सिलीनियम आदि।
74. (a) (i) इलेक्ट्रॉन नामक मूल कण की खोज सबसे पहले हुई। इसकी खोज 1897 में थामसन ने की थी। इलेक्ट्रॉन ऋणावेशित कण होते हैं तथा परमाणु में नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। इन पर – 1.6 x 10-19 कूलॉम का आवेश होता है। इनका द्रव्यमान 9.1 × 10-3 किग्रा होता है। इसका सापेक्ष आवेश – 1 होता है। इलेक्ट्रॉन पर विद्यमान आवेश की खोज सर्वप्रथम मिलिकन ने किया था। यह एक स्थायी मूल कण है।
(ii) प्रोटॉन एक धनात्मक मूल कण है, जिसकी खोज 1919 में रदरफोर्ड ने की थी। इस पर इलेक्ट्रॉन के आवेश 1.6 x 10-19 कूलॉम के बराबर धनात्मक आवेश होता है। ये परमाणु के नाभिक में स्थित होते हैं। इनका द्रव्यमान 1.67×10-27 किग्रा. होता है। यह एक स्थायी मूल कण है।
(iii) न्यूट्रॉन आवेश रहित मूलकण होते हैं। इनकी खोज 1932 में चैडविक ने की थी। ये प्रोटॉन के साथ परमाणु के नाभिक में स्थित होते हैं। इनका द्रव्यमान प्रोटॉन के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है। नाभिक के बाहर न्यूट्रॉन रेडियोधर्मी हो जाता है, इसकी अर्द्ध आयु-12 मिनट है। 7 मिनट में यह विखण्डित होकर प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन का निर्माण करता है। न्यूट्रॉन का उपयोग जीव विज्ञान व चिकित्सा विज्ञान में होता है। आवेश रहित होने के कारण इनका उपयोग नाभिकीय विखण्डन में किया जाता है।
(iv) पाजिट्रॉन एक धनावेशित मूल कण है, जिसका द्रव्यमान व आवेश इलेक्ट्रॉन के बराबर होता है। इसलिए इसे इलेक्ट्रॉन का ऐन्टि-कण भी कहते हैं। इसकी खोज 1932 में एण्डरसन ने की थी ।
(v) न्यूट्रिनो द्रव्यमान व आवेश रहित मूल कण है। इनकी खोज 1930 में पाउली ने की थी। ये दो प्रकार के होते हैं, न्यूट्रिनो व एन्टिन्यूट्रिनो। इनके चक्रण एक-दूसरे के विपरीत होते हैं।
(vi) फोटॉन ऊंर्जा के बण्डल होते हैं, जो प्रकाश की चाल से चलते हैं। सभी प्रकार की विद्युत चुम्बकीय किरणों का निर्माण इन्हीं मूल कणों से होता है। इनका विराम द्रव्यमान शून्य होता है।
75. (d) उपभोग के पश्चात् निकला प्लास्टिक थैलियों का कूड़ा सड़क निर्माण हेतु बिटूमिन के •साथ मिलाकर प्लास्टिक गर्म करने पर नर्म हो जाता है और ठंडा करने पर कड़ा हो जाता है, के निहित गुण के कारण प्रयुक्त होता है।
76. (b) जड़ों का प्रमुख कार्य पौधे को भूमि में स्थिर रखना तथा भूमि से जल एवं खनिज लवणों का अवशोषण करना होता है। कुछ पौधों में जड़ें विभिन्न कार्यों के लिए रूपान्तरित हो जाती हैं। जड़ों के रूपान्तरण को मुख्यतः दो भागों में बांटते हैं-
(क) मूसला जड़ों के रूपान्तरण – भोजन संग्रह करने के कारण जड़ें फूलकर मोटी हो जाती हैं। मूसला जड़ के रूपान्तरण निम्न प्रकार के होते हैं -( 1 ) तर्कुरूप जड़ – यह बीच में मोटी तथा दोनों सिरों पर क्रमशः पतली होती जाती है। इससे छोटी-छोटी द्वितीयक जड़ें निकलती हैं जो अवशोषण का कार्य करती हैं। उदाहरण-मूली । ( 2 ) शंकुरूप जड़-खाद्य संचय के कारण जड़ ऊपर की ओर मोटी तथा नीचे की ओर पतली होती जाती है। इससे जड़ की आकृति शंकुरूपी हो जाती है। प्राथमिक जड़ से द्वितीयक जड़ें निकलकर अवशोषण का कार्य करती हैं। उदाहरण – गाजर | ( 3 ) कुम्भीरूप जड़ – इसमें आधारीय तथा शीर्ष के मध्य का भाग (हाइपोकोटाइल) कुम्भ की तरह फूल जाता है किन्तु निचला भाग एकाएक पतला हो जाता है। निचले भाग से द्वितीयक जड़ें निकलती हैं। उदाहरण- शलजम, चुकन्दर आदि ।
(ख) अपस्थानिक जड़ों के रूपान्तरण – ये मूलांकुर को छोड़कर पौधे के अन्य भागों से विकसित होती हैं। ये अधिक गहराई तक नहीं जाती। अपस्थानिक जड़ों को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जाता है—(अ) भोजन संग्रह करने वाली जड़ें – ( 1 ) कन्दिल जड़ें-तने की पर्व-सन्धियों से निकलकर जड़ खाद्य संचय के कारण अनियमित रूप से फूल जाती हैं। कन्दिल जड़ों पर अपस्थानिक कलिकायें पायी जाती हैं। ये वर्धीजनन में सहायता करती हैं। उदाहरण- शकरकन्द (Sweet Potato) । ( 2 ) पुलकित या कन्दगुच्छ जड़ें- ये मुख्य तने के आधार से समूह के रूप में निकलकर फूल जाती हैं और कन्दगुच्छों का निर्माण करती हैं। इन पर अपस्थानिक जड़ें पायी जाती हैं। जैसे- सतावर, डहेलिया आदि । जड़ें- इस प्रकार की जड़ों के अन्तिम छोर भोजन संचय के कारण फूल जाते हैं। – आमा हल्दी । ( 3 ) ग्रन्थिकामय जैसे
77. (a) मधुमेह रोग वैक्सिनेशन द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता तथा अन्य तीनों काली खांसी, चेचक व पोलियो को वैक्सिनेशन द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। ज्ञातव्य है कि मधुमेह एक ऐसी अवस्था है, जिसमें अग्न्याशय की कोशिकाएं इन्सुलिन हार्मोन बनाना बन्द कर देती हैं, जिससे शर्करा का उपापचय नहीं हो पाता। अतः पेशाब एवं रक्त में शर्करा की के अत्यधिक मात्रा हो जाती है। इससे रोगी को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा नहीं मिल पाती है, जिससे मनुष्य कमजोर हो जाता है। रोगी को बहुत प्यास लगती है और बार-बार पेशाब आता है। इस रोग में शक्कर और शक्कर से बनी वस्तु का प्रयोग नहीं करना णों चाहिए तथा इन्सुलिन के इन्जेक्शन लगवाने चाहिए। डायबिटीज (मधुमेह) का हर मामला एक तरह का नहीं होता है। अंतर्राष्ट्रीय डायबिटीज आयोग (1977) ने मोटे तौर पर डायबिटीज को निम्नलिखित वर्गों में बांटा है –
(i) डायबिटीज या इंसुलिन डिपेन्डेंट डायबिटीज,
(ii) डायबिटीज या नॉन-इंसुलिन डिपेन्डेंट डायबिटीज मेलिटस
भारत में करीब 90-95 प्रतिशत रोगी टाइप (ii) के हैं।
काली खांसी प्राय: छोटे बच्चों को बोर्डीटेला ट्यूसिस नामक जीवाणु से होता है। इसका संक्रमण हवा द्वारा होता है। अत: DPT का टीका लगवाकर शिशुओं में इस रोग के लिए प्रतिरोधकता उत्पन्न करा देनी चाहिए।
चेचक रोग वैरिओला विषाणु द्वारा फैलता है। इसका प्रकोप सम्पूर्ण शरीर पर होता है। रोग वायु द्वारा या रोगी से सीधे सम्पर्क द्वारा फैलता है। अतः चेचक का टीका लगवा देना चाहिए।
पोलियो रोग पोलियो मेलाइटिस वाइरस द्वारा फैलता है। इस रोग के विषाणु भोजन एवं जल के साथ बच्चों की आंत में पहुंच जाते हैं। इसके नियंत्रण के लिए पोलियो ड्राफ पिलाई जाती है।
78. (a) यीस्ट (Yeast) एक कोशिकीय मृतोपजीवी कवक है। इसमें क्लोरोफिल नहीं पाया जाता, इसलिए ये अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते हैं। इसका पता सर्वप्रथम ‘एन्टानीवॉन ल्यूवेनहॉक’ ने लगाया था। इसका उपयोग मुख्यतः एल्कोहल, बियर, शराब तथा डबल रोटी बनाने में किया जाता है। लुई पाश्चर ने यीस्ट के किण्वन संबंधी गुण का पता लगाया था। जीवाणु (Bacteria) का सबसे पहले पता हालैण्ड के एण्टोनीवान ल्यूवेनहॉक ने लगाया था। उन्होंने 1683 में अपने बनाये हुए सूक्ष्मदर्शी से दांत के खुरचन में जीवाणुओं को देखा तथा इन्हें सूक्ष्म जीव कहा। इसी कारण ल्यूवेनहॉक को जीवाणु विज्ञान का पिता कहते हैं। बाद में एहरेनबर्ग ने 1829 में सर्वप्रथम इन्हें जीवाणु नाम दिया। लुई पाश्चर ने 1812 से 1855 में किण्वन पर के आधार पर ‘जर्म सिद्धान्त’ को प्रतिपादित किया। राबर्ट कोच ने 1881 में सर्वप्रथम जीवाणुओं का कृत्रिम संवर्धन किया तथा कालस्फाट व क्षयरोग के जीवाणुओं को अलग किया, जिसके लिए उन्हें 1905 में नोबेल पुरस्कार मिला। ये एक कोशिकीय, पर्णहरित रहित तथा सूक्ष्म जीव होते हैं।
79. (d) खैरा रोग जस्ते की कमी (म्लानता) के कारण होता है, एनीमिया (खून की कमी) रोग लौह (Iron) की कमी के कारण होता है, ग्वाइटर ( घेंघा रोग) आयोडीन की कमी से होता है तथा स्कर्वी रोग विटामिन सी की कमी के कारण होता है।
80. (c) एड्स (AIDS) रोग का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशियेन्सी सिन्ड्रोम (Acquired Immuno Deficiency Syndrome) है। यह मुख्यतः यौन संचरित रोग है। यह मानव शरीर की संक्रामक रोगों से सुरक्षा के लिए, अर्जित प्रतिरक्षा (Acquired immunity) के नष्ट हो जाने का उदाहरण है। यह रोग शरीर में मानव प्रतिरक्षण ह्रास विषाणु (Human immunodeficiency virus, HIV) के संक्रमण द्वारा उत्पन्न होता है। इसमें रोगी की रोग प्रतिरोधकता समाप्त हो जाती है, HIV इस तंत्र को नष्ट कर देता है, जिससे किसी भी रोग के विषाणु या जीवाणु आसानी से रोग पैदा कर देते हैं। रोगी का शरीर जगह-जगह फूल जाता है, खून का संचार अव्यवस्थित हो जाता है। – नोट- (i) एड्स रोग के नामकरण का श्रेय प्रो. लूक मोंटागियर (फ्रांस) एवं डॉ. रॉबर्ट सी. गैलो (अमेरिका) को प्राप्त है। (ii) किंशासा ( अफ्रीका, 1959) देश में एड्स वाइरस का पता सर्वप्रथम लगाया था। (iii) मानव में एड्स वाइरस का प्रवेश जायरे के हरे अफ्रीकी बंदरों द्वारा हुआ। (iv) मनुष्य में एड्स उत्पन्न करने वाले वाइरस दो प्रकार HIV-I & HIV-II होते हैं। (v) भारत में एड्स का प्रथम रोगी चेन्नई (1986) में प्रकाश में आया था। (vi) HIV-I प्रकार के एड्स वाइरस का प्रकोप विश्व में सर्वाधिक है। (vii) वर्ष 1988 से 1 दिसम्बर को एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। (viii) भारत में राष्ट्रीय एड्स शोध संस्थान पुणे (महाराष्ट्र) में स्थित है।
81. (d) वर्मीकल्चर में प्रयुक्त वर्म अर्थ वर्म (Earthworms-मिट्टी के कृमि अर्थात् केचुए) होता है। केंचुए मिट्टी को उथल-पुथल कर उसमें वायु वातन करके उपजाऊ बनाते हैं। इसी कारण केंचुए किसान के मित्र होते हैं। केंचुए “प्राकृतिक हलवाहों (Natural Ploughmen or Tillers of the soil)” का काम करते हैं।
82. (c) फास्ट ब्रीडर रियक्टर पर मौजूदा समय में केवल भारत में काम चल रहा है। इस अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की इस विधा पर केवल भारत को महारत हासिल है। कलपक्कम में निर्माणाधीन 500 मेगावाट के प्लूटोनियम-आधारित फास्ट ब्रीडर रियक्टर के 2010 तक तैयार हो जाने का ऐलान भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड ने किया है। 3000 करोड़ रुपए की लागत वाला यह प्लांट दुनिया का पहला प्लूटोनियम आधारित एफ. बी. बार होगा। ज्ञात रहे कि बीते जुलाई में ही कलपक्कम स्थित प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिक्टर ने अपनी सक्रिय जिंदगी का 20वां साल पूरा किया है। प्लूटोनियम वास्तव में उस यूरेनियम के प्रसंस्करण के उप-उत्पाद के रूप में मिलता है, जिसे नाभिकीय विद्युत हासिल करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। देश में सक्रिय नाभिकीय संयंत्रों की क्षमता के मद्देनजर, उनसे बनने वाले कचरे में मौजूद प्लूटोनियम से तीन लाख मेगावाट बिजली हासिल करने का अनुमान है। नोटफास्ट ब्रीडर रिएक्टर लिए उपयुक्त ईंधन यूरेनियम प्लूटोनियम ऑक्साइड के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इस रिएक्टर में श्रृंखला अभिक्रिया को तीव्र न्यूट्रॉनों द्वारा जारी रखा जाता है और इसमें ताप रिएक्टर की तुलना में प्रतिविखंडित न्यूट्रॉनों की अधिक संख्या का उत्सर्जन होता है। ताप रिएक्टर में प्राकृतिक यूरेनियम के मात्र 1-2 प्रतिशत का ही | उपयोग हो पाता है, जबकि फास्ट ब्रीडर रिएक्टर में यह 60-70 गुना अधिक होता है। एफबीआर में जल के स्थान पर सोडियम धातु को शीतलक (Coolant) के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। इसमें रेडियोधर्मिता का उत्सर्जन कम होता है।
83. (c) जब कोई पदार्थ पृथ्वी के चारों ओर पृथ्वी की गति के समानुपातिक उस गति से चलता है कि वह पृथ्वी पर स्थित किसी स्थान से निश्चित दूरी बनाए रखता है, तो उसे भू-स्थैतिक स्थिति कहते हैं।
84. (b) गांवों में खुशहाली बढ़ाने हेतु नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर ध्यान केन्द्रित करने हेतु ग्रामीण विकास में स्वैच्छिक गतिविधियों को सहयोग प्रोत्साहन और बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने सितम्बर 1986 में ग्रामीण विकास मंत्रालय में एक स्वायत्त संस्था ‘जन-सहयोग और ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद’ (कापार्ट CAPART) की स्थापना | की। कापार्ट की 9 प्रादेशिक समितियां जयपुर, लखनऊ, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, चण्डीगढ़, पटना, हैदराबाद, गुवाहाटी और धारवाड़ में स्थित हैं।
85. (b) लघु उद्योगों की समस्याओं का अध्ययन करके उनके विकास हेतु सुझाव देने के लिए उद्योग मंत्रालय द्वारा डॉ. आबिद हुसैन की अध्यक्षता में 1995 में समिति गठित की गयी थी।
86. (b) न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम, करारोपण तथा भूमि सुधार असमानता घटाने के उपाय हैं, जबकि अर्थव्यवस्था का उदारीकरण असमानता घटाने का उपाय नहीं है।
87. (d) भारत का नियंत्रक एवं महालेखापाल (CAG) लोक लेखा समिति का मित्र एवं मार्गदर्शक होता है। यह समिति विशेष रूप से भारत सरकार के वनियोग लेखाओं पर नियंत्रक महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन की समीक्षा करती है। इस समिति में 22 सदस्य होते हैं, जिनमें 15 सदस्य लोक सभा से होते हैं तथा 7 सदस्य राज्य सभा द्वारा नाम निर्दिष्ट किए जाते हैं।
88. (b) उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक जम्मू-कश्मीर और आन्ध्र प्रदेश में द्विसदनात्मक विधायिका है। मध्य प्रदेश में द्विसदनात्मक विधायिका नहीं है। अर्थात् मध्य प्रदेश में केवल विधान सभा है विधान परिषद नहीं है।
89. (d) यदि संसद सदस्य सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाता है, तो उसे हटाने का निर्णय चुनाव आयोग की राय के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा लिया जाता है। ज्ञातव्य है कि दल-बदल के आधार संसद सदस्य की अयोग्यता का निर्णय लोकसभा अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।
90. (b) केन्द्र – राज्य संबंधों पर विचार करने के लिए 24 मार्च, 1983 को न्यायमूर्ति रणजीत सिंह सरकारिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने 1987 में अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को सौंप दी थी ।
91. (a) पुलिस, कानून-व्यवस्था, जेल, लोकसेवा, न्याय प्रशासन, लोक-व्यवस्था, क्रय विक्रय, सिंचाई आदि राज्य सूची के विषय हैं। इस सूची में शामिल विषयों की संख्या 61 है। हमारे संविधान में कुल तीन सूचियों का उल्लेख है- संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची। राज्य सूची में स्थानीय महत्व के विषयों को शामिल किया जाता है तथा इन विषयों पर कानून बनाने का एकमात्र अधिकार राज्य विधानमण्डल का है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में संसद राज्य सूची के विषयों पर भी कानून बना सकती है।
92. (c) ‘विवाह’, ‘विवाह विच्छेद’ और ‘गोद लेना’ संविधान की सातवीं अनुसूची में ‘लिस्ट III या समवर्ती सूची’ के अंतर्गत शामिल किए गए हैं।
93. (c) मूल अधिकारों का संरक्षण सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय दोनों के अधिकार क्षेत्र में आता है। अनुच्छेद 32 के द्वारा उच्चतम न्यायालय को तथा अनुच्छेद 226 के द्वारा उच्च न्यायालयों को यह अधिकार प्राप्त है।
94. (d) न्यायिक पुनरावलोकन की व्यवस्था भारत और यू.एस.ए. दोनों के संविधान में की गई है। हमारे संविधान में यह व्यवस्था यू.एस.ए. के संविधान से ही ली गई है। अनुच्छेद 137 में यह प्रावधान है कि संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि के या अनुच्छेद 145 के अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों के अधीन रहते हुए, उच्चतम न्यायालय को अपने द्वारा सुनाए गए निर्णय या दिए गए आदेश का पुनर्विलोकन करने की शक्ति होगी।
95. (b)
96. (b)
97. (b)
98. (a)
99. (a)
100. (b)
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Ajit kumar

Sub Editor-in-Chief at Jaankari Rakho Web Portal

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