गणित विषय में प्रयोगशाला का क्या महत्त्व है ?

गणित विषय में प्रयोगशाला का क्या महत्त्व है ? 

उत्तर— गणित विषय में प्रयोगशाला का महत्त्व निम्नलिखित है—

(i) बालक किसी भी नियम, तथ्यों व सिद्धान्तों की स्वयं जाँच करता है तथा प्रेक्षण व गणना के आधार पर ही ठोस परिणाम प्राप्त करता है।
(ii) स्वयं रचनात्मक क्रियाओं व प्रयोगों द्वारा व्यावहारिक, स्थायी व जीवनोपयोगी ज्ञान प्राप्त करता है। बालकों की निरीक्षण व तर्क- शक्ति का विकास होता है।
(iii) इसमें सभी क्रियाएँ यथार्थ, पूर्व नियोजित व व्यवस्थित होती हैं ।
(iv) बालक में आपसी प्रेम, सहानुभूति व सहयोग की भावना विकसित होती है, उसमें उचित निर्णय लेने की शक्ति विकसित होती है।
(v) यह विधि छात्रों को प्रयोग द्वारा हल कराना सिखाती है।
(vi) प्रयोगशाला विधि गणित शिक्षण में सहायक सामग्री के रूप में सहायता देती है।
(vii) इसमें छात्र ‘करके सीखते हैं जिसके फलस्वरूप उनके ज्ञान व कौशल में स्थिरता व स्पष्टता आती है।
(viii) गणित शिक्षण रुचिपूर्ण व प्रभावी बनता है।
(ix) बालक प्रयोग तथा परीक्षण द्वारा समस्याओं को हल करने का प्रयास करते हैं। छात्रों के मस्तिष्क में पाठ्य-वस्तु पूर्णतः स्पष्ट हो जाती है।
(x) बालकों में चिन्तन करने व सृजन-शक्ति का विकास होता है।
(xi) इस विधि में खोज करने का ढंग प्राकृतिक होता है। इसमें स्थूल तत्त्वों से सामान्य की ओर बढ़ते हैं। इसमें बालक सक्रिय रहता है।

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