CTET पेपर – I, कक्षा I-V 9 जनवरी, 2023

CTET पेपर – I, कक्षा I-V 9 जनवरी, 2023

भाग-I: बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र

1. बाल विकास के क्षेत्र में हाल ही के सिद्धांत यह सुझावित करते हैं कि विकास प्रभावित होता है?
(i) आनुवांशिकता से
(ii) शिक्षा से
(iii) संस्कृति से
(iv) सामाजिक नीतियों से
(1) केवल (i)
(2) केवल (i), (ii)
(3) केवल (i), (ii), (iii)
(4) (i), (ii), (iii), (iv)
2. बच्चों का विकास किस प्रकार से होता है?
(1) व्यवस्थित रूप से होता है परन्तु स्वाभाविक रूप से वैयक्तिक होता है।
(2) अव्यवस्थित रूप में किसी विशिष्ट पल में अचानक से उभर आता है
(3) पूरे विश्व में सभी बच्चों में एकसमान दर से होता है।
(4) केवल विद्यालयीकरण के परिणाम से होता है
3. छोटे बच्चों में समाजीकरण का प्राथमिक कारक / संस्था …….. है और द्वितीयक कारक / संस्था ………है।
(1) परिवार, पुस्तकालय
(2) अभिभावकों का कार्यस्थल आस पड़ोस
(3) संचार माध्यम परिवार
(4) कानून; धार्मिक संगठन
4. जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत के अनुसार, अधिकांश बच्चे किस अवस्था में बीते हुए समय वर्तमान और भविष्य के बारे में स्पष्ट रूप के समझ बना लेते हैं?
(1) संवेदी गत्यात्मक
(2) पूर्व-संक्रियात्मक
(3) मूर्त संक्रियात्मक
(4) औपचारिक संक्रियात्मक
5. जीन पियाजे के सिद्धांत में, चिन्तन की बुनियादी निमित्तियों को किस रूप में जाना जाता है ?
(1) सहज क्रियाएँ
(2) स्कीमा
(3) संकेत
(4) अवधारणाएँ
6. लेव वायगोत्स्की के सिद्धांत के अनुसार ……… विकास को ……. आकार देता / देते हैं / हैं ।
(1) सामाजिक; आनुवांशिक कारक
(2) संज्ञानात्मक; संस्कृति
(3) भावात्मक ; प्राकृतिक कारक
(4) शारीरिक; संवेग
7. लेव वायगोत्स्की ने संज्ञानात्मक विकास की प्रक्रिया के किसकी भूमिका पर बल दिया है?
(1) भाषा
(2) संज्ञानात्मक द्वंद्व
(3) सहज क्रियाएँ
(4) स्कीमा
8. नैतिक विकास का सिद्धांत लॉरेन्स कोहलबर्ग के साथ-साथ और किसके द्वारा प्रतिपादित किया गया है?
(1) लेव वायगोत्स्की
(2) जिरोम ब्रूनर
(3) जीन पियाजे
(4) बी. एफ. स्किनर
9. एक अध्यापक को अपनी शिक्षणशास्त्रीय प्रविधियों के बारे में किस प्रकृति का होना चाहिए?
(1) दृढ़ (जड़)
(2) गैर-लचीला
(3) लचीला (सुनम्य)
(4) अनजान
10. बुद्धि लब्धि (IQ) परीक्षणों की आलोचना प्रायः क्यों की जाती है?
(1) कौशलों की विस्तृत श्रृंखला को मापने को उनकी क्षमता
(2) प्रत्यक्ष रूप से पश्चात् संस्कृति के प्रभाव से ग्रसित
(3) बुद्धि पर सामाजिक प्रभाव का अवबोधन
(4) संज्ञान पर भावनाओं के प्रभाव का अतिशय प्राक्कलन
11. अभिकथन (A) : जब कोई विद्यार्थी किसी दिए गए प्रश्न का हल ढूंढ़ने की प्रक्रिया से जूझ रहा है, तो अध्यापक को उसे अपने विचार मौखिक तौर पर अभिव्यक्ति करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
तर्क (R) : अधिगम तब अधिक प्रभावशाली होता है जब अध्यापक विद्यार्थियों से सफलता की कम-से-कम अपेक्षा रखते हैं।
(1) (A) और (R) दोनों सही है और (R), (A) की सही व्याख्या करता है
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है
(3) (A) सही है लेकिन (R) गलत है
(4) (A) और (R) दोनों गलत हैं
12. जेंडर ……….. निर्मित है जबकि लिंग………. निर्मित है
(1) सामाजिक, जैविक
(2) सामाजिक, नैतिक
(3) नैतिक, सामाजिक
(4) जैविक, सामाजिक
13. एक अध्यापक को सभी के लिए अधिगम सहज-सुगम बनाने के लिए अधिगम प्राथमिकताओं में वैयक्तिक भिन्नताओं के प्रति क्या करना चाहिए?
(1) उन्हें महत्त्वपूर्ण मानना चाहिए
(2) उनको अनदेखा करना चाहिए
(3) उनको मिटा देना चाहिए
(4) दमन करना चाहिए
14. आकलन का मुख्य उद्देश्य क्या होना चाहिए?
(1) विद्यार्थियों के अंकों की व्यापकता का पता लगाना
(2) विद्यार्थियों के सीखने की प्रगति के प्रति समझ बनाना
(3) संभाव्य असफल और सफल विद्यार्थियों की पहचान करना
(4) विद्यार्थियों को ग्रेड मान देना
15. निम्नलिखित में से कौन-सी प्रविधि विद्यार्थियों में समालोचनात्मक चिन्तन को प्रोत्साहित कर सकती है?
(1) प्रश्न को तुरन्त उत्तर देने के लिए कहना
(2) विद्यार्थियों को विमर्श हेतु समय देना
(3) विद्यार्थियों से बंद – अंत वाले प्रश्न पूछना
(4) विद्याथियों में परस्पर अन्तः क्रिया को निरूत्साहित करना
16. सुविधा वंचित समूहों से संबंध रखने वाले विद्यार्थियों के समावेशन में निम्नलिखित में से किसके द्वारा अवरोध उत्पन्न होता है ?
(1) रूढ़िबद्ध और स्थापित धारणाएँ
(2) बाल-केन्द्रित उपागम
(3) रचनात्मक आकलन
(4) वैयक्तिक भिन्नताओं का ध्यान रखना
17. पठनवैकल्य प्रत्यक्ष रूप से किस कौशल में चुनौती का कारण बनता है / देता है ?
(1) स्केच बनाना
(2) वाचन
(3) देखना
(4) सुनना
18. दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को सहजता के साथ शामिल करने के लिए अध्यापक को क्या करना चाहिए?
(1) जितनी अधिक संभव हो सके, अधिक से अधिक सूचनाएँ
(2) कक्षा में समर्थक उपकरणों का प्रयोग बाधित करना चाहिए
(3) लिखित सूचनाओं को मौखिक रूप से सम्प्रेषित करना चाहिए
(4) इन विद्यार्थियों को केवल बहुत ही सरल से कार्य देने चाहिए।
19. स्वलीनता विकार से जूझते विद्यार्थियों की प्रतिनिधिक पहचान विशेषता निम्नलिखित में से क्या है?
(1) उच्च रूप से विकसित सामाजिक कौशल
(2) आवेगशीलता
(3) अवरुद्ध सम्प्रेषण कौशल
(4) औसत से ऊपर बुद्धि लब्धि स्तर
20. बच्चों में प्रतिभाशीलता किस प्रकार परिलक्षित होती है?
(1) बुद्धि का निम्न स्तर
(2) बोधगम्यता का उच्च स्तर
(3) कार्यों की आसानी से छोड़ देना
(4) छोटे-छोटे कार्यों को ध्यान केन्द्रित करके कर पाने की अक्षमता
21. अभिकथन (A) : विद्यालयों को नवीन ज्ञान के सृजन की ओर लक्षित पाठ्यचर्या पर बल देना चाहिए ।
तर्क (R) : बच्चों में अध्यापक के सहयोग से नवीन ज्ञान के सृजन और उनकी व्याख्या करने की क्षमता होती है
सही विकल्प चुनिए-
(1) (A) और (R) दोनों सही है और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(2) (A) और (R) दोनों सही है लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है
(3) (A) सही है लेकिन (R) गलत है
(4) (A) और (R) दोनों गलत हैं
22. विद्यालयों को किस पर बल देना चाहिए?
(1) सीखी गई सामग्रियों को ज्यों का त्यों कह देना
(2) पाठ्यपुस्तक से सीखना
(3) संदर्भरहित अधिगम
(4) रचनात्मक अधिगम
23. प्रेरक अधिगम परिवेश सृजित करने के लिए क्या महत्त्वपूर्ण है?
(1) स्व-अधिगम के लिए अवसरों को कम कर देना
(2) स्व आकलन हेतु अवसर देना
(3) विद्यार्थियों में प्रतियोगी भावना को बढ़ावा देना
(4) मानकीकृत पाठ्यचर्या को अनुसरण करना
24. अभिकथन (A) : अध्यापक को चाहिए कि वह विद्यार्थियों को योग्यता का सत्व संबंधी परिप्रेक्ष्य विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करें।
तर्क (R) : योग्यता की अस्तित्व संबंधी परिप्रेक्ष्य विद्यार्थियों को अधिक प्रभावशाली तरीके से सीखने के लिए अभिप्रेरित करता है।
सही विकल्प चुनिए-
(1) (A) और (R) दोनों सही है और (R), (A) की सही व्याख्या करता है
(2) (A) और (R) दोनों सही है लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है
(3) (A) सही है लेकिन (R) गलत है
(4) (A) और (R) दोनों गलत हैं
25. निम्नलिखित से किसके द्वारा समस्या समाधान में अवरोध पैदा की संभावना है?
(1) प्रकार्यात्मक स्थिरता
(2) संज्ञानात्मक सुनम्यता (लचीलापन)
(3) अपसारी चिंतन
(4) विमर्शात्मक लेखन
26. अभिकथन (A) : अध्यापकों को चाहिए कि वे विद्यार्थियों की भ्रांतियों की पहचान करें और उनको अनदेखी करने के बजाय उन पर चर्चा करे। 
तर्क (R) : ये भ्रांतियाँ वैकल्पिक अवधारणाओं के रूप हैं, जो अक्सर विद्यार्थी अपने परिवेश के साथ अन्तः क्रिया करके आधार बना लेते हैं और ये की प्रक्रिया में अर्थपूर्ण हैं।
सही विकल्प चुनिए
(1) (A) और (R) दोनों सही है और (R), (A) की सही व्याख्या करता है
(2) (A) और (R) दोनों सही है लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है
(3) (A) सही है लेकिन (R) गलत है
(4) (A) और (R) दोनों गलत हैं
27. भावनाएँ-
(1) अधिगम को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं परंतु स्मृति पर इनका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है
(2) अधिगम पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं डालती लेकिन स्मृति को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं
(3) अधिगम को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं साथ ही साथ स्मृति को भी।
(4) न तो अधिगम को प्रभावित करती हैं और न ही स्मृति को प्रभावित करती.. है।
28. विद्यार्थी सीखने के प्रति अभिप्रेरित होते हैं, यदि कार्य-
(1) अप्रासंगिक हो
(2) बिना किसी चुनौती वाला हो
(3) उनके जीवन में संबंधित हो
(4) बहुत ही अर्मूत हो
29. विद्यार्थियों के अधिगम को सहज-सुगम बनाने के लिए अध्यापक को क्या करना चाहिए?
(1) विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान की करनी चाहिए
(2) वाक्य-विन्यास और संरचना स्पष्ट नहीं करनी चाहिए
(3) अधिगम के अति सामान्यीकरण और निस्तारण को कम करना चाहिए
(4) विषय से संबंधित शब्द – जाल के प्रयोग से बचना चाहिए
30. निम्नलिखित में से किसके द्वारा अधिगम में बाधा उत्पन्न होती है?
(1) पहले पढ़ाए गए विषय से ज्ञान को सम्बद्ध करना
(2) विद्यालयी संस्कृति से विमुखता का भाव
(3) बहुसंवेदी उपागम का क्रियान्वयन
(4) रचनावाद पर आधारित शिक्षणशास्त्रीय प्रविधियाँ

भाग-II : गणित

31. दस करोड़ बीस हजार दो सौ तीन को अंकों में लिखा जाता है-
(1) 100002203
(2) 1020203
(3) 1002203
(4) 100020203
32. निम्न में से कौन-सी भिन्न 4/5 से छोटी है और 1/2 से बड़ी है ? 
(1) 8/9
(2) 7/9
(3) 1/3
(4) 2/5
33. छ: अकों की संख्या 56234K, में K का क्या मान होगा, यदि यह संख्या 6 से विभाज्य हो ?
(1) 0
(2) 1
(3) 4
(4) 6
34. 28 विद्यार्थियों की एक कक्षा में 15 लड़कियाँ हैं। यदि 21 विद्यार्थी प्रतिदिन अपने दाँत साफ करते हैं तथा लड़कियों का 3/5 भाग प्रतिदिन अपने दाँत साफ करती हैं, तो बताइए कि लड़कों का कितना भाग प्रतिदिन यही काम करता है?
(1) 2/5
(2) 4/7
(3) 4/9
(4) 12/13
35. निम्न में से कौन-से कथन सत्य है ?
(i) प्रत्येक संख्या अपने योज्य प्रतिलोम से सदैव बड़ी होती है।
(ii) किन्हीं भी दो पूर्णांकों का योग उन पूर्णांकों में से प्रत्येक से बड़ा होता है।
(iii) – 2 का परवर्ती – 1 है।
(iv) एक संख्या और उसके योज्य प्रतिलोम का गुणनफल सदैव ऋणात्मक होता है।
(1) (i) और (iii)
(2) (ii) और (iv)
(3) (i) और (ii)
(4) (iii) और (iv)
36. एक दुकानदार ने सेबों के 138 डिब्बे, जिनमें से प्रत्येक में 24 सेब हैं, खरीदे। पहले दिन वह सेबों के केवल 117¾ डिब्बे ही बेच पाया। उसके पास कितने सेब शेष बचे हैं?
(1) 486
(2) 498
(3) 510
(4) 522
37. दो कोण जिनका योग 180° है, सदैव कहलाते हैं-
(1) आसन्न कोण
(2) पूरक कोण
(3) सम्पूरक कोण
(4) रैखिक युग्म
38. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(1) एक न्यूनकोण और एक समकोण का योग सदैव एक अधिक कोण होता है
(3) दो समकोणों का योग एक ऋजु कोण के बराबर होता है।
(2) दो न्यूनकोणों का योग सदैव एक समकोण से कम होता है।
(4) दो अधिक कोणों का योग सदैव एक प्रतिवर्ती कोण होता है
39. निम्न अक्षर-समूहों में से किस एक में केवल एक सममित रेखा है?
(1) B, I, H
(2) C, G, U
(3) D, E, M
(4) N, A, B
40. योगेश 30 किमी / घंटा की चाल से दौड़ता है और किसी दौड़ को 5 मिनट में पूरा करता है। उस दौड़ की कितनी लंबाई (मीटर में) है?
(1) 2050
(2) 2500
(3) 2550
(4) 2600
41. शालू प्रातः 18 जनवरी, 2020 को अपनी बहन के घर पहुँची और 2 अप्रैल, 2020 की रात को वापस चल पड़ी। वह वहाँ कितने दिन ठहरी ?
(1) 74
(2) 75
(3) 76
(4) 77
42. एक ‘वर्ग की भुजा 48 सेमी. है। एक आयत की लंबाई और चौड़ाई उस वर्ग की भुजा की क्रमशः 1½ तथा 2/3 गुनी हैं। इनके परिमापों में अन्तर (सेमी में) है –
(1) 10
(2) 12
(3) 14
(4) 16
43. पैटर्न 1/4, 3,16, 5/64, 7/256 …….. में अगली संख्या क्या आएगी?
(1) 8/125
(2) 9/284
(3) 9/1024
(4) 11/4096
44. 540 व्यक्तियों से शीत, ग्रीष्म और वर्षा ऋतुओं में से उनकी पसंद की ऋतु पूछी गई। प्राप्त आँकड़ों को पाई चार्ट पर दर्शाया गया। यदि शीत ऋतु का केन्द्रीय कोण 150° आया तो कितने व्यक्तियों ने शीत ऋतु को पसंद किया ? (कल्पना कीजिए कि प्रत्येक व्यक्ति ने केवल एक ऋतु को ही पसंद किया है )
(1) 100
(2) 150
(3) 225
(4) 300
45. राहुल ने अपने जेब खर्च में से कुछ बचत की, जैसा नीचे दिया है-
निम्न में से कौन-सा कथन सही है?
(1) मई से अधिकतम बचत हुई
(2) जनवरी और फरवरी में हुई बचत का योग मार्च तथा मई में हुई बचत के योग के बराबर है
(3) सबसे कम बचत फरवरी माह में हुई
(4) जून माह के अन्त तक की कुल बचत 375 रुपये है
46. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के अनुसार प्राथमिक स्तर की गणित की कक्षा में परिचर्चा ……… होनी चाहिए ?
(1) प्रकृति में उपदेशात्मक
(2) केवल कक्षा में सीखी हुई गणितीय अवधारणाओं पर आधारित
(3) संदर्भात्मक एवं बच्चों के जीवन के अनुभवों पर आधारित
(4) गणित की पाठ्यपुस्तक में दी गई समस्याओं के समाधान पर केन्द्रित
47. निम्नलिखित में से कौन-सी प्राथमिक स्तर पर गणितीय भाषा की सर्वाधिक उपयुक्त विशिष्टताएँ हैं?
(1) यह अत्यधिक एकाग्रचित, सुस्पष्ट और प्रविधिक होनी चाहिए।
(2) अधिगम को आनंदमयी बनाने के लिए इसे अस्पष्ट और आम दिनचर्या वाली भाषा की तरह होना चाहिए।
(3) दैनिक जीवन में बच्चों द्वारा उपयोग की जाने वाली भाषा के माध्यम से इसे प्रबलित करना चाहिए।
(4) इसमें गणितीय शब्दसंग्रह को बिल्कुल भी सम्मिलित नहीं किया जाना चाहिए।
48. निम्नलिखित में से प्राथमिक स्तर पर गणित के कक्षायी आकलन के सर्वाधिक उपयुक्त उद्देश्य क्या है / हैं?
(a) शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को निर्देशित करना एवं मार्गदर्शन देना।
(b) शिक्षार्थियों को उनके अधिगम पर विचार करने के अवसर प्रदान करना ।
(c) शिक्षार्थियों में उनके निष्पादन में सुधार के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करना।
सही विकल्प का चयन कीजिए-
(1) (a) और (b)
(2) (a) और (c)
(3) (b) और (c)
(4) केवल (a)
49. निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या पूर्व अवधारणा नहीं है?
(1) मिलान
(2) पदानुक्रमित समावेशन
(3) क्रमबद्ध लगाना
(4) सन्निकटन
50. गणित की कक्षा में बच्चे दी गई संख्याओं को निम्नलिखित क्रम व्यवस्थित कर रहे हैं : 28, 48, 57, 92
बच्चों द्वारा निम्नलिखित में से कौन-सी अवधारणा का उपयोग संख्याओं को व्यवस्थित करने में किया गया है?
(1) समानुपात
(2) स्थानीय मान
(3) पुन: समूहीकरण
(4) सन्निकटन
51. स्तर I के शिक्षार्थियों को स्थानीय मान की अवधारणा प्रस्तावित करने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी सबसे उपयुक्त योजना है?
(1) श्यामपट्ट पर संख्याओं का स्थानीय मान लिखिए और समझाइए।
(2) संख्याओं के विस्तारित रूप को लिखिए।
(3) हस्त कौशल सामग्री का उपयोग करते हुए 10 को एकक के गठ्ठे के रूप में समझाइए।
(4) स्थानीय मान के स्तभों को चार्ट पेपर पर चित्रित कीजिए।
52. “गणित में संप्रेषण एक महत्वपूर्ण वांछित प्रक्रिया कौशल है। गणितीय संप्रेषण से. आप क्या समझते हैं?
(1) ईबारती सवालों को शीघ्र तथा सही तरीके से पढ़ने की बच्चे की क्षमता
(2) गणितीय प्रश्नोत्तरी में भाग लेने की बच्चों की क्षमता
(3) गणितीय चिंतन को समेकित संघटित एवं अभिव्यक्त करने की क्षमता
(4) गणितीय निबंध लिखने की बच्चे की क्षमता
53. जब 354 + 99 का जोड़ ज्ञात करने के लिए कहा गया, तब प्राथमिक स्तर के विद्यार्थी ने निम्न प्रकार से उसे हल किया :
354 + 99 = 354 + 99 + 1 – 1 = 354 + 100 – 1 = 454 – 1 = 453
जोड़ ज्ञात करने के लिए विद्यार्थी द्वारा प्रयुक्त विधि / कार्यनीति कहलाती है-
(1) विस्थापन
(2) योजन-व्यवकलन
(3) प्रतिकरण
(4) वितरण / विभाजन
54. निम्नलिखित में से कौन-सा गणित के संबंध में सही नहीं है?
(1) विभिन्न गणितीय तथ्यों को प्रमाणित करने के लिए यह अनुभवजन्य / अनुभवसिद्ध साक्ष्यों पर आधारित है
(2) यह निगमनात्मक विवेचन पर आधारित है
(3) यह एक सृजनात्मक विषय-क्षेत्र है और इसका सौंदर्यपरक मूल्य है
(4) इसे तर्क द्वारा वैधीकृत / अभिपुष्ट किया जाता है
55. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020 ) के अन्तर्गत भारतीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘निपुण’ भारत योजना की शुरूआत की गई थी जो प्रत्येक छात्र में आधारभूत संख्यात्मकता एवं साक्षरता को सुनिश्चित करती है ‘निपुण’ भारत का पूरा नाम है-
(1) नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी
(2) नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन राइटिंग – विंद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी
(3) नेशनल इनीशिएटिव फॉर परफेक्शन इन अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी
(4) नेशनल इनीशिएटिव फॉर इम्प्रूव्ड पैडागोजी इन अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी
56. NCERT की कक्षा I और कक्षा II की पाठ्यपुस्तकों में ऐसे पाठ हैं जो कि बच्चे की दैनिक गतिविधियों को सूचीबद्ध करने पर सप्ताह के दिनों पर महीनों के दिनों पर मौसम के परिवर्तन, आदि पर आधारित हैं। ऐसे पाठ-
(1) गणित की कक्षा में किसी अर्थ को * संप्रेषित नहीं करते हैं।
(2) गणित की पाठ्यपुस्तक को रंग-बिरंगा एवं आनंददायक बनाते हैं।
(3) विद्यार्थियों को मापन की मानक इकाईयों को सीखने के सहयोग करते
(4) विद्यार्थियों को समय की अवधारणा को संदर्भात्मक रूप में सीखने में सहयोग करते हैं।
57. निम्नलिखित में से कौन-सा/ से गणित में सृजनात्मक चिंतन के विकास के लिए मुख्य प्रक्रमों का एक भाग है/हैं?
A. पैटर्न तथा संबंधों को पहचानना
B. परिकल्पनाएँ बनाना
C. दिए गए सूत्र का उपयोग कर समस्याओं का समाधान करना
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) केवल B
58. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के अनुसार, प्राथमिक स्तर के बच्चों में गणित के प्रति रूचि एवं एक सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास करने का सबसे उपयुक्त भाग है ?
(1) गणित के अधिगम हेतु संज्ञानात्मक कौशलों में वृद्धि में लिए अवसर प्रदान करना
(2) गणित एवं बच्चों के जीवन के अनुभवों में, गणितीय खेलों, पहेलियों और कहानियों का उपयोग कर संबंध बनाना
(3) अभिक्षमता स्केल का उपयोग कर बच्चों का परिणाम जानना एवं उपचारी विधियाँ प्रदान करना
(4) दैनिक जीवन में गणित के महत्त्व पर विशेषज्ञों द्वारा सत्रों का निरंतर आयोजन करना
59. जब किसी बच्चे को 12 × 25 का हल निकालने के लिए कहा गया, तब उसने निम्नलिखित विधि अपनाई-
12 × 25 = 3 × 4 ×25 = 3 × 100 = 300
गणित के एक रचनावादी शिक्षक के रूप में, बच्चे द्वारा प्रयुक्त विधि पर आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी?
(1) उत्तर स्वीकारें किन्तु बच्चे को बताएँ कि गुणन करने की यह सही विधि नहीं है ।
(2) सही कलन विधि का उपयोग कर प्रश्न हल करने के लिए बच्चे को अन्य विद्यार्थियों की सहायता लेने का निर्देश दें।
(3) बच्चे की सराहना करें और अन्य विद्यार्थियों को भी प्रश्न हल करने के लिए विभिन्न तरीकों को ढूँढ़ने के लिए कहें।
(4) बच्चे के उत्तर की सराहना करें किन्तु उसे सलाह दें कि परीक्षा में प्रश्न हल करने के लिए इस विधि का उपयोग न करें।
60. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन वैन हैले की ज्यामितीय चिंतन के सिद्धांत ( थ्योरी) में स्तरों की न्यून रूप से संभावनीय विशिष्टता है?
(1) ये आयु पर निर्भर हैं
(2) ये आनुक्रमिक हैं
(3) ये अनुभव पर निर्भर हैं
(4) ये विकासात्मक हैं

भाग-III: पर्यावरण अध्ययन

61. भारत की राजधानी की स्थिति के सापेक्ष लखनऊ (उत्तर प्रदेश की राजधानी) और जयपुर (राजस्थान की राजधानी ) की दिशाएँ क्रमश: है-
(1) उत्तर-पूर्व, उत्तर पश्चिम
(2) दक्षिण-पूर्व, दक्षिण पश्चिम
(3) दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व
(4) उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व
62. एक अध्यापिका की नियुक्ति महाराष्ट्र के एक विद्यालय में हुई है। वह भोजन . के विषय में पढ़ा रही है तथा वह ‘भरली वागी’ का उदाहरण देती है जो कि एक व्यंजन है जो बना है-
(1) छोटे-छोटे भरवाँ बैगन से
(2) सादा दाल का दमपुख्त (स्टू)
(3) ताजी पोमफ्रेट मछलियाँ का मलाईदार व्यंजन
(4) आलू, फूलगोभी तथा टमाटर की करी
63. पक्षियों के पंख विभिन्न रंगों, आकारों एवं माप के होते हैं। इनके पंख उन्हें उड़ने में सहायता करते हैं तथा-
A. विभिन्न प्रकार का भोजन
B. उन्हें गर्म रखते हैं
C. विभिन्न तरीकों से चलने में
D. उन्हें जलसह बनाते हैं
(1) B और C
(2) B और D
(3) B, C और D
(4) A, B, C और D
64. जो पशु अण्डे देते हैं, उनकी निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं-
(1) उनके बाहरी कान एवं शरीर पर बाल होते हैं ।
(2) उनके आतंरिक कान एवं शरीर पर बाल होते हैं।
(3) उनके आंतरिक कान होते हैं एवं शरीर पर बाल नहीं होते हैं ।
(4) उनके बाहरी कान होते हैं एवं शरीर पर बाल नहीं होते हैं।
65. उस पहली भारतीय महिला का नाम, जिन्होंने एवरेस्ट पर्वत की चोटी पर कदम रखा और राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) गाड़ा तथा कई फोटो भी खींची है-
(1) कर्णम मल्लेश्वरी
(2) सुनीता विलियम्स
(3) सूर्यमणि
(4) बछेन्द्री पाल
66. निम्नलिखित में से कौन-सा/ कथन मणिपुर के संबंध में सही है/हैं?
A. मणिपुर का अर्थ है ‘जेवरों का देश’।
B. लावनी मणिपुर का लोक नृत्य है।
C. लोकटक ताल जाना जाता है फुमदी नामक गोलाकार तैरते हुए दलदलों के लिए
D. मणिपुर बाँस के उत्पादों का सबसे बड़ा उत्पादक है।
(1) केवल A
(2) A, C और D
(3) A, B और D
(4) A और C
67. कार्य ऐसी चीज है जो हम करते हैं-
A. यश कमाने के लिए
B. मनोरंजन के लिए
C. अपने को व अन्य लोगों को सहारा / भरण-पोषण के लिए
D. ऊर्जा बचाने के लिए
(1) A और B
(2) B और C
(3) केवल C
(4) C और D
68. हाथियों के झुंड के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
A. उनके झुंड में हमेशा दो या उससे अधिक नर हाथी होते हैं।
B. उनके झुंड में सारे नर हाथी होते हैं तथा हाथी के बच्चे मादा हाथियों में साथ रहते हैं।
C. नर हाथी के साथ 14-15 वर्ष की आयु तक रहते हैं।
D. उनके झुंड के केवल मादाएँ तथा हाथियों के बच्चे रहते हैं।
सही विकल्प का चयन कीजिए :
(1) A तथा B
(2) B तथा C
(3) C तथा D
(4) A तथा D
69. कक्षा V की पाठ्यपुस्तक में गोलकोंडा किले का मानचित्र दिया गया है। इस पर दाहिने नीचे की ओर पैमाना छपा है। पैमाना 1 सेमी = 110 मीटर
यदि इस मानचित्र पर फतेह दरवाजा और. पटनचेरु दरवाजा के बीच की दूरी 152 सेमी है, तो इन दोनों स्थानों के बीच की वास्तविक दूरी है-
(1) 1.520 किलोमीटर
(2) 1.652 किलोमीटर
(3) 1.672 किलोमीटर
(4) 16.72 किलोमीटर
70. सोना की सहेली तारा मिजोरम से हैं। तारा को हिन्दी बोलने में परेशानी होती है, क्योंकि मिजोरम में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाएँ हैं-
(1) खासी, असमी
(2) मिजो लूसेई, कुकी
(3) मेतेलॉन, अंग्रेजी
(4) माओ, बंगाली
71. पेट्रोलियम तथा कोयले को अनवीकरणीय ईंधन कहा जाता है, क्योंकि ये –
(1) प्रदूषण फैलाते हैं
(2) महँगे होते हैं
(3) प्रभाजी आसवन के द्वारा प्राप्त किए जाते हैं
(4) बनने में कई साल लगते हैं
72. पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन सिलिंडर ले जाते हैं क्योंकि उन्हें इसकी जरूरत होती है-
(1) खाना पकाने के लिए क्योंकि पर्वतों में ईधन की उपलब्धता कम होती है।
(2) अपने को गर्म रखने के लिए उसमें उपस्थित ऑक्सीजन को जला कर
(3) साँस लेने के लिए क्योंकि अधिक ऊँचाईयों पर ऑक्सीजन की मात्रा कम मिलती है
(4) टेंट लगाने के लिए सहारे के रूप में
73. अरब सागर में तीन भारतीय तटवर्ती प्रदेश (राज्य) हैं-
(1) कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश
(2) महाराष्ट्र, कर्नाटक, पुदुचेरी
(3) गोआ, महाराष्ट्र, केरल
(4) तेलगांना, केरल, कर्नाटक
74. राजस्थान का पारम्परिक नृत्य जिसमें घूँघट वाली महिला नृत्यांगनाएँ सिर पर सात से नौ पीतल के घड़ों को संभालती हैं, कहलाता है-
(1) कालबेलिया
(2) कथक
(3) तेरह ताली
(4) भवाई
75. मधुबनी एक प्रसिद्ध-
A. झील है राजस्थान में
B. बिहार की शॉल है
C. आंध्र प्रदेश की बुनी हुई साड़ी है
D. बिहार की एक प्रकार की लोक कला चित्रकारी है
E. बिहार का एक स्थान है
(1) A और B
(2) B और C
(3) B, D और E
(4) D और E
76. शोभित किताब में एक चित्र देखता है, जिसमें लड़कियों को गोटियाँ खेलते तथा लड़कों को क्रिकेट खेलते हुए दिखाया गया है। वह अपने अध्यापक पूछता है है कि लड़के और लड़कियाँ अलग-अलग क्यों खेल रहे हैं? लड़के गोटियाँ क्यों नहीं खेल रहे हैं? लड़कियाँ क्रिकेट क्यों नहीं खेल रही हैं?
निम्नलिखित में से कौन-से पर्यावरण अध्ययन शिक्षण उद्देश्य इस घटना में सम्मिलित हैं?
A. उच्च स्तरीय आलोचनात्मक सोच विपरीत करना
B. व्यापक सांस्कृतिक नजरिया एवं सौन्दर्य के प्रति संवेदना विकसित करना ।
C. अवलोकन और चित्रण के आधार पर समझ विकसित करना ।
D. सामाजिक घटना के बारे में जिज्ञासु बनाने के लिए संज्ञानात्मक क्षमता विकसित करना।
(1) A, B और C
(2) B, C और D
(3) A, B और D
(4) AC और D
77. पर्यावरण अध्ययन के एक शिक्षक के रूप में, आप कक्षा II के अपने विद्यार्थियों के समक्ष विषय ‘ऋतुएँ’ प्रस्तावित करना चाहते हैं। निम्नलिखित में से कौन एक उत्तम शिक्षणशास्त्रीय युक्ति होगी?
(1) संप्रत्यय ऋतुएँ समझाने के लिए चार्ट एवं पुस्तकों का उपयोग
(2) श्यामपट्ट पर लिखे विषय ऋतुएँ को बाद में. समझाने के लिए ऋतुओं के वीडियो का उपयोग
(3) ऋतुओं पर लिखे लेख पढ़ने के लिए समाचार पत्रों का उपयोग
(4) ऋतुओं के विषय में रुचि का विकास करने के लिए भोजन की आदतों, पहनने के वस्त्रों और संदर्भित स्थानीय साहित्य का उपयोग
78. निम्नलिखित में से कौन सा कथन आकलन की प्रकृति की सही व्याख्या करते हैं?
(A) शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया का एक अंग है, जो सतत चलता रहता है।
(B) विद्यार्थियों के उपलब्धि स्तर तथा उन्हें क्या नहीं आता है, के बारे में अवगत कराता है।
(C) सीखने में आई बाधाओं का पता लगाकर उन्हें दूर करने में सहायक है।
(D) विद्यार्थियों की सीखने की प्रवृत्ति, रूचि एवं पूर्व अनुभवों के बारे में अवगत कराता है।
(1) A, B और C.
(2) B, C और D
(3) A, C और D
(4) A, B और D
79. कक्षा V के पर्यावरण अध्ययन शिक्षक के रूप में पाठ, बोलती इमारतें’ के लिए आपको विद्यार्थियों को ऐतिहासिक इमारतों को प्रस्तुत करने की आवश्यकता है, आप क्या सोचते है कि कौन-सी विधि सर्वथा उत्तम होगी?
(1) ऐतिहासिक इमारतों से संबंधित आभासी सैर, ऑन-लाइन खेल और पहेली
(2) ऐतिहासिक इमारतों पर परिच्छेद पतन
(3) स्थानीय ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण और तत्पश्चात् उन पर चर्चा
(4) ऐतिहासिक इमारतों का भूतकाल समझाने के लिए व्याख्यान चर्चा विधि
80. अध्यापक विद्यार्थियों से एक चींटी का चित्र बनाने को कहते हैं। कुछ विद्यार्थी चींटी के चार पैर बनाते हैं, अध्यापक को क्या करना चाहिए?
(1) यह कहना चाहिए कि चींटी के छह पैर होते हैं, चार या आठ नहीं होते
(2) यह कहना चाहिए कि जिन विद्यार्थियों ने छह पैर बनाए हैं वे सही हैं और बाकी सभी विद्यार्थी गलत हैं
(3) उन्हें चींटी का चित्र दिखाकर पैरों की संख्या देखने के लिए कहना चाहिए
(4) उन्हें आकर्षक लेंस देकर चींटी के पैरों की संख्या को देखने के लिए कहना चाहिए
81. कक्षा IV के पर्यावरण अध्ययन के शिक्षक के रूप में, आपको विद्यार्थियों को अंतरिक्ष यात्रियों का संप्रत्यय प्रस्तावित करना है। इसलिए आप कौन-से प्रक्रम का अनुसरण करेंगे?
(1) विद्यार्थियों को अंतरिक्ष यात्रियों की परिभाषा समझाइए और याद करने के लिए कहिए
(2) अंतरिक्ष यात्रियों पर एक व्याख्यान दीजिए
(3) भारत के अंतरिक्ष यात्रियों की आत्मकथाएँ साझा कीजिए और उनकी मुख्य विशेषताओं को इंगित कीजिए
(4) अंतरिक्ष यात्रियों की कहानियाँ साझा कीजिए और विद्यार्थियों को विषय में समझने में सहायता कीजिए |
82. यश ने अपने अध्यापक से पूछा, “कुछ भोजन उत्पादों के पैकेट पर गोले क्यों है, जबकि कुछ भोजन उत्पादों के पैकेट पर लाल गोले बने है?” अध्यापक समझते है कि हरे गोले शाकाहारी खाने तथा लाल गोले मासांहारी खाने को सूचित करते हैं। अध्यापक ने विद्यार्थियों को विभिन्न भोजन उत्पादों के पैकेट देखकर उन्हें शाकाहारी अथवा मांसाहारी में सूचीबद्ध करने को कहा। इस गतिविधि में निम्नलिखित में से कौन-सी प्रक्रियाएँ शामिल है?
A. पहचान
B. कल्पना
C. पूर्वाग्रह
D. वर्गीकरण
(1) A और B
(2) B और C
(3) C और D
(4) A और D.
83. एक पर्यावरण अध्ययन शिक्षक के रूप में अपने विद्यार्थियों को पर्यावरण से संबंधित समकालीन मुद्दों से परिचित करवाना है। निम्नलिखित में से आप किसे प्राथमिकता देंगे?
(1) विद्यार्थियों को समाचार चैनल देखने के लिए कहेंगे
(2) विद्यार्थियों को घर पर समाचार पत्रों का ग्राहक बनने के लिए कहेंगे
(3) कक्षा में संबंधित लेखों का उल्लेख करेंगे एवं उनको साझा भी करेंगे
(4) घर पर समाचार पत्र पठन को सुनिश्चित करने के लिए माता-पिता से बात करेंगे
84. जॉन अपने हाथों की सहायता जंतुओं की परछाई बना रहा है और वह विद्यार्थियों से यह अंदाजा लगाने को कहता है कि परछाई में कौन-सा जानवर बन रहा है। इस गतिविधि में निम्नलिखित में से कौन-सी प्रक्रियाएँ शामिल हैं?
A. अनुमान
B. अवलोकन
C. निष्कर्ष
D. वर्णन
(1) A, B और D
(2) A, B और C
(3) C और D
(4) A और D
85. पर्यावरण अध्ययन में एकीकृत/संगठित परिप्रेक्ष्य निम्नलिखित में से किसे निर्दिष्ट करता है?
(1) विज्ञान एवं सामाजिक अध्ययन से पूरी जानकारी
(2) सामाजिक अध्ययन एवं पर्यावरण शिक्षा से पूरी जानकारी
(3) विज्ञान एवं पर्यावरण शिक्षा में पूरी जानकारी
(4) विज्ञान, सामाजिक अध्ययन एवं पर्यावरण शिक्षा से पूरी जानकारी
86. रिनी ने अध्यापक से पूछा, ” पौधों के तने गोल क्यों होते हैं, चौकोर क्यो नहीं”? अध्यापक को क्या करना चाहिए?
A. अध्यापक को विद्याथियों से कहना चाहिए कि वे इस बारे में उच्च कक्षाओं में सीखेंगे।
B. अध्यापक को विद्यार्थियों को समझाना चाहिए कि गोल तने का कारण गुरूत्वाकर्षण है।
C. अध्यापक को विद्यार्थियों से तने के गोल आकार होने के कारण सोचने के बारे में कहना चाहिए।
D. अध्यापक को विद्यार्थियों को बाग में घूमने ले जाना चाहिए तथा विभिन्न तनों आकार देखने के लिए कहना चाहिए।
(1) A और B
(2) B और C
(3) C और D
(4) A और D
87. निम्नलिखित में से कौन-सी विधियाँ पर्यावरण अध्ययन के सम्पादन में प्रभावी हो सकती हैं ?
A. चॉक एवं टॉक विधि
B. व्याख्यान विधि
C. भूमिका निर्वहन
D. कहानी सुनाना
(1) A और B
(2) B और C
(3) C और D
(4) A, B, C और D
88. एक पर्यावरण अध्ययन अध्यापक विद्यार्थियो को उसकी मम्मी का वर्णन करने वाली कविता लिखने को कहती है। पम्मी अपनी कविता पढ़ती है, “मेरी मम्मी मीठी है, जैसे मिष्टी दोई”। कुछ विद्यार्थी मिष्टी दोई का अर्थ नहीं जानते हैं।
यदि आप पम्मी के अध्यापक हैं, तो आप क्या करेंगे?
(1) विद्यार्थियों को मिष्टी दोई लाकर खिलाएँगे
(2) विद्यार्थियों को मिष्टी दोई का स्थानीय भाषा में बताएँगे
(3) विद्यार्थियों को मिष्टी दोई लाकर दिखाएँगे
(4) विद्यार्थियों को मिष्टी दोई कैसे बनता है समझाएँगे
89. प्राथमिक स्तर पर एक अच्छे पर्यावरण अध्ययन के पाठ्यचर्या की विशेषता है-
(1) विद्यार्थियों को नए उत्पादों के आविष्कार में लगाना
(2) ज्ञान अर्जित करने पर केन्द्रित होना
(3) विद्यार्थियों में सामाजिक भावनात्मक कौशलों को विकसित करना
(4) विद्यार्थियों को जीविकोपार्जन में सहायता करना
90. पर्यावरण अध्ययन में समूह चर्चा कराना चाहिए, इससे सार्थक ज्ञान का निर्माण होता है। निम्नलिखित में से कौन-सा कथन इस तथ्य की सर्वोत्तम व्याख्या है?
(1) सामाजिक संपर्क के माध्यम से अधिगम सरल हो जाता है
(2) विचार और अनुभव दूसरों के साथ साझा किए जाते हैं
(3) प्रत्येक बच्चा अपनी राय व्यक्त करने हेतु स्वतंत्र है
(4) प्रत्येक प्रतिक्रिया को बिना आलोचना स्वीकार किया जाता है

भाग-IV: भाषा-I (हिन्दी)

91. समय नष्ट कर देता है-
(1) समय का सदुपयोग करने वालों को
(2) समय व्यर्थ गँवाने वालों को
(3) समय का महत्त्व जानने वालों को
(4) समय को समय देने वालों को
92. महात्मा गाँधी की गणना सफलतम महान व्यक्तियों में होती थी। क्योंकि-
(1) वे प्रसिद्ध वकील थे
(2) उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था
(3) वे समय के पाबन्द
(4) वे अच्छे वक्ता थे
93. भाग्य निर्माण की बुनियाद ………. है
(1) भाग्य-विधाता
(2) समय का सदुपयोग
(3) समय की बर्बादी
(4) असमय कार्य करना
94. ‘हर व्यक्ति को पैसों की अपेक्षा समय का अधिक हिसाब रखना होगा, तभी वह अपने क्षेत्र में सफल हो पाएगा।’ वाक्य से तात्पर्य है-
(1) व्यक्ति तभी सफल हो पाएगा जब वह पैसों की बजाय समय को अधिक महत्त्व देगा
(2) व्यक्ति की सफलता पैसों पर निर्भर करती है न कि समय पर
(3) व्यक्ति की सफलता का संबंध पैसों एवं समय दोनों पर ही निर्भर करता है।
(4) व्यक्ति की सफलता का संबंध पैसों एवं समय दोनों पर ही निर्भर नहीं करता है।
95. असमय कार्य करने वाले –
(1) भाग्यशाली बन जाते हैं
(2) भाग्यहीन बन जाते हैं
(3) कायर तथा निरुद्यमी बन जाते हैं
(4) साहसी तथा निरुद्यमी बन जाते हैं
96. ‘सदुपयोग’ का संधि-विच्छेद है-
(1) सदु + उपयोग
(2) सदू + उपयोग
(3) सद् + उपयोग
(4) सत् + उपयोग
97. जीवन को सही ढंग से जीने के लिए जरूरी है-
(1) ढेर सारी धन-संपत्ति
(2) ढेर सारा समय
(3) समय का ठीक से उपयोग
(4) केवल समय को ही महत्त्व देना
98. ‘समय’ शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग किया जा सकता है?
(1) ई
(2) इक
(3) इत
(4) आ
99. समूह में भिन्न शब्द है-
(1) जेम्स वॉट
(2) मैडम क्यूरी
(3) महात्मा गाँधी
(4) व्यक्ति
100. कविता में जागृत करने से तात्पर्य है-
(1) जगाना
(2) उन्नयन करना
(3) चेतना भरना
(4) जागरण करना
101. कविता में किसे महत्त्व नहीं दिया गया है ?
(1) संकीर्ण दीवारों को,
(2) निर्भय होने को
(3) स्वाभिमान को
(4) अखंडता को
102. कविता के अनुसार बोलने से पहले उसे-
(1) लिखना चाहिए
(2) सत्य की कसौटी पर कसना चाहिए
(3) समय का ध्यान रखना चाहिए
(4) व्यक्ति का ध्यान रखना चाहिए
103. कविता के अनुसार एक व्यक्ति के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है-
(1) धर्म-पथ पर अग्रसर होना
(2) अग्नि-पथ पर अग्रसर होना
(3) सदैव प्रथम आना
(4) तर्क से काट करना
104. ‘शब्द’ में ‘इक’ प्रत्यय लगाने पर नया शब्द बनेगा-
(1) शब्दिक
(2) शब्दइक
(3) शाब्दिक
(4) शाबदिक
105. ‘निर्भय’ शब्द में मूल शब्द है –
(1) निर्
(2) निर
(3) भय
(4) अभय
106. निम्नलिखित में से कौन-सा बुनियादी पठन कौशल नहीं है?
(1) डिकोडिंग
(2) शब्द- पहचान
(3) रूप-विज्ञान
(4) पठन शब्द भंडार
107. एक शिक्षिका छोटे बच्चों को शुरुआती वर्षों में नियंत्रण अथवा प्रोत्साहन के रूप में अपनी भाषा अर्जित करने के योग्य बनाती है और उसी के अनुरूप व्यवहार करने के लिए कहती है । वे ………. का अनुगमन कर रही है। 
(1) स्वयं करो रणनीति
(2) टोटल फिजिकल रेस्पोंस उपागम
(3) करके सीखना उपागम
(4) कहानी कथन पद्धति
108. भाषा ………. का एक सामाजिक उपकरण है। 
(1) निर्वचन
(2) अंतःक्रिया
(3) सूचित करना
(4) हस्तक्षेप
109. पढ़ते समय विवरण, स्थान, नाम, तारीख/समय आदि को खोजना है-
(1) वैश्विक अवबोधन
(2) स्थानीय अवबोधन
(3) निष्कर्ष निकालना
(4) पाठय-वस्तु का निर्वचन
110. एक शिक्षिका कक्षा 5 के शिक्षार्थियों को पढ़ने का आनंद लेने और अवधारणा की बेहतर समझ प्राप्त करने के लिए एक लंबा लेख पढ़ने के लिए कहती हैं। वे ………. का अभ्यास कर रही है। 
(1) विस्तृत पठन
(2) गहन पठन
(3) जिग सॉ पठन
(4) साथी पठन
111. एक शिक्षक छोटे बच्चों को नए शब्द सिखाने के लिए वास्तविक वस्तुओं का उपयोग करती है, क्योंकि-
(1) यह शब्दों की सही वर्तनी के शिक्षण में मदद करता है
(2) हम शब्द भंडार का शिक्षण केवल वास्तविक वस्तुओं से ही कर सकते हैं
(3) छोटे बच्चे अमूर्त चिंतन के योग्य नहीं होते
(4) यह शिक्षार्थियों को शब्द और वस्तुओं के बीच संबंध जोड़ने में मदद करता है, जो वे अपने वास्तविक जीवन में देखते हैं
112. जब एक शिक्षार्थी को नई भाषा सिखाते है लेकिन वह उसे बोलता नहीं है, इस अवधि को ……… कहते हैं।
(1) वाक् उदीयमान
(2) मूक
(3) प्रारंभिक उत्पादन
(4) उदीयमान
113. एक प्रभावी भाषा शिक्षक
(1) बच्चों को पाठ्य पुस्तक में दिए गए सभी प्रश्नों के उत्तर याद करवाएगा
(2) पाठ्य-वस्तु के साथ-साथ अन्य संसाधनों का प्रयोग करना
(3) केवल पाठ्य पुस्तक में दिए गए प्रश्नों का प्रयोग करते हुए प्रश्न-पत्र का निर्माण करेगा
(4) पूरी तरह से प्रस्तावित पुस्तक पर निर्भर करेगा
114. एक शिक्षक शिक्षर्थियों के भाषा-कार्यों को एक फोल्डर में रखते हैं और बाद में उस शिक्षार्थी की भाषा-उपलब्धि के आकलन के लिए इस्तेमाल करते हैं। आकलन की यह रणनीति क्या कहलाती है ?
(1) निदानात्मक परीक्षण
(2) उपख्यानात्मक अभिलेख
(3) योगात्मक आकलन
(4) पोर्टफोलियो आकलन
115. लक्ष्य भाषा सीखने में शिक्षार्थी की मातृभाषा के हस्तक्षेप की अनुमति न होने वाली शिक्षण पद्धति को ……… कहा जाता है?
(1) प्रत्यक्ष पद्धति
(2) व्याकरण – अनुवाद पद्धति
(3) द्विभाषिक पद्धति
(4) स्थितिपरक पद्धति
116. निम्नलिखित में से कौन-सा अधोगामी उपागम पर आधारित नहीं है?
(1) शिक्षार्थी भाषा के अर्थ को जानने के लिए अपने पूर्व ज्ञान का उपयोग करता है
(2) शिक्षार्थी जब पढ़ता या सुनता है तो वह यह अनुमान लगाता है कि आगे क्या होने वाला है
(3) शिक्षार्थी एकल शब्द या पद पर ध्यान केंद्रित करते हुए भाषा को . समझते हैं
(4) शिक्षार्थी कविता या कहानी से शुरू करते हैं और फिर अक्षर पर आते हैं
117. उपचारात्मक शिक्षण है-
(1) शिक्षार्थी के सीखने में आने वाली रिक्तियों को भरना
(2) गलत रूप से समझी गई अवधारणाओं को सही करना
(3) कक्षा में सजातीयता को बनाए रखना
(4) नई भाषा गतिविधि से परिचय कराना
118. सीखने की वह अक्षमता जो हमारे पढ़ने निर्वचन करने और अक्षरों, शब्दों एवं संकेतों को समझने की योग्यता को प्रभावित करती है, …….. है।
(1) डिस्लेक्सिया
(2) डिस्केलकुलिया
(3) डिस्फेजिया
(4) डिस्प्रेक्सिया
119. निम्नलिखित में से कौन-सा भाषा की कक्षा में प्रिंट-समृद्ध परिवेश में आता है ?
(1) कक्षा में प्रदर्शित चार्ट्स पोस्टर्स कक्षा के प्रदत्त कार्य
(2) परिवेश में साइन बोर्ड्स, प्लेकार्ड्स लेबल्स, रैपर्स आदि
(3) कक्षा – पुस्तकालय की अलमारियों में रखी हुई पुस्तकें
(4) इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, जैसे- टी.वी. कम्प्यूटर, स्मार्ट फोन आदि
120. प्रथम पीढ़ी के शिक्षार्थी वे हैं जो-
(1) अपने परिवार में सबसे पहले विद्यालय गए हैं
(2) दाखिला लेने के लिए विद्यालय में पहली बार आए हैं
(3) विद्यालय में ‘विद्यालय तैयारी कार्यक्रम’ में हिस्सा ले रहे हैं।
(4) विद्यालय में पहली बार भाषा सीख रहे हैं

भाग-V : LANGUAGE-II (संस्कृत)

121. भक्षयितुं इत्यस्मिन् पदे कः प्रत्यतः अस्ति?
(1) क्त
(2) रिक्तन्
(3) तुमुन्
(4) ल्युट्
122. वनस्य एकस्मिन् स्थाने कः अवसत् ? 
(1) मृगः
(2) मूषक:
(3) सिंह:
(4) मयूरः
123. ‘सहसा क्रियां न विद्धीत्’ इति कः कम् कथयति ?
(1) चित्रग्रीव् कपोतान्
(2) व्याघ: मूषकम्
(3) मूषक : चित्रग्रीवम्
(4) कपोत : मूषकम्
124. अधोलिखितेषु किं अव्यवपदं न अस्ति?
(1) यदा
(2) तदा
(3) तथा
(4) कथ्यते
125. कपाता: पुन: …….. अभवन् ।
(1) प्रसन्नाः
(2) बुभुक्षिता:
(3) बहवः
(4) स्वतन्त्राः
126. सत्यमेव किं कथ्यते? 
(1) सत्यमेव जयते
(2) शठे शाठयम् समाचरेत्
(3) समवायो हि दुर्जयः
(4) बुद्धिः एवं बलम्
127. ‘स्वतंत्रताः’ इति अस्मित् पदे का विभक्तिः?
(1) पञ्चमी
(2) षष्ठी
(3) तृतीया
(4) प्रथमा
128. गंगातीरे किं आसीत् ?
(1) वटवृक्षः
(2) पशव:
(3) खगा:
(4) जना:
129. राजा ऋषे: अडके कि अपश्यत् ?
(1) चटकाम्
(2) शुकम्
(3) मार्जारीम्
(4) लड्लकार:
130. ‘अभवत्’ इत्यस्य पदस्य शुद्धः लकार: अस्ति।
(1) लट्लकार:
(2) विधिलिङ्
(3) लृट्लकार:
(4) लङ्लकार:
131. शुकः छात्रैः सह किं अगायत् ?
(1) गीतानि
(2) वेदमन्त्रान्
(3) व्याकरणसूत्राणि
(4) कविताम्
132. ‘इत्युक्तवा’ इत्यस्य पदस्य शुद्ध विच्छेदः किं अस्ति?
(1) इत्यु + क्त्वा
(2) इत्युक् + त्वा
(3) इत्य + उक्त्वा
(4) इति + उक्त्वा
133. ‘ अनुकरणशीलः अयं पक्षी ‘इति कः कम् कथयति ?
(1) राजा ऋषिम्
(2) ऋषि: शिष्यान्
(3) ऋषि: राजानन्
(4) राजा शिष्यान्
134. गद्यांशे क्तवाप्रत्ययन्तं पदं किं अस्ति? 
(1) दृष्ट्वा
(2) आरभत्
(3) भवान्
(4) अवदत्
135. राजा सक्रोधः ऋषये किं अयच्छत् ?
(1) दण्ड:
(2) दानम्
(3) शुक:
(4) फलम्
136. छात्रैः कस्यापि प्रदत्तकार्यस्य, कक्षायाः पाठ्यक्रमस्य कार्यक्रमस्य च समाप्तौ ज्ञानं, कौशलं अभिवृत्तिः च अर्जितव्या । एतत् किं कथनं वर्णयितुं सम्भवति?
(1) शिक्षणस्य प्रतिफलं
(2) शिक्षणस्य शैली
(3) शिक्षणस्य: स्तराः
(4) शिक्षणस्य अक्षमता
137. एका शिक्षिका छात्रेभ्यः शिक्षणगतिविधीनाम् माध्यमेन मौखिक भाषां लिखितभाषां प्रयोक्तुम् अन्वेष्टुं च अवसरान् ददाति । सा केन्द्रिता अस्ति –
(1) सकलशारीरिकप्रतिक्रियायां
(2) कार्याधारित भाषाशिक्षणे
(3) पाठ्यपुस्तका धारित भाषा शिक्षणे
(4) शिक्षणस्य शाब्दिकोपागमे
138. प्रथमकक्षायाः एका अध्यापिका: छात्रैः क्रीडाः क्रीडति । तासु क्रीडासु सा ता: छात्रान् द्य चलितुम् धावितुम् उपवेष्टुम उपसर्पितुम् (Crawl) अन्यगतिविधीन् च कर्तुम् निर्दिशति। अनेन प्रकारेण तया छात्राणां किं विकस्यते?
(1) सकलसञ्चालनकौशलम्
(2) सूक्ष्मसञ्चालनकौशलम्
(3) सकलशारीरिकप्रतिक्रिया
(4) शारीरिक शिक्षागतिविधयः
139. छात्राणाम् पाठ्यवस्तुनि अवबोधनस्य ताभ्यः सूचनाउद्धरणस्य पाठयवस्तुनिर्वचनस्य च दक्षतो कथ्यते-
(1) प्रवाहपूर्णपठनम्
(2) निष्कूटनम्
(3) श्रुतलेख:
(4) पठनावबोधनम्
140. एका सञ्चालकविकलता (Motor disordor) यया ध्वने उत्पादने जिहवाओष्ठयोः समन्त्रय: प्रभावितः भवति, कथ्यते –
(1) डिस्कैल्कुलिया
(2) डिस्फेजिया
(3) डिस्प्रेक्सिया
(4) डिस्लेक्सिया
141. अधोलिखितेषु किं व्यागोत्स्कीमहोदयस्य भाषाविकाससिद्धान्ते आधारितम् अस्ति?
(1) यदा एक बाल: जायते तदा भाषायाः काऽपि आधारभूता क्षमता न भवति ।
(2) भाषविकास: सामान्यसंज्ञानात्मक विकासक्रमे निरन्तरता भवति ।
(3) भाषा सामाजिक अन्तर्क्रियां विकसति
(4) बालका: सकारात्मकपुनरुर्जस्तिवायाः उत्पादरूपेण भाषां शिक्षन्ते ।
142. अधोलिखितेषु किं कार्या धारित भाषा शिक्षणस्य सिद्धांतः न अस्ति?
(1) सोपाननिर्माणम्
(2) सक्रियशिक्षणम्
(3) सृजनाय पुनरुत्पादनम्
(4) अनुवादस्य प्रतिबिम्ब:
143. भाषाशिक्षणे: संरचनात्मकोपागमे शिक्षकात् अपेक्ष्यते-
(1) छात्रेभ्य: पूर्वनिमितज्ञानदानम्
(2) स्वापाठक्रमस्य स्वयमेव निर्माणम्
(3) छात्राणाम् स्वपाठयपुस्तकं स्वयं रचितुम् समर्थीकरणम्
(4) स्वज्ञानस्य माध्यमेन ज्ञाननिर्मातु छात्राणाम् साहाय्यम्
144. अभिकथनम् (A): उपचारात्मकशिक्षणं एका प्रक्रिया अस्ति यस्यां शिक्षिका प्रथमं छात्राणां समस्याया: निदांन करोति तदनन्तरं उचितपद्धतेः प्रयोगं करोति ।
कारणम् (R): उपचारात्मकपद्धतेः प्रयोगात् पूर्वं अध्यापक: छात्राणाम् शक्तय: दुर्बलता: च जानीत्।
अधस्तनेषूचितमुत्तरं चिनुत-
(1) (A) तथा (R) द्वे सत्ये स्तः, (R) च (A) इत्यस्य कथनस्य उचितव्याख्या अस्ति।
(2) (A) तथा (R) द्वे सत्ये स्तः, परन्तु (R), (A) इत्यस्य कथनस्य उचितव्याख्या न अस्ति।
(3) (A) सत्यम् अस्ति, परन्तु (R) अस्ति।
(4) (A) असत्यम् अस्ति, परन्तु (R) सत्यम् अस्ति।
145. अभिकथनम् (A): यदा त्वम् अल्पवयः असि तदा अन्यभाषायाः शिक्षणम् सरलतरम् ।
कारणम् (R): शुद्धउच्चारणस्य विकास: अपेक्षाकृतः अनायासः भवति यदि अयं आधारभूते स्तरे शिक्षित:
अधस्तनेषूचितमुत्तरं चिनुत-
(1) (A) तथा (R) द्वे सत्ये स्तः, (R) च (A) इत्यस्य कथनस्य उचितव्याख्या अस्ति।
(2) (A) तथा (R) द्वे सत्ये स्तः, परन्तु (R), (A) इत्यस्य कथनस्य उचितव्याख्या न अस्ति।
(3) (A) सत्यम् अस्ति, परन्तु (R) असत्यम् अस्ति।
(4) (A) असत्यम् अस्ति, परन्तु (R) सत्यम् अस्ति।
146. यदा बालका: मानकव्याकरणं शिक्षितुं प्रारम्भन्ते ते सामान्यत: अस्य अतिसामान्यीकरणं द्य कुर्वन्ति। अस्य कारणम् अस्ति-
(1) ते परिष्करणाय सावधान व्याकरणनियमान् शिक्षन्ते
(2) ते मन्यन्ते यत् सामान्यवाक्यरचनानियमाः सर्वत्र उपयुक्ताः सन्ति ।
(3) ते भाषायां प्रवाहशीला: भवितुं व्याकरणस्य प्रयोगं कुर्वन्ति ।
(4) बालका: स्वपितृभ्यः भाषायाः आधारभूतनियमान् शिक्षन्ते ।
147. एकस्मात् पाठयवस्तुनः सूचनां गुहीत्वा, तस्याः व्याख्या: अभिधेयार्थस्तरात् भिन्नरूपेण करणम् कथ्यते-
(1) पूर्वकथनम्
(2) तुलना
(3) द्रुतपठनम्
(4) निष्कर्षग्रहणम्
148. पञ्चमकक्षायाः एकः छात्रः कथयति यत् यदा मम मित्रं पञ्जावीभाषया सम्भाषते तं अधिगन्तुम कठिनं न अस्ति परन्तु अस्याः पठनं आयासपूर्णम् अस्ति । एतत् कथनं तम् स्वाकलनाय योग्यं करोति, यतो हि तेन कृतम्-
(1) शिक्षणस्य आकलनम्
(2) शिक्षणाय आकलन असत्यम्
(3) शिक्षणरूपेण आकलनम्,
(4) शिक्षणे आकलनम्
149. भाषाकलनस्य किं मापनम् अस्ति?
(1) प्रत्येक छात्रस्य स्वसहपाठिनः तुलनायां उपलब्धि:
(2) तेषां समग्रा योगात्मिका वा उपलब्धिः
(3) छात्राणां भाषा-उपलब्धि:
(4) छात्राणां भाषानैपुण्यम्
150. स्टीफन क्रेशनमहोदयस्य ‘बोधगम्यनिवेशः’ इति सिद्धान्तेन प्रस्तावितम्-
(1) छात्रेभ्यः तेषां भाषानुरूपं भाषायाः उपलब्धिकरणम्
(2) छात्रैः पाठयपुस्तकात् शिक्षकात् चं निविष्टप्राप्तिः
(3) छात्रै : तेषां भाषास्तरात् किञ्चित् उच्चस्तरेण भाषायाः अन्वेषणम्
(4) छात्राणाम् स्तरात् उच्चतरपाठयवस्तुनः “सामर्ग्यः च अन्वेषणम्

उत्तर व्याख्या सहित

भाग – I : बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र

1. (4) “विकास” का प्रयोग आम तौर पर गतिशील प्रक्रिया को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जिसके द्वारा एक . व्यक्ति अपने जीवनकाल में बढ़ता और बदलता है।
विकास को प्रभावित करने वाले कारक हैं-
आनुवंशिक कारक – जीन के असंख्य क्रमिक संयोजन शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विविधता के लिए जिम्मेदार होते हैं।
पर्यावरण कारक पर्यावरणीय प्रभाव मानव विकास के जन्मपूर्व और प्रसवोत्तर चरणों दोनों में महत्वपूर्ण होते हैं। –
सामाजिक-सांस्कृतिक कारक सामाजिक सांस्कृतिक कारक भी बच्चे के विकास को प्रभावित करते हैं। लेव वायगोत्स्की के अनुसार, समाज बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
2. (1) व्यक्तिगत विकास की दरें अलग-अलग होती है। बाल विकास में • शारीरिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक, भाषा, भावनात्मक और सामाजिक विकास शामिल है।
इन पहलुओं पर अक्सर अलग-अलग विचार किया जाता है, वास्तव में प्रत्येक अन्य सभी को प्रभावित करता है।
उदाहरण के लिए, जैसे-जैसे मस्तिष्क शारीरिक रूप से विकसित होता है, वैसे-वैसे बौद्धिक क्षमता भी बढ़ती है।
3. (1) प्राथमिक समाजीकरण के एजेंट परिवार हैं।
पुस्तकालय समाजीकरण की एक द्वितीयक एजेंसी है। यहाँ बच्चे मानदंडों का पालन करते हैं और सीखते हैं कि सार्वजनिक रूप से कैसे व्यवहार करना है।
4. (3) पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में मूर्त- परिचालन चरण तीसरा चरण है।
बच्चा भूतवर्तमान एवं भविष्यगत विषय वस्तुओं घटनाओं के बारे में तार्किक रूप से सोचने लगता है।
5. (2) स्कीमा, जे. पियाजे द्वारा प्रस्तावित एक अमूर्त अवधारणा है, जो हमारी अमूर्त अवधारणाओं को संदर्भित करती है।
स्कीमा (या स्कीमाटा) समझ की ऐसी .इकाइयाँ हैं जिन्हें श्रेणीबद्ध रूप से वर्गीकृत किया जा सकता है और साथ ही एक दूसरे के साथ जटिल संबंधों में बुना जाता है।
स्कीमा को मानसिक प्रतिनिधित्वों के एक सेट के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसका उपयोग हम स्थितियों को समझने और प्रतिक्रिया करने दोनों के लिए करते हैं ।
6. (2) लेव वायगोत्स्की का सिद्धांत बच्चे के तर्क और संचार जैसी संज्ञानात्मक क्षमताओं के विकास में संस्कृति की भूमिका पर प्रकाश डालता है।
वायगोत्स्की के सिद्धांत के अनुसार, एक समाज में वयस्क बच्चों को सार्थक और चुनौतीपूर्ण गतिविधियों में संलग्न करके उनके संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देते हैं ।
7. (1) लेव वायगोत्स्की ने जोर दिया कि भाषण का अधिग्रहण संज्ञानात्मक विकास प्रमुख भूमिका निभाती है।
उनका मानना था कि संज्ञानात्मक कौशल और सोच के पैटर्न व्यक्ति और सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थान के बीच कड़ी होता है।
8. (3) लॉरेंस कोलबर्ग ने नैतिक विकास को सार्वभौमिक नैतिक सिद्धांतों की खोज की प्रक्रिया के रूप में वर्णित किया है, और यह बच्चे के बौद्धिक विकास पर आधारित है।
पियाजे नैतिक विकास को एक रचनावादी प्रक्रिया के रूप में देखता है, जिससे क्रिया और विचार की परस्पर क्रिया नैतिक अवधारणाओं का निर्माण करती है।
9. (3) शिक्षकों के लिए यह महत्वपूर्ण है। कि वे अपने छात्रों के लिए बदलाव को सफलतापूर्वक कैसे नेविगेट करें।
लचीला होने की क्षमता महत्वपूर्ण है क्योंकि कठोरता तनाव पैदा कर सकती है और संभावित रूप से आपके स्वास्थ्य, काम के प्रति आपके जुनून और सहकर्मियों के साथ आपके संबंधों को भी प्रभावित कर सकती है।
10. (2) बुद्धि परीक्षणों की अधिकांश आलोचनाओं ने उनकी सामग्री पर ध्यान केंद्रित किया है।
आलोचकों का कहना है कि अधिकांश बुद्धि परीक्षण केवल कौशल के एक संकीर्ण सेट से संबंधित होते हैं और वास्तव में, परीक्षण लेने की क्षमता से ज्यादा कुछ माप सकते हैं।
आलोचकों का यह भी कहना है कि 19 परीक्षणों की सामग्री और उनका क्रियान्वयन पश्चिमी मध्यवर्गीय समाज के मूल्यों द्वारा निर्धारित है परिणामस्वरूप, वे समग्र निष्कर्ष नहीं दे सकते हैं।
11. (3) शिक्षक की अपेक्षाएँ छात्रों के विकास की क्षमता के बारे में विश्वास छात्रों के कार्यों, एवं समझ को प्रभावित करता है।
12. (1) जेंडर, महिलाओं, पुरुषों, लड़कियों और लड़कों की उन विशेषताओं को संदर्भित करता है जो सामाजिक रूप से निर्मित हैं।
इसमें एक महिला, पुरुष, लड़की या लड़का होने के साथ-साथ एक दूसरे के साथ संबंध से जुड़े मानदंड, व्यवहार और भूमिकाएं शामिल हैं।
जेंडर, जैविक विशेषताओं को संदर्भित करता है जो मनुष्य को महिला या पुरुष के रूप में परिभाषित करता है। .
जैविक विशेषताओं ये सेट परस्पर अनन्य नहीं हैं।
13. (1) व्यक्तिगत भिन्नताओं की समझ पाठ्यक्रम सामग्री और प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना बनाने में मदद करती है।
शिक्षकों और शिक्षार्थियों के व्यक्तिगत अंतरों की समझ बेहतर शैक्षणिक परिणामों के लिए शिक्षण और सीखने की शैलियों के मिलान करने में मदद कर सकती है।
14. (2) आकलन में छात्रों के लिए सीखने और प्रेरणा को एकीकृत करना चाहिए।
अच्छी तरह से डिजाइन की गई आकलन विधियाँ छात्रों के सीखने के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करती हैं।
वे हमें बताते हैं कि छात्रों ने क्या सीखा, उन्होंने इसे कितनी अच्छी तरह सीखा, और उन्होंने कहाँ संघर्ष किया।
15. (2) समालोचनात्मक सोच को एक सामाजिक सीखने की प्रक्रिया के रूप में अनुभव करने की सूचना दी जाती है, जो चर्चा के माध्यम से सबसे अच्छी तरह सें सीखी जाती है।
चर्चा के माध्यम से छात्रों को कई व्याख्याओं और दृष्टिकोणों से अवगत कराया जाता है और यह प्रदर्शन उनकी अपनी धारणाओं को अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
16. (1) रूढ़िवादिता अक्सर पूर्वाग्रहों को जन्म देती है जो किसी व्यक्ति के बारे में राय से बनती है जो वास्तविक अनुभव या कारण पर आधारित नहीं होती है और एक व्यक्ति या समूह को दूसरे के पक्ष में ले जाती है।
जाति, राजनीति, लिंग और लिंग के बारे में टिप्पणियां अक्सर सबसे आम रूढ़ियों पर आधारित होती हैं ।
17. (2) डिस्लेक्सिया (वाचन वैकल्य) पठन कौशल को प्रभावित करता है।
डिस्लेक्सिक बच्चों के लिए अधिगम को आगे बढ़ाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
18. (3) दृष्टिबाधित बच्चों को निम्नलिखित विशेष सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिएजैसे-
उनकी दृष्टि का इष्टतम उपयोग, यानी वे जितना देख सकते हैं।
ब्रेल किताबें और अध्ययन सामग्री का उपयोग उन्हें करना चाहिए।
उन्हें कक्षा की पहली पंक्ति में बैठाया जाना चाहिए।
आसपास के किसी भी चित्रमय दृश्य में मौखिक स्पष्टीकरण जोड़ें।
19. (3) स्वलीनता से ग्रस्त बच्चों को भाषा कौशल विकसित करने और दूसरों की कही बातों को समझने में कठिनाई हो सकती है।
उन्हें अक्सर अशाब्दिक रूप से संचार करने में भी कठिनाई होती है, जैसे हाथ के इशारों, आंखों के संपर्क और चेहरे के भावों के माध्यम से।
स्वलीनता से पीड़ित बच्चों की संवाद करने और भाषा का उपयोग करने की क्षमता उनके बौद्धिक और सामाजिक विकास पर निर्भर करती है।
स्वलीनता से ग्रस्त वाले कुछ बच्चे भाषण या भाषा का उपयोग करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, और कुछ के पास बहुत सीमित बोलने का कौशल हो सकता है।
20. (2) प्रतिभाशीलता के तहत बोधगम्य रणनीतियों का उपयोग पाठ बारे बच्चों की समझ को बढ़ाने के लिए किया जाता है ताकि उन्हें पाठ के साथ जुड़कर सक्रिय पाठक बनने में मदद मिल सके।
21. (1) शिक्षक एक सुविधाप्रदाता है, क्योंकि उसकी भूमिका सीखने का ऐसा माहौल बनाना है जहां बच्चे स्वयं अपनी वास्तविक क्षमता का एहसास कर सकें और ज्ञान का अर्थ निकाल सकें।
एक शिक्षक वह है जो एक नवप्रवर्तक, क्रियात्मक शोधकर्ता, योजनाकार, प्रबंध क, सामग्री प्रदाता, सुगमकर्ता, नेता, सह-निर्माता, आदि जैसी विविध भूमिकाएँ निभाता है।
बच्चों को खुद को अभिव्यक्त करने के लिए एक सुरक्षित माहौल प्रदान करना, अनिवार्य है।
22. (4) रचनात्मक अधिगम में शिक्षार्थी केवल निष्क्रिय रूप से जानकारी लेने के बजाय ज्ञान का निर्माण करते हैं।
जैसे-जैसे लोग दुनिया का अनुभव करते हैं और उन अनुभवों पर चिंतन करते हैं, वे अपने स्वयं की समझ का निर्माण करते हैं और अपने पहले से मौजूद ज्ञान में नई जानकारी शामिल करते हैं ।
23. (2) स्वाध्याय एवं स्वचिंतन से स्वयं स्व का आकलन होता है। स्व आकलन के लिए माहौल निर्मित करने वाले घटकों में प्रेरणा की भूमिका महत्वपूर्ण है।
24. (2) सत्व संबंधी योग्यता वस्तुतः समग्रता एवं गुणवता संबंधी योग्यता है। अस्तित्ववादी मानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति अद्वितीय है और शिक्षा को व्यक्तिगत भिन्नताओं को ध्यान में रखना चाहिए।
इसलिए, शिक्षा का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को उसके अद्वितीय गुणों को विकसित करने, उसकी क्षमताओं का दोहन करने और उसके व्यक्तित्व को विकसित करने में सक्षम बनाना है।
25. (1) प्रकार्यात्मक स्थिरता एक संकीर्ण मानसिकता है।
यहाँ सॉल्वर मानता है कि विषय वस्तु का केवल एक समाधान है और इसलिए समस्या को हल करने के लिए नवाचारी विधि का उपयोग नहीं करता है।
26. (1) भ्रांतियाँ अथवा गलतफहमियाँ अतिसहज विचार को संदर्भित करती है जो पहले से आत्मसात और बेमेल ज्ञान में के कारण होता है।
छात्र के जीवन में गलत धारणाएं सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
छात्रों की सोच में अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए वे सीखने की प्रक्रिया के लिए आवश्यक हैं।
शिक्षकों को छात्रों की भ्रांतियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें भ्रांतियों की पहचान करनी चाहिए और उदाहरणों, शिक्षण के विभिन्न तरीकों आदि के द्वारा उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
27. (3) हमारी भावनाएं निर्धारित करती कि हम स्थितियों पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, यह तय करते हैं कि हमारा ध्यान कहां केंद्रित करना है, और जानकारी को समझना है।
तंत्रिकाविज्ञान ने साबित किया है कि भावनाएँ हमारे संज्ञानात्मक कार्यों एवं स्मृतियों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं, जिसमें निर्णय लेने और समस्या को सुलझाने के कौशल शामिल हैं जो हमारे सीखने के अनुभवों को प्रभावित करते हैं।
28. (3) छात्र सीखने के लिए अभिप्रेरित महसूस करते हैं जब कार्य उनकी वास्तविक दुनिया से जुड़ा होता है क्योंकि वे वास्तविक जीवन की स्थिति से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं और सीखना पसंद करते हैं और कार्य को सीखने में रुचि महसूस करते हैं ।
जब छात्र विद्यालय में अपनी शिक्षा को दुनिया में या अपने जीवन में क्या हो रहा है, से जोड़ते हैं, तो वे विषय के बारे में सीखने के क्रिया के साथ अपनापन बना लेते हैं ।
इसलिए, वास्तविक जीवन से उदाहरणों का उपयोग करना सीखने को अधिक प्रभावी और आसान बना सकता है और छात्र सीखने की प्रक्रिया में बेहतर तरीके से लगे रहते हैं ।
29. (4) शब्दजाल दूसरों के लिए समझना मुश्किल होता है। उदाहरण के लिए, ‘कानून से संबन्धित व्यक्ति चिकित्सा क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले शब्दजाल को नहीं समझ सकता है और चिकित्सा क्षेत्र से संबन्धित व्यक्ति कानून के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले शब्दजाल को नहीं समझ सकता है।
संचार के किसी भी प्रारूप में शब्दजाल से बचना चाहिए जब तक कि यह विशेष श्रोताओं को संबोधित करने के लिए न हो ।
30. (2) स्कूल संस्कृति, स्कूल में हर निर्णय और कार्रवाई को प्रभावित करती है। · जैसे- प्रिंसिपल की नेतृत्व शैली से लेकर शिक्षकों द्वारा पाठ्यक्रम सामग्री चुनने और छात्रों के साथ बातचीत करने के तरीके तक।
जब एक छात्र की स्कूल की संस्कृति उनके घर संस्कृति से अलग होती है, तो यह ज्ञान प्राप्त करने की उनकी क्षमता में बाधा बन सकती है क्योंकि यह उन्हें उन बाधाओं से निपटने के लिए मजबूर करती है जो सीखने की कक्षा की सामग्री को कठिन बना सकती हैं।

भाग–II : गणित

31. (4) दस करोड़ बीस हजार दो सौ तीन = 100020203
32. (2)
33. (3)
34. (4)
35. (4)
36. (1)
37. (3) दो कोण जिनका योग 180° है, सदैव सम्पूरक कहलाते हैं।
38. (2)
39. (3) दिए गए अक्षर समूह जिनमें केवल एक सममित रेखा है – D, E, M
40. (2)
41. (3)
42. (4)
43. (3)
44. (3)
45. (3)
सबसे कम बचत फरवरी माह में हुई – सही कथन है।
46. (3) एनसीएफ-2005 ने सिफारिश की है :
गणित शिक्षा के फोकस को संकीर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने से उच्च लक्ष्यों की ओर स्थानांतरित करना,
हर छात्र को सफलता की भावना से जोड़ना, साथ ही साथ उभरते हुए गणितज्ञ को अवधारणात्मक चुनौतियाँ देना,
मूल्यांकन के बदलते तरीके
47. (3) गणित हमारे जीवन को व्यवस्थित बनाता है और अराजकता को रोकता है।
कुछ गुण जो गणित द्वारा पोषित होते हैं, हैं तर्क शक्ति, रचनात्मकता, अमूर्त या स्थानिक सोच, आलोचनात्मक सोच, समस्या सुलझाने की क्षमता और यहां तक कि प्रभावी संचार कौशल।
48. (1) प्राथमिक गणित पाठ्यक्रम के लक्ष्य है :
गणित सीखने में रुचि जगाना।
बुनियादी गणितीयअवधारणाओं और कम्प्यूटेशनल कौशल को समझने और हासिल करने में छात्रों की मदद करें।
छात्रों की रचनात्मकता और सोचने करने और समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित करने में मदद करें।
49. (4) पूर्व- संख्या अवधारणाओं को पूर्वस्कूली वर्षों के दौरान बच्चों में विकसित किया जा सकता है। यानी 7 वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले (ठोस ऑपरेशन चरण से पहले ) ।
सन्निकटन कुछ भी है जो समान है, लेकिन बिल्कुल समान नहीं है, किसी और के लिए।
पूर्णांक बनाकर किसी संख्या का अनुमान लगाया जा सकता है।
संचालन करने से पहले इसके भीतर के मानों को गोल करके एक गणना का अनुमान लगाया जा सकता है।
50. (2) स्थानीय मान एक संख्या में प्रत्येक अंक का मान है।
उदाहरण के लिए, 350 में 55 दहाई या 50 को दर्शाता है; हालाँकि, 5,006 में 55 हजार या 5,000 का प्रतिनिधित्व करता है।
यह महत्वपूर्ण है कि बच्चे यह समझें कि जबकि एक अंक समान हो सकता है, उसका मान इस बात पर निर्भर करता कि वह संख्या में कहाँ है।
51. (3) हम स्थानीय मान की अवधारणा को पेश करने के लिए 10 को एक इकाई के अंश के रूप में पेश कर सकते हैं।
स्थानीय मान किसी संख्या में प्रत्येक अंक का मान होता है।
52. (3) गणितीय संचार उस संचार को संदर्भित करता है जिसके द्वारा शिक्षार्थी चर्चा करते हैं, साझा करते हैं, विश्लेषण करते हैं और गणित की समझ बनाते हैं।
इसका उपयोग गणितीय विचारों और विचारों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
गणित में संचार छात्रों के बीच गणितीय सोच को व्यवस्थित, समेकित और व्यक्त करने की क्षमता विकसित करता है।
53. (3) गणित मुआवजा रणनीति एक संख्या को एक में जोड़ने और बाद में इसे दूसरे से घटाने के लिए संदर्भित करती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शेष राशि समान रहे ।
गणित में मुआवजा जटिल जोड़, घटाव, गुणा और भाग की समस्याओं को हल करना आसान बनाता है।
54. (1) गणितीयअनुभववादयथार्थवाद का एक रूप है जो इस बात से इंकार करता है कि गणित को प्राथमिकता के रूप में जाना जा सकता है।
यह कहता है कि हम अनुभवजन्य अनुसंधान द्वारा गणितीय तथ्यों की खोज करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे किसी अन्य विज्ञान में तथ्य होते हैं।
55. (1) निपुण भारत का पूर्ण रूप समझ और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल है।
समझ और अंक ज्ञान के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल का मुख्य उद्देश्य सभी बच्चों को ग्रेड 3 के अंत तक आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) जानने में सक्षम बनाना है।
56. (4) प्रासंगिक शिक्षण और सीखना (सीटीएल) दृष्टिकोण एक दृष्टिकोण है. जिसमें छात्रों के ज्ञान और अनुभव के माध्यम से सीखी गई अवधारणाओं की खोज करने के लिए सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय छात्रों को शामिल किया जाता है।
छात्र अवधारणात्मक समझ प्रदर्शित करने का एक तरीका यह है कि वे क्या कर रहे हैं, यह स्पष्ट करते हुए गणित की समस्या को हल कर सकते हैं।.
जब छात्र गणित की समस्या के बारे में अपनी सोच की व्याख्या करते हैं, तो यह शिक्षक को छात्र की मेटाकॉग्निटिव सोच और गणित की भाषा का उपयोग करने की क्षमता के बारे में जानकारी देता है।
57. (1) पैटर्न की पहचान करने से गिनती क्रम को समझने के लिए एक मजबूत नींव बनाने में मदद मिलती है ख्र उदाहरण के लिए, यह पहचानने में मदद करता है कि जब संख्याओं को अलग-अलग क्रम में जोड़ा जाता है, कुल समान रहता है।
यह अवलोकन और भविष्यवाणी कौशल विकसित करने में भी मदद करता है जो विज्ञान सीखने में महत्वपूर्ण हैं।
58. (2) एनसीएफ 2005 के अनुसार, गणित शिक्षण का उच्च लक्ष्य बच्चों में गणितीकरण की क्षमता का विकास करना है।
बच्चों को गणितीय रूप से सोचने और तर्क करने की क्षमता विकसित करने में मदद करने के लिए, उनके तार्किक निष्कर्ष तक मान्यताओं का पालन करने और अमूर्तता से निपटने के लिए।
इसमें संचालन की एक विधि के साथ-साथ समस्याओं को तैयार करने और हल करने की क्षमता और रवैया शामिल है।
छात्रों में गणित के प्रति रुचि विकसित करना और मौलिक गणितीय विचारों और कम्प्यूटेशनल कौशलों में महारत हासिल करने में उनकी सहायता करना ।
बच्चों की रचनात्मकता और सोचने, संवाद करने और समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित करने में मदद करना।
59. (3) रचनावादी शिक्षक प्रश्न और समस्याएँ प्रस्तुत करते हैं, फिर छात्रों को उनके स्वयं के उत्तर खोजने में मदद करने के लिए उनका मार्गदर्शन करते हैं।
रचनावादीमॉडल में छात्रों से सीखने की अपनी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल ‘होने का आग्रह किया जाता है।
शिक्षक एक सूत्रधार के रूप में अधिक कार्य करता है जो छात्रों को उनकी समझ को विकसित करने और उनका मूल्यांकन करने में मदद करता है, और इस तरह उनकी शिक्षा को प्रशिक्षित करता है, मध्यस्थता करता है, संकेत देता हैं और मदद करता है।
60. (1) वैन हीले के ज्यामितीय चिंतन के सिद्धांत के स्तर पर आधारित हैं
अनुक्रम
अनुभव
विकास
विश्लेषण
विजुअलाइजेशन

भाग-III : पर्यावरण अध्ययन

61. (2) यह CBSE के अनुसार जारी आधिकारिक उत्तर है।
चार मुख्य दिशाएँ या प्रमुख बिंदु उत्तर, पूर्व, दक्षिण और पश्चिम की दिशाएं हैं, जिन्हें आमतौर पर उनके आद्याक्षरों द्वारा दर्शाया जाता है: N, E, S, और W |
इनके अलावा अन्य चार दिशाएँ उत्तर-पूर्व (NE), दक्षिण-पूर्व (SE), दक्षिण-पश्चिम (SW) और उत्तर-पश्चिम (NW) हैं।
भारत की राजधानी नई दिल्ली के सन्दर्भ में उत्तर-पूर्व दिशा में लखनऊ (उत्तर प्रदेश की राजधानी) तथा उत्तर-पश्चिम दिशा में जयपुर (राजस्थान की राजधानी) स्थित है।
अतः व्याख्यानुसार इस प्रश्न का उत्तर 1 होना चाहिए।
62. (1) भरली वागी महाराष्ट्र में बनाई जाने वाली एक विशेष डिश है। यह स्टफ्ड बेबी बैंगन से बना व्यंजन है।
रसा आलू, फूलगोभी और टमाटर से बनी एक करी है जिसे ताजे नारियल की गिरी और पानी से पकाया जाता है।
त्रिफलाम्बत ताजा पोम्फ्रेट मछलियों का एक मलाईदार व्यंजन है।
वरण एक सादा मसूर दाल स्टू है।
63. (2) पक्षियों के पंख अलग-अलग रंग, आकार के होते हैं।
उनकी त्वचा पंखों से ढकी होती है जो उन्हें जलरोधी बनाए रखती है।
उनके पंख उन्हें उड़ने में मदद करते हैं और उन्हें गर्म भी रखते हैं। इसलिए, कथन B और D सही हैं।
64. (2) यह CBSE के अनुसार जारी आधिकारिक उत्तर है।
जिन जानवरों के बाहरी कान और पर बाल होते हैं, वे बच्चों को जन्म देते हैं।
जिन जन्तुओं के भीतरी कान होते हैं और शरीर पर बाल नहीं होते, वे अंडे देते हैं। अतः व्याख्यानुसार इस प्रश्न का उत्तर 1 होना चाहिए।
65. (4) बछेंद्री पाल माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला और दुनिया की पाँचवीं महिला है।
माउंट एवरेस्ट हिमालय पर्वत श्रृंखला की एक चोटी है।
यह नेपाल और चीन के एक स्वायत्तशासी क्षेत्र तिब्बत के बीच स्थित है।
8848 मीटर (29,032 फीट) पर, इसे पृथ्वी पर सबसे ऊँचा बिंदु माना जाता है।
66. (2) ‘मणिपुर’ शब्द दो संस्कृत शब्दों मणि और पुर से बना है, जिसका अर्थ जेवरों का देश होता है। इसलिए, कथन A सही है।
लावणी महाराष्ट्र का लोकनृत्य है। इसलिए, कथन B गलत है।
अक्सर मणिपुर की जीवन रेखा कहलाने ‘वाली लोकटक झील प्राकृतिक रूप से तैरते गोलाकार दलदलों के लिए प्रसिद्ध है, जिसे ‘फुमदी’ कहा जाता है। इसलिए, कथन C सही है।
मणिपुर भारत के सबसे बड़े बांस उत्पादक राज्यों में से एक है। इसलिए, कथन D सही है।
67. (3) काम एक ऐसी चीज है जो हम खुद को और दूसरों को सहारा देने के लिए करते हैं। इसमें किताबों और कॉपियों को ठीक से व्यवस्थित करना और बिस्तर की रोजाना सफाई करना शामिल है।
काम नाम कमाने, ऊर्जा बचाने या मौज-मस्ती करने के लिए नहीं किया जाता है।
68. (3) सभी हाथी शाकाहारी होते हैं और झुंड कहे जाने वाले पारिवारिक समूहों में रहते हैं। एक हाथी के झुंड में मुख्य रूप से मादा और बच्चे हाथी होते हैं। इसलिए, कथन A और B सही नहीं हैं।
नर हाथी 14-15 वर्ष की आयु तक झुण्ड में रहते हैं। इसलिए, कथन C सही है।
एक झुंड में 10 से 12 मादा हाथी और बच्चे हो सकते हैं। इसलिए, कथन D सही है।
69. (3) मानचित्र के अनुसार,
1 सेमी. = 110 मीटर
फतेह दरवाजा और पटनचेरू दरवाजा के बीच का वास्तविक दूरी
= 15.2 × 110 मीटर
= 1672 मीटर
‘.’ 1000 मीटर = 1 किमी.
‘.’ 1672 मीटर = 1672/1000 किमी.
= 1.672 किमी.
70. (2) मिजो, जिसे लुशाई के नाम से भी जाना जाता है, मिजोरम की आधिकारिक भाषा है और इसके अधिकांश लोगों द्वारा बोली जाती है ।
मिजो चीन तिब्बती भाषाओं से संबंधित है।
71. (4) गैर-नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा का एक स्रोत है जो अंततः भविष्य में समाप्त होने वाला ऊर्जा संसाधन है। गैर-नवीकरणीय ऊर्जा के अधिकांश स्रोत जीवाश्म ईंधन हैं, जैसे कोयला, गैस और तेल।
खनिज एक गैर-नवीकरणीय संसाधन हैं। खनिजों के निर्माण और सांद्रण में हजारों साल लग जाते हैं।
इसके निर्माण में बहुत अधिक समय लगता है इसके विपरीत मानव इन खनिजों का उपभोग बहुत कम समय में कर लेता है।
72. (3) पर्वतारोही घुटन से बचने लिए ऊँचे पहाड़ों पर चढ़ते समय ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाते हैं।
ज्यादा ऊँचाई पर हवा की उपलब्धता धीरे-धीरे कम हो जाती है। इस प्रकार, सामान्य श्वास लेने के लिए पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाते हैं।
73. (3) उत्तर में भारत हिमालय, पश्चिम में अरब सागर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी और दक्षिण में हिंद महासागर से घिरा है।
अरब सागर पर तट वाले भारतीय राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और केरल है।
74. (4) भवई राजस्थान के पारंपरिक लोक नृत्यों में से एक है।
इस नृत्य शैली में घूंघट वाली महिला नर्तकियां नृत्य करते समय अपने सिर पर सात या नौ पीतल के बर्तनों को संतुलित करती हैं ।
कालबेलिया नृत्य राजस्थान का एक पारंपरिक नृत्य है जिसमें लोग सांप की गति की नकल करते हैं।
75. (4) मधुबनी चित्रकला की उत्पत्ति बिहार के मिथिला क्षेत्र हुई है। बिहार में मधुबनी नाम का एक जिला है।
इन चित्रों को चावल के चूर्ण के पेस्ट से बनाया जाता है जिसमें रंग मिलाया जाता है।
चित्रों में मनुष्य, जानवर, पेड़, फूल, पक्षी आदि बनाया जाता हैं।
76. (4) इस आयोजन में निम्नलिखित पर्यावरण शिक्षा उद्देश्य शामिल हैं:
(i) उच्च स्तरीय विश्लेषणात्मक सोच विकसित करना ।
(ii) अवलोकन और चित्रण के आधार पर समझ विकसित करना ।
(iii) सामाजिक घटनाओं के बारे में जिज्ञासा पैदा करने के लिए संज्ञानात्मक कौशल विकसित करना ।
77. (4) शिक्षण के तरीके: यह शिक्षण के लिए उपयोग किए जाने वाले शिक्षाशास्त्र और सामान्य सिद्धांत हैं। शैक्षिक दर्शन, छात्रों की सीखने की क्षमता, विषय वस्तु और कक्षा की जनसांख्यिकी के आधार पर रणनीति तैयार की जानी है। कभी-कभी बुनियादी ढांचा शिक्षण पद्धति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यहाँ, शिक्षक भारत की ऋतुओं को पढ़ाते समय अवधारणा को जोड़ना चाहते हैं।
शिक्षण हमेशा सरल से जटिल की ओर होना चाहिए।
ऋतुओं के विषय में रुचि विकसित करना, खाने की आदतों और पहनने के लिए कपड़े पर प्रासंगिक साहित्य का उपयोग करना।
78. (3) शिक्षण सीखने का एक हिस्सा है जो लगातार चल रहा है।
सीखने के रास्ते में आने वाली बाधाओं को लगातार दूर किया जाता है।
यह छात्रों की सीखने की प्रवृत्ति , रुचियों और पूर्व अनुभवों से अवगत कराता है।
79. (3) स्थानीय ऐतिहासिक इमारतों का दौरा और बाद में उन पर चर्चा ।
80. (4) यह CBSE के अनुसार जारी आधिकारिक उत्तर है।
उन्हें समय देना चाहिए और उन्हें एक चींटी के पैर देखने के लिए कहना चाहिए।
अतः व्याख्यानुसार इस प्रश्न का उत्तर 3 होना चाहिए।
81. (3) एक अंतरिक्ष यात्री वह व्यक्ति होता है जिसे विशेष रूप से बाहरी अंतरिक्ष में यात्रा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। अंतरिक्ष यान में सवार अंतरिक्ष यात्रियों की अलग-अलग जिम्मेदारियां हो सकती हैं।
कक्षा IV के पर्यावरण विज्ञान शिक्षक के रूप में छात्रों को अंतरिक्ष यात्री की अवधारणा समझाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की जीवनी साझा करें और उनके प्रमुख गुणों का संकेत दें।
82. (4) ज्ञात से अज्ञात (Know to unknown) सीखने का सिद्धांत है जिसका पालन ईवीएस पढ़ाने में किया जाता है। इस सिद्धांत में शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया पूर्व ज्ञान से शुरू होती है जिसमें नई सामग्री सिखाई जाती है, शिक्षार्थी को ज्ञात से अज्ञात की ओर बढ़ने में कठिनाई नहीं होती है।
मान्यता और वर्गीकरण क्रियाएं इस गतिविधि में शामिल हैं।
83. (3) एनसीएफ 2005 के आधार पर, राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण शिक्षा को प्रारंभिक शिक्षा स्तर पर पर्यावरण अध्ययन के रूप में पेश किया जाता है। कक्षा III से V के लिए EVS हमारे पर्यावरण (भौतिक, जैविक, सामाजिक और सांस्कृतिक) के अध्ययन से संबंधित है जिसमें इसके संरक्षण और संरक्षण पर जोर दिया गया है।
प्रारंभिक स्तर पर ईवीएस एक एकीकृत विषय है जो विज्ञान (भौतिक, रासायनिक और जैविक), सामाजिक अध्ययन ( इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, आदि) और पर्यावरण शिक्षा (संरक्षण और संरक्षण) से अंतर्दृष्टि प्राप्त करता है।
84. (2) “अवलोकन” किसी घटना या किसी व्यक्ति को देखने या निगरानी करने की प्रक्रिया है, जबकि “निष्कर्ष” प्रयोग के अंतिम भाग को संदर्भित करता है जिसमें निर्णय या संकल्प किया जाता है।
85. (4) ईवीएस विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और पर्यावरण शिक्षा का एकीकरण है। ईवीएस का पूर्ण रूप ‘पर्यावरण अध्ययन’ है। यह मुख्य रूप से छात्रों को तीन विषयों के संदर्भ में पढ़ाया जाता है। ईवीएस को पर्यावरण और उसके घटकों की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं को हल करने के लिए भी लागू किया जाता है।
86. (3) शिक्षक को छात्र को इसके बारे में सोचने के लिए कहना चाहिए।
शिक्षक को छात्रों को बगीचे में ले जाना चाहिए और उन्हें विभिन्न पेड़ों के तने देखने के लिए कहना चाहिए।
87. (3) करके सीखना या गतिविधि दृष्टिकोण अनुभवात्मक सीखने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग है। गतिविधि के माध्यम से सीखने से छात्रों को जानकारी को उनकी स्मृति में लंबे समय तक संग्रहीत करने में मदद मिलती है। इसलिए, यह पर्यावरण अध्ययन के शिक्षण के लिए गतिविधि-आधारित विधियों के लिए उपयुक्त है।
कहानी सुनाना भाषा सीखने को जीवंत बनाता है और एक सहभागी और तल्लीन करने वाला अनुभव बनाता है जो युवा शिक्षार्थियों को गतिशील, कभी-कभी शैलीगत और मनोरंजक तरीके से भाषा सुनने का आनंद लेने की अनुमति देता है।
88. (2) राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF), 2005 एक दिशा-निर्देश प्रदान करता है जिसके साथ शिक्षक और स्कूल उन अनुभवों को चुन सकते हैं और योजना बना सकते हैं जो उन्हें लगता है कि बच्चों के पास होने चाहिए। NCF2005 के अनुसार, कहानियाँ और कविताएँ शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के प्रभावी उपकरण हैं जो शिक्षार्थियों के पढ़ने के विकल्पों को विस्तृत करते हैं।
मीठे दही का स्थानीय भाषा में अर्थ समझाएंगे।
89. (3) प्राथमिक स्तर पर ईवीएस पाठ्यक्रम की प्रकृति-
(i) प्रासंगिक (Contextual) : ईवीएस के लिए संदर्भ पर्यावरण है। चूंकि पर्यावरण एक स्थान से दूसरे स्थान पर भिन्न होता है, पर्यावरण की समझ को सिखाने के लिए उपयोग किए जाने वाले उदाहरण, घटनाएँ और अभ्यास भिन्न होंगे। शिक्षण-अधिगम के एक क्षेत्र के रूप में ईवीएस अत्यंत प्रासंगिक है क्योंकि पर्यावरण, समस्याओं और मुद्दों की धारणा और समझ एक स्थान से दूसरे स्थान के संदर्भ में बदलती रहती है।
(ii) प्राथमिक स्तर पर ईवीएस एक एकल विषय क्षेत्र नहीं है, जबकि इसे भौतिक, जैविक, रासायनिक, सामाजिक और अध्ययन के अन्य आयामों से सीखने के अनुभवों को आकर्षित करने वाले एक समग्र क्षेत्र (बहुविषयक) के रूप में देखा जाता है।
(iii) समावेशी पाठ्यक्रम (Inclusive curriculam) : ईवीएस पाठ्यक्रम समावेशी है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि सभी छात्रों को उनकी पृष्ठभूमि या अपरिवर्तनीय विशेषताओं की परवाह किए बिना, सीखने का समान अवसर मिले। “
(iv) विषयगत (Thematic) : ईवीएस. पाठ्यक्रम सामयिक दृष्टिकोण के बजाय विषय-आधारित दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है। इस प्रकार, यह उन विषयों की सूची के साथ आगे नहीं बढ़ता है जहाँ सामग्री के कवरेज पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। एक विषय से दूसरे विषय पर जाने के बजाय, यह शिक्षण-अधिगम के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है।
90. (2) शिक्षण की चर्चा पद्धति (Discussion method) एक समूह गतिविधि है जिसमें शिक्षक और छात्र समस्या को परिभाषित करने और उसके समाधान की तलाश करते हैं। चर्चा पद्धति को एक रचनात्मक प्रक्रिया के रूप में भी वर्णित किया जाता है जिसमें सुनना, सोचना और साथ ही छात्र की बोलने की क्षमता शामिल होती है।

भाग-IV : भाषा-I : हिन्दी

91. (2) दिये गए गद्यांश के अनुसार, समय, समय को नष्ट करने वालों को समाप्त कर देता है।
92. (3) जैसा कि गद्यांश में वर्णित है, महात्मा गाँधी की गणना सफलतम व्यक्तियों में की जाती है क्योंकि वे समय के पाबंद थे।
93. (2) गद्यांश के कथनानुसार, भाग्य निर्माण की बुनियाद समय का सदुपयोग है।
94. (1) गद्यांश में जिस कहानी का वर्णन किया गया है, उसके अनुसार ‘हर व्यक्ति को पैसों की अपेक्षा समय का अधिक हिसाब रखना होगा तभी वह अपने क्षेत्र “सफल हो पाएगा’, अर्थात् व्यक्ति तभी सफल हो पाएगा जब वह पैसों की बजाय समय को अधिक महत्व देगा।
95. (3) गद्यांश के अनुसार, असमय कार्य करने वाले कायर तथा निरुद्यमी बन जाते हैं।
96. (4) सदुपयोग का संधि विच्छेद है- सत् + उपयोग
सदुपयोग में संधि व्यंजन संधि होती है।
किसी व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
व्यंजन संधि को संस्कृत में हल् भी कहते आये ह हैं, क्योंकि यह माहेश्वर सूत्र से लेकर लू के बीच के वर्णों से सम्बन्धि त है। जैसे सत् + आचार: सदाचार: ।
97. (3) दिये गए गद्यांश के अनुसार, जीवन को सही ढंग से जीने के लिए जरूरी है समय का ठीक से उपयोग।
98. (2) ‘समय’ में ‘इक’ प्रत्यय लग सकता है।
‘समय’ में ‘इक’ प्रत्यय जोड़ने पर शब्द बनेगा-‘सामयिक’
समय – बेला, काल, घड़ी, वक्त, अवसर, मौका, अवकाश
इक प्रत्यय से बनने वाले शब्द – धार्मिक, मासिक, वार्षिक, वैयक्तिक, आर्थिक
99. (4) समूह में, जेम्स वाट, मैडम क्यूरी और महात्मा गाँधी जैसे व्यक्तित्व की चर्चा की गयी है। जबकि व्यक्ति किसी का नाम नहीं है।
100. (3) कविता में जागृत करने से तात्पर्य चेतना भरने से है।
101. (1) कविता में कवि, संकीर्ण दीवारों को महत्व नहीं देता है बल्कि स्वाभिमान, निर्भय होने और अखंडता को वह काफी महत्व देता है।
102. (2) दिये गए कविता में कवि कहता कि, बोलने से पहले किसी भी बात को सत्य की कसौटी पर कसना चाहिए।
103. (1) यह CBSE के अनुसार जारी आधिकारिक उत्तर है।
कविता के अनुसार, एक व्यक्ति के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है तर्क से काट करना।
अतः व्याख्यानुसार इस प्रश्न का उत्तर 4 होना चाहिए।
104. (3) ‘इक’ प्रत्यय से बनने वाला शब्द है- शाब्दिक ।
‘इक’ प्रत्यय से बनने वाले अन्य शब्द – धार्मिक, मासिक, वार्षिक, वैयक्तिक आदि
105. (3) निर्भय में उपसर्ग है – ‘नि’
[नि + भय = निर्भय]
निर्भय में मूल शब्द है भय
उपसर्ग शब्द ‘उप’ तथा ‘सर्ग’ शब्द से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है समीप आकर नया शब्द बनाना अर्थात् जो शब्दांश शब्दों के आदि (शुरुआत) में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं ।
106. (3) डिकोडिंग, शब्द भंडार और शब्दों की पहचान करना आदि बुनियादी पठन कौशल के अंतर्गत आता है।
पठन का अर्थ लिखी हुई सामग्री को पढ़ते हुए उसका अर्थ ग्रहण करने, उसके पश्चात् उस पर अपना मंतव्य (सोच, विचार) स्थिर करने और फिर उसके अनुसार व्यवहार करने से है।
अर्थात् अर्थ एवं भाव को ध्यान में रखकर किसी लिखित भाषा को पढ़ना ही पठन कौशल कहलाता है। रूप विज्ञान इसके अंतर्गत नहीं आता है।
107. (2) यह CBSE के अनुसार जारी आधिकारिक उत्तर है।
दिये गए प्रश्न के अनुसार, शिक्षिका, बच्चों में ‘करके सीखना’ उपागम का अनुसरण कर रही है।
करके सीखना (Learning by doing) विधि अधिगम की प्रभावशाली विधियों में से एक है। जैसे – आप अपने घर में टी. वी. चला रहे हैं, रिमोट द्वारा आप आवाज कम करते हैं तथा अधिक करते हैं, चैनल परिवर्तित करते हैं, जब बालक इस घटना को देखता है तो उसका मन करता है कि उसके द्वारा भी यह कार्य किया जाना चाहिये।
अतः व्याख्यानुसार इस प्रश्न का उत्तर 3 होना चाहिए।
108. (2) भाषा अंतःक्रिया का एक सामाजिक उपकरण है।
भाषा रोजमर्रा के जीवन के रीति-रिवाजों और घटनाओं के लिए इतनी मौलिक है कि इसकी भूमिका को मान लिया जाता है।
भाषा और सामाजिक अंतःक्रिया इस बात से संबंधित है कि हम अपने दैनिक जीवन में संबंधों, कार्यों और घटनाओं पर बातचीत करने के लिए भाषा का उपयोग कैसे करते हैं।
109. (2) पढ़ते समय विवरण, स्थान, नाम, तारीख / समय आदि को खोजना स्थानीय अवबोधन कहलाता है।
स्थानीय अवबोधन या गहन पठन का संबंध सीखने से है, यह विषय को गहराई से समझने के लिए या कई बार किसी पाठ्य सामग्री से कोई विशिष्ट सूचना निकालने के लिए किये गये पठन से संबंधित है।
विशेष तथ्यों को समझने के लिए गहन पठन की आवश्यकता होती है, जैसे किसी विशेष सूचना की जानकारी के बारे में पढ़ना।
नौकरी संबंधी विज्ञापन में दी गयी सूचना का पठन इसके अन्तर्गत आता है।
110. (1) दिये गए प्रश्न के अनुसार, शिक्षिका विस्तृत पठन का अभ्यास कर रही है।
विस्तृत वाचन तब किया जाता है जब हम अधिक सामग्री कम समय में पढ़ना चाहते हैं।
द्रुत वचन का प्रयोग हम तब करते हैं जब हम सीखी हुई भाषा का अभ्यास करते हैं या अवसर का सदुपयोग करना या सूचना एकत्रित करना या आनंद प्राप्त करना आदि क्रियाओं में करते हैं।
111. (4) एक शिक्षक छोटे बच्चों को नए शब्द सिखाने के लिए वास्तविक वस्तुओं का उपयोग करती है क्योंकि यह शिक्षार्थियों को शब्द और वस्तुओं के बीच संबंध जोड़ने में मदद करता है, जो वे अपने वास्तविक जीवन में देखते हैं।
112. (2) जब एक शिक्षार्थी को नई भाषा सिखाते है लेकिन वह उसे बोलता नहीं है, इस अवधि को मूक कहते हैं।
मौन अवधि (साइलॅट पीरियड) परिकल्पना यह विचार है कि जब कोई भाषा सीखी जाती है, तो एक ऐसी अवधि होनी चाहिए जिसमें सीखने वाले से किसी भी भाषा को सक्रिय रूप से उत्पन्न करने की अपेक्षा नहीं की जाती है। यह शिशुओं में सुनने की अवधि के अवलोकन पर आधारित है जब वे पहली भाषा सीखते हैं।
113. (2) एक प्रभावी भाषा शिक्षक पाठ्य वस्तु के साथ-साथ अन्य संसाधनों का प्रयोग करेगा।
114. (4) पोर्टफोलियो विद्यार्थी के अधिगम के विषय में सूचना एकत्र करने का तरीका है।
इस प्रकार के आकलन का उद्देश्य छात्रों का वर्गीकरण और प्रोन्नति है।
इसके परिणामों का उपयोग छात्र की उपलब्धियों को प्रमाणित करने और निर्णय पारित करने के लिए किया जाता है।
पोर्टफोलियो आकलन बच्चों की भाषायी क्षमता का आकलन करते हुए उनकी क्रमश: प्रगति को संदर्भित करता है।
पोर्टफोलियो से बच्चे की विभिन्न अवस्थाओं में भाषा विकास दर का पता चलता है।
यह शिक्षक को बच्चे की प्रगति और भाषा क्षमता के आकलन के बारे में जानकारी देता है।
निदानात्मक परीक्षण का अर्थ है बालक की अधिगम संबंधी कठिनाईयों को पहचानना।
कठिनाईयों को पहचानने के बाद इन कठिनाईयों को दूर करने के लिए उपचारात्मक शिक्षण प्रदान किया जाता है।
निदानात्मक परीक्षण का कार्य है अनुत्तीर्ण बालक की कठिनाईयों को पहचानना और उन्हें दूर करने का हर संभव प्रयास करना।
उपाख्यानात्मक अभिलेख एक छोटी घटना, एक घटना या घटना के घटने के बाद लिखने की घटना का विवरणात्मक सारांश है।
अक्सर उपाख्यानों का उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी ऐसी कहानी के बारे में बताना चाहता है जो सप्ताहांत में हुई हो या कुछ मनोरंजक या मजेदार हो ।
वे एक विशिष्ट घटना के आख्यान वृत्तांतों पर केंद्रित हैं।
115. (1) यह CBSE के अनुसार जारी आधिकारिक उत्तर है।
द्विभाषी विधि में दो भाषाओं, मातृभाषा और लक्ष्य भाषा का उपयोग किया जाता है।
इसे प्रत्यक्ष विधि (अंग्रेजी, अंग्रेजी के माध्यम से पढ़ाया जाता है) और व्याकरण अनुवाद विधि (अंग्रेजी में प्रत्येक शब्द, वाक्यांश, या वाक्य शिक्षार्थियों में अनुवादित किया जाता है) का संयोजन माना जा सकता है।
अतः व्याख्यानुसार इस प्रश्न का उत्तर 3 होना चाहिए। .
116. (3) यह CBSE के अनुसार जारी आधिकारिक उत्तर है ।
शिक्षण में अधोगामी प्रणाली (Top-down approach) में ऊपर से नीचे की ओर की प्रवृत्ति समाविष्ट होती है।
जैसे यहाँ पहली कक्षा के लिए भाषा के पाठ्य पुस्तक के प्रारम्भ में कविता और कथा दी जाती है, उसके बाद अक्षरों का लेखन आरम्भ होता है।
पहली कक्षा में अक्षर ज्ञान के बिना कथा – और कविता को पढ़ना कठिन है।
तथापि कथा और कविता के माध्यम से भाषा के प्रति रुचि जागृत करके फिर विषय की ओर आकृष्ट करने के लिए यह प्रणाली प्रयुक्त होती है। जैसे- ऊपर से नीचे की ओर/कठिन से सरल की ओर। अतः व्याख्यानुसार इस प्रश्न का उत्तर 4 होना चाहिए। .
117. (1) यह CBSE के अनुसार जारी आधिकारिक उत्तर है।
शिक्षा में कमजोर शिक्षार्थियों के शिक्षण अधिगम दोष प्रभावों को दूर करने की प्रक्रिया उपचारात्मक शिक्षण कहलाती
शिक्षण या अधिगम की कठिनाइयों या त्रुटियों के कारण बच्चे कक्षा में पिछड़ जाते हैं, उपचारात्मक शिक्षण द्वारा उपयुक्त शिक्षण विधि का चयन करके उनकी कठिनाईयों को दूर करने का प्रयास किया जाता है।
अतः व्याख्यानुसार इस प्रश्न का उत्तर 2 होना चाहिए।
118. (1) अपपठन या डिस्लेक्सिया (Dyslexia) एक अधिगम विकलांगता है जिसका प्रकटीकरण मुख्य रूप से वाणी या लिखित भाषा के दृश्य अंकन की कठिनाइयों के रूप में होता है।
यह समस्या विशेष तौर पर मनुष्य निर्मित लेखन प्रणालियों को पढ़ने में होती है।
कोई बच्चा अगर अंग्रेजी के ‘D’ और ‘d’, गणित के ‘6’ और ‘9’ में अंतर नहीं कर पाता या फिर शब्दों की स्पेलिंग गलत बोलता है और उसे पढ़ने-लिखने में भी दिक्कत होती है तो ये डिस्लेक्सिया के लक्षण हो सकते हैं।
119. (1) कक्षा में प्रदर्शित चार्ट्स, पोस्टर्स, कक्षा में प्रदत्त कार्य आदि सभी कक्षा में प्रिंट समृद्ध परिवेश में आता है।
कक्षा में प्रिंट समृद्ध वातावरण से आशय कक्षा में पढ़ाई जा रही विषय-वस्तु के अनुरूप लिखित सामग्री प्रदर्शित करना है। क्योंकि पढाई जा रही चीजों को जब चित्रों या लिखित सामग्री के माध्यम से बच्चों के सामने प्रस्तुत किया जाता है तो अधिगम प्रभावी रूप से होता है।
प्रिंट समृद्ध परिवेश अधिगम सहायक सामग्री की तरह कार्य करता है और भाषाई कक्षा को रूचीकर बनाता है।
प्रिंट या चित्र देखकर बच्चे आसानी से चीजों को समझ सकते हैं। जैसे- चॉक्लेट का फोटो, दो लोगों के बीच के संवाद का फोटो, आदि।
120. (1) प्रथम पीढ़ी के शिक्षार्थी वे हैं जो अपने परिवार में पहली बार विद्यालय आए हैं।
पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने वाले अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं।
ऐसे शिक्षार्थियों के पूर्वज विभिन्न कारणों से शिक्षा से वंचित थे।
वे आम तौर पर अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) जैसे सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समुदायों से संबंधित हो सकते हैं।

भाग-V: LANGUAGE-II: SANSKRIT

121. ( 3 ) भक्षयितुं (धातु – भक्ष) इत्यास्मि पदे ‘तुमुन’ प्रत्ययः अस्ति । ‘तुमुन’ प्रत्यय ‘के लिए’ अर्थ में प्रयुक्त होता है।
122. (2) वनस्य एकस्मिन स्थाने हिरण्यक: नाम मूषक: अवसत।
123 (1) ‘सहसा क्रिया न विदधीत’ – इति कपोराज चित्रग्रीव कथयति ।
124. (4) निम्न शब्द अव्यय है:
यदा = जब
तदा = तब
तथा = और
जबकि ‘कथ्यते’ क्रिया है न कि अव्यय ।
125. (4) वनस्य एकस्मिन् स्थाने हिरण्यक: नाम मूषकः अवसत्। सः कपोतराजस्य मित्रम् जालम् आदाय तस्य समीपम् अगच्छन् । तेवां प्रार्थनाम् सः जालन् अवृन्तत् । एवं कपोताः पुनः स्वतन्त्राः अभवन् ।
126. (3) परस्परं सहयोगेन एव ते सफलाः च द्यअभवन् । सत्यमेन कथ्यते – समवाया हि दुर्जयः
127. (4) ‘स्वतंत्राः’ इत्यास्मिन पदे प्रथमा विभक्तिः
128. (1) गङ्गातीरे वटवृक्षः आसीत् । तस्य शारवासु बहवः खगाः स्नेहेन निवसन्ति स्म ।
129. (2) विजयसिंह: नाम कश्चित् राजा मृगयार्थ वनम् अगच्छत् । एकद । तत्र सः ऋषे: अङ्के उपविष्ट शुकम् अवश्यत ऋषिः शिष्यान् वेदमंत्रान् अपाठयत्।
130. (4) ‘अभवत’ = लड्लकार (भूतकाल) अभवत- अभवताम् अभवन्
131. (2) शुकः छात्रैः सह वेदमन्त्रत् अगायत् । यदा आचार्य शिष्यान् प्रश्नान् अपृच्छत् तदा अपि तैः शुक: अवदत् तद् पाण्डित्यं दृष्ट्वा राजः मनः तस्मै शुकाय अलोभत ऋषिं तं शुकम् अयाचत ।
132. (4) इति + अक्त्वा = इत्युक्त्वा
133. (3) ‘अनुकरणशील: अयं पक्षीः’ इति ऋषि: राजानन् कथयति ।
134. (4) ‘दृष्टवा’ पर्द क्त्वा प्रत्यान्त अस्ति। क्त्वा/क्तवा से ‘करके’ का बोध होता है’जैसे दृष्टवा = देखकर।
135. (3) राजा सक्रोधः ऋषये शुः अयक्षत् ।
136. (1) छात्रैः कस्यापि पदत्तकार्यस्य, कक्षायाः पाठ्यक्रमस्य कार्यक्रमस्य च समाप्तो ज्ञानं, कौशलं अभिवृत्तिः च अर्जितव्या। एतत् शिक्षणस्य प्रतिफलं कथनं।
क्योंकि शिक्षण का प्रतिफल अधिगम में दिखता है और सटीक एवं प्रमाणिक अधिगम कौशल का मार्ग प्रशस्त करता है।
137. (2) एका शिक्षिका छात्रेभ्यः शिक्षणगतिविधीनाम् माध्यमेन मौखिक भाषां कार्याधारित भाषशिक्षणे ।
कार्याधारित भाषा शिक्षण का तात्पर्य करके या गतिविधि के माध्यम से भाषा का शिक्षण कार्य करना कराना है।
138. (1) प्रथमकक्षायाः एका अध्यापिका छात्रैः सह क्रीडा: क्रोडति । तासु क्रीडासु सा ता: छात्रान् द्य चलितुम् धावितुम् उपवेष्टुम् उपसांपतुम् (Crawl) अन्यगतिविधीन् च कर्तुम् निर्दिशति। अनेन प्रकारेण तथा छात्राणां सकलेसञ्चालनकौशलम् विकस्यते ।
यहाँ शरीरांगों का मोटर या गामक क्षमता का संचालन सकेंतिक है जो जीन प्याजे के अवस्थाजन्य विकास की पहली एवं अनिवार्य अवस्था मानी गयी है।
139. (4) छात्राणाम् पाठ्यवस्तुनि अवबोधनस्य ताभ्य: सूचनाठद्धरणस्य पाठ्यवस्तुनिर्वचनस्य च दक्षातो पठनावबोधनम् कथ्यते ।
पठन-पाठन एक प्रमुख भाषा कौशल है. तथा प्रारंभिक भाषा कौशल माना जाता है। यथा: श्रवण – वाचन – पठन-लेखन
140 (3) एका सञ्चालकविकलता (Motor disorder) यथा ध्यने उत्पादने जिह्वाओष्ठयोः समन्वयः प्रभावितः भवति, डिस्प्रेक्सिया कथ्यते ।
इस विकार व बाधा में गामक मस्तिष्क समन्वयन क्षमत प्रभावित होता है।
141. (3) रूसी मनोवैज्ञानिक लेव वायगोत्स्की का भाषा सिद्धान्त भाषा की सामाजिक अन्तः क्रिया विकास पर आधारित है। उनका कहना है कि भाषा अर्जन एवं अधिग्रहण बातचीत विकार-विमर्श व वार्तालाप से होता है। ऐसी प्रक्रिया ही अन्तः क्रिया कहलाती है। जिसमें पारस्परिकता निहित है।
142. (4) अधोलिखितेषु अनुवादस्य प्रतिबिम्ब: कार्याधारित भाषाशिक्षणस्य सिद्धान्तः न अस्ति।
सोपाननिर्माणम
सक्रियशिक्षणम्
एवं सृजनाय पुनरुत्पादनम्
ये तीनों कार्याधारित भाषा शिक्षण के उपागम व सिद्धान्त है। सोपान निर्माण क्रमश: एवं चरणबद्ध तरीके से होता है। सक्रिय शिक्षण सहभागी एवं सृजनात्मक पुनरुत्पादन का पर्याय है।
143. (4) स्वज्ञान के जरिए ज्ञान सृजन एवं अर्जन भाषा शिक्षण के संरचनात्मक उपागम में काफी सहायक होता है। स्वज्ञान अनुभव एवं स्वाध्याय आधार पर होता है। प्रक्रिया में मनन-चिंतन जारी रहता है।
144. (1) अभिकधनम् (A) : उपचारात्मकशिक्षणं एका प्रक्रिया अस्ति वस्यां शिक्षिका प्रथमं छात्राणां समस्यायाः निदानं करोति तदनन्तरं उचितपद्धतेः प्रयोगं करोति ।
कारणम् (R) : उपचारात्मकपद्धते: प्रयोगत् पूर्व अध्यापकः छात्राणाम् शक्तयः दुर्बलता : च जानीत्।
(A) तथा (R) द्वे सत्ये स्त:, (R) च (A) इत्यस्य कधनस्य उचितव्याख्या अस्ति। निदान वस्तुतः समस्या के कारणों-लक्षणों की पहचान है जबकि उपचार ऐसी समस्या का समाधान है।
145. (1) अभिकधनम् (A) : यदा त्वम् अल्पवयः असि तदा अन्यभाषायाः शिक्षणम् सरलतरम् ।
कारणम् (R) : शुद्धउच्चारणस्य विकास: अपेक्षाकृतः अनायासः भवति यदि अर्थ आधारभूते स्तरे शिक्षितः।
(A) तथा (R) सत्ये स्त:, (R) च (A) इत्यस्य कधनस्य उचितव्याख्या अस्ति। स्पष्टतः अल्पायु में स्वाभाविक भाषायुक्ति कारगर होती है जोकि निश्क्षल व सरल होती है जैसा कि महान भाषाविद् नोम चोमस्की ने कहा है।
146. (2) यदा बालकाः मानकव्याकरणं शिक्षितुं प्रारम्भते ते सामान्यतः अस्य अतिसामान्यीकरणं द्य कुर्वन्ति। अस्य कारणम् अस्ति –
ते मन्यन्ते यत् सामान्यवाक्यरचनानियमाः सर्वत्र उपयुक्ताः सन्ति।
मानक व्याकरण मानक भाषा का आधार होता है। मानक भाषा परिनिष्ठित भाषा होती है। सामान्य वाक्य एवं पद की संरचना रचना व्याकरणिक नियमों पर आधारित होता है।
147. (1) पाठ्यवस्तुनः सूचनां गृहीत्वा तस्याः व्याख्याः अभिधेयार्थस्तरात् मन्नरूपेण करणम् निष्कर्षग्रहणम् कथ्यते ।
तथ्यों का समूह सूचना है। सूचनाओं की व्याख्या सोदाहरण एवं तर्कपूर्ण रूपेण किया जाता है ताकि सटीक निष्कर्ष पर पहुँचा जा सके।
148. (3) पञ्चमकक्षायाः (प्राथमिक कक्षा) एक: छात्रः कथयति यत् यदा मम मित्रं पंञ्जीबीभाषया अस्ति । एतत् कथनं तम् स्वाकलनाय योग्यं करोति, यतो हि तेन कृतम्- शिक्षणरूपेण आकलनम्
149. (4) भाषाकलनस्य छात्राणां भाषानैपुण्यम् मापनम् अस्ति।
अधिगम का मात्रात्मक निर्धारण आकलन है जबकि मात्रात्मक एवं गुणात्मक निर्धारण मूल्यांकन है।
150. (3) छात्रै : तेषां भाषास्तरात् किञ्चित् उच्चस्तरेण भाषायाः अन्वेषणम इति स्टीफन क्रशन महोदयसस्य ‘बोधगम्य निवेश: सिद्धान्तः अस्ति।
भाषा का बोध वस्तुत: संज्ञानात्मकता का पर्याय है। इसीलिए यह उच्चस्तरीय भाषायी ज्ञान से संदर्भित है।
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