जैव ईन्धन ‘स्टारडस्ट 1.0’ के द्वारा संचालित विश्व में प्रथम व्यापारिक रॉकेट को संगठन द्वारा शुरू किया गया ? विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए ।

जैव ईन्धन ‘स्टारडस्ट 1.0’ के द्वारा संचालित विश्व में प्रथम व्यापारिक रॉकेट को संगठन द्वारा शुरू किया गया ? विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए ।

अथवा

जैव इंधन आधारित प्रौद्योगिकी ‘स्टारडस्ट 1.0’ परियोजना क्या है, इसका सामान्य परिचय दें।
अथवा
 वर्तमान संदर्भ में पर्यावरणीय और व्यापारिक दृष्टि से लाभकारी होने के पक्ष में अपना विचार दें । 
अथवा
 ‘स्टारडस्ट 1.0’ की विशेषताओं और वर्तमान में इसकी प्रासांगिकता को उद्घाटित करें।
उत्तर- स्टारडस्ट 1.0- 31 जनवरी, 2021 को अमेरिका आधारित रॉकेट स्टार्टअप कंपनी ‘ब्लूशिफ्ट एयरोस्पेस’ ने लोरिंग कॉमर्स सेंटर से जैव ईंधन द्वारा संचालित विश्व का पहला व्यापारिक रॉकेट लॉन्च किया है। ‘स्टारडस्ट 1.0’ नाम का यह रॉकेट तकरीबन 20 फीट लंबा है और इसका द्रव्यमान लगभग 250 किलोग्राम है। यह रॉकेट अधिकतम 8 किलोग्राम पेलोड ले जा सकता है। कंपनी के मुताबिक, इस रॉकेट के संचालन में प्रयोग किया गया जैव-ईंधन गैर विषैला और पूरी तरह से कार्बन रहित है, जिससे यह प्रकृति को प्रतिकूल रूप से प्रभावित नहीं करेगा। ये रॉकेट अंतरिक्ष में क्यूबेट्स नामक छोटे उपग्रहों को लॉन्च करने में मदद करेंगे, जो पारंपरिक रॉकेट की तुलना में अपेक्षाकृत सस्ता है। बायो फ्यूल से चलने की वजह से इससे पर्यावरण को होने वाला खतरा काफी कम हो जायेगा, क्योंकि पूर्व में इस्तेमाल होने वाले राकेट ईंधनों से पर्यावरण को काफी नुक्सान हो रहा था। कंपनी द्वारा विकसित किए जा रहे अन्य रॉकेटों में स्टारलेस रूज, स्टारडस्ट जनरल 2 और रेड ड्वार्फ शामिल हैं।
स्टारडस्ट राकेट से लाभ
> स्टारडस्ट 1.0 एक प्रक्षेपण यान है, जिसे इस लिहाज से बनाया गया है जिससे यह आर्थिक रूप से काफी फायदेमंद साबित होगा।
> पहले प्रक्षेपण के दौरान यह राकेट अपने साथ 3 पेलोड को ले गया और आगे इससे अधिक ले जाना लाभदायक होगा।
> इस राकेट को मैनी राज्य स्थित एक एयरोस्पेस कंपनी ब्लू शिफ्ट द्वारा बनाया गया है। इस कंपनी में आम तौर पर ऐसे राकेट बनाये जाते हैं जो जैव ईंधन या बायो फ्यूल से चलते हैं।
 > स्टार डस्ट 1.0 को साल 2014 से बनाया जा रहा है। गौर तलब है की ये कंपनी साल 2014 में ही इसके सीईओ द्वारा स्थापित की गयी थी।
> इन राकेट से छोटे उपग्रहों को प्रक्षेपित करने में मदद हासिल होगी।
> इन उपग्रहों को क्यूब सैट के नाम से जाना जाता है और इन्हें पारम्परिक राकेट ईंधनों के इस्तेमाल से लांच करना मंहगा सौदा होता है। साथ ही पारम्परिक राकेट ईधन पर्यावरण के लिहाज से भी खतरनाक होते हैं।
>  इसी कंपनी द्वारा विकसित किए जा रहे अन्य रॉकेटों में स्टारडस्ट जेन 2, स्टारलेस रूज (Starless Rogue) और रेड ड्वार्फ शामिल हैं।
> ये सारे के सारे पृथ्वी की निचली कक्षा में छोड़े जाने वाले राकेट हैं और इनके जरिए अधिकतम 30 किलो का पेलोड ले जाया जा सकता है।
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