किसी उत्तल दर्पण में सिद्ध करें कि f =R/2 , जहाँ f = फोकसांतर, R = दर्पण की वक्रता त्रिज्या है।

किसी उत्तल दर्पण में सिद्ध करें कि f =R/2 , जहाँ f = फोकसांतर, R = दर्पण की वक्रता त्रिज्या है।

4. किसी उत्तल दर्पण में सिद्ध करें कि f =R/2 जहाँ f = फोकसांतर 

 

उत्तर⇒ चित्र में एक उत्तल दर्पण को प्रधान अक्ष XX‘ पर रखा गया है।  दर्पण का ध्रुव है। F दर्पण का फोकस और C वक्रता केंद्र है। AB अपवर्तित किरण है। यह दर्पण से परावर्तित होकर BD दिशा में चली जाती है। Dको मिलाने पर यह मुख्य अक्ष के F बिंदु (फोकस) पर मिलाती है। C से B को मिलाया और अपनी दिशा में M तक बढ़ाया गया है।

PF = फोकसांतर =f; PC = वक्रता त्रिज्या = R

अनंत बिंदु से आनेवाली प्रकाश किरण F पर मिलती है

अतः वस्तु का प्रतिबिंब F पर बनता है। यह प्रतिबिंब आभासी है।

∠ABM = i तथा MBD r

i = r परावर्तन के नियम से

x = FBC (अंतराभिमुख कोण)

A|| XX’ अतः i = ∠BCF   

इसलिए ∠ BCF  = ∠FBC 

इसलिए BF = FC 

अगर बिंदु के काफी समीप हैं तो C = C

इसलिए  BF PF FC

PC PF FC 

 R=f +f  

इसलिए  2f =R 

इसलिए  f =R/2 

फोकसांतर =1/2 x वक्रता त्रिज्या 

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