झारखण्ड में खेल परिदृश्य एवं पुरस्कार-सम्मान

झारखण्ड में खेल परिदृश्य एवं पुरस्कार-सम्मान

झारखण्ड का खेलकूद में श्रेष्ठ योगदान है। राज्य ने कई राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दिए हैं। हॉकी, झारखण्ड का लोकप्रिय खेल है।
इसके अतिरिक्त फुटबॉल, तीरन्दाजी आदि भी यहाँ के प्रसिद्ध खेल हैं। राज्य में राज्य सरकार एवं विभिन्न खेल संघों द्वारा खेलकूद के विकास के लिए कई खेल स्थल स्थापित किए गए हैं, किन्तु फिर भी यहाँ आधारभूत सुविधाओं की कमी अभी भी है।

> झारखण्ड के प्रसिद्ध खिलाड़ी 

झारखण्ड के प्रसिद्ध खिलाड़ियों का वर्णन निम्न
> जयपाल सिंह
> जयपाल सिंह हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी थे, जिन्हें वर्ष 1928 के एम्सटर्डम ओलम्पिक में कप्तान बनाया गया था ।
> भारत ने पहली बार इस ओलम्पिक में हिस्सा लिया था। जयपाल सिंह बाद में हॉकी खेल को छोड़कर राजनीति में आ गए। जयपाल सिंह को ‘मोरांग गोमके’ भी कहा जाता है। ।
> महेन्द्र सिंह धोनी
> महेन्द्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई, 1981 को रांची में हुआ था। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। उन्होंने अपना पहला एकदिवसीय मैच वर्ष 2004 में बांग्लादेश के विरुद्ध खेला तथा टेस्ट मैच श्रीलंका के विरुद्ध 2005 में खेला । वे वर्ष 2007 में भारतीय टीम के कप्तान बने ।
> वे अपनी कप्तानी में वर्ष 2007 के प्रथम टी-20 विश्वकप में विश्वविजेता बने तथा वर्ष 2011 के एकदिवसीय क्रिकेट विश्वकप में भी जीत प्राप्त की। उनकी सराहनीय खेल प्रतिभा के लिए उन्हें वर्ष 2007 में राजीव गाँधी खेल रत्न, 2008 में आई.सी.सी. प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड, 2009 में पद्मश्री एवं 2018 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया ।
> दीपिका कुमारी
> दीपिका झारखण्ड के रांची जिले की रहने वाली हैं। वह तीरन्दाजी खेल से सम्बन्धित हैं।
> उन्होंने वर्ष 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को दो स्वर्ण पदक दिलाए थे। इससे पूर्व उन्होंने 2009 में कैडेट वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया ।
> दीपिका कुमारी को वर्ष 2012 में अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया ।
> वर्ष 2016 में दीपिका कुमारी को भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री’ प्रदान किया गया ।
> शुभ लक्ष्मी
> झारखण्ड के हजारीबाग की रहने वाली शुभ लक्ष्मी क्रिकेट खेल से सम्बन्धित हैं। वे भारतीय टीम में गेंदबाज के रूप में शामिल हैं, जिन्होंने वेस्टइण्डीज में आयोजित महिला टी-20 सीरीज खेली है ।
> पूर्णिमा महतो
> पूर्णिमा महतो झारखण्ड की प्रसिद्ध तीरन्दाज हैं, जिन्होंने वर्ष 1994 में पुणे के नेशनल गेम्स में 6 गोल्ड मेडल जीते थे।
> वे वर्ष 1997 में नेशनल चैम्पियन भी रही थीं। बाद में वे टाटा आर्चरी एकेडमी की कोच नियुक्त की गईं।
> पूर्णिमा महतो को वर्ष 2013 में द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया गया है ।
> सिलवानुस डुंगडुंग
> झारखण्ड के सिलवानुस डुंगडुंग हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं।
> ये वर्ष 1980 में मॉस्को (रूस) में आयोजित ओलम्पिक खेल में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे। इन्हें ‘आयरन मैन ऑफ इण्डिया’ भी कहा जाता है। उन्हें खेल दिवस पर ध्यानचन्द पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
> लक्ष्मी पाड़िया
> लक्ष्मी पाड़िया अन्तर्राष्ट्रीय बॉक्सर हैं। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 2008 में सेण्ट जॉन्स कॉलेज में 9वीं सीनियर महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में काँस्य पदक जीतकर की थी ।
> बाद में इन्होंने 58वीं अखिल भारतीय पुलिस महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप, 11वीं सीनियर महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप, 2010 में रजत पदक, 34वीं राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी एवं 2011 में स्वर्ण पदक जीता।
> इन्होंने वर्ष 2012 में भी 60वीं अखिल भारतीय पुलिस महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
> दिवाकर प्रसाद
> झारखण्ड के प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय मुक्केबाज दिवाकर प्रसाद ने अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 2009 में 56वीं सीनियर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में काँस्य पदक जीतकर की थी ।
> उन्होंने 2010 में सहारा 57वीं मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक, 2011 में 65वीं ऑल इण्डिया रेलवे मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक तथा 2012 में 58वीं सीनियर पुरुष राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
> निक्की प्रधान
> निक्की प्रधान झारखण्ड की प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी हैं, जो ब्राजील में आयोजित 31वें ओलम्पिक खेल, 2016 में भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल हुईं ।
> ये झारखण्ड की एकमात्र महिला हॉकी खिलाड़ी हैं, जो ओलम्पिक में शामिल हुई हैं। ये झारखण्ड के खूँटी जिले के हेसेल गाँव की रहने वाली हैं ।
> मिशल बेंजामिन लकरा
> ये झारखण्ड प्रसिद्ध अन्तर्राष्ट्रीय बॉक्सर हैं। उन्होंने 2009 में 56वीं सीनियर राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप, हैदराबाद में रजत पदक जीता।
> उन्होंने झारखण्ड में आयोजित 34वें राष्ट्रीय खेल, 2011 में स्वर्ण पदक तथा 65वीं ऑल इण्डिया इण्टर रेलवे मुक्केबाजी में रजत पदक जीता।
> वरुण एरोन 
वरुण एरोन झारखण्ड के प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी हैं, इनका जन्म 29 अक्टूबर, 1989 को जमशेदपुर में हुआ। ये भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज हैं। उन्होंने अपना पहला अन्तर्राष्ट्रीय मैच वर्ष 2011 में इंग्लैण्ड के विरुद्ध खेला था |
> प्रेमलता अग्रवाल
> प्रेमलता अग्रवाल झारखण्ड की प्रसिद्ध पर्वतारोही हैं। इनका जन्म वर्ष 1963 में हुआ था। वे सातों महाद्वीपों के शिखर पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला हैं । उन्होंने वर्ष 1999 में सर्वप्रथम दलमा वाकिंग कॉम्पीटिशन में हिस्सा लिया था ।
> इन्होंने वर्ष 2008 में अफ्रीका की सबसे ऊँची चोटी किलिमंजारो पर चढ़ाई की। वर्ष 2011 में इन्होंने माउण्ट एवरेस्ट पर तथा 2012 में एकांकागुआ (दक्षिण अमेरिका) चोटी पर चढ़ाई की। इन्हें ‘सेवन समिट्स’ अभियान के लिए वर्ष 2013 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है ।
> राज्य के अन्य प्रमुख खिलाड़ी

> झारखण्ड में आयोजित खेल प्रतियोगिताएँ 

झारखण्ड में आयोजित प्रमुख खेल प्रतियोगिताओं का विवरण निम्न है
> खेल महाकुम्भ, 2019 
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 के खेल महाकुम्भ का आयोजन रांची के खेलगाँव में 11 से 13 जून, 2019 के मध्य किया गया। इस महाकुम्भ में लगभग 2000 बच्चों ने भाग लिया।
खेल महाकुम्भ, 2018
> वर्ष 2018 में खेल महाकुम्भ का आयोजन 19 से 24 मार्च को रांची के बिरसा मुण्डा एथलेटिक्स स्टेडियम में किया गया।
> यह तीसरा महाकुम्भ था, जिसमें लगभग 1 लाख 89 हजार बच्चों ने भाग लिया था । इसका आयोजन 8 से 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए किया जाता है ।
> राष्ट्रीय बेन्च प्रेस प्रतियोगिता, 2018
इसका आयोजन झारखण्ड की राजधानी रांची में सम्पन्न हुआ। इसमें झारखण्ड को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था, जिसमें 20 स्वर्ण, 17 रजत एवं 16 काँस्य पदक प्राप्त हुए। इस प्रतियोगिता का ओवर ऑल चैम्पियन कर्नाटक रहा था ।
जमशेदपुर फुटबॉल क्लब
टाटा स्टील के स्वामित्व वाले जमशेदपुर फुटबॉल क्लब का गठन फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इसने इण्डियन सुपर लीग (ISL) 2017-18 में पहली बार भाग लिया, जिसमें यह पाँचवें स्थान पर रहा ।
चौथी हॉकी इण्डिया लीग, रांची
चौथी हॉकी इण्डिया लीग झारखण्ड की राजधानी रांची में सम्पन्न हुई। इसका फाइनल मुकाबला 21 फरवरी, 2016 को रांची स्थित बिरसा स्टेडियम में हुआ, जिसमें जे. पी. मुण्डा पंजाब वॉरियर्स ने कलिंगा लान्सर्स को हराकर खिताब पर कब्जा किया।
35वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय तीरन्दाजी जनवरी, 2015 में सम्पन्न 35वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय तीरन्दाजी में झारखण्ड ने 10 स्वर्ण, 6 रजत व 3 काँस्य पदक सहित कुल 19 पदक जीतकर ओवर ऑल चैम्पियनशिप का खिताब जीता।
> तीसरी हॉकी इण्डिया लीग
22 जनवरी से 22 फरवरी, 2015 तक सम्पन्न हुए इस टूर्नामेण्ट का खिताब ‘रांची रेंज’ टीम ने जे. पी. पंजाब वॉरियर्स को हराकर जीता। ‘मोस्ट वैल्युएबल प्लेयर ऑफ द टूर्नामेण्ट’ का पुरस्कार रांची रेंज के एशले जैक्सन को प्रदान किया गया।
> देश का पहला खेल विश्वविद्यालय
> वर्ष 2015 में देश का पहला खेल विश्वविद्यालय झारखण्ड में स्थापित किया गया। जिसके लिए झारखण्ड सरकार और सेण्ट्रल कोल्ड फिल्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के बीच 30 वर्ष के लिए समझौता रांची में सम्पन्न हुआ।
> इसके तहत 15 खेलों से सम्बन्धित खेल अकादमी स्थापित की जाएगी। जिसमें 1400 सीटें निर्धारित की जाएँगी, जिनमें से 700 सीटों पर झारखण्ड राज्य के खिलाड़ी अनिवार्य रूप से शामिल होंगे।
> इसका खर्च राज्य सरकार एवं सी. सी. एल. के द्वारा वहन किया जाएगा। संस्थान में नामांकित छात्रों को 12वीं तक की पढ़ाई, आवास, ड्रेस एवं खेल प्रशिक्षण की निःशुल्क व्यवस्था की गई है।
> 35 वें राष्ट्रीय खेल में झारखण्ड 
31 जनवरी से 14 फरवरी, 2015 तक केरल में सम्पन्न 35वें राष्ट्रीय खेल में झारखण्ड 8 स्वर्ण, 3 रजत व 12 काँस्य पदक सहित कुल 23 पदक प्राप्त कर पदक तालिका में ’14वें’ स्थान पर रहा।
> स्वर्ण पदक जीतने वाली झारखण्ड की टीम / खिलाड़ी निम्न रहे
– ज्योति कुमारी (महिला वुशू )
– हरदीप (पुरुष कुश्ती 98 किग्रा)
– अरुणा मिश्रा (महिला मुक्केबाजी)
– सुनील बहादुर ( पुरुष लॉन बॉल)
– तीरन्दाजी की महिला रिकर्व टीम
– तीरन्दाजी की मिश्रित इवेण्ट टीम (दीपिका कुमारी व जयन्त तालुकदार)
– लक्ष्मी रानी माँझी (महिला रिकर्व तीरन्दाजी)
– महिला लॉन बॉल टीम
> टाटा राष्ट्रीय तीरन्दाजी टूर्नामेण्ट 
दिल्ली में 9 नवम्बर, 2014 को सम्पन्न टाटा राष्ट्रीय तीरन्दाजी टूर्नामेण्ट के महिला रिकर्व वर्ग का खिताब झारखण्ड की दीपिका कुमारी ने जीता।
> 34वाँ राष्ट्रीय खेल
> 34वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन 12 फरवरी, 2011 से 26 फरवरी, 2011 तक झारखण्ड (रांची, धनबाद, जमशेदपुर) में हुआ। इन खेलों में झारखण्ड को 5वाँ स्थान प्राप्त हुआ था। सेना ने पदक तालिका में शीर्ष स्थान प्राप्त किया ।
> 34वें राष्ट्रीय खेल का प्रतीक ( शुभंकर ) छउवा (हिरण का बच्चा) था ।
> इसका आयोजन झारखण्ड में पहली बार किया गया।
> उद्घाटन समारोह में खिलाड़ियों की ओर से शपथ झारखण्ड की महिला तीरन्दाज दीपिका कुमारी ने ली।
> झारखण्ड राज्य सरकार ने खेलगाँव को खेल विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था।
> लक्ष्मी पाड़िया को 34वें राष्ट्रीय खेल में राज्य की महिला मुक्केबाजी में ‘स्वर्ण पदक’ मिला था ।
> राज्य खेल संघ
> झारखण्ड सरकार ने राज्य के सभी खेल संघों के बीच सामंजस्य बनाने का प्रयास किया है । अब राज्य में केवल एक खेल संघ होगा, जिसे राज्य ओलम्पिक संघ द्वारा मान्यता दी जाएगी।
> इसका कार्य खेल पंचांग प्रकाशित करना, प्रतिभावान खिलाड़ियों को उभारना एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सुविधा प्रदान करना है ।
> झारखण्ड खेल नीति, 2007
झारखण्ड ने बिहार से पृथक् होकर एक नई खेल नीति 2007 में लागू की, जिसके उद्देश्य निम्नलिखित हैं
> खेल को व्यापक बनाना। खेल में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय उपलब्धियाँ प्राप्त करना ।
> शैक्षणिक पाठ्यक्रम में खेल को शामिल करना।
> खेल को रोजगार से जोड़ना ।
> खेल के लिए प्रभावी वातावारण तैयार करना, जिससे खिलाड़ी खेल महत्त्व, आत्मविश्वास, सद्व्यवहार एवं गरिमा को प्राप्त कर सके ।
> प्रतिभा का चयन कर, उसे विकसित करना ।
> दिव्यांग खिलाड़ियों को खेल में शामिल करना ।
> पारम्परिक खेलों को प्रोत्साहन देकर उनका विस्तार करना ।
> खेल एवं युवा नीति, 2018
> झारखण्ड ने एक नई खेल एवं युवा नीति, 2018 को तैयार की है, जिसका उद्देश्य राजीव गाँधी खेल रत्न, ध्यानचन्द पुरस्कार, द्रोणाचार्य एवं अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित खिलाड़ियों को राज्य सरकार द्वारा मानदेय एवं पेंशन देने की योजना है।
> इस नीति के तहत 11 से 14 वर्ष तक के बच्चों को प्रतियोगिता के माध्यम से चयनित करके, उन्हें खेल प्रशिक्षण केन्द्रों से जोड़ा जाएगा।

> पुरस्कार एवं सम्मान

राज्य में पुरस्कार एवं सम्मान का वर्णन निम्न प्रकार है
> साहित्य अकादमी सम्मान 
यह सम्मान साहित्य के क्षेत्र में 24 भाषाओं में दिया जाता है। इस सम्मान को प्राप्त करने वाले को ₹ 1,00,000 नकद दिए जाते हैं।
> राज्य में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त में करने वाले राज्य के साहित्यकार निम्न हैं
रूपचंद हंसदा – 2020
निरंजन हंसदा  – 2021
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार
यह साहित्य सम्मान उन युवा व्यक्तियों को दिया जाता है। जिनकी उम्र 35 वर्ष से कम होती है, सम्मान प्राप्त करने वाले व्यक्ति निम्न हैं
अंजलि किस्कू – 2020
कुना हसदाह  – 2021
बाल साहित्य पुरस्कार
यह पुरस्कार बच्चों को साहित्य में योगदान के लिए दिया जाता है।
> पद्म सम्मान
यह देश का चौथा सर्वश्रेष्ठ नागरिक पुरस्कार है। यह कला, संस्कृति, खेल आदि में सर्वश्रेष्ठ योगदान देने वाले को दिया जाता है। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले राज्य के निवासी निम्न हैं
> राज्य के पद्मश्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता
> राज्य के पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्तकर्ता
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