भारत में 2011 की जनगणना के अस्थायी (Provisional) नतीजों ने भारत की घटती हुई जनसंख्या दर एवं लिंग अनुपात को प्रदर्शित किया है। यह किस प्रकार से भारत में प्रादेशिक नियोजन को प्रभावित करेगा?
भारत में 2011 की जनगणना के अस्थायी (Provisional) नतीजों ने भारत की घटती हुई जनसंख्या दर एवं लिंग अनुपात को प्रदर्शित किया है। यह किस प्रकार से भारत में प्रादेशिक नियोजन को प्रभावित करेगा?
(53-55वीं BPSC/2012)
उत्तर – नियोजन का साधन जनसंख्या होती है, क्योंकि किसी भी क्षेत्र, प्रदेश, राज्य या देश की जनसंख्या वहां का मानव संसाधन होता है। इस जनसंख्या के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए नियोजन की प्रक्रिया अपनाई जाती है।
भारत के 2011 के जनगणना के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार जनसंख्या वृद्धि दर में कमी दर्ज की गई है। 2001 की जनगणना में जनसंख्या की वृद्धि दर 21.54% थी जो 2011 की जनगणना के अनुसार 17.64% पर आ गई। यह स्थिति बेहतर स्थिति की ओर संकेत करता है। लेकिन जनसंख्या घनत्व में वृद्धि तथा बीमारू राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर में कमी के बावजूद जनसंख्या की स्थिति विस्फोटक बनी हुई है।
2001 की जनगणना के अनुसार जनघनत्व 324 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी था जो 2011 में बढ़कर 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी हो गया है। उत्तर प्रदेश, बिहार और प्रदेश जैसे राज्यों में जनसंख्या की वृद्धि दर अभी भी 20% से अधिक है। भारतीय जनसंख्या में युवा एवं कार्यबल आबादी की दृष्टि से भारत जनांकिकीय लाभांश की स्थिति में है, लेकिन अगर इस आबादी का सही ढंग से नियोजन नहीं कहता है तो जनांकिकीय लाभांश जनांकिकीय शाप सिद्ध हो सकता है। P
जनांकिकीय लाभांश की स्थिति बनाने के लिए बीमारू राज्य एवं देश के अन्य वैसे राज्यों जहां जनसंख्या वृद्धि दर अभी भी विस्फोटक है, वहां इसे नियंत्रित करना होगा तथा कौशल विकास एवं रोजगार अवसरों के सृजन पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। जनसंख्या वृद्धि की समस्या का एकमात्र समाधान विकास है। अतः सामाजिक-आर्थिक विकास, समावेशी विकास, कृषि में सरकारी निवेश में वृद्धि, लघु एवं कुटीर उद्योग पर बल, कौशल विकास, साक्षरता व स्वास्थ्य में वृद्धि, गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का सफल कार्यान्वयन, रोजगार कार्यक्रमों का प्रभावपूर्ण ढंग से कार्यान्वयन, पंचायती राज का सशक्तिकरण, माइक्रो लेवल प्लानिंग तथा भौगोलिक क्षेत्रों की समस्याओं एवं जरूरतों के अनुरूप नियोजन आदि जैसे अपेक्षित उपाय के द्वारा जनांकिकीय लक्ष्य एवं जनांकिकीय लाभांश को प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही इससे ग्रामीण जनसंख्या का शहर की ओर पलायन भी रूकेगा। अभी भी ग्रामीण आबादी का शहरों की ओर पलायन काफी तीव्र गति से हो रहा है, जिससे शहरों में स्लम बस्तियों में वृद्धि हो रही है तथा बुनियादी सुविधा चरमरा रही है ।
2011 की जनगणना में लिंगानुपात वृद्धि दर्ज की गई है। 2001 में जहां यह 933 थी, अब 940 हो गई है। लेकिन बाल लिंगानुपात 927 से घटकर 914 हो गई है, जो चिंतनीय है। लिंगानुपात कम-से-कम 950 होनी चाहिए। अधिकांश उत्तरी राज्यों में लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ तथा दिल्ली आदि में लिंगानुपात 900 से भी कम है। दक्षिण के राज्यों एवं जनजातीय क्षेत्रों में लिंगानुपात की स्थिति संतोषजनक है।
बाल लिंगानुपात में कमी मादा भ्रूण हत्या की ओर बढ़ती प्रवृत्ति तथा व्यापक लैंगिक असमानता का परिचायक है। कम लिंगानुपात वाले राज्यों पर विशेष जोर देते हुए नियोजन को लिंग सचेतन (Gender Sensitive) बनाना होगा। पीसीपीएनडीटी (PCPNDT- प्री कंसेप्शन एण्ड प्री नेटल डाइग्नॉस्टिक टेक्नीक्स) बोर्ड की समय-समय पर बैठकों का आयोजन और पीएनडीटी अधिनियम (PNDT Act) को कड़ाई से लागू करना होगा। प्रशासन एवं पुलिस व्यवस्था को Gender Sensitive बनाना होगा। बालिकाओं के मामले में यौन हिंसा, देह व्यापार, बालश्रम के चलन को रोकना होगा। मातृत्व- शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए संबद्ध क्षेत्र की आधारिक संरचना को सुदृढ़ करना होगा। स्त्री-शिक्षा, वैज्ञानिक शिक्षा, पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं की प्रभावी भागीदारी, नगर नियोजन में उनकी सशक्त भूमिका, लैंगिक समानता
के प्रति जागरूकता, प्रशासन, रोजगार के अवसरों, राजनीति में महिलाओं की भूमिका में वृद्धि तथा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाले कार्यक्रमों पर जोर देकर लिंगानुपात की स्थिति में सुधार किया जा सकता है तथा बाल लिंगानुपात को बढ़ाया जा सकता है।
उपर्युक्त तथ्यों के आलोक में प्रादेशिक नियोजन में आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक विकास के पहलुओं पर ध्यान देकर जनसंख्या की वृद्धि दर तथा लिंगानुपात की स्थिति के संतोषजनक स्तर को प्राप्त किया जा सकता है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here