सुरकोटड़ा सभ्यता (1800 ई.पू.- 1700 ई.पू.)
सुरकोटड़ा सभ्यता (1800 ई.पू.- 1700 ई.पू.)
सुरकोटदा या ‘सुरकोटडा’ गुजरात के कच्छ ज़िले में स्थित है। इस स्थल से हड़प्पा सभ्यता के विस्तार के प्रमाण मिले हैं।
- इसकी खोज 1964 में ‘जगपति जोशी’ ने की थी इस स्थल से ‘सिंधु सभ्यता के पतन’ के अवशेष परिलक्षित होते हैं।
- यहाँ पर एक बहुत बड़ा टीला था। यहाँ पर किये गये उत्खनन में एक दुर्ग बना मिला, जो कच्ची ईंटों और मिट्टी का बना था।
- परकोटे के बाहर एक अनगढ़ पत्थरों की दीवार थी। मृद्भाण्ड सैंधव सभ्यता के हैं।
- यहाँ से प्राप्त अवशेषों में महत्त्वपूर्ण हैं –
- घोड़े की अस्थियां एवं एक अनोखी क़ब्रगाह।
- सुरकोटदा के ‘दुर्ग‘ एवं ‘नगर क्षेत्र’ दोनों एक ही रक्षा प्राचीर से घिरे हुए थे।
- अन्य नगरों के विपरीत यहाँ नगर दो भागों-गढ़ी तथा आवास क्षेत्र में विभाजित था।
- सुरकोटदा के दुर्ग को पीली कुटी हुई मिट्टी से निर्मित चबूतरे पर बनाया गया था।
- यहाँ पर एक क़ब्र बड़े आकार की शिला से ढंकी हुई मिली है। यह क़ब्र अभी तक ज्ञात सैंधव शव-विसर्जन परम्परा में सर्वथा नवीन प्रकार की है।
- दुर्गीकृत क्षेत्र के दक्षिण पश्चिम से प्राप्त क़ब्रिस्तान से कलश शवाधान का उदाहरण प्राप्त हुआ है।
सुरकोटड़ा सभ्यता (1800 ई.पू.- 1700 ई.पू.)
- खोज – 1964 ई.
- खोजकर्ता – ‘जगपति जोशी’
- स्थान – कच्छ (गुजरात)
सुरकोटदा या ‘सुरकोटडा’ गुजरात के कच्छ ज़िले में स्थित है। इस स्थल से हड़प्पा सभ्यता के विस्तार के प्रमाण मिले हैं। इसकी खोज 1964 में ‘जगपति जोशी‘ ने की थी इस स्थल से ‘सिंधु सभ्यता के पतन‘ के अवशेष परिलक्षित होते हैं।
सुरकोटड़ा सभ्यता में एक बहुत बड़ा टीला था। यहाँ पर किये गये उत्खनन में एक दुर्ग बना मिला, जो कच्ची ईंटों और मिट्टी का बना था। परकोटे के बाहर एक अनगढ़ पत्थरों की दीवार थी।
यहाँ से प्राप्त अवशेषों में महत्त्वपूर्ण हैं – घोड़े की अस्थियां एवं एक अनोखी क़ब्रगाह। सुरकोटदा के ‘दुर्ग‘ एवं ‘नगर क्षेत्र‘ दोनों एक ही रक्षा प्राचीर से घिरे हुए थे। अन्य नगरों के विपरीत यहाँ नगर दो भागों-गढ़ी तथा आवास क्षेत्र में विभाजित था।
सुरकोटदा के दुर्ग को पीली कुटी हुई मिट्टी से निर्मित चबूतरे पर बनाया गया था। यहाँ पर एक क़ब्र बड़े आकार की शिला से ढंकी हुई मिली है। यह क़ब्र अभी तक ज्ञात सैंधव शव-विसर्जन परम्परा में सर्वथा नवीन प्रकार की है।
दुर्गीकृत क्षेत्र के दक्षिण पश्चिम से प्राप्त क़ब्रिस्तान से कलश शवाधान का उदाहरण भी प्राप्त हुआ है।
सुरकोतड़ा सभ्यता से प्राप्त अवशेष
- अश्वास्थि
- बैल की पहियेदार मूर्ति
- अस्थिकलश
- बड़ी चट्टान से ढकी एक कब्र
- अंडाकार शव के अवशेष
- पत्थर से ढके कब्र का साक्ष्य
- पत्थर की चिनाई वाले भवनों के साक्ष्य
- अग्निसंहार का साक्ष्य
- ईरानी तथा कुल्ली संस्कृति की कलाकृतियाँ का साक्ष्य
- निचले शहर के दुर्गीकृत होने का साक्ष्य
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