दल शिक्षण क्या है ? शिक्षण में इसकी क्या महत्ता है?

दल शिक्षण क्या है ? शिक्षण में इसकी क्या महत्ता है? 

उत्तर— दल शिक्षण— सामूहिक रूप से कई अध्यापक एक ही कक्षा में शिक्षण, अनुशासन निरीक्षण आदि कार्य करते हैं । यही दल शिक्षण है। जे. पी. पुरोहित के अनुसार- “दल शिक्षण अध्यापन की आधुनिक विधि है। इस विधि के अनुसार दो या दो से अधिक अध्यापक मिलकर नियमित रूप से किसी कक्षा की अध्यापन सम्बन्धी योजना बनाते हैं, उसे क्रियान्वित करते हैं तथा उसका मूल्यांकन करते हैं । ”

दल शिक्षण की शिक्षण में इसकी महत्ता—

(i) कक्षाओं में पहले की अपेक्षा छात्र संख्या बढ़ी है, ऐसे में अकेला शिक्षक इतने छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं नहीं कर सकता है, शिक्षकों की सुविधा की दृष्टि से दल शिक्षण महत्त्वपूर्ण है।
(ii) पृथक्-पृथक् बालकों को पृथक्-पृथक् शिक्षण विधियों से पढ़ाया जा सके, इसलिए भी दल शिक्षण महत्त्वपूर्ण है।
(iii) नई-नई शिक्षा तकनीकी, शैक्षिक दूरदर्शन, इन सबका प्रयोग सही ढंग से करने के लिये भी दल शिक्षण महत्त्वपूर्ण है।
(iv) छात्रों को नवीनतम ज्ञान प्रदान करने के लिये भी दल शिक्षण महत्त्वपूर्ण है।
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