भारत में कचरे के प्रबंधन एवं उनसे उत्पन्न ऊर्जा की संभावनाओं पर एक लेख लिखिए।
भारत में कचरे के प्रबंधन एवं उनसे उत्पन्न ऊर्जा की संभावनाओं पर एक लेख लिखिए।
उत्तर – औद्योगिकरण एवं शहरीकरण के कारण विभिन्न अवशिष्ट पदार्थों की बढ़ती मात्रा पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारक बन रहे हैं। अत: इनका उचित प्रबंधन आवश्यक है, इसके लिए सरकार ने कचरा प्रबंधन एवं उनसे ऊर्जा उत्पादन की अनेक योजनाएं प्रारंभ की हैं। इसी संदर्भ में 1995 में शहरी नगरपालिका और औद्योगिक कचरे से ऊर्जा प्राप्ति का राष्ट्रीय कार्यक्रम आरंभ किया गया। इस कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य हैं
> कचरे से ऊर्जा प्राप्ति के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का विकास कर कचरा प्रबंधन प्रणाली में सुधार करना ।
> औद्योगिक क्षेत्रों के कचरे के उपयोग वाली परियोजनाओं की स्थापना को प्रोत्साहन देना।
> कचरे से ऊर्जा उत्पादन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना ।
शहरी कचरे से ऊर्जा प्राप्ति के लिए विभिन्न योजनाओं पर बेंगलुरु, कर्नाटक तथा दिल्ली में कार्य चल रहा है। पुन: देश के ग्रामीण इलाकों में बायोगैस के विकास के लिए सरकार के द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रहीं हैं। 2009-10 के दौरान लगभग 14 मेगावाट की कुल क्षमता के साथ 8 औद्योगिक कचरा से ऊर्जा परियोजनाओं को पूरा किया गया है। इनमें महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश राज्यों में शराब के कारखानों में बायोगैस की 5 परियोजना एवं गुजरात, कर्नाटक की परियोजनाएं शामिल हैं। शराब के कारखाने में प्रक्षालन के बाद निकले कचरे से उत्पादित होने वाले बायोगैस के उपयोग से ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
शहरी कचरा परियोजनाओं में हेबोवाल तथा लुधियाना में पशुओं के अवशिष्ट पर आधारित परियोजनाएं, सूरत में गंदे पानी की सफाई संयंत्र में बायोगैस से ऊर्जा उत्पादन एवं विजयवाड़ा में बूचड़खाने तथा सब्जी बाजार के कचरे से लगाए गए संयंत्र महत्वपूर्ण हैं |
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