‘पैनल परिचर्चा’ का क्या अभिप्राय है ? पैनल परिचर्चा की विशेषताएँ व परिसीमाएँ लिखिये ।

‘पैनल परिचर्चा’ का क्या अभिप्राय है ? पैनल परिचर्चा की विशेषताएँ व परिसीमाएँ लिखिये ।

उत्तर— पैनल परिचर्चा– हरबर्ट गुली के अनुसार पैनल चर्चा उस समय होती है जब व्यक्तियों के समूह द्वारा आमने-सामने एकत्रित होकर मौखिक अंतःक्रिया से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है या किसी सामूहिक समस्या पर निर्णय लिया जाता है । एफ. टी. स्ट्रक के अनुसार, “पैनल चर्चा में चार से आठ व्यक्तियों का समूह किसी समस्या पर आपसी विचार-विमर्श करता है। यह चर्चा जनसमूह या कक्षा के शिक्षार्थियों के सामने की जाती है। “
पैनल परिचर्चा की विशेषताएँ—
(i) पैनल चर्चा अधिगम हेतु उत्साहवर्धन का कार्य करती है ।
(ii) इसके द्वारा शैक्षिक वातावरण का निर्माण किया जा सकता है।
(iii) शिक्षार्थियों में निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है।
(iv) पैनल चर्चा से शिक्षार्थी की समस्याओं के समाधान करने के योग्य बनते हैं ।
(v) शिक्षार्थी पैनल चर्चा के माध्यम से प्रकरण या समस्या सम्बन्धी विभिन्न दृष्टिकोणों से परिचित होते हैं।
(vi) शिक्षार्थी तर्क, मनन, चिंतन शक्ति का विकास कर पाते हैं। संशय उत्पन्न होने पर वे प्रश्न कर पाने में सक्षम होते हैं।
पैनल परिचर्चा की परिसीमाएँ—
(i) निम्न स्तर की कक्षाओं के लिये यह अनुपयोगी होती है।
(ii) शिक्षार्थियों के बड़े समूह पर नियंत्रण की समस्या बनी रहती है।
(iii) कभी-कभी विशेषज्ञों के विचार एक-दूसरे से न मिलने से शिक्षार्थियों का संशय और भी अधिक बढ़ जाता है।
(iv) शिक्षार्थी को क्रियाशीलता के अवसर कम मिलते हैं क्योंकि अधिकांश समय वे विचार-विमर्श सुनते ही रहते हैं।
(v) विद्यालय के समय चक्र में समायोजित करना अत्यन्त कठिन हो जाता है।

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