उपग्रह प्रौद्योगिकी को सामान्य व्यक्ति के जीवन स्तर बढ़ाने में किस प्रकार प्रयुक्त किया जा सकता है ?
उपग्रह प्रौद्योगिकी को सामान्य व्यक्ति के जीवन स्तर बढ़ाने में किस प्रकार प्रयुक्त किया जा सकता है ?
( 43वीं BPSC / 2001 )
उत्तर – उपग्रह प्रौद्योगिकी कृत्रिम उपग्रह के डिजाइन एवं इसे अंतरिक्ष में प्रतिस्थापित करने से लेकर इसके संचालन से संबद्ध है। भारत ने अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट 11 अप्रैल, 1975 को पूर्व सोवियत संघ के बैकानूर अंतरिक्ष केन्द्र से पृथ्वी के वृत्तीय कक्षा में स्थापित किया था। उस समय से भारत ने उपग्रह प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है एवं शिक्षा, चिकित्सा, दूरसंचार, मौसम विज्ञान सैन्य आदि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। निश्चित तौर पर ये सभी देश के आम व्यक्ति से जुड़े क्षेत्र हैं जिनके विकास से प्रत्येक व्यक्ति के जीवन स्तर में प्रत्यक्षतः सुधार हुआ है। “
भारत में दो उपग्रह प्रणाली अथवा तंत्र कार्य कर रहे हैं, जिसमें से प्रथम, इनसैट (Indian National Satellite – INSAT) जो घरेलू दूरसंचार, मौसम विज्ञान, दूरदर्शन क्षमता से युक्त एक बहुउद्देश्यीय उपग्रह प्रणाली है। दूसरा, दूरस्थ वस्तुओं, लक्ष्यों या प्रतिक्रियाओं से संबंधित सूचना प्राप्त करने के लिए भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह ( Indian Remote Sensing Satellite–IRS) तंत्र है। उसी प्रकार जीसैट- 8, ग्रामसैट आदि प्रमुख भारतीय उपग्रह हैं।
• उपग्रह प्रौद्योगिकी के फायदे
कृषि में-भारतीय सुदूर संवेदी उपग्रह तंत्र (IRS) से प्राप्त अनेक सूचनाएं कृषि के लिए लाभदायक होती हैं, जैसे-फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन का आकलन, सूखे का अनुमान एवं मूल्यांकन, बाढ़ का पूर्वानुमान, भूमि-उपयोग के संबंध में जानकारी, जलवायु के अनुसार कृषि-योजना बनाने, बंजर भूमि प्रबंधन, जल प्रबंधन, भूमिगत जल की खोज, मत्स्य पालन आदि से संबंधित जानकारी हमें IRS से प्राप्त होती है ।
चिकित्सा में (टेलीमेडिसिन )- इनसैट प्रणाली के अंतर्गत वीडियो लिंक, ई-मेल आदि के द्वारा मेडिकल सूचना का प्रेषण एवं इन संचार सुविधाओं के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों/ देशों में बैठे डॉक्टर मरीज के बीच कंसलटेशन किया जाता है, इसे टेलीमेडिसिन कहते हैं।
मौसम / प्राकृतिक आपदा – IRS प्रणाली के माध्यम से मौसम पूर्वानुमान लगाना अथवा प्राकृतिक आपदा की पूर्ण सूचना का पता लगाना संभव सका है।
टेलीविजन/रेडियो/मोबाइल फोन- दूरदर्शन के राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत 15 अगस्त, 1982 को हुई लेकिन इनसैट श्रृंखला के प्रथम उपग्रह इनसैट 1A की सहायता से संचालित दूरदर्शन की सेवा इनसैट 1A के खराब होने के कारण बंद हो गई। लेकिन आज उपग्रहों के विकास के कारण हमारी टेलीविजन सेवा की पहुंच गांव-गांव तक हो गई है एवं सरकारी चैनल के अलावा लगभग 50 प्राइवेट चैनल अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसी प्रकार इनसैट तंत्र की सहायता से सरकार एवं अनेक प्राइवेट रेडियो चैनल चलाए जा रहे हैं। उपग्रह प्रौद्योगिकी के विकास ने भारत में एक तरह से मोबाइल-क्रांति को जन्म दिया है। आज सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी मोबाइल सेवा सुचारू रूप से कार्यरत है।
ऑन-गोइंग शैक्षणिक सेवा – उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग करके स्कूली एवं अन्य व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
• उपग्रह प्रौद्योगिकी के फायदे –
> कृषि में – IRS प्रणाली से कृषि संबंधित अनेक सूचनाएं प्राप्त की जा सकती है।
> चिकित्सा में टेलीमेडिसिन का उपयोग कर सकते हैं ।
> मौसम / प्राकृतिक आपदा में – IRS प्रणाली के उपयोग से मौसम अथवा प्राकृतिक आपदा से संबंधित पूर्वानुमान एवं विश्लेषण संभव है।
> टेलीविजन / रेडियो / मोबाइल – ये उपग्रह प्रौद्योगिकी पर निर्भर साधन हैं।
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