बिहार डी.एल.एड. (सामान्य हिन्दी) कहावतें एवं लोकोक्तियाँ
बिहार डी.एल.एड. (सामान्य हिन्दी) कहावतें एवं लोकोक्तियाँ
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. अधजल गगरी छलकत जाए
(A) सम्हल कर न चलना
(B) थोड़े पानी का बगूला होना
(C) अल्पज्ञ अथवा सामान्य सम्पत्ति वाले व्यक्ति द्वारा गर्व प्रदर्शन
(D) अपनी छोटी-सी बात की भी प्रशंसा करना
2. किसी की आई मुझको आ जाए
(A) कसाई के कोसे पड़ा मर जाए
(B) जे सहि दुःख परछिद्र दुरावा
(C) आप मरे जग प्रलय होई
(D) दूसरे की बला मेरे ऊपर आ जाए
3. आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास
(A) साधुओं की संगति छोड़ देना
(B) भक्ति छोड़ कर दुकानदारी करने लगना
(C) वांछित कार्य छोड़कर अन्य कार्य में लग जाना
(D) अनावश्यक कार्य करना
4. तू डाल-डाल मैं पात-पात
(A) पेड़ों पर चढ़कर खेले जाने वाला खेल
(B) एक-से-एक बढ़कर चालाक होना
(C) चोरी करने के बाद पकड़ाई में न आने का प्रयत्न करना
(D) जैसे को तैसा फल चखाना
5. पाव भर चून पुल पर रसोई
(A) अपनी सम्पत्ति का प्रदर्शन करना
(B) थोड़ी चीज को बहुत समझना
(C) अपनी चीज की बर्बादी करना
(D) सीमित साधन होने पर भी अधिक व्यक्तियों को निमंत्रित कर देना
6. थोथा चना बाजे घना
(A) ठलुआ व्यक्ति केवल बातें करता है
(B) खाली चना घुँघरू की आवाज करता
(C) बोलने से व्यक्ति की वास्तविकता का पता लग जाता है।
(D) अल्पज्ञ व्यक्ति अधिक बोलता है
7. हाथी के दाँत दिखाने के और खाने के और
(A) असली वस्तु दिखाकर नकली वस्तु देना
(B) नम्बर दो का व्यापार करना
(C) दोहरा व्यवहार करना
(D) मीठी-मीठी बातें बनाकर किसी को धोखा देना
8. न सावन सूखा न भादों हरा
(A) सदैव एक-सा रहना
(B) मुँह पर मन के भाव न आने देना
(C) स्थिर चित्त रखना
(D) सुख – दुःख से परे रहना
9. अन्धी पीसें कुत्ते खाएँ
(A) अपना माल लुटाना
(B) विवशता का अनुचित लाभ उठाना
(C) असावधानी से किए जाने वाले कार्य द्वारा अयोग्य व्यक्ति / व्यक्तियों को लाभ होता है।
(D) बेहिसाब काम करना
10. नई नाइन बाँस का नैहन्ना / नई घोषन उपलो का तकिया
(A) नए शौक को पूरा करने के लिए अजीव तरह व्यवहार करना
(B) अनाड़ीपन या मूर्खता का काम करना
(C) अनुभवहीन व्यक्ति सदैव गलत काम करता है
(D) नया कारीगर अपना रौब जमाने के लिए प्रायः गलत काम कर बैठता है
11. न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी
(A) बड़े लोगों से काम कराना बहुत कठिन होता है
(B) कार्य करने के लिए कोई असाधारण बहाना बनाना / शर्त रख देना
(C) बड़े लोगों की बातें बड़ी होती हैं
(D) बड़े घर की लड़कियों के नखरे भी बड़े होते हैं
12. नौ दिन चले अढ़ाई कोस
(A) बहुत धीमी गति से काम करना
(B) बहुत धीमी गति से चलना
(C) अधिक समय में कम काम करना
(D) हरामखोरी करना
13. आपु न जावै सासुरे औरन कूं सिख देत
(A) स्वयं कोई काम न करना और उसको करने के लिए अन्य व्यक्तियों से कहना
(B) दूसरों को उपदेश देना
(C) किसी काम का आदमी न होना
(D) अपने पिता के घर रहने वाली स्त्री
14. आम खाने या पेड़ गिनने
(A) व्यर्थ की बातें न करके केवल अपने मतलब की बात करनी चाहिए
(B) बगीचे में जाकर आमों पर नजर रखनी चाहिए
(C) अपने काम से काम रखना
(D) अपना काम तत्काल समाप्त करना चाहिए
15. ऊँट मक्के की ओर भागता है।
(A) अपने मतलब को गाँठना पशु भी जानते हैं
(B) अपने अभीष्ट को सभी प्राप्त करना चाहते हैं
(C) पशु भी घर की याद करते हैं।
(D) अपनी जन्मभूमि से प्रायः सभी प्रेम करते हैं
16. एक तबे की रोटी, क्या छोटी क्या मोटी
(A) खाने से मतलब, रोटियों की बनावट का हिसाब लगाना व्यर्थ है
(B) भोजन की सामग्री में दोष बताना
(C) सभी लगभग एक से होना
(D) भोजन में छुआछूत की बात करना
17. खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है
(A) पड़ोस का असर पड़ता ही है
(B) समूह में सब लोग परस्पर समान व्यवहार करते हैं
(C) एक खेत के सब खरबूजे समान होते हैं
(D) एक-दूसरे की नकल/स्पर्द्धा करना
18. गधा खेत खाए जुलाहा पीटा जाए
(A) जानवर पालने के अनेक दुष्परिणाम हो सकते हैं
(B) जीवन में अनेक असंगत घटनाएँ होती रहती हैं
(C) अन्याय करना
(D) अपराध कोई करे और दण्ड अन्य किसी को दिया जाये ( मिले)
19. इमली के पांत पर बारात का डेरा
(A) कमाल दिखाना
(B) साधन थोड़े, बातें बड़ी
(C) असंभव बात
(D) अत्यंत कंजूस होना
20. कनक धतूरे सों कहत, गहनों गढ़ों न जात
(A) नाम के आकर्षक होने से काम नहीं चलता है
(B) संसार काम चाहता है, नाम नहीं
(C) किसी के समान नाम रख लेने से उसके समान सम्मान नहीं मिलता है
(D) धतूरा सोने की भाँति उपयोगी नहीं होता है
21. घी खाया बाप ने सूँघो मेरे हाथ
(A) पिता की सम्पत्ति का अधिकारी होना
(B) दूसरों के श्रेष्ठ कार्य का स्वयं श्रेय लेना
(C) पिता के नाम पर यश कमाना
(D) पिता के अपराध के लिए खुद को दोषी मानना
22. हाथ कंगन को आरसी क्या
(A) प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं
(B) सुन्दर स्त्री को आभूषणों की आवश्यकता नहीं
(C) विद्वान को धन की आवश्यकता नहीं
(D) नौ नकद न तेरह उधार
23. होनहार बिरवान के होत चीकने पात
(A) महान बनने वाले व्यक्तियों के गुण पालने में (बचपन में) ही नजर आने लगते हैं
(B) चिकने पत्ते वाले पौधे अच्छी नस्ल के होते हैं
(C) अच्छे पौधों की पहचान उनके चिकने पत्तों से की जाती है
(D) चिकने पत्ते वाले पौधे सबको अच्छे लगते हैं
24. मन के हारे हार है, मन के जीते जीत
(A) कल्पना करने मात्र से सब काम संभव है
(B) हिम्मत न हारने वाले की जीत होती है
(C) हतोत्साहित होने पर असफलता और निरन्तर उत्साहपूर्वक कार्य करने वाले को सफलता मिलती है
(D) काम के समय जैसी मनःस्थिति होती है, वैसा ही परिणाम निकलता है
25. पढ़े फारसी बेचें तेल, यह देखो कुदरत का खेल
(A) फारसी पढ़ लोगों को प्रायः तेल बेचना पड़ता है
(B) शिक्षित होकर बेकार रहना
(C) योग्यता होते हुए भी विवशता के कारण निम्न स्तर का कार्य करना
(D) विद्या का अपमान करना
26. मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक
(A) सीमित सामर्थ्य होना
(B) कूप-मण्डूक होना
(C) लकीर का फकीर होना
(D) सीमित ज्ञान होना
27. तेल देखो तेल की धार देखो
(A) तेल के फैलने पर उसकी धार की दिशा देखना चाहिए
(B) रुख पहचानना
(C) काम करते समय उसकी पहचान करना
(D) तेल की धार देखकर तेल का परीक्षण करना
28. अपना रख, पराया चख
(A) अपनी वस्तु की रक्षा और दूसरे की वस्तु का उपयोग
(B) मुफ्त की वस्तु का प्रयोग करना
(C) दूसरे की वस्तु का दर्द न होना
(D) पराई वस्तु में स्वाद आता है
29. कूद-कूद मछली बगुले को खाए
(A) कमजोर व्यक्ति शक्तिशाली को मारे
(B) फुर्तीला व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है
(C) विपरीत कार्य होना
(D) अपनी गली में कुत्ता शेर होता है
30. घी का लड्डू टेढ़ा भला
(A) घी का हर सामान स्वादिष्ट होता है
(B) लड्डू सदैव स्वादिष्ट लगता है
(C) बढ़िया माल से तैयार की हुई वस्तु सदैव अच्छी होती है
(D) काम की वस्तु कुरूप होने पर भी ठीक समझी जाती है
31. जंगल में मोर नाचा किसने देखा?
(A) मोर एकांत में नाचता है
(B) किसी ऐसे स्थान पर काम करना जिससे किसी को लाभ न हो
(C) विदेश में रहने वाले व्यक्ति के बड़प्पन को कोई स्वीकार नहीं करता है
(D) छिपकर किए जाने वाले काम का महत्व नहीं होता है
32. मियाँजी की दाढ़ी ताबीजों में खत्म हो जाना अथवा मियाँ की दाढ़ी चुमाई में जाना
(A) परोपकारी की हानि ही होती है।
(B) अपना काम करने के बाद अन्य लोगों की भलाई की बात सोचनी चाहिए
(C) किसी वस्तु का दूसरों के देखने में समाप्त हो जाना
(D) दाढ़ी वाले लोग सहज की ठग लिए जाते हैं
33. आग खाना अंगार निकलना
(A) जैसा करोगे वैसा भरोगे
(B) बबूल बोने पर आम के फल नहीं खाए जाते हैं
(C) बुरा भोजन बुद्धि को खराब कर देता है
(D) बुरी संगत बुरा कर्म
34. कोयले की दलाली में हाथ काले
(A) काली वस्तु अपना रंग लगा ही देती है
(B) बुरी संगति में बदनामी मिलती ही है।
(C) कोयले के दलाल को कोयले का स्पर्श करना ही पड़ता है
(D) व्यवसाय अपना प्रभाव डालता ही है
35. चोर-चोर मौसेरे भाई
(A) चोरों की माताओं के स्वभाव एक से होते हैं
(B) सब चोर समान होते हैं
(C) एक पेशे वाले आपस में नाता जोड़ लेते हैं
(D) चोरों के रिश्तेदारी का क्या भरोसा
36. अकेला मनुष्य कोई काम नहीं कर सकता है
(A) अपनी खिचड़ी अलग पकाना
(B) चार जना का बोझ है एक हाथ के सिर
(C) अकेला चना भार नहीं फोड़ सकता
(D) इनमें से कोई नहीं
37. ऐसा समुदाय जिसका प्रत्येक सदस्य अपने को सबसे बड़ा समझता है
(A) शालिग्राम की सब बटियाँ बराबर
(B) नाई की बारात में सब ठाकुर
(C) हम चुनी दीगहाँ नेस्त
(D) इनमें से कोई नहीं
38. अभागा व्यक्ति कहीं भी चैन से नहीं रह पाता है
(A) जहाँ जाए भूखा, वहाँ पड़े सूखा
(B) जइयो पूता दक्खिन, वे ही करम के लच्छिन
(C) जहाँ-जहाँ पाँव पड़े संतन के, वहाँ-वहाँ बण्टाधार
(D) इनमें से कोई नहीं
39. एकता में शक्ति निहित होती है
(A) बूँद-बूँद से घट भरता है
(B) एक चना भाड़ नहीं फोड़ सकता है
(C) एक और एक ग्यारह होते हैं
(D) इनमें से कोई नहीं
40. किसी अच्छे काम को करते हुए विपत्ति आ जाना
(A) न अंधे को न्यौता दो, न दो जने आएँ
(B) पाव भर चून पुल पर रसोई
(C) होम करते हाथ जलना
(D) इनमें से कोई नहीं
41. वंशानुगत स्वभाव प्राप्त होता ही है
(A) चूहे का बच्चा बिल ही खोदता है
(B) मोर पेट में से ही चिथे हुए आते हैं
(C) माँ पर पूत, पिता पर घोड़ा, बहुत नहीं तो थोड़ा-थोड़ा
(D) इनमें से कोई नहीं
42. लोगों से अधिक सम्बन्ध न रखना, अपने काम से काम रखना
(A) न ऊधो का लेना न माधो का देना
(B) तीन लोक मथुरा न्यारी
(C) तीन में न तेरह में मृदंग बजावें डेरे में
(D) इनमें से कोई नहीं
43. निर्धन होने पर भी ठाट-बाट से रहना
(A) तन पर नहीं लाल पान खाएँ अलबत्ता
(B) घर में नहीं हैं दाने, बीबी चली भुनाने
(C) शौकीन बुढ़िया चटाई का लहँगा
(D) इनमें से कोई नहीं
44. दूसरों का बुरा चाहने वाले का भी बुरा होता है
(A) खाई खने जो आन को ताको कूप तैयार
(B) कसाई के कोसने पड़रा नहीं मरते हैं
(C) इधर गिरे तो कुआँ, उधर गिरे तो खाई
(D) इनमें से कोई नहीं
45. केवल बातों से समझना / सांत्वना देना
(A) नौ नकद न तेरह उधार
(B) खाओ न पीओ, जुग-जुग जीओ
(C) खुशामद से आमद है
(D) इनमें से कोई नहीं
46. सुख के बदले दुःख मिलना
(A) आए थे हरिभजन को ओटन लगे कपास
(B) कोयले की दलाली में हाथ काले
(C) गए थे रोजा छुड़ाने, गले पड़ी नमाज
(D) इनमें से कोई नहीं
47. योग्यता से बढ़कर दावा करना
(A) मेड़की भी नाल ठुकाना चाहती है।
(B) चूनी कहै मोहि घी से खाऊ
(C) प्यादे तें फर्जी भयौ टेढो – टेढो जाए
(D) इनमें से कोई नहीं
48. केवल दिखावे से नाम/यश नहीं मिलता है
(A) कह धतूरे सों कनक गहनों गढ़ो न जाए
(B) काठ की हाँड़ी एक बार चढ़ती है
(C) जोग जुगत न जानी, कपड़े रंग भये बिरागी
(D) इनमें से कोई नहीं
49. अधिकारी की बात मान्य होती है
(A) को कहि सकै बड़ेन सों लखे बड़ी हू भूल
(B) समरथ को नहिं दोष गुसाईं
(C) पाँसा पड़े सो दाँव, राजा करे जो न्याउ
(D) इनमें से कोई नहीं
50. अवसर का लाभ न उठाकर पीछे पछताने से कोई लाभ नहीं होता है-
(A) अवसरवादी होना
(B) मौके पर सो जाना
(C) अब पछताए होत का, जब चिड़िया चुग गई खेत
(D) इनमें से कोई नहीं
51. उच्च पदस्थ व्यक्ति देखने की अपेक्षा सुनने पर अधिक विश्वास करते हैं
(A) कहे खेत की सुने खलिहान की
(B) बड़ों के कान होते हैं, आँख नहीं
(C) बड़े लोग कानों के कच्चे होते हैं
(D) इनमें से कोई नहीं
52. अपनी सामर्थ्य के भरोसे काम करना चाहिए
(A) तेते पाँव पसारिए जेती लाँबी सौर
(B) कर बहियाँ बल आपनी छाँड़ि बिरानी आस
(C) आस बिरानी जे करें, वे होते ही मर जाएँ
(D) इनमें से कोई नहीं
53. दोनों ओर विपत्ति
(A) जहाँ जाए भूखा तहाँ पड़े सूखा
(B) आगे नाथ न पीछे पगहा
(C) आगे कुआँ पीछे खाई
(D) इनमें से कोई नहीं
54. मूर्ख व्यक्ति को छोटा काम भी बड़ा लगता है
(A) तेली के बैल को घर ही कोस पचास
(B) घोड़न कों घर कितनी दूर
(C) खोदा पहाड़ निकली चुहिया
(D) इनमें से कोई नहीं
55. कही हुई बात प्रकट हो जाती है
(A) दीवालों के भी कान होते हैं
(B) हलक से निकली खलक में पड़ी
(C) घर-घर में विभीषण होते हैं
(D) इनमें से कोई नहीं
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