जिंक ऑक्साइड राजस्थान में पाया जाता है। इस खोज का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है ?

जिंक ऑक्साइड राजस्थान में पाया जाता है। इस खोज का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है ?

(46वीं BPSC/2005)
उत्तर – जिंक ऑक्साइड जस्ता प्राप्ति का मुख्य स्रोत है। देश में जस्ते का सर्वाधिक भण्डार (92%) राजस्थान में है एवं भारत जस्ता उत्पादन में आत्मनिर्भर है। जस्ता के अनेक उपयोग हैं जो भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में सहायता प्रदान करते हैं
1. जस्ते का प्रयोग मिश्रधातुओं के निर्माण में किया जाता है। पीतल, कांसा, जर्मन सिल्वर, डचमेटल, गन मेटल आदि जस्ते के प्रमुख मिश्रधातु हैं। इन मिश्रधातुओं का उपयोग विभिन्न आर्थिक क्रियाकलाप के लिए करते हैं।
2. जस्ते का उपयोग प्रयोगशाला में किया जाता है।
3. इसका प्रयोग सबसे ज्यादा लौह उद्योग में किया जाता है। लोहे को जंग से बचाने के लिए जस्तेदार लोहा (Galvanize Iron) का निर्माण किया जाता है।
4. जस्ते के कई यौगिकों का प्रयोग मलहम, क्रीम, कृत्रिम दांत आदि बनाने में किया जाता है।
 5. जस्ते का प्रयोग उर्वरक के रूप में भी किया जाता है।
6. चर्म उद्योग, टेक्सटाइल उद्योग आदि में जस्ते का प्रयोग किया जाता है।
उपर्युक्त उपयोगों के आधार पर कहा जा सकता है कि जस्ता भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
 > जिंक ऑक्साइड जस्ते का प्रमुख अयस्क है।
> देश में जस्ते का सर्वाधिक भण्डार राजस्थान में ( 92% ) अवस्थित है।
• उपयोग
>  पीतल, कांसा, जर्मन सिल्वर, डचमेटल, गनमेटल आदि मिश्रधातुओं के निर्माण में ।
> जंगरोधक जस्तेदार लोहा (Galvanize Iron) के निर्माण में ।
> चर्म उद्योग, टेक्सटाइल, उर्वरक, क्रीम, कृत्रिम दांत आदि बनाने में।
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