Covid – 19 की स्थिति के कारण उत्पन्न हुई नौकरियों पर संकट की स्थिति को नियंत्रित करने तथा राष्ट्र के विकास की गति को बनाए रखने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्या भूमिका निभा सकते हैं, इस पर विस्तार से चर्चा कीजिए |
Covid – 19 की स्थिति के कारण उत्पन्न हुई नौकरियों पर संकट की स्थिति को नियंत्रित करने तथा राष्ट्र के विकास की गति को बनाए रखने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्या भूमिका निभा सकते हैं, इस पर विस्तार से चर्चा कीजिए |
उत्तर – सी.एम.आई. ई. के आकड़ों के अनुसार, अप्रैल माह में मासिक बेरोजगारी दर (मार्च की मासिक बेरोजगारी दर 8.74 प्रतिशत) बढ़कर 23.52 प्रतिशत हो गई थी। कोरोना संकट ने मध्य मई में बेरोजगारी दर को एकाएक बढ़ा कर 27.11 प्रतिशत कर दिया था जो लॉकडाऊन के प्रारम्भ से लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसके अनुसार शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में बेरोजगारी दर अधिक थी। इस महामारी का प्रभाव अर्थव्यवस्था के लगभग हर क्षेत्र पर पड़ा परन्तु सबसे ज्यादा प्रभाव असंगठित क्षेत्रों पर जिसका देश के रोजगार में हिस्सा लगभग 94 प्रतिशत है। दिल्ली, मुम्बई जैसे महानगरों से पलायन ने इसकी पुष्टि की तथा एम. एस. एम.ई. उद्योग हों या बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियां, सभी ने लॉकडाऊन के कारण अपने कर्मचारियों को या तो घर से काम करने का विकल्प दिया (जहाँ संभव हुआ) या उन्हें काम से छुट्टी दे दी गई। इससे उनके रोजगार पर गहरा संकट छा गया।
इसके अलावा अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में गतिविधियाँ धीमी हो गईं, जिससे देश की विकास दर ऋणात्मक करीब-24% पहुँच गई। इन सभी समस्याओं से निपटने में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। परन्तु, यह सिर्फ रोजगार के एक छोटे से वर्ग तक सीमित रहा, जैसे- कार्यालयीन कार्य जो इंन्टरनेट की सहायता से संम्भव हो। इनके अलावा अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में निम्न प्रयोग द्वारा विज्ञान प्रौद्योगिकी ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जैसे-
1. ऑनलाईन शिक्षा – इसमें कम्प्यूटर तथा मोबाईल जैसे उपकरणों के माध्यम से विद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों ने अपने छात्रों को शिक्षा देने का प्रयास किया, परन्तु इसकी भी कई सीमाओं के कारण छात्रों का एक बड़ा वर्ग उसका लाभ नहीं उठा सका।
2. ऑनलाई मनोरंजन – इस समय लोगों के अवसाद को कम करने में (ओटीटी प्लेटफॉर्म) ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे इनके कारोबार में भी अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई ।
3. महामारी को कॉन्टैक्ट ट्रेकिंग- महामारी को कॉन्टैक्ट ट्रेकिंग करने में आरोग्य सेतु जैसे ऐंड्रायड ऐपलिकेशन के इस्तेमाल से वाइरस के फैलाव में लगाम लगाने में भी मदद मिली।
4. शेयर बाजार – लॉकडाऊन के समय सभी व्यापारिक गतिविधियां लगभग बंद सी हो गई थीं परन्तु शेयर बाजार ने लोगों को एक ऐसा मौका दिया जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बदौलत ही सम्भव हो सका।
5. ई-कॉर्मस – इसे क्षेत्र में भी इस समय अच्छी खासी वृद्धि दर्ज की क्योंकि खाने के समान या आवश्यकता की वस्तुओं को लॉकडाउन के समय ऑनलाईन माध्यमों द्वारा ही पूर्ति की गई।
6. रोबोटिक्स- इसके द्वारा मरीजों की सहायता तथा साफ सफाई आदि अन्य कार्यों में सहायता मिली तथा बड़े विनिर्माण कारखानों में वस्तुओं के उत्पादन में भी इन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
7. वैक्सीन के निर्माण में कम्प्यूटर की भूमिका – कम्प्यूटर के द्वारा वैक्सीन के निर्माण में तेजी से काम हुआ जहाँ सामान्यतः एक वैक्सीन बनने में 10 से 11 साल लगते हैं। कम्प्यूटर आधारित प्रयोगों की सहायता से इसे कुल समय के लगभग 10 प्रतिशत समय में ही पूरा कर लिया गया।
8. सूचना का प्रसार- गुगल, फेसबुक, वॉट्सऐप जैसे सोशल मिडिया माध्यमों से सरकारी निर्देश व स्वास्थ्य संबंधित जानकारी त्वरित रूप से पहुँचाने में सहायता मिली। इसके अलावा लोगों को नए समय में नया व्यवहार (न्यू नॉर्मेल) के रूप में जागरूक किया जा सका।
9. स्वास्थ्य क्षेत्र में विज्ञान-प्रौद्योगिकी- इन क्षेत्र में कई महत्त्वपूर्ण आविष्कार हुए जिसने इस कठिन समय में जनसामान्य को सहायता पहुँचाई, जैसे-वैंटिलेटर, सेनिटाईजर मशीन, आरटी-पीसीआर टेस्ट आदि। इस समय ‘तापमान निगरानी’ महामारी पहचान का महत्त्वपूर्ण साधन बना जिसके लिए इन्फ्रारेड कैमरे, वायरलेस थर्मामीटर का प्रयोग मॉल, कार्यालायों, हवाई अड्डों पर किया गया।
इसके अलावा विज्ञान प्रौद्योगिकी के इस महामारी में इस्तेमाल द्वारा यह साबित किया कि यह नवाचार एक समयबद्ध, व्यवस्थित और शांत तरीके से महामारी की रोकथाम व देश की अर्थव्यवस्था को कुछ हद तक बचाने में सहायक साबित हुआ। प्रौद्योगिकी में उन्नति लगातार प्रगति कर रही है। यह नि:संदेह तेजी से बढ़ता रहेगा। हमें इस तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के लिए अपने आप को अनुकूल बनाना होगा और बेहतर तैयारियों के लिए प्रौद्योगिकी प्रणालियों के निर्माण में सहयोग और निवेश करना जारी रखना होगा।
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