कोलॉज से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों को समझाइए ।
कोलॉज से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों को समझाइए ।
उत्तर— कोलाज–“विभिन्न अनुपयोगी वस्तुएँ या कागज को गोंद, फैवीकोल या अन्य पदार्थ से कोई कलात्मक आकार या रूप प्रदान करना ही कोलॉज कहलाता है।” इसके अन्तर्गत सभी प्रकार के कागज, कपड़े, तीलियाँ, माचिस, सिगरेट की डिब्बियाँ, टूटे हुए विभिन्न काँच या मिट्टी की वस्तुएँ या अन्य अनुपयोगी वस्तुएँ आती हैं। इन सभी को गोंद, फैविकोल या अन्य पदार्थ से चिपकाकर, लगाकर, उभारकर, अपनी इच्छानुसार अंतराल में इस प्रकार संयोजित किया जाए कि कोई कलात्मक रूप की अभिव्यक्ति हो सके उसे ही कोलाज का नाम दिया गया है।
कोलाज से अभिप्राय–कोलाज भी कला के क्षेत्र में एक नवीन विधा है। यद्यपि यह कला अधिक पुरानी नहीं है, फिर भी इस कला विधा ने अपना अस्तित्व बना लिया है। कोलाज कला अनुपयोगी वस्तुओं की कलात्मक ढंग से चित्रों पर चिपकाने की कला है। इस प्रकार विभिन्न प्रकार की अनुपयोगी वस्तुओं को गत्ते या लकड़ी पर जमाने या चिपकाने को कोलाज कहते हैं।
कोलाज द्वारी घरे पर भी अनेक सुन्दर वस्तुएँ, आकृतियाँ बनाई जा सकती हैं। कोलाज एक सस्ता, सुलभ तथा सरलतापूर्वक की जाने वाली कला है, जिसे विद्यार्थियों को सिखाया जा सकता है। कोलाज निम्न विधियों द्वारा तैयार किया जा सकता है—
(1) पेपर कोलाज–सभी प्रकार के रंगीन एवं सादे कागज के द्वारा पेपर कोलाज बनाया जाता है। कागजों को गोंद से चिपकाकर कलात्मक रूप प्रदान किया जाता है। इस प्रकार के कलात्मक रूपों के लिए पूर्व में विचार कर हम कोई भी डिजाइन (आलेखन) मानवाकृति, पशु, पक्षी, प्रकृति को कागज के छोटे-छोटे टुकड़े द्वारा बना सकते हैं। दूसरे प्रकार के पेपर कोलाज के लिए बड़े-बड़े आकार के कागजों को चिपकाकर कोई भी आधुनिक कला का रूप भी सृजित किया जा सकता है।
(2) उभारदार कोलाज–अपने परिवेश में उपलब्ध अनुपयोगी सामग्रियों को संगृहीत करके उभारदार कोलाज बना सकते हैं। इस तरह के कोलाज में उस सामग्री का उपयोग करेंगे जो वातावरणीय प्रभाव (सर्दी, गर्मी, वर्षा) से खराब नहीं हो और न ही उनके रूप में परिवर्तन हो। आवश्यक सामग्री के रूप में पुरानी खराब, पेन, पेन्सिल, अनुपयोगी इंजेक्शन की सुइयाँ, पुराने सिक्के, प्लास्टिक के डिब्बे, पुराने सेल आदि कई प्रकार की अनुपयोगी वस्तुएँ हो सकती हैं। इन्हें संयोजित कर कोलाज का रूप देने के लिए धरातल के रूप में मोटा गत्ता, हार्ड बोर्ड या प्लाईवुड लेते हैं। इस पर संकलित अनुपयोगी सामग्रियों को कलात्मक रूप देकर उभारदार कोलाज का निर्माण करते हैं।
(3) मिश्रित कोलाज–मिश्रित कोलाज में कागजों के साथ अन्य अनुपयोगी वस्तुएँ मिलाकर चिपकाना, जोड़ना, विभिन्न अनुपयोगी वस्तुओं को कलात्मक रूप प्रदान किया जा सकता है। लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़ों को रंगकर, जलाकर अन्य वस्तुएँ जैसे— शीशा, चीनी मिट्टी के टुकड़े, शीशी के ढक्कनों को विशेष प्रकार से संयोजित करना, विशेष प्रकार की प्लास्टिक की वस्तुएँ और मोमजामा के थैलों, डोरा आदि को भी जलाकर, भिगोकर, चिपकाया अथवा जोड़ा जा सकता हैं।
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