आप कहां तक सहमत हैं कि जनसंख्या का अधिक घनत्व भारत में गरीबी का मुख्य कारण है ?

आप कहां तक सहमत हैं कि जनसंख्या का अधिक घनत्व भारत में गरीबी का मुख्य कारण है ?

(48-52वीं BPSC/2009)
उत्तर – भारत की 15वीं जनगणना (2011) के अनुसार देश की जनसंख्या 121 करोड़ है जो पिछले जनगणना (2001) से 17.64% ज्यादा है। हमारी अर्थव्यवस्था विकासशील है एवं तीव्र आर्थिक विकास दर के बावजूद यहां की बहुसंख्यक जनसंख्या गरीब और बेरोजगार है, क्योंकि भारत के अधिकतर क्षेत्रों का विकास हो नहीं पाया है। सरकार की अनेक विकास योजनाओं के बावजूद विकास की गति आगे बढ़ नहीं पा रही है, तो इसके कई अन्य कारणों में बढ़ती जनसंख्या भी एक प्रमुख कारण है। –
हमारे पास सीमित संसाधन हैं लेकिन दिन-व-दिन यदि जनसंख्या बढ़ती रही तो प्रति व्यक्ति संसाधनों का उपयोग घटेगा। प्रति व्यक्ति भूमि उपलब्धता की कमी होती चली जाएगी। साथ ही बढ़ती जनसंख्या के लिए रोजगार के साधन जुटाना एक बड़ी समस्या है। ऐसे में बेरोजगारों की संख्या बढ़ेगी अथवा कृषि जैसे क्षेत्रों में अदृश्य बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न होगी। बेरोजगारी की समस्या दूर करने में सरकार को रोजगार सृजन के लिए काफी धन व्यय करना पड़ता है इससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं। वर्तमान में चलने वाली सरकार की एक बड़ी योजना डछत्म्ळ । का मूल ध्येय रोजगार उपलब्ध कराना है। यदि इतना धन किसी विकास कार्य में खर्च किया जाए तो गांवों एवं शहरों की तस्वीर बदल सकती है। जनसंख्या वृद्धि से अनुत्पादक उपभोक्ता का भार अर्थव्यवस्था पर बढ़ता है। ये अनुत्पादक उपभोक्ता जनसंख्या का वैसा भाग है जो उत्पादन कार्य में भाग नहीं लेता, जैसे- बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, रोगी आदि जनसंख्या के साथ ही इनकी संख्या भी बढ़ती है जिससे अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ना स्वाभाविक है।
सरकार अनेक योजनाओं के माध्यम से गरीबी हटाने, रोजगार का सृजन करने और ग्रामीण एवं शहरी अवसंरचना का निर्माण करने का प्रयास कर रही है, लेकिन ये कारगर साबित नहीं हो पाती, क्योंकि इतनी विशाल जनसंख्या के लिए ये योजनाएं कम पड़ जाती हैं। विशाल जनसंख्या के कारण विभिन्न सरकारी सेवाओं का स्तर निम्न हो जाता है। जैसे-सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या काफी ज्यादा होने से शिक्षक प्रत्येक बच्चे पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाता। उसी प्रकार सरकारी अस्पतालों में भी अस्पताल उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवाओं को उपलब्ध करवाने में सफल नहीं हो पाते। इनका असर मानव संसाधन के विकास एवं अंततः हमारे अर्थव्यवस्था के विकास पर पड़ता है। अतः जनसंख्या वृद्धि विकास में बाधक है ।
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