अम्लीय वर्षा क्या है ? इसके प्रभावों की व्याख्या कीजिए।

अम्लीय वर्षा क्या है ? इसके प्रभावों की व्याख्या कीजिए। 

उत्तर— अम्लीय वर्षा (Acid Rain)–अम्लीय वर्षा वायु प्रदूषण का प्रतिफल है। वायु मण्डल में विभिन्न क्रियाओं से आने वाली NO, एवं SO2 गैसें वायु की नमी से क्रिया कर अम्ल बनाती है, जो वर्षा के साथ भूमि पर आता है। इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं ।
उपर्युक्त प्रक्रिया में बने अम्ल अधिक सान्द्र नहीं होते हैं। भूमि पर पहुँचकर वनस्पति, जन्तु, मानव, इमारतों को हानि पहुँचाते हैं।
अम्लीय वर्षा के दुष्प्रभाव (Effects of acid rain)– निम्न हैं—
(1) अम्ल वर्षा का दुष्प्रभाव जल, स्थल, वायु, प्राणियों, पेड़पौधों तथा इमारतों सभी पर होता है।
(2) निरन्तर होने वाली अम्ल वर्षा से झीलों, तालाबों व अन्य जल संग्राहक इकाइयों के जल की pH का मान घटकर अम्लीय हो जाता है। जल की ph का अत्यधिक गिरजाना अम्लीय सदमा (Acid shock) कहलाता है। इससे पानी के जीव मुख्यत: मछलियाँ प्रभावित होती हैं।
(3) घरों में लगे जस्ते, सीसे व तांबे के नलों में अम्लीय जल बहने से जल में इन धातुओं की अधिकता हो जाती है। इस पानी के प्रयोग से मनुष्य में अतिसार व पेचिस की शिकायत हो जाती है।
(4) वायु में SO2 व NO2 की अधिकता से एलर्जी, दमा व फेफड़े का कैंसर हो जाता है।
(5) अम्लीय जल से त्वचा रोग व एलर्जी हो जाते हैं।
(6) पेड़ पौधों में वृद्धि में रुकावट, पत्तियों में क्लोरोफिल विनाश जिससे पत्तियों का रंग परिवर्तन हो जाना, असमय पत्तियों, पुष्पों तथा फलों का झड़ जाना व अंत में वृक्षों का अकाल मर जाना आदि।
(7) अम्लीय जल झीलों के पैंदे में रिसकर भूमि में उपस्थित ताम्बा, एल्यूमिनियम, कैडमियम आदि धातुओं से रासायनिक क्रिया करता है जिससे घुलनशील जहरीले यौगिक बन जाते हैं। इस प्रकार हानिकारक धातुएँ जल में एकत्रित हो जाती हैं। इससे मछलियों का श्वसन तंत्र कार्य करना बंद कर देता है तथा उनके शरीर में नमक की कमी हो जाती है। ऐसी मछलियों को खाने वाले मनुष्य भी प्रभावित होते हैं।
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