सन् 1991 के पूर्व वैश्वीकरण के स्वरूप की चर्चा करें।

सन् 1991 के पूर्व वैश्वीकरण के स्वरूप की चर्चा करें।

उत्तर- वैश्वीकरण की प्रक्रिया कोई नई बात नहीं है। वर्ष 1870 से 1914 के दौरान भी ऐसा ही एक दौर देखने को मिला था। उस समय भारतीय जनता को गिरमिटिया मजदूरों के रूप में मॉरिशस, फिजी तथा अन्य देशों में बागानी कलि के लिए ले जाया गया। रेशम (सिल्क) मार्गों का उपयोग कर अनेक विदेशी व्यापारियों ने भारत में व्यापार फैलाया। आज जो स्थिति अमेरिका की है वह ब्रिटेन की हुआ करती थी। विश्व में . सर्वाधिक व्यापार ब्रिटेन की कंपनियाँ फैला रखी थी। दो विश्वयद्धों ने बिटेन की आर्थिक प्रगति को बाधित कर दिया और अमेरिका को आर्थिक जगत का बादशाह बना डाला। आज अमेरिकी डॉलर की विश्व में सबसे ज्यादा माँग है वैसे ही उस समय पाउंड की थी।

एक बात में वैश्वीकरण के ये दोनों चरण एक-दूसरे से भिन्न हैं और वह है अंतर्राष्ट्रीय प्रवाह अथवा देशांतरण।

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