ब्लॉक प्रिन्टिंग क्या है ? इनकी विधियों को संक्षेप में समझाइये।
ब्लॉक प्रिन्टिंग क्या है ? इनकी विधियों को संक्षेप में समझाइये।
उत्तर— ब्लॉक प्रिंटिंग– ब्लॉक प्रिन्ट प्रिन्टेड सामग्री है जो ब्लॉक प्रिंन्टिंग से तैयार किया जाता है। ब्लॉक प्रिन्टिंग एक प्राचीन तकनीक है, यूरोप और एशिया के इतिहास में ब्लॉक प्रिन्टिंग के अनेक सन्दर्भ मिलते हैं। कागज और कपड़े पर ब्लॉक प्रिन्टिंग के नमूने 2000 वर्ष के पहले के मिलते हैं। समय के साथ-साथ ब्लॉक प्रिन्टिंग की सामग्री और तकनीक में परिवर्तन अवश्य होता रहा है। ऐसा जाना जाता है 2000 वर्ष से पहले चीन से भारत में ब्लॉक प्रिन्टिंग का प्रसार हुआ था । यह तकनीक लगभग सौ साल बाद यूरोप पहुँची । 19वीं शताब्दी तक भारत में इस तकनीक का खूब प्रयोग हुआ। उसके बाद प्रिन्टिंग के कुछ आधुनिक तकनीकों का आविष्कार हुआ, इन आधुनिक और विकसित तकनीकों ने ब्लॉक प्रिन्टिंग की जगह ले ली।
पहले ब्लॉक प्रिन्टिंग का प्रयोग कपड़े के ऊपर ही किया जाता था, बाद में इसका प्रयोग कागज पर भी होने लगा । लेख / शब्दों की अपेक्षा चित्रों के लिए इस तकनीक का प्रयोग आसान होता है । ऐतिहासिक रूप से ब्लॉक प्रिन्टिंग में लकड़ी के ब्लॉक प्रयोग किए जाते थे ।
हिरोशिगे जैसे प्रसिद्ध कलाकारों ने ब्लॉक प्रिन्ट से बहुत सुन्दर कलाकृतियाँ बनाई है। पुस्तकों तथा अन्य प्रिंटेड सामग्री के लिए भी इस तकनीक का प्रयोग किया जाता था। कलाकारों ने इस तकनीक में कई अभिनव प्रयोग किए। कई रंगों से ब्लॉक प्रिन्टिंग एक उदाहरण है। एक रंग से ब्लॉक प्रिन्ट करके फिर अन्य रंग से दूसरे ब्लॉक का ठप्पा लगाकर डिजाइन को बहुरंगीय बनाया जाता था । ब्लॉक बनाना सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य होता है। जटिल डिजाइन वाले ब्लॉक बनाने में कई हफ्ते लग सकते हैं। ब्लॉक पर नक्काशी करने वालों को डिजाइन की उत्तम समझ होनी चाहिए, यदि डिजाइन में कुछ गलती हो जाती है तो पूरे ब्लॉक को फिर से छीलना पड़ता है। सुन्दर नक्काशी ब्लॉक कला के अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत कर देते हैं ।
प्रिन्टिंग विधि— एक बार जब ब्लॉक तैयार हो जाता है, उसे स्याही/रंग में डुबोकर सतह पर लगाकर प्रिन्ट किया जाता है। प्रिन्ट कपड़े या कागज पर किया जाता है। इसके तीन तरीके हो सकते हैं—
(1) छापा मारना– एक समतल सतह पर कागज फैलाया जाता है, लकड़ी के ब्लॉक को कागज के ऊपर रखा जाता है, स्याही वाला हिस्सा नीचे (कागज के ऊपर) रहता है। फिर पूरे ब्लॉक को समान रूप से दबाया जाता है।
(2) घिसना– लकड़ी के ब्लॉक को समतल सतह पर रख दिया जाता है, स्याही वाला हिस्सा ऊपर रखा जाता है, कपड़े या कागज को एक उपकरण के साथ घिसा जाता है।
(3) दबाना– कपड़ा या कागज और लकड़ी का उसी तरह समायोजित किया जैसे छापा मारने में किया गया था फिर एक मशीन द्वारा दबाया जाता है, मशीन से दबाव अधिक और समान पड़ता है । मशीन में लीवर तथा पेंच होता है, पैच को ढीला करके ब्लॉक को कपड़े या कागज के ऊपर रखकर लीवर से दबाया जाता है। यह तकनीक केवल 500 वर्ष पुरानी है।
अपना स्वयं का ब्लॉक प्रिन्ट बनाना आसान है। लकड़ी का ब्लॉक बनाना कठिन कार्य है, लिनोलियम इसका उत्तम विकल्प है। बहुत से कलाकार लिनोलियम के ब्लॉक बनाते हैं। कला-सामग्री बेचने वाली के पास लिनोलियम के ब्लॉक आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
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