आज के युग में इस कविता की प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए।

आज के युग में इस कविता की प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :- यह स्पष्ट है कि ‘अज्ञेय’ प्रयोगवादी कविता का महान प्रवर्तक हैं। इनकी कविता यथार्थ की धरातल पर एक ऐसा अमिट चित्र छोड़ता है, जो माननीय संवेदनाओं को झकझोर देता है। ‘हिरोशिमा’ नामक कविता वर्तमान की प्रासंगिकता पर पूर्ण रूप से आधारित है। यह कविता आधुनिक संभ्यता की दुर्दान्त मानवीय विभीषिका का चित्रण करने वाली एक अनिवार्य प्रासंगिक चेतावनी भी है। यदि मानव प्रकृति से खिलवाड़ करना बाज नहीं आया तो प्रकृति ऐसी विनाशलीला खडा करेगा, जहाँ मानवीय बुद्धि की परिपक्वता छिन्न-भिन्न होकर बिखर जायेगी । हिरोशिमा में बम विस्फोट का परिणाम इतना भयावह होगा इसकी कल्पना शायद उस दुर्दान्त मानव को भी नहीं होगा जिसने इसका प्रयोग किया। अत: यह कविता केवल अतीत की भीषणतम मानवीय दुर्घटना का ही साक्ष्य नहीं है बल्कि आण्विक
आयुधों की होड़ में फंसी आज की वैश्विक राजनीति से उपजते संकट की आशंकाओं से भी जुड़ी हुई है।

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