पाठ्यक्रम के क्या उद्देश्य है ?
पाठ्यक्रम के क्या उद्देश्य है ?
उत्तर— पाठ्यक्रम के उद्देश्य–शिक्षण में शिक्षक तथा छात्र के मध्य अन्तः क्रिया (Interaction) पाठ्यक्रम के माध्यम से होती है । इस प्रकार पाठ्यक्रम शिक्षण की क्रियाओं को दिशा प्रदान करते हैं। इन तीनों घटकों के पारस्परिक अन्तः प्रक्रिया द्वारा बालक का विकास किया जाता है। शिक्षण में तीन घटकों का विशेष महत्त्व होता है। इस प्रकार पाठ्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं—
(1) पाठ्यक्रम बालक के सम्पूर्ण विकास हेतु साधन प्रदान करता है, जिसकी सहायता से शिक्षण की क्रिया को सम्पादित करना है।
(2) पाठ्यक्रम को मानव जाति के अनुभवों को सम्मिलित रूप से स्पष्ट करके संस्कृति तथा सभ्यता का हस्तान्तरण एवं विकास करना ।
(3) पाठ्यक्रम को बालक में मित्रता, ईमानदारी, निष्कपटता, सहयोग, सहनशीलता, सहानुभूति एवं अनुशासन आदि गुणों को विकसित करके नैतिक चरित्र का निर्माण करना ।
(4) पाठ्यक्रम को बालक की चिन्तन, मनन, तर्क तथा विवेक एवं निर्णय आदि सभी मानसिक शक्तियों का विकास
करना ।
(5) पाठ्यक्रम को बालक के विकास की विभिन्न अवस्थाओं से सम्बन्धित सभी आवश्यकताओं, मनोवृत्तियों तथा क्षमताओं एवं योग्यताओं के अनुसार नाना प्रकार की सर्जनात्मक तथा रचनात्मक शक्तियों का विकास करना।
(6) पाठ्यक्रम को सामाजिक तथा प्राकृतिक विज्ञानों एवं कलाओं तथा धर्मों के आवश्यक ज्ञान द्वारा ऐसे गतिशील तथा लचीले मस्तिष्क का निर्माण करना चाहिये जो प्रत्येक परिस्थिति में सम्पूर्ण तथा साहसपूर्ण बनकर नवीन मूल्यों का निर्माण करना ।
(7) पाठ्यक्रम को ज्ञान तथा खोज की सीमाओं को बढ़ाने के लिए अन्वेषकों का सृजन करना ।
(8) पाठ्यक्रम को विषयों तथा क्रियाओं के बीच की खाई को पाटकर बालक के सामने ऐसी क्रियाओं को प्रस्तुत करना जो उसके वर्तमान तथा भावी जीवन के लिए उपयोगी बनाये ।
(9) पाठ्यक्रम को बालक में जनतंत्रीय भावना का विकास करना ।
(10) पाठ्यक्रम शिक्षण प्रक्रियाओं तथा शिक्षक तथा छात्र के मध्य अन्तः क्रिया के स्वरूप निर्धारित करना ।
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