व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले मनोवैज्ञानिक कारकों का उल्लेख कीजिए ।
व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले मनोवैज्ञानिक कारकों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर— मनोवैज्ञानिक कारक (Psychological Factors)– व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारकों में मनोवैज्ञानिक कारक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन कारकों में मुख्य मनोवैज्ञानिक कारक है– रुचियाँ, अभिवृत्तियाँ, बौद्धिक क्षमताएँ आदि। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य मनोवैज्ञानिक कारक भी हैं जैसे–आत्मानुभूति, आत्मस्वीकृति, आत्मबोध आदि । वातावरण में समायोजन के लिए आत्मस्वीकृति का मिलना अत्यन्त आवश्यक होता है क्योंकि आत्मस्वीकृति मिलने पर ही बालक में अन्तर्दृष्टि का विकास हो पाता है तथा वह अपनी योग्यताओं व क्षमताओं को ठीक से समझने लगता है ।
समायोजन की दृष्टि से व्यक्ति आश्वस्त होना चाहता है कि उसके माता-पिता, सगे सम्बन्धी, पास-पड़ोस व मित्रगण आदि उसके बारे में कैसी राय रखते हैं। इस प्रकार का प्रत्यक्षीकरण दूसरों की पसंद, स्वीकृति, प्रशंसा, अपनापन आदि से जुड़ा होता है। यह सब उसकी आत्मसंतुष्टि की भावना के लिए पर्याप्त होता है तथा उसे आत्मानुभूति का बोध होता है। इस तरह वह अपने जीवन को सार्थक समझता है ।
आत्मबोध के अन्तर्गत वे सभी बातें आ जाती हैं जो व्यक्ति अपने बारे में रखता है, जैसे उसकी स्वयं के बारे में राय, प्रत्यक्षीकरण, दृष्टिकोण आदि । इसका तात्पर्य यह है कि व्यक्ति अपने शरीर के बारे में कैसा प्रत्यक्षीकरण करता है, जैसे—उसका रंगरूप कैसा है, उसमें क्या योग्यताएँ. एवं क्षमताएँ हैं, समाज में उसकी क्या स्थिति है, उसका दूसरों से मेलजोल कैसा है तथा वह स्वयं कैसा लगता है आदि ।
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